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Jhansi284002

Jhansi: व्यापार मंडल ने वित्त मंत्री के बजट का किया स्वागत

Feb 01, 2025 09:43:09
Jhansi, Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष और कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय पटवारी ने आज देश की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किए गए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने इसे "विकसित भारत का विकासशील बजट" बताया और कहा कि यह बजट भारत के समग्र विकास की दिशा में अग्रसर करेगा। उन्होंने बताया कि बजट में 12 लाख तक की छूट देकर देशवासियों को बड़ी राहत प्रदान की गई है। साथ ही, लघु, सूक्ष्म उद्योग, व्यापार, पर्यटन, शिक्षा, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक वाहनों पर विशेष ध्यान दिया गया है। संजय पटवारी ने इसे आजादी के बाद से अब तक का सबसे अच्छा बजट करार दिया, जिसका उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल और कैट ने स्वागत किया है।

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NSNeha Sharma
Dec 05, 2025 08:31:14
Jaipur, Rajasthan:खास प्रोग्राम - दिल से गेस्ट सरिस्का टाइगर फाउंडेशन, दिनेश वर्मा ( संस्थापक एवं सचिव ) सुनील मेहता ( अध्यक्ष ) ज़ी राजस्थान के खास प्रोग्राम दिल से में आज सरिस्का टाइगर फाउंडेशन के बारें में जानेंगे जिसने सरिस्का अभ्यारण्य संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है , सरिस्का टाइगर फाउंडेशन (STF) एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) है जो राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व के संरक्षण और वन्यजीवों, विशेषकर बाघों की सुरक्षा के लिए काम करता है; यह सरिस्का के प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता को बचाने के लिए वृक्षारोपण, जागरूकता अभियान और अन्य गतिविधियों में सक्रिय है, और युवाओं को जोड़कर संरक्षण में उनकी भूमिका बढ़ाने पर भी जोर देता है, साथ ही राजस्थान की शान सरिस्का टाइगर रिज़र्व के बारें में जानेंगे सरिस्का प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही पौराणिक तथ्यों का भी सबूत है कहा जाता है की जब पांडव अज्ञातवास पर थे तब सरिस्का में कुछ समय बिताया था , सरिस्का में लोग धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए आते हैं , सरिस्का को साल 1978 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था , उस समय बाघों की संख्या 30 से 35 थी , सरिस्का में प्रकृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। इसमें पहाड़, घास के मैदान, शुष्क पर्णपाती वन और चट्टानें हैं , अलवर में स्थित, यह टाइगर रिज़र्व अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा है। बाघों के अलावा, यह रिज़र्व वर्तमान में कई जानवरों का घर है और प्रकृति को उसके सर्वोत्तम रूप में प्रदर्शित करता है। यहाँ जंगली बिल्लियाँ, रीसमस मकाक, सांभर, चीतल, जंगली सूअर आदि जैसे जानवर पाए जाते हैं। केवल जानवर ही नहीं, आपको यहाँ कई पक्षी प्रजातियाँ भी देखने को मिलती हैं, जैसे सैंड ग्राउज़, हार्बर क्वेल, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल आदि। अगर आप यहाँ घूमने की योजना बना रहे हैं, तो यहाँ बताया गया है कि आप यहाँ क्या कर सकते हैं। आज इन सभी विषयों पर बात करेंगे सरिस्का टाइगर फाउंडेशन के संस्थापक एवं सचिव दिनेश वर्मा और अध्यक्ष सुनील मेहता से जानेंगे सरिस्का के अनछुएं पहलुओं के बारें में ,, बातचीत का हिस्सा दिनेश वर्मा ( संस्थापक एवं सचिव ) के साथ सरिस्का टाइगर फाउंडेशन को वर्ष 2008 में शुरू किया गया - दिनेश वर्मा सरिस्का में बसे गांव को जंगल के महत्व से परिचित करवाया - दिनेश वर्मा STF ने जंगल में कई जलाशय बनाए - दिनेश वर्मा STF ने गांव वालों को रोजगार दिया- दिनेश वर्मा बावरिया जनजाति मुख्यत निवासी है - दिनेश वर्मा गांव वालों को शिकार न करने की कसम दिलाई - दिनेश वर्मा बावरिया समुदाय को गंगाजल हाथ में देकर कसम दिलाई - दिनेश वर्मा STF ने ICICI के साथ मिलकर काम किया है - दिनेश वर्मा STF ने ICICI के साथ मिलकर रेस्क्यू गाड़ी सरिस्का को दी है - दिनेश वर्मा गांव वालों के पास रोजगार की कमी इसलिए करते थे शिकार - दिनेश वर्मा STF सरिस्का के संरक्षण के लिए सालों से तत्पर है - दिनेश वर्मा STF का एक मात्र उद्देश्य सरिस्का की सुरक्षा - दिनेश वर्मा बातचीत का हिस्सा सुनील मेहता ( अध्यक्ष ) के साथ सरिस्का की खूबसूरती मनमोहक है- सुनील मेहता सरिस्का एक बुरे दौर से गुजरा था- सुनील मेहता बाघ लुप्त हो गए , वो बुरा दौर था - सुनील मेहता राजस्थान सरकार सरिस्का को ठीक से पहचाना नहीं - सुनील मेहता सरिस्का के लिए अभी बहुत कुछ करना शेष है - सुनील मेहता सरिस्का में पांडवों के तथ्य हैं - सुनील मेहতা सरिस्का में अब ट्यूरिस्ट की संख्या बढ़ गयी है - सुनील मेहता
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KSKULWANT SINGH
Dec 05, 2025 08:21:00
Yamuna Nagar, Haryana:यमुनानगर जिले में थैलेसीमिया से जूझ रहे 121 मरीजों की हालत लगातार परेशान करने वाली बनती जा रही है. महंगी दवाओं की कमी, बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता और आयरन ओवरलोड को कंट्रोल करने वाली दवाओं की अनुपलब्धता ने हालात को और गंभीर बना दिया है. पिछले तीन महीनों में जिले में तीन थैलेसीमिया मरीजों की मौत हो चुकी है, जिसने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. मरीजों के परिजनों और स्वयं थैलेसीमिया पीड़ितों ने बातचीत में बताया कि शरीर में आयरन की बढ़ती मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक फैक्टर-8 इंजेक्शन, हीमोफीलिया इंजेक्शन और डेजीरॉक्स (Kelphar) टेबलेट उपलब्ध नहीं हैं. जो दवाएं मिल भी रही हैं, वे ज्यादातर बजाज कंपनी की हैं, जिन्हें लेना बेहद दर्दनाक बताया जा रहा है. मरीज वर्षों से सिप्ला कंपनी की दवाओं पर निर्भर थे, जो comparatively कम दर्द देती हैं, लेकिन अब उपलब्ध नहीं हो पा रही. थैलेसीमिया से पीड़ितों में ज्यादातर बच्चे हैं. हर 15–20 दिन में रक्त चढ़ाने की प्रक्रिया इन बच्चों के लिए किसी मानसिक और शारीरिक यातना से कम नहीं. अस्पताल की गलियों में हाथों में खून के पैकेट लिए यह मासूम बच्चे ऐसी पीड़ा झेल रहे हैं, जिसकी कल्पना आम व्यक्ति भी नहीं कर सकता. सिविल अस्पताल प्रबंधन भी नियमित रूप से मरीजों की सहायता करने का प्रयास करता है, लेकिन दवाओं की उपलब्धता सरकारी सप्लाई पर निर्भर होने के कारण राहत सीमित रह जाती है. बच्चे, थैलेसीमिया मरीज. जिले में वर्तमान में लगभग 120–121 थैलेसीमिया पेशेंट रजिस्टर्ड हैं, जिनमें अधिकतर बच्चे शामिल हैं और उनका उपचार यहीं चल रहा है. इन बच्चों को महीने में तीन बार ब्लड चढ़ाना पड़ता है. बार-बार ब्लड चढ़ने से शरीर में आयरन बढ़ जाता है, जिससे कई अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इस आयरन को नियंत्रित करने के लिए विशेष दवा की जरूरत होती है, पिछले तीन महीनों में जिले में तीन थैलेसीमिया मरीजों की मौत भी हुई है. हालांकि यह मौतें दवा या इंजेक्शन की कमी की वजह से नहीं, बल्कि बीमारी की प्राकृतिक गंभीरता के कारण हुई हैं. फिर भी स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि इलाज का निरंतर उपलब्ध रहना बेहद जरूरी है. अस्पताल में डेजीरॉक्स टैबलेट्स उपलब्ध हैं और इन्हें बच्चों को समय पर दिया गया है. इंजेक्शन और टैबलेट, दोनों की कमी की स्थिति लगभग समान है. हमारा जिला वेयरहाउस भी कैथल, हिसार और भिवानी जैसे अन्य वेयरहाउसों के साथ समन्वय कर रहा है ताकि दवाओं की आपूर्ति जारी रह सके. फिलहाल जिले में टैबलेट्स की थोड़ी कमी है. कैथल हेडक्वार्टर से बात की गई है, जहां भी सीमित स्टॉक है, इसलिए हम अन्य वेयरहाउस से दवाइयां मंगवाने की प्रक्रिया में हैं. उम्मीद है कि 10-12 दिनों के भीतर आवश्यक टैबलेट्स जिले में उपलब्ध हो जाएंगी.
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BBBindu Bhushan
Dec 05, 2025 08:19:36
Madhubani, Bihar:मधुबनी निरीक्षक न्यायधीश गुन्नू अनुपमा चक्रवर्ती दो दिवसीय दौरे पर मधुबनी पहुंची। मधुबनी कोर्ट परिसर में पुलिस जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर और सलामी दी। इस दौरान मधुबनी कोर्ट के प्रधान जज सहित अन्य न्यायिक दंडाधिकारी मौजूद थे। माननीय न्यायाधीश महोदया मधुबनी सिविल कोर्ट के विभीन्न कार्यालयों का बारी बारी से निरीक्षण कर रही हैं। बेनीपट्टी और झंझारपुर अनुमण्डल मुख्यालय स्थित कोर्ट का भी निरीक्षण करेंगी। सुरक्षा को लेकर कोर्ट परिसर सहित चौक चौड़ाहों पर भारी संख्यां में पुलिस बलों को तैनात किया गया है। मधुबनी न्याय मंडल के इंस्पेक्टिंग जज न्यायमूर्ति गुन्नू अनुपमा चक्रवर्ती 5 और 6 दिसम्बर को जिला के विभिन्न कोर्टों का निरीक्षण करेंगी।
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ACAshish Chaturvedi
Dec 05, 2025 08:18:59
Karauli, Rajasthan:कृषि कार्य करने के दौरान करंट लगने से युवक की मौत, जिला करौली करौली जिला मुख्यालय के समीप सायपुर गांव में कृषि कार्य के दौरान करंट की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई। युवक का शव जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया है। मृतक के परिजनों ने कृषि कार्य के दौरान अचानक बिजली का तार टूट कर गिरने से युवक की मौत का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। जिला चिकित्सालय चौकी प्रभारी मोहिंद्र सिंह ने बताया कि सायपुर गांव निवासी गणेश चतुर्वेदी पुत्र चतुर्भुज चतुर्वेदी उम्र 38 वर्ष शुक्रवार सुबह खेत में कृषि कार्य करने गया था। इस दौरान करंट की चपेट में आने से युवक गंभीर रूप से झुलस गया। गंभीर अवस्था में परिजन युवक को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। मृतक का शव जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया गया है जहां पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा रही है। मृतक के उपार्जन और पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत रायपुर घनश्याम चतुर्वेदी ने बताया कि युवक सुबह खेत पर कृषि कार्य करने गया था इस दौरान अचानक बिजली का तार टूटकर युवक के ऊपर गिर गया और करंट की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई। मृतक युवक सायपुर ग्राम पंचायत का पूर्व सरपंच था। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
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