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Lakhimpur Kheri261501

Lakhimpuri kheri -पसगवां पुलिस ने अवैध तमंचे के साथ शातिर युवक को किया गिरफ्तार

Dec 02, 2024 12:02:04
Behajam, Uttar Pradesh

कोतवाली पसगवां पुलिस ने एक युवक धर्मेन्द्र कुमार को अवैध तमंचा 315 बोर के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी युवक के पास से एक जिन्दा कारतूस भी बरामद हुई है। पुलिस ने आरोपी धर्मेन्द्र कुमार निवासी ग्राम मुबारक़पुर को जेल भेज दिया है।

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DGDeepak Goyal
Dec 03, 2025 11:12:50
Jaipur, Rajasthan:एंकर- मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बीच लगातार सामने आ रहीं शिकायतों के बाद निर्वाचन विभाग ने एक अहम तकनीकी में बदलाव किया हैं.....जिससे हजारों मतदाताओं और बीएलओ की बड़ी समस्या दूर हो गई है। अब मोबाइल एप पर बीएलओ को मतदाताओं की कैटेगरी बदलने का अधिकार मिल गया है। यह बदलाव न सिर्फ मतदाताओं को राहत देगा बल्कि पूरी मैपिंग प्रक्रिया को भी नई रफ्तार देगा। वीओ-1-मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान में गणना प्रपत्र भरते समय 2002 की मतदाता सूची में नाम नहीं मिलने पर नो मैपिंग कैटेगरी में शामिल मतदाताओं के लिए राहत की खबर है। निर्वाचन आयोग ने बीएलओ के मोबाइल एप में एक अहम बदलाव किया है, जिसके चलते नो मैपिंग श्रेणी में फंसे मतदाताओं को अब आसानी से बाहर निकाला जा सकेगा। यह कदम न केवल मतदाताओं के लिए राहत लेकर आया है.....बल्कि पूरे पुनरीक्षण तंत्र की प्रभावशीलता भी बढ़ाएगा। दरअसल एसआईआर प्रक्रिया में गणना प्रपत्र भरते समय कई मतदाता अपने पुराने विवरण विशेषकर वर्ष 2002 की संकलन सूची तुरंत उपलब्ध नहीं करा पा रहे थे.....बीएलओ के पास विकल्प न होने के कारण ऐसे मतदाताओं को मजबूरी में मैपिंग नहीं हो रहीं थी……बाद में जब ये लोग अपनी पुरानी जानकारी ढूंढ लाते, तो मोबाइल एप में इस श्रेणी को सुधारने की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से बीएलओ भारी दबाव में आ जाते थे। अब निर्वाचन आयोग ने बीएलओ एप को अपडेट कर यह समस्या दूर कर दी है। नई सुविधा के बाद बीएलओ किसी भी मतदाता की नो मैपिंग से मैपिंग की श्रेणी को तुरंत एडिट करने का ऑप्शन शुरू कर दिया हैं। यानी जिन मतदाताओं को पहले रिकॉर्ड न मिलने पर नो मैपिंग कैटेगरी में डालना पड़ता था, वे बाद में रिकॉर्ड मिलने पर बिना किसी अतिरिक्त प्रक्रिया के मैपिंग की श्रेणी में स्थानांतरित किए जा सकेंगे। इस बदलाव का सीधा फायदा मतदाताओं को तो मिलेगा ही, साथ ही निर्वाचन विभाग की कार्यप्रणाली भी सुचारु होगी। दस्तावेज़ सत्यापन का बोझ कम होगा और मतदाता मैपिंग प्रक्रिया को भी गति मिलेगी। एसआईआर अभियान के बीच यह अपडेट बीएलओ और मतदाताओं-दोनों के लिए राहत लेकर आया है बाइट-बीएलओ वीओ-2- किसी मतदाता या उसके रिश्तेदार का नाम वर्ष 2002 की मतदाता सूची में नहीं तो भी घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। निर्वाचन आयोग ने 13 ऐसे दस्तावेजों को मान्यता दी है जिसमें से भी कोई भी एक लगाकर अपने बीएलओ को दे सकते हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार एसआइआर-2026 का मुख्य उद्देश्य है कोई भी योग्य मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अयोग्य मतदाता सूची में शामिल नहीं हो। इसके लिए या तो मतदाताओं का नाम 2002 की सूची में हो। खुद का नहीं है तो माता-पिता या अन्य नजदीकी रिश्तेदार को हो। किसी का भी नाम 2002 की सूची में नहीं है तो भी निर्वाचन आयोग ने विकल्प के रूप में 13 तरह के दस्तावेजों का मान्य माना है। इसमें सक्षम प्राधिकारी की ओर से जारी जन्म प्रमाण पत्र. पासपोर्ट, मान्यता प्राप्त बोर्ड से जारी दसवीं की अंकतालिका, शैक्षणिक प्रमाण पत्र. सक्षम राज्य प्राधिकारी की ओर से जारी स्थायी निवास प्रमाण पत्र. वन अधिकार प्रमाण पत्र. ओबीसी,एससी,एसटी या सदाम प्राधिकारी की ओर से जारी कोई भी जाति प्रमाण पत्र. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां मौजूद हो), राज्य या स्थानीय pradhikaranियों की ओर से तैयार किया गया परिवार रजिस्टर, सरकार की ओर से कोई भी भूमि /मकान आवंटन प्रमाण पत्र व आधार कार्ड शामिल हैं ये हैं वोटर की श्रेणियां पहली श्रेणी: जिन मतदाताओं का नाम 2025 व 2002 दोनों ही मतदाता सूचियों में दर्ज है। दूसरी श्रेणी: जिनका नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है, लेकिन माता-पिता या दादा-दादी का नाम दर्ज है। तीसरी श्रेणी (नो मैपिंग): जिनका नाम तो 2025 की सूची में है, लेकिन न उनका, न अभिभावकों का और न दादा-दादी का नाम 2002 की सूची में मिला है। बहरहाल, एप अपडेट के बाद यह पहली बार है जब बीएलओ को रीयल-टाइम करेक्शन की सुविधा मिली है। चुनावी प्रक्रिया में इस छोटे लेकिन अहम बदलाव को जमीनी स्तर पर सबसे प्रभावी सुधार माना जा रहा है, क्योंकि इससे न मतदाताओं को कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ेंगे और न ही विभाग को अनावश्यक कागजी कार्रवाई में उलझना पड़ेगा।
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TCTanya chugh
Dec 03, 2025 11:12:30
Delhi, Delhi:वीरेंद्र सचदेवा अध्यक्ष, दिल्ली भाजपा इस उप चुनाव में कई चुके पहली बार देखने को मिली उपचुनाव का कोई रिवाज नहीं रही है सिवाय एक बार के 7 सीटों को जीतकर नगर निगम में अपनी सीटों को बढ़ाना बड़ी उपलब्धि और उसके लिए दिल्ली की जनता और मुख्यमंत्री को भी धन्यवाद दिया जाना चाहिए। भाजपा को 45 फीसदी वोट मिले हैं और आम आदमी पार्टी से 10 फीसदी ज़्यादा है और यह साबित करता है दिल्ली की जनता भी जानती है कि दिल्ली में भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो दिल्ली में विकास कार्य कर सकती है। मैं सौरभ की पीड़ा समझ सकता हूँ वह जिस सीट पर विधायक 10 साल रहे हैं वहाँ हम 4000 से अधिक वोटो से जीते हैं जिसको वह हज़म नहीं कर पा रहे हैं। दिल्ली की जनता रेखा गुप्ता और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और नगर निगम में दिल्ली को सुंदर स्वच्छ बना सकते हैं इसके लिए अगर आपको वोट चोरी का आरोप लगाना है तो लगाइए हमे सिर्फ विकास कार्यों पर ध्यान देना है
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ACAshish Chauhan
Dec 03, 2025 11:11:53
Jaipur, Rajasthan:पूर्व मंत्री महेश जोशी को जल जीवन मिशन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जयपुर सेंट्रल जेल में बंद जोशी करीब 7 महीने बाद बाहर आएंगे. कोर्ट ने 21 नवंबर को हुई सुनवाई में उनकी जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा, जिसके बाद आज उन्हें जमानत मिली. 7 महीने बाद जेल से रिहाई होगी- कांग्रेस सरकार में जलदाय मंत्री रहे महेश जोशी को आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई. 900 करोड़ के घोटाले में आरोपी महेश जोशी 7 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे. जोशी को जल जीवन मिशन घोटाले में 24 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. कांग्रेस नेता के वकीलों ने कहा कि पैसा जोशी के बेटे की फर्म के लिए लिया था. लेकिन लौटा दिया था. वहीं, ईडी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि- पैसा लौटाने से अपराध की गंभीरता कम नहीं होती है. राजस्था़न हाईकोर्ट ने 26 अगस्त को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जिसके बाद जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. अभी तक मामले में ट्रायल शुरू नहीं हुआ—वकील महेश जोशी की के वकील सिद्धार्थ लूथरा और विवेक जैन ने कोर्ट में कहा कि महेश जोशी पिछले 7 महीने से जेल में हैं. अभी तक मामले में ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ हैं. ईडी ने जो रिकॉर्ड पेश किए हैं. उनसे रिश्वत के आरोपों की पुष्टि नहीं होती है. ईडी के अनुसार महेश जोशी ने अपने बेटे की फर्म को लोन देने के नाम पर 55 लाख रुपए की रिश्वत ली थी. लेकिन यह पूरी राशि संबंधित फर्म को लौटाई जा चुकी है. अगर यह रिश्वत की राशि होती तो इसे वापस क्यों किया गया.इसका ईडी के पास कोई जवाब नहीं है. ऐसे में ट्रायल पूरी होने तक आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. ईडी ने याचिका के विरोध में क्या कहा? जमानत का विरोध करते हुए ईडी की ओर से कहा गया था कि प्रकरण में एसीबी की ओर से दर्ज अन्य एफआईआर में भी महेश जोशी की भूमिका को बताया गया है.जोशी के बेटे की फर्म में 55 लाख रुपए का लेन-देन किया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से इस राशि को लौटाना भी बताया जा रहा है तो राशि लौटाने से अपराध की गंभीरता कम नहीं होती है. याचिकाकर्ता ने विभाग की टेंडर प्रक्रिया में रिश्वत ली है. यदि आरोपी को जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है. इसलिए उसकी जमानत याचिका को खारिज किया जाए। ऐसे हुआ घोटाला- ग्रामीण पेयजल योजना के तहत सभी ग्रामीण इलाकों में पेयजल की व्यवस्था होनी थी. जिस पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार को 50-50 प्रतिशत खर्च करना था. इस योजना के तहत डीआई डक्टर आयरन पाइपलाइन डाली जानी थी. इसकी जगह पर HDPE की पाइपलाइन डाली गई. पुरानी पाइपलाइन को नया बता कर पैसा लिया गया, जबकि पाइपलाइन डाली ही नहीं गई है. कई किलोमीटर तक आज भी पानी की पाइपलाइन डाली ही नहीं गई है, लेकिन ठेकेदारों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से मिल कर उसका पैसा उठा लिया. ठेकेदार पदमचंद जैन हरियाणा से चोरी के पाइप लेकर आया और उन्हें नए पाइप बता कर बिछा दिया. सरकार से करोड़ों रुपए ले लिए. ठेकेदार पदमचंद जैन ने फर्जी कंपनी के सर्टिफिकेट लगाकर टेंडर लिया. जिसकी अधिकारियों को जानकारी थी. इसके बाद भी उसे टेंडर दिया गया, क्योंकि वह एक राजनेता का दोस्त था.
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ACAshish Chauhan
Dec 03, 2025 11:11:32
Jaipur, Rajasthan:जयपुर- पूर्व मंत्री महेश जोशी को जल जीवन मिशन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जयपुर सेंट्रल जेल में बंद जोशी करीब 7 महीने बाद बाहर आएंगे। कोर्ट ने 21 नवंबर को हुई सुनवाई में उनकी जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा, जिसके बाद आज उन्हें जमानत मिली। 7 महीने बाद जेल से रिहाई होगी। कांग्रेस सरकार में जलदाय मंत्री रहे महेश जोशी को आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। 900 करोड़ के घोटाले में आरोपी महेश जोशी 7 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे। जोशी को जल जीवन मिशन घोटाले में 24 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। कांग्रेस नेता के वकीलों ने कहा कि पैसा जोशी के बेटे की फर्म के लिए लिया था, लेकिन लौटा दिया था। वहीं, ईडी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि पैसा लौटाने से अपराध की गंभीरता कम नहीं होती है। राजस्थन हाईकोर्ट ने 26 अगस्त को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। अभी तक मामले में ट्रायल शुरू नहीं हुआ—वकील महेश जोशी के वकील सिद्धार्थ लूथरा और विवेक जैन ने कोर्ट में कहा कि महेश जोशी पिछले 7 महीने से जेल में हैं। ईडी ने रिकॉर्ड पेश किए हैं, उनसे रिश्वत के आरोपों की पुष्टि नहीं होती है। ईडी के अनुसार महेश जोशी ने अपने बेटे की फर्म को लोन देने के नाम पर 55 लाख रुपए की रिश्वत ली थी, लेकिन पूरी राशि लौटाई जा चुकी है। अगर यह रिश्वत की राशि होती तो इसे वापस क्यों किया गया? इसका ईडी के पास कोई जवाब नहीं है। ऐसे में ट्रायल पूरी होने तक आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। जमानत का विरोध करते हुए ईडी की ओर से कहा गया था कि एसीबी की ओर से दर्ज अन्य एफआईआर में भी महेश जोशी की भूमिका बताई गई है। जोशी के बेटे की फर्म में 55 लाख रुपए का लेन-देन हुआ। याचिकाकर्ता ने रकम लौटाने का दावा किया है। अगर आरोपी को जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है। इसलिए उसकी जमानत याचिका को खारिज किया जाए।
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BSBhanu Sharma
Dec 03, 2025 11:11:16
Dholpur, Rajasthan:धौलपुर पुलिस ने लूट के एक मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों का सिर मुंडवाकर निहालगंज पुलिस में उनका शहर में जुलूस निकाला। मामला यूं है कि 30 नवंबर, 2025 को गेंदापुरा, सरमथुरा निवासी कल्याण सिंह (40), जो वर्तमान निवासी ओंडेला, सदर ने निहालगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया कि तीन लड़कों ने उनके साथ मारपीट कर 14,000 रुपये छीन लिए थे। जिस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर वृत्ताधिकारी शहर धौलपुर कृष्णराज जांगिड आरपीएस के सुपरवीजन में, थानाधिकारी अमित कुमार शर्मा पु.नि. के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने तकनीकी साक्ष्यों और सीसीटीवी कैमरों की मदद से बदमाशों की पहचान की और उनकी तलाश की। गहन जांच के बाद, पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों मोहित (20) पुत्र कमलसिंह जाटव और उत्तम (20) पुत्र रामबाबू जाटव को गिरफ्तार कर लिया। जिन्हें पूछताछ के बाद बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। पूछताछ के बाद निहालगंज पुलिस दोनों लुटेरों का बाजार में जुलूस के तौर पर निकाल कर ले गई। जहां दोनों आरोपियों को थाने से कोर्ट तक ले जाया गया。
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NMNitesh Mishra
Dec 03, 2025 11:10:43
Dhanbad, Jharkhand:धनबाद जिले के तेतुलमारी थाना अन्तर्गत पांडेडीह छः नम्बर बस्ती मे बेस्ट मोदीडीह कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी CISF की टीम को लेकर बस्ती पहुंच कर वहां मौजूद कुछ घरों को खाली कराया। साथ घरों को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया। पुलिस भी इस दौरान मौजूद रही। वही बेघर हुए गणेश यादव का कहना है कि बगल मे भूमिज आउटसोर्सिंग कंपनी काम कर रही है और लगातार हैवी ब्लास्टिंग से हम लोगों का जीना मुहाल हो गया है इतना से भी मन नही भरा तो बीसीसील के अधिकारी तेतुलमारी पुलिस CISF को लेकर आई है और हम लोगों के घर को तोड़ दे रही है। जबकि पहले उन लोगों को कही सुरक्षित जगह शिफ्ट करना चाहिए था। बीसीसीएल के अधिकारी मनमानी कर रहे है।
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BKBRAJESH KUMAR
Dec 03, 2025 11:10:22
Khunti, Jharkhand:खूँटी के प्रखंड विकास पदाधिकारी दिव्यांग ज्योति कुमारी स्वयं दिव्यांग है और उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में जेपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करके प्रखंड विकास पदाधिकारी बनी हैं। वहीं आज दिव्यांग दिवस के मौके पर उन्होंने दिव्यांग जनों के लिए उत्साहवर्धन और मनोबल ऊंचा रखने की बात कही। ज्योति कुमारी आर्थिक दृष्टिकोण से बहुत ही पिछड़ेपन का जिंदगी जीकर वो मुकाम हासिल कर ली जो सचमुच में जिन परिस्थितियों को झेलते हुए बहुत कम लोग इतना आगे बढ़ पाते। वहीं उन्होंने अपनी परिस्थितियों को याद करते हुए समाज के वैसे लोगों को जो दिव्यांग हैं उनके लिए आज उन्होंने कहा कि अगर मनुष्य का मनोबल ऊंचा है तो शारीरिक क्षमता होने के बावजूद आगे बढ़ सकता है। मन से किसी को हारना नहीं चाहिए। भले तन कमजोर है लेकिन मन मजबूत है तो मुकाम हासिल किया जा सकता है। इसलिए कहा जाता है मन के हारे हार है मन के जीते जीत। उन्होंने कई लोगों का उदाहरण दी और कहा कि व्यक्ति को निराश नहीं होना चाहिए।
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AVArun Vaishnav
Dec 03, 2025 11:09:55
Jaipur, Rajasthan:राजस्थान में वक़्फ़ प्रॉपर्टीज का डिजिटलीकरण — ‘उम्मीद पोर्टल’ से जुड़ी उम्मीदें और चुनौतियाँ उम्मीद पोर्टल से वक़्फ़ सिस्टम एक नए दौर में — लेकिन सुधारों की गुंजाइश अभी बाकी。 जयपुर: देशभर की वक़्फ़ संपत्तियों को डिजिटलीकृत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए Umeed Portal पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है। अंतिम तारीख़ 5 दिसंबर 2025 तय की गई है, लेकिन राजस्थान में अभी भी बड़ी संख्या में वक़्फ़ प्रॉपर्टीज अपलोड होना बाकी हैं。 राजस्थान में कुल 19,044 वक़्फ़ संपत्तियाँ दर्ज हैं, जिनमें से अब तक केवल 3,439 प्रॉपर्टीज पोर्टल पर अपलोड हो पाई हैं, और इनमें से सिर्फ़ 45 एंट्रीज़ को अंतिम मंजूरी मिली है। किस ज़िले में सबसे ज़्यादा वक़्फ़ प्रॉपर्टीज? राजस्थान के कई जिलों — जैसे झालावाड़, कोटा, बारा, भीलवाड़ा और बूंदी — में वक़्फ़ संपत्तियों की संख्या सबसे अधिक है। उनमें से कई संपत्तियाँ सदियों से धार्मिक, सामाजिक और शिक्षा संबंधी कार्यों के लिए उपयोग होती आई हैं。 पोर्टल का उद्देश्य क्या है? Umeed Portal के ज़रिए सरकार: सभी वक़्फ़ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड पारदर्शिता अवैध कब्जों की पहचान सरकार भविष्य के योजना-आधारित विकास का ढांचा तैयार कर रही है वक़्फ़ की संपत्तियों के लिए अगर यह प्रक्रिया समय पर पूरी होती है, तो वक़्फ़ की आय बढ़ने के साथ-साथ: अस्पताल स्कूल और कॉलेज छात्रावास सामाजिक कल्याण संस्थान जैसे प्रोजेक्ट तेज़ी से विकसित हो सकते हैं。 अमानी शाह दरगाह — विरासत, इतिहास और समाज सेवा का केंद्र जयपुर की ऐतिहासिक अमानी शाह दरगाह, जिसकी उम्र लगभग 250–300 वर्ष मानी जाती है, हाल ही में पोर्टल पर दर्ज की गई महत्वपूर्ण संपत्तियों में शामिल है。 यह दरगाह आज भी: • ज़रूरतमंदों की सहायता • मसावात यानी बराबरी का संदेश • और हर धर्म और वर्ग के लोगों के स्वागत की परंपरा निभा रही है। क्या कहते हैं प्रतिनिधि? Saleem Siddiqui सदर — राजस्थान वक़्फ़ संघर्ष संरक्षण समिति अधिकारियों की कमी है, वेबसाइट अंग्रेज़ी में है, लोग समझ ही नहीं पा रहे। वक़्फ़ बोर्ड के लोग मदद नहींकर रहे हैं और भ्रष्टाचार मैं लिप्त है, हमारी माँग गरीबों को हक मिले, नायब सदर जामा मस्जिद जयपुर, ताहिर आज़ाद, कहते हैं: “वक़्फ़ संपत्तियों का रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से पारदर्शिता बढ़ेगी। अमानी शाह दरगाह जैसे स्थानों का डिजिटलीकरण सिर्फ़ दस्तावेज़ भर नहीं — बल्कि इतिहास को सुरक्षित करने का कदम है।” वहीं नायब सदर अमानी शाह दरगाह, रफ़ीक़ फ़ारूक़ी, का कहना है: “पोर्टल अच्छा प्रयास है, लेकिन तकनीकी दिक्कतें अभी भी हैं। अगर समय थोड़ा और बढ़ा दिया जाए तो सभी संपत्तियाँ सही तरीके से अपलोड हो सकती हैं。” वक़्फ़ बोर्ड की प्रतिक्रिया राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन खानू ख़ान बुधवाली ने कहा: “यह ऐतिहासिक पहल है। लेकिन पोर्टल की धीमी गति के कारण कई रिकॉर्ड लंबित हैं। भविष्य में यह प्रक्रिया अनिवार्य होगी, इसलिए तेजी और तकनीकी सुधार ज़रूरी हैं।” Umeed Portal केवल एक ऑनलाइन रिकॉर्ड सिस्टम नहीं — बल्कि वक़्फ़ संपत्तियों को: • सुरक्षित • पारदर्शी • और समाज के हित में उपयोग के लिए एक बड़ा परिवर्तन है。 अगर यह प्रक्रिया समय पर पूरी हुई, तो यह वक़्फ़ संपत्तियों के भविष्य, सामाजिक ढांचे और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है。 जयपुर की ऐतिहासिक अमानी शाह दरगाह, जिसकी उम्र लगभग 250–300 वर्ष मानी जाती है, हाल ही में पोर्टल पर दर्ज की गई महत्वपूर्ण संपत्तियों में शामिल है。 वक़्फ़ जमीनों के रिकॉर्ड को डिजिटल रूप देने का काम जारी。 सेंटर का उद्देश्य — पारदर्शिता, डेटा रिकॉर्डिंग और कब्जों पर रोक。 राजस्थान में हजारों आवेदन प्रक्रिया में。 दस्तावेज़ों की जांच और वेरिफिकेशन चरणबद्ध तरीके से。 कई लोग प्रक्रिया समझने में परेशान — भाषा और ट्रेनिंग की मांग क्या की गई थी वक़्फ़ बोर्ड से डिजिटल प्लेटफॉर्म होने से रिकॉर्ड सुरक्षित हो रहे हैं। लोगों का सुझाव — हेल्पडेस्क और हिंदी/उर्दू वर्ज़न जरूरी था क्या वक़्फ़ समुदाय उम्मीद लगाए बैठा सिस्टम बेहतर हो। विशेषज्ञों का मत — यह शुरुआत है, समय के साथ मॉडल मजबूत होगा。
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SJSantosh Jaiswal
Dec 03, 2025 11:08:51
Chandauli, Uttar Pradesh:चंदौली... डीडीयू जंक्शन पर चेकिंग के दौरान आरपीएफ जीआरपी को मिली बड़ी कामयाबी। आरपीएफ, जीआरपी की संयुक्त टीम ने एक युवक से बरामद किया 35 लाख 33 हजार कैश। बरामद रुपए का कोई दस्तावेज न मिलने से आयकर विभाग को दी गई सूचना। प्रयागराज जिले का रहने वाला है पकड़ा गया युवक रत्नेश पांडे। आरोपी बैग में छुपा कर ले जा रहा था कैश। गिरफ्तार अभियुक्त प्रयागराज से बनारस ले जा रहा था रूपयों की खेफ। मौके पर पहुंची वाराणसी आयकर विभाग की टीम को आरपीएफ ने बरामद कैश और युवक को सौपा। मामले में वाराणसी आयकर विभाग करेगी अग्रिम कार्रवाई। डीडीयू जंक्शन के फुट ओवर ब्रिज पर चेकिंग के दौरान संयुक्त टीम को मिली सफलता
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