Become a News Creator

Your local stories, Your voice

Follow us on
Download App fromplay-storeapp-store
Advertisement
Back
Mathura281001

Mathura - पुलिस की इनामी बदमाशों से हुई मुठभेड़

Jan 17, 2025 04:17:50
Mathura, Uttar Pradesh

मथुरा पुलिस ने दो बदमाशों को गिरफ्तार किया,दोनों बदमाश विभिन्न धाराओं में पंजीकृत होकर फराह चल रहे थे. पुलिस ने दोनों को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया , जिनके पास से कारतूस मोटरसाइकिल बरामद की है. दोनों घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

0
comment0
Report

हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|

Advertisement
Dec 13, 2025 07:41:27
0
comment0
Report
RKRaj Kishore Soni
Dec 13, 2025 07:35:39
Raisen, Madhya Pradesh:एंकर हमेशा विवादों में रहने वाला रायसेन जिले का सबसे बड़ा अस्पताल एक बार फिर चर्चा में है कारण है कि अस्पताल में मरीजों के पलंग पर रेंग रहे कांकरोज और कीड़े खुले आम देखे जा सकते हैं जब एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत बाल कल्याण समिति से की तो उन्होंने जिला अस्पताल में निरीक्षण कार्रवाई के दौरान पाया कि अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा है तो वहीं नोनीहाल बच्चों के पलंगों के नीचे कॉकरोच के ढेर लगे हैं तो वहीं खुले आम कीड़े मकोड़े रेंग रहे हैं आपको बता दें कि रायसेन जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का चार्ज जब से यशपाल सिंह बालियान ने संभाला है तब से रायसेन जिला अस्पताल वेंटिलेटर पर आ गया है डॉक्टर यशपाल सिंह बालियान कभी कार्यालय में नहीं बैठते हैं और अपने घर से ही जिला अस्पताल को चला रहे हैं और उनके ऊपर भ्रष्टाचार के भी आरोप लग चुके है इस मामले में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष आदित्य चावला का कहना है कि ये मासूम बच्चों से संबंधित शिकायत थी जो मेरे पास आई थी मैंने निरीक्षण किया तो गंदगी और कीड़ों के साथ काकरोच भी मिले है मैं इसकी उच्च स्तरीय शिकायत करूँगा।रायसेन कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा का कहना है कि ये बेहद ही गंभीर मामला है इसकी जांच कराकर कार्रवाई करेंगे और भविष्य में ऐसी कोई गलती ना हो ऐसे प्रयास करेंगे。
0
comment0
Report
RNRandhir Nidhi
Dec 13, 2025 07:32:31
Gumla, Jharkhand:एनएच-23 पर मौत का तांडव भरनो के जूरा में तेज़ रफ्तार बोलेरो ने शिक्षक को कुचला, वाहन जलकर खाक, ढाई घंटे तक हाईवे जाम गुमला - रांची–गुमला एनएच-23 एक बार फिर तेज़ रफ्तार का गवाह बना। भरनो थाना क्षेत्र के जूरा गांव के पास देर रात हुए भीषण सड़क हादसे में एक शिक्षक की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद बोलेरो और बाइक में आग लग गई, जिससे पूरा इलाका दहल उठा। गुमला जिले के भरनो थाना क्षेत्र अंतर्गत जूरा गांव के पास एनएच-23 पर देर रात एक भीषण सड़क दुर्घटना हुई। सिसई प्रखंड के सकरौली स्कूल में पदस्थापित शिक्षक प्रेम कुजूर (55 वर्ष) की इस हादसे में मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार, शिक्षक प्रेम कुजोर बाइक से अपने पैतृक घर जूरा गांव के खटवाटोली जा रहे थे। इसी दौरान तेज़ रफ्तार से आ रही एक बोलेरो ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि शिक्षक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दुर्घटना के बाद बोलेरो और बाइक में आग लग गई। कुछ ही देर में दोनों वाहन धू-धू कर जलकर खाक हो गए। घटना की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। शिक्षक की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने रांची–गुमला मुख्य मार्ग को जाम कर दिया, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। करीब ढाई घंटे तक एनएच-23 पूरी तरह ठप रहा। सूचना मिलते ही भरनो थाना प्रभारी कंचन प्रजापति, सिसई थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह, गुमला एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव और अंचल अधिकारी अविनाश कुजूर मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर स्थिति को नियंत्रित किया। प्रशासन की ओर से मृतक के आश्रितों को अंतिम संस्कार के लिए 10 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता दी गई और सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा देने का आशासन दिया गया, जिसके बाद जाम हटाया गया। वहीं दमकल की गाड़ी ने मौके पर पहुंचकर दोनों जले हुए वाहनों की आग पर काबू पाया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस दौरान ग्रामीणों ने उपायुक्त गुमला के नाम एक मांग पत्र सौंपा। इसमें जूरा चौक पर बीच सड़क में बने कट को बंद करने, आगे सुरक्षित स्थान पर कट देने, जूरा चौक से गढ़गांव के पास फुटब्रिज निर्माण, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी व पेंशन, तथा नियम के अनुसार पूर्ण मुआवजा देने की मांग की गई। सवाल यह है कि आखिर कब तक एनएच-23 पर तेज़ रफ्तार लोगों की जान लेती रहेगी? अब देखना होगा कि प्रशासन सुरक्षा उपायों और ग्रामीणों की मांगों पर कितनी जल्दी कार्रवाई करता है।
0
comment0
Report
MKMANTUN KUMAR ROY
Dec 13, 2025 07:31:48
Bihar:समस्तीपुर में महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने बनाई अभया ब्रिगेड ।हर स्कूल-कॉलेज और सार्वजनिक स्थान पर मनचलों पर होगी निगरानी। समस्तीपुर पुलिस ने महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को और अधिक सशक्त बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर अभया ब्रिगेड की विशेष टीम का गठन किया है। यह टीम शहर के स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान, कार्यालयों और भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर सक्रिय रहेगी। मनचलों की गतिविधियों वाले हॉट स्पॉट की पहचान कर त्वरित कार्रवाई करना इसकी प्रमुख जिम्मेदारी होगी। वही टीम ने समस्तीपुर शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर छात्राओं और महिलाओं को जागरूक किया। अभया ब्रिगेड की पूरी गतिविधि की निगरानी एसपी द्वारा की जा रही है। वही मौके स्थिति का जायजा लिया समस्तीपुर जी मीडिया संवादाता मन्टुन कुमार रॉय ने
0
comment0
Report
RKRajesh Kumar Sharma
Dec 13, 2025 07:31:23
Delhi, Delhi:दिल्ली के सुभाष नगर में दिखा रफ्तार का कहर तेज रफ्तार टोयटा की कार ने मारी टक्कर दो लोग हुए घायल पश्चिमी जिला के सुभाष नगर इलाके में देर रात्रि दिखा रफ्तार का कहर। एक तेज रफ्तार टोयोटा की कार ने मारी टक्कर। कार बुरी तरह से हो गई क्षतिग्रस्त दो लोग घायल। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया गया है कि टोयोटा की रफ्तार बहुत तेज गति से थी और उसके बाद उसने पहले डिवाइडर में टक्कर मारी और उसके बाद कार के फ्रैक्चर उड़ गए। लोगों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी सूचना मिलते ही सुभाष नगर चौकी की पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची पुलिस ने कार को अपने कब्जे में ले लिया है और पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है कि कहीं कार चालक नशे में तो नहीं था।
0
comment0
Report
TCTanya chugh
Dec 13, 2025 07:31:03
Delhi, Delhi:राज्यसभा के आँकड़ों ने AAPDa की ‘शिक्षा क्रांति’ की सच्चाई उजागर कर दी — AAPDa की ‘शिक्षा क्रांति’ नहीं, यह बच्चों को बाहर करने की ‘फ़िल्टरिंग पॉलिसी’ थी: आशीष सूद दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने राज्यसभा में प्रस्तुत तथ्यों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब यह पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है कि पिछली AAPDa सरकार की तथाकथित ‘एजुकेशन रेवोल्यूशन’ दरअसल बच्चों के भविष्य को सँवारने की नहीं, बल्कि आँकड़ों को सँवारने की नीति थी। सूद ने कहा कि “आज दिल्ली में हमारी सरकार है, लेकिन पिछली AAPDa सरकार की शिक्षा नीति की असलियत उजागर करने के लिए भी किसी भाजपा नेता की नहीं, AAPDa की अपनी राज्यसभा सांसद श्रीमती स्वाति मालीवाल हैं, जिन्होंने संसद में यह सवाल किया कि कक्षा 9 में फेल हुए बच्चों को बड़े पैमाने पर NIOS में भेजना वास्तव में उन्हें दूसरा मौका दे रहा है या फिर स्कूलों के नतीजों को बेहतर दिखाने का तरीका बन गया है।” “जब अपनी ही पार्टी की सांसद यह पूछने को मजबूर हो जाए कि क्या बच्चों को सिस्टम से बाहर धकेलकर आँकड़े चमकाए जा रहे हैं, तो उस मॉडल की सच्चाई अपने-आप सामने आ जाती है।” - सूद ने कहा राज्यसभा में शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिए गए लिखित उत्तर के अनुसार, पिछले पाँच वर्षों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 के 3.20 लाख से अधिक बच्चे फेल हुए। वर्ष-वार स्थिति और भी चिंताजनक है: 2020–21: 31,541 छात्र फेल 2021–22: 28,548 छात्र फेल 2022–23: 88,421 छात्र फेल 2023–24: 1,01,344 छात्र फेल 2024–25: 70,296 छात्र फेल कुल: 3,20,150 छात्र इसी अवधि में 71,000 से अधिक छात्रों को NIOS में दाखिल किया गया, जिनमें 2022–23 में ही 29,436 दाखिले हुए। *सूद ने कहा कि NIOS अपने आप में एक वैकल्पिक और सहायक व्यवस्था हो सकती है, लेकिन जो आँकड़े सामने आए हैं, वे बताते हैं कि इसे सहयोग के लिए नहीं, साइड-लेन के रूप में इस्तेमाल किया गया।* “माननीय सांसद स्वाति मालीवाल जी का सवाल बिल्कुल जायज़ है,” उन्होंने कहा。 “क्या NIOS बच्चों को दूसरा मौका देने के लिए इस्तेमाल हुआ, या फिर उन्हें चुपचाप मुख्यधारा से बाहर करने के लिए, ताकि 10वीं-12वीं के रिज़ल्ट अच्छे दिखें?” उन्होंने कहा कि जब कक्षा 9 में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को फेल किया जाता है और हजारों को नियमित स्कूल व्यवस्था से बाहर कर दिया जाता है, तो 10वीं या 12वीं में ऊँचा पास प्रतिशत किसी उपलब्धि का नहीं, बल्कि एक गणितीय नतीजे का संकेत होता है। *“यह शिक्षा नीति नहीं, बल्कि रिज़ल्ट-मैनेजमेंट पॉलिसी है,” सूद ने कहा।* *“और इसे ‘दुनिया का नम्बर-वन शिक्षा मॉडल’ कहना उन बच्चों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों — तीनों का अपमान है।”* सूद ने कहा कि ये आंकड़े केवल नंबर नहीं हैं। *“इन 3.20 लाख मामलों के पीछे हज़ारों सपने, परिवारों की उम्मीदें और बच्चों का भविष्य जुड़ा हुआ है,” उन्होंने कहा।* “सबसे बड़ा सवाल यह है कि समय रहते इन बच्चों को अकादमिक सहायता क्यों नहीं दी गई, ताकि वे फेल होने की कगार तक ही न पहुँचें?” श्री सूद ने स्पष्ट किया कि वर्तमान दिल्ली सरकार की प्राथमिकता बच्चों को बाहर करना नहीं, उन्हें संभालना है。 “हमारी सरकार फ़िल्टरिंग नहीं, फ़ाउंडेशन-बिल्डिंग पर काम करेगी शुरुआती हस्तक्षेप, कक्षा 8-9 में मज़बूत अकादमिक सपोर्ट, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ,” उन्होंने कहा。 “दिल्ली को पोस्टर वाले रिज़ल्ट नहीं, बल्कि ऐसा शिक्षा तंत्र चाहिए जो कमज़ोर बच्चों को उठाए, न कि उन्हें चुपचाप किनारे कर दे।” उन्होंने कहा कि असली शिक्षा क्रांति वही होगी, जहाँ हर बच्चा गिना जाएगा — सिर्फ़ पास होने वाले नहीं।
0
comment0
Report
Advertisement
Back to top