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Lakhimpur Kheri262905

Kheri - अज्ञात कारणों के चलते गांव में लगी भीषण आग 'पांच घर जलेलाखों का नुकसान'

Dec 11, 2024 14:10:22
Singha Kalan, Uttar Pradesh

लखीमपुर खीरी के एक गांव में अज्ञात कारणों के चलते भीषण आग लग गई,आग लगने से गांव में अफरा तफरी मच गई,वहीं लाखों का नुकसान बताया जा रहा है , सूचना पर पहुंची पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। पूरी घटना सिंगाही थाना क्षेत्र के ऐली गांव की है ,आग लगने से छप्पर नुमा 5 घर व उनमें रखा लाखों रुपए की गृहस्थी जलकर राख हो गई, सिंगाही थाना प्रभारी अजीत कुमार ने बताया आग लगने से पांच घर जले हैं।

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RKRANJEET Kumar OJHA
Dec 09, 2025 17:34:10
Jamshedpur, Jharkhand:जमशेदपुर में ठंढ का असर देखने को मिल रहा है, जहाँ सुबह और शाम को कुहासा देखा जा रहा है, तथा ठंढ को देखते हुए जिला प्रशासन भी अपना कमर कस कर खड़ा है। जिला प्रशासन की ओर से जमशेदपुर और मानगो नगर निगम इलाके में अलाव की व्यवस्था की गई है, शहर और शहर से सटे इलाके मानगो में भी अलाव की व्यवस्था कर दी गई है। जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी के नगर आयुक्त कृष्णा कुमार ने कहा कि इस वर्ष शहर में ठंढ समय से पहले आ गया है, जिसे लेकर एक टीम बना दी गई है, टीम गरीब लोगों को सेंटर होम और जल्द ही इलाके में कंबल का वितरण भी शुरू किया जाएगा, इसके पूर्व जगह जगह अलाव की व्यवस्था की जा रही है, कुल 26 जगहों पर अलाव लगाया गया है, साथ ही विभाग की ओर से रिक नंबर जारी किया गया है, जहाँ भी अलाव की जरूत हो लोग उस नंबर पर फोन करेंगे वहाँ भी अलाव की व्यवस्था की जाएगी
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Dec 09, 2025 17:33:40
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट ने एक सोसायटी को अनुदान भुगतान के आदेश के बावजूद अभी तक पालना होने पर याचिका पर सुनवाई करते हुए 17 दिसम्बर को अगली सुनवाई पर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव को तलब किया है। जस्टिस गणेश राम मीणा की बेंच ने शिशु शिक्षा सदन समिति द्वारा दायर याचिका पर सख्त रुख अपनाते हुए शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव को कोर्ट में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता संस्था की ओर से अधिवक्ता वसुंधरा गोपा व मुकुल कृष्ण व्यास ने पैरवी करते हुए कहा कि राज्य सरकार संस्था विद्यालय भवन के किराये के रूप में देय अनुदान तथा बकाया राशि का भुगतान करे। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि प्राथमिक शिक्षा, बीकानेर के जिला शिक्षा अधिकारी ने 21 जनवरी 2015 के पत्र के माध्यम से संस्था के दावों को स्वीकार किया था, किंतु बजट स्वीकृति न होने के कारण भुगतान लंबित है। कोर्ट ने इससे पहले 3 जुलाई 2018 को आदेश दिया था कि यदि संस्था अनुदान प्राप्त करने की पात्र पाई जाती है, तो राशि तुरंत प्रदान की जाए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि विभाग द्वारा अब तक इस आदेश का पालन नहीं किया गया है। सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से कोई भी अधिकारी या अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुआ जिस पर कोर्ट ने गंभीर नाराजगी जताई। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई पर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्वयं या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थिति होकर यह स्पष्ट करें कि अनुदान का भुगतान अब तक क्यों नहीं किया गया और कोर्ट के पूर्व आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ। कोर्ट ने रजिस्ट्रार (न्यायिक) को आदेश की प्रति विशेष संदेशवाहक के माध्यम से संबंधित अधिकारी को भेजने के निर्देश भी दिए。
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ATALOK TRIPATHI
Dec 09, 2025 17:32:56
Ghazipur, Uttar Pradesh:गाजीपुर ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने गाजीपुर में समाधान कैम्प का किया निरीक्षण, कहा 9 दिन में 3 लाख उपभोक्ताओं को बड़ी राहत भारी बिजली बिल कम रकम में हुए निस्तारित, विभाग को मिला 200 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व एकमुश्त समाधान योजना से पुराने बिल कम राशि में निस्तारित उपभोक्ताओं को मिल रही बड़ी राहत, आज ही 40–42 उपभोक्ताओं की समस्याएँ हुईं दूर 13,915 का बकाया सिर्फ 2,600 में निपटा – ऊर्जा मंत्री 15,761 का बिल भी काफी कम रकम में निस्तारित लाखों के बिल 20–22 हजार में निपट रहे – मंत्री पुरानी सरकारों के समय के हैं भारी-भरकम बिल गांवों में तब सप्ताह में कुछ ही घंटे आती थी बिजली – शर्मा नई योजना में ब्याज माफी और मूलधन में छूट ग्रामीण उपभोक्ता का बिल 650 रु. से अधिक नहीं होना चाहिए शहरी उपभोक्ता का बिल 950 रु. से ज्यादा नहीं होना चाहिए, अधिक बिल मिलने पर होगा तत्काल सुधार *SIR प्रक्रिया से देश की अखंडता होगी मजबूत – ऊर्जा मंत्री* अवैध रूप से रह रहे लोगों को नहीं है देश में रहने का अधिकार गैरकानूनी रूप से रहने वालों को चिन्हित कर भेजा जा रहा बाहर चुनाव आयोग कर रहा है सराहनीय कार्य – ए.के. शर्मा उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा आज गाजीपुर के सैदपुर और महाराजगंज में लगाए गए एकमुश्त समाधान योजना के कैम्पों का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने प्रदेशभर में इस योजना से मिल रही बड़ी राहत की जानकारी साझा की। मंत्री ने बताया कि सिर्फ 9 दिनों में 3 लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ उठाया है और विभाग को 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व मिला है। एकमुश्त समाधान योजना के तहत वर्षों पुराने बिजली बिल अब बहुत कम राशि में निपटाए जा रहे हैं। जिससे आम उपभोक्ताओं को भारी राहत मिल रही है। निरीक्षण के दौरान ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बताया कि आज कैम्प में आए 40 से 42 उपभोक्ताओं की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया गया। उन्होंने कुछ उदाहरण भी साझा किए और कहा कि जैसे जितेंद्र रामजी का 13,915 रुपये का बकाया सिर्फ 2,600 रुपये में निपट गया। वहीं राजेश नामक उपभोक्ता का 15,761 रुपये का बिल भी काफी कम राशि में निस्तारित किया गया। मंत्री ने कहा कि कई उपभोक्ताओं के लाखों रुपये के बिल 20–22 हजार में ही निपट रहे हैं। इससे लोगों का वर्षों पुराना आर्थिक बोझ अब खत्म हो रहा है। ऊर्जा मंत्री ने पूर्व की सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि भारी-भरकम बिजली बिल मोदी और योगी सरकार के समय के नहीं हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह बिल पूर्व की सरकारों के समय के हैं, जब गांवों में हफ्ते में कुछ ही घंटे बिजली मिला करती थी, और उन पुराने बिलों पर ब्याज बढ़ता गया। मंत्री ने बताया कि नई योजना में ब्याज माफी, मूलधन में छूट और पुराने बिलों की जांच जैसे अहम प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्र में 1 किलोवाट कनेक्शन वाले उपभोक्ता का बिल 650 रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए, और शहरी उपभोक्ता का बिल 950 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। यदि इससे अधिक बिल आता है, तो वह चाहे कितना भी पुराना हो बिल को सुधारा जाएगा। इसके साथ ही ऊर्जा मंत्री ने SIR प्रक्रिया पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह कार्य देश की सार्वभौमिकता और अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए है। चुनाव आयोग इस दिशा में जो भी कदम उठा रहा है, वह देश और नागरिकों की पवित्रता बनाए रखने के लिए है। मंत्री ने कहा कि जो भी लोग भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं, या बाहर से आकर बिना किसी कानूनी अधिकार के रह रहे हैं, उन्हें देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है। और ऐसे लोगों को चिन्हित कर देश से बाहर भेजा जा रहा है। बाइट- एके शर्मा- ऊर्जा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार
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RRRakesh Ranjan
Dec 09, 2025 17:31:23
Noida, Uttar Pradesh:दिल्ली: भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर कहा, "...चुनाव सुधार पर आज चर्चा हो रही और कल चर्चा होगा। इससे साफ है कि कम से कम उनको (राहुल गांधी) ये बात समझ आना चाहिए कि SIR एक प्रक्रिया के द्वारा किया जा रहा है....चुनाव अगर कराना है किस प्रक्रिया से कराया जाए, एक मतदाता सूची हो उस सूची को बनाने का अधिकार चुनाव आयोग को है। इसके बावजूद आज जिस तरह से वो आलोचना कर रहे हैं तो यही काम वो बिहार में कर रहे थे और बिहार की जनता ने जिस तरह का जनादेश दिया है तो उनको कम से कम चुनाव आयोग पर आरोप लगाना बंद कर देना चाहिए...ये केवल देश की जनता में भ्रम पैदा कर रहे हैं...."
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Dec 09, 2025 17:31:06
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर-राजस्थान हाईकोर्ट ने बिजली कनेक्शन से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में स्पष्ट किया है कि किसी भी आवासीय उपभोक्ता को बिजली कनेक्शन पाने के लिए सह-मालिकों की सहमति (एनओसी) या संपत्ति के निर्विवाद स्वामित्व ka प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है। जस्टिस डॉ. नूपुर भाटी की एकलपीठ ने यह आदेश शास्त्री नगर, जोधपुर निवासी उषा कल्ला की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया और जोधपुर डिस्कॉम को उनके घर की बिजली आपूर्ति तुरंत बहाल करने के निर्देश दिए। मामले के अनुसार उषा कल्ला वर्ष 1999 से मकान नंबर G-100 में रह रही हैं। यह संपत्ति पहले उनके दिवंगत पति शंभुदत्त कल्ला के नाम थी, जिन्होंने 2017 में वसीयत के माध्यम से इसे पत्नी और संतानों के नाम कर दिया था। आरोप है कि पति की मृत्यु के बाद उषा कल्ला की जेठानी और दो बेटों ने बिना वैध बंटवारे के मकान को तीसरे पक्ष को बेच दिया। इसी विवाद के चलते 15 जुलाई 2025 को कथित खरीदारों के दबाव में डिस्कॉम ने उनका बिजली कनेक्शन काट दिया। याचिकाकर्ता के वकील एस.डी. पुरोहित ने दलील दी कि उषा कल्ला लंबे समय से शांतिपूर्वक उसी घर में रह रही थीं और सभी औपचारिकताएँ पूरी कर उन्होंने कनेक्शन बहाली का आवेदन किया था। इसके बावजूद डिस्कॉम ने 15 सितंबर 2025 को आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उन्हें अन्य सह-मालिकों से एनओसी लानी होगी। दूसरी ओर, प्रतिवादी पक्ष ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता संपत्ति पर निर्विवाद स्वामित्व का दस्तावेजी सबूत नहीं दे सकीं, इसलिए कनेक्शन बहाल नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट, 2003 की धारा 43 का हवाला देते हुए कहा कि बिजली कनेक्शन पाने का अधिकार केवल मालिक तक सीमित नहीं है; किरायेदार या वास्तविक रूप से रहने वाला व्यक्ति भी आवेदन कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि स्वामित्व विवाद या सह-मालिकों की सहमति बिजली जैसे मूलभूत सेवा अधिकार पर प्रभाव नहीं डाल सकती। कोर्ट ने डिस्कॉम का आदेश रद्द करते हुए कहा कि यदि आवेदन कानून के अनुरूप है तो कनेक्शन तुरंत बहाल किया जाए。
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