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Jalaun285123

जालौन में दोहरे हत्याकांड के चलते तीन दोषियों को हुआ आजीवन कारावास

Jul 21, 2024 04:39:29
Jalaun, Uttar Pradesh

जालौन के उरई कोतवाली क्षेत्र में 1 नवंबर 2012 को हुए दोहरे हत्याकांड के मामले में तीन आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम शिवकुमार की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों पर 27-27 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। दोषियों ने एक बकरा व्यापारी और उसके साथी को नशीली चाय पिलाकर हत्या की थी और 1.2 लाख रुपये लूटे थे। शवों को कार में रखकर जाजमऊ पुल से गंगा नदी में फेंक दिया था। लगभग 12 वर्ष के लंबे विचारण के बाद आज यह फैसला सुनाया गया।

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GSGajendra Sinha
Sept 13, 2025 04:00:14
Koderma, Jharkhand:साइबर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को भी निशाना बनाने से नहीं चूकते। ताजा मामला कोडरमा उपायुक्त से जुड़ा है, जहाँ उनके आधिकारिक फेसबुक अकाउंट का एक फर्जी अकाउंट तैयार कर साइबर ठगो के द्वारा लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा जा रहा था और ठगी करने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन इससे पहले ही उपायुक्त ऋतुराज को पता चल गया और उन्होंने फर्जी अकाउंट के बारे में अपने अधिकारिक अकाउंट पर पोस्ट कर जानकारी दी ओर लोगों को उनका फोटो इस्तेमाल कर बनाए गए फर्जी अकाउंट से दूर रहने और सतर्क रहने की सलाह दी। इस बाबत उपायुक्त में मुख्यमंत्री कार्यालय, एसपी ऑफिस और साइबर टीम को सूचित कर दिया है। फिलहाल पुलिस भी फर्जी अकाउंट क्रिएट करने वाले की तलाश कर रही है। बुधवार को कोडरमा पहुंचे बोकारो प्रक्षेत्र के आईजी क्रांति कुमार गड़देशी ने भी बढ़ रहे साइबर अपराध पर चिंता जाहिर की थी और इसे लेकर लोगों को जागरूक रहने के साथ-साथ साइबर ठगी के मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिया था। कोडरमा उपायुक्त की आधिकारिक अकाउंट से फोटो का इस्तेमाल कर फर्जी अकाउंट तैयार कर अब तक 500 से लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा जा चुका था, जिसमें 104 लोग उपायुक्त की तस्वीर देखकर फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट भी कर लिया था।
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KAILASH NATH VERMAKAILASH NATH VERMA
Sept 13, 2025 03:58:25
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Sept 13, 2025 03:55:20
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JPJAY PRAKASH KUMAR
Sept 13, 2025 03:47:10
Gaya, Bihar:Story:- सीताकुण्ड वेदी पर बेचा जा रहा है फल्गु नदी का बालू, नदी में डैम बना जाने से बालू खरीद कर पिंडदानी कर रहे पिंडदान। Description:- मोक्ष की नगरी गयाजी के पूर्वी भाग में सतसलिला फल्गु नदी के तट पर स्थित माता सीताकुंड वेदी पर पितृपक्ष मेला के दौरान विभिन्न स्थानों से आये पिंडदानी तीर्थयात्रियों को फल्गु नदी का बालू नहीं मिलने पर सीताकुंड के पास स्थित दर्जनो दुकानों से फल्गु नदी का बालू खरीद कर सीताकुंड वेदी पर कर रहे है पिंडदान व कर्मकांड। हमको बता दे कि सतसलिला काहे जाने वाली फल्गु नदी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा रबर डैम का निर्माण कराया गया था। ताकि देश से विभिन्न स्थानों से आने वाले तीर्थयात्रियों को फल्गु के पवित्र जल उपलब्ध हो सके और रबर डैम के निर्माण के बाद पितृपक्ष मेला में फल्गु नदी में पूरा पानी भरा हुआ है जिसके कारण तीर्थयात्रियों को फल्गु नदी का बालू नही मिला पा रहा है और पिंडदानी को फल्गु नदी से बालू निकालने में बहुत तरह की परेशानी हो रही है। जिसको लेकर तीर्थयात्री और पिंडदानी अपने कर्मकांड को पूरा करने के लिए सीताकुंड वेदी के पास स्तिथ दुकानों से फल्गु नदी का बालू खरीद कर सीताकुंड वेदी पर बालू का पिंडदान कर रहे है और अपने पितरों का माता सीता से मोक्ष की कामना कर रहे है। वंही धार्मिक ग्रथों में वर्णित है की रामायण काल मे राम भगवान जब माता सीता के साथ 14 वर्षो के वनवास पर थे तो गयाजी पहुँचे थे और उनके वनवास के दौरान ही आयोध्या के राजा दशरथ का निधन को गया था। जिसकी सूचना पर भगवान राम अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान की सामग्री लेने के लिए जब फल्गु नदी पार कर चले गए थे और माता सीता बालू की पिंड बना कर पूजा कर रही थी तब राजा दशरथ का हाथ फल्गु नदी से निकाला और पिंड प्रदान की माँगा करने लगे तब माता सीता ने फल्गु नदी के बालू से ही पिंड बनाकर राजा दशरथ का पिंडदान किया था। तब से सीताकुंड वेदी पर बालू का पिंड प्रदान करने की परंपरा चलते आ रहा है और इस सीताकुंड वेदी पर सभी तीर्थयात्री और पिंडदानी बालू का ही पिंडदान करते है तथा जब फल्गु नदी में रबर डैम बन गया है तो फल्गु नदी का बालू नहीं मिल रहा है जिसके चलते देश -विदेश से आये पिंडदानी तीर्थयात्री को दुकानों से बालू खरीद कर सीताकुंड वेदी पर बालू का पिंडदान करना पड़ रहा है वंही सीताकुंड वेदी पर फल्गु नदी का बालू बेच रहे लोगो ने बताया की हमलोग यंहा पर बालू बेच रहे है और यह बालू यात्री लोग लेते है सीताकुंड वेदी पर पिंडदान करने के लिए क्योकि सीताकुंड पर बालू का पिंडदान होता है और सीता माता ने यंहा पर बालू का पिंडदान किया था इसलिए यंहा पर बालू का पिंडदान होता है और यंहा पर पहले बालू नहीं बिकता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फल्गु नदी पर डैम बना दिए है जिसके कारण नदी में अभी पानी है तो यात्री लोग नदी से बालू नहीं निकाल पा रहे है तो हमलोग नदी से बालू निकाल कर बेच रहे है और दस रुपया में यह बालू बेचते है और दिन भर में तीन सौ से पांच सौ रुपया का बालू बेच देते है बाइट - संजय कुमार, पिंडदानी बाइट - दीप माला सिन्हा, पिंडदानी बाइट:- आचार्य आलोक पंडित,ब्राह्मण
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ASAshok Singh Shekhawat
Sept 13, 2025 03:45:24
Sikar, Rajasthan:स्वर्णिम राजस्थान प्रोग्राम सीकर 10 अवॉर्ड हासिल करने वाले का नाम मोनिका सामौर उपखंड अधिकारी दातारामगढ़ सीकर मेला मैजिस्ट्रेट खाटूश्यामजी सीकर के दातारामगढ़ उपखंड अधिकारी मोनिका सामोर दातारामगढ़ की पहली महिला आरएएस अधिकारी जिनके नेतृत्व में खाटूश्याम जी का पचास लाख श्रद्धालुओं की संख्या वाले ग्यारह दिवसीय मेला शांति पूर्वक सम्पन्न सीकर जिले के दातारामगढ़ उपखंड मुख्यालय पर वर्ष 2018 बैच की महिला अधिकारी जो पिछले दस महीने से एक लाख सत्तर हजार वर्ग हेक्टेयर दो सो चौवन गांवों के साथ फैले इलाके में दातारामगढ़ एसडीएम के रूप में तैनात है जिनके कार्यकाल में विश्व का सुप्रसिद्ध खाटूश्यामजी का पचास लाख श्रद्धालुओं के साथ भरने वाले मेले को अपनी कठोर दिन रात की मेहनत से शांतिपूर्वक सम्पन्न करवाया यह एक नारी शक्ति की ताकत का उदाहरण है कि महिला किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है मोनिका सामोर अपनी कार्यकुशलता के साथ उपखंड पर कार्य कर रही है जिससे जनता को अच्छे कार्यकाल का अनुभव प्राप्त होता है खाटूश्यामजी मेले में करीबन 50 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा श्याम के सुगमता से दर्शन किए जिसके लिए खाटूश्यामजी मेला मैजिस्ट्रेट मोनिका सामौर ने शानदार तरीके से व्यवस्थाओं को अंजाम दिया टीम लीडर के रूप में दिन रात एक किए और दो महीने से अधिक के समय में पूरी तैयारी की गई। कलेक्टर श्री मुकुल शर्मा के नेतृत्व में पूरी व्यवस्थाओं को अंजाम दिया भक्तों के लिए सुविधाएं का इंतजाम से लेकर सुरक्षा के तमाम इंतजाम को बखूबी निभाते हुए कार्य किया इसके अलावा जीण माता मेले में भी नो दिनों तक लाखों भक्त आए जिसका जिम्मा भी मोनिका सामौर के जिम्मे था जिसे उन्होंने शानदार व्यवस्थाओं को अंजाम दिया लाखों भक्तो ने मेले में सुगमता से बिना किसी परेशानी के दर्शन किए।
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BSBHUPENDAR SINGH SOLANKI
Sept 13, 2025 03:34:18
Tonk, Rajasthan:टोंक प्रिंसिपल और एडीशनल प्रिंसिपल ने संभाला कार्यभार पी एम ओ समेत अन्य डॉक्टरों ने किया स्वागत, जल्द शुरू होगा मेडिकल कॉलेज में पहला बैच टोंक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पद और एडीशनल प्रिंसिपल पद पर मेडिकल अधिकारियों ने अपना अपना पद भार संभाल लिया है। टोंक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पद पर डॉ. लोकेंद्र शर्मा और टोंक मेडिकल कॉलेज के एडीशनल प्रिंसिपल पद पर डॉ.निधी सिंह ने जॉइन कर लिया है। शुक्रवार शाम को टोंक पहुँचने पर दोनों चिकित्सा अधिकारियों का पी एम ओ डॉक्टर हनुमान प्रसाद बैरवा समेत अन्य ने बुके देकर स्वागत किया। इस मौके पर टोंक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. लोकेंद्र शर्मा और एडीशनल प्रिंसिपल डॉ.निधी सिंह ने डॉक्टरों से परिचय प्राप्त कर बातचीत की। ज्ञात रहे कि गत दिनों इसी माह सरकार की ओर से टोंक मेडिकल कॉलेज के लिए 50 सीटों का आवंटन किया था। उसके बाद सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल और एडीशनल प्रिंसिपल की नियुक्ति की थी। ऐसे शुक्रवार शाम को दोनों मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और एडीशनल प्रिंसिपल ने अपना-अपना पदभार संभाल लिया है। अब जल्द ही संभवत इस माह के अंत तक MBBS के स्टूडेंट भी आ जाएंगे और टोंक मेडिकल कॉलेज में पहला बेच चालू हो जाएगा। उसके बाद टोंक के लोगों को और चिकित्सा सेवाएं बेहतर मिल पाएंगी। कौन कहाँ से आए है: टोंक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपलडॉ. शर्मा इससे पहले आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट में सीनियर प्रोफेसर थे। इससे भी पहले शर्मा अलवर मेडिकल कॉलेज में भी प्रिंसिपल रह चुके हैं। वहीं एडीशनल प्रिंसिपल डॉ.निधी सिंह इससे पहले दंत चिकित्सा विभाग मेडिकल कॉलेज पाली में प्रोफेसर थी।
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ASAshok Singh Shekhawat
Sept 13, 2025 03:34:06
Sikar, Rajasthan:स्वर्णिम राजस्थान प्रोग्राम सीकर 9 अवॉर्ड हासिल करने वाले नाम श्री गजेंद्र सिंह जोधा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीकर 2 अक्टूबर 1980 को जन्मे गजेंद्र जोधा ने सीकर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद पर लगन ईमानदारी कृत्यवनिष्ठता से काम करते हुए अपराधों पर लगाम कसने का काम किया। सरल सहज स्वभाव के गजेंद्र जोधा ने खाटूश्यामजी, जीन माता जी के मेले तत्कालीन एस पी भुवन भूषण यादव के नेतृत्व में काम करते हुए मेले का शानदार सफल आयोजन कराया। खाटूश्यामजी मेले 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ 11 दिनों तक रही। मेले में सुरक्षा से लेकर यातायात व्यवस्था की कमान संभालकर श्रद्धालुओं की किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी। जीण माता जी के मेले में भी लाखों भक्तो की भीड़ को नियंत्रित करने और उन्हें सुगमता से दर्शन कराने की तमाम व्यवस्था की। श्री गजेंद्र जोधा ने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप sog में शानदार कार्य किए और आदर्श कॉपरेटिव सोसाइटी घोटाले के आरोपियों को गिरफ़्तार किया है गजेंद्र जोधा ने डूंगरपुर से आरपीएस के पद पर प्रथम ड्यूटी ज्वाइन की और भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ भरतपुर, बांसवाड़ छोटी सादड़ी अजमेर में भी अपनी सेवाएं दी और पुलिस के स्लोगन पर ईमानदारी से काम करते हुए अपराधियों के खौफ आम जन में विश्वास कायम किया।
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ASAshok Singh Shekhawat
Sept 13, 2025 03:33:29
Sikar, Rajasthan:स्वर्णिम राजस्थान प्रोग्राम सीकर 8 अवॉर्ड हासिल करने वाले का नाम संत स्वामी ओमदास जी महाराज संत स्वामी ओमदास जी महाराज, अखिल भारतीय सांगलिया पीठ (सांगलिया धूणी, सीकर, राजस्थान) के वर्तमान पीठाधीश्वर हैं। वे इस पीठ की परंपरा के उत्तराधिकारी हैं, जिसकी स्थापना बाबा लक्कड़दास जी महाराज ने की थी और जो सर्वंगी संप्रदाय से जुड़ी है। यह पीठ आध्यात्मिकता, समाज सेवा और सामाजिक सुधार के लिए जानी जाती है। स्वामी ओमदास जी ने फरवरी 2017 में पीठाधीश्वर का पद संभाला और अपने गुरु बाबा बंशीदास जी महाराज के पदचिह्नों पर चलते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कार अर्थात नैतिक मूल्य, समाज सेवा, सामाजिक कुरीतियों के निवारण और समाज सुधार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्य... शिक्षा के क्षेत्र में सभी संतों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है लेकिन इसे बड़ा विस्तार बाबा लादूदास जी महाराज ने सैकड़ों पाठशालाएं खुलवाकर आमजन के लिए शिक्षा के द्वार खोले तो स्वामी खीवादास जी महाराज ने इसे कोलेज स्तर तक विस्तार दिया और बाबा खीवादास महाविद्यालय बामणी तलाई सांगलिया की स्थापना करवाई , जिसे स्नातकोत्तर स्तर तक बाबा बंशीदास जी महाराज ने क्रमोन्नत कराया । स्वामी ओमदास जी शिक्षा को समाज के सशक्तिकरण का प्रमुख माध्यम मानते हैं। उन्होंने पीठाधीश्वर बनने के बाद शिक्षा के विस्तार पर विशेष जोर दिया। -बाबा खींवादास महाविद्यालय का विकास... इस महाविद्यालय को स्नातकोत्तर स्तर तक उन्नत किया और जून 2018 में विज्ञान संकाय की शुरुआत की, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को उच्च शिक्षा की सुविधा मिली। हजारों छात्रों ने यहां से शिक्षा प्राप्त कर समाज में योगदान दिया। स्वामी जी ने नशा मुक्ति, नैतिक उत्थान और जागरूकता के माध्यम से शिक्षा को संस्कारों से जोड़ा, ताकि युवा पीढ़ी सामाजिक जिम्मेदारी समझे। --शिक्षा संबंधी विचार... उन्होंने भजनों और छंदों के माध्यम से शिक्षा के महत्व पर जोर दिया, जैसे "शिक्षा से सशक्तिकरण" और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार। राजस्थान शिक्षक संघ (अंबेडकर) के प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन बाबा खींवादास कॉलेज में उनके सान्निध्य में किया गया, जहां शिक्षा नीतियों पर चर्चा हुई। ✓स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्य स्वामी ओमदास जी स्वास्थ्य को जनकल्याण का आधार मानते हैं और पीठ की परंपरा में चिकित्सा सेवाओं का विस्तार किया। - बाबा बंशीदास हॉस्पिटल... 17 अगस्त 2025 को इस अस्पताल का भव्य शिलान्यास किया गया, जो स्वास्थ्य सेवाओं की नई शुरुआत है। यह अस्पताल ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती और सुलभ चिकित्सा प्रदान करने के लिए समर्पित है। ध्यातव्य रहे कि यह अस्पताल 100 बैड का अस्पताल बनेगा जो सीकर और डीडवाना कुचामन जिले के बीच सबसे बड़ा अस्पताल होगा जो बाबा बंशीदास चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए संचालित होगा। ✓चिकित्सा शिविर और गौशाला... सांगलिया पीठ में गौशाला का संचालन किया जाता है, जहां गायों के दूध से बने उत्पादों का उपयोग स्वास्थ्य और प्रसाद के रूप में होता है। स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए चिकित्सा व्यवस्था है। स्वामी जी ने सफाई अभियान और पर्यावरण नीतियों के माध्यम से स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाई। -अस्पताल निरीक्षण और सहयोग... चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ सहयोग कर अस्पतालों का निरीक्षण किया और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत बनाया। - मानवता के संकट के रूप में आए कोरोना ने लोगों के जीवन को असंतुलित कर दिया तब स्वामी ओमदास महाराज ने ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर राहत किट तक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जिससे न केवल मानवता सुरक्षित हुई बल्कि हजारों लोगो को इस संदर्भ में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी मिली। ✓संस्कार (नैतिक मूल्यों) के क्षेत्र में किए गए कार्य... अखिल भारतीय सांगलिया पीठ अपनी स्थापना से ही लगातार भजनों, सत्संगों और स्तुतियों के जरिए नैतिक मूल्यों की प्रासंगिकता को बतलाती आई है, बाबा खीवादास जी महाराज ने इसे बहुत अधिक विस्तार दिया । बाद में स्वामी भगतदास जी महाराज और स्वामी बंशीदास जी ने इसे गतिशीलता दी । स्वामी ओमदास जी संस्कारों को जीवन का आधार मानते हैं और आध्यात्मिकता को व्यावहारिक सेवा से जोड़ते हैं। आपने संस्कारों के माध्यम से समाज में सद्भाव, सदाचार और जागरूकता का प्रसार किया। भजन, आरती और धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाती है। विभिन्न छंदों में संस्कारों पर विचार व्यक्त किए, जैसे "उठो, जागो, और अपने कर्मों से राष्ट्र को मजबूत बनाओ"। स्वतंत्रता दिवस जैसे अवसरों पर राष्ट्रभक्ति और संस्कारों का संदेश दिया। ✓समाज सेवा के क्षेत्र में किए गए कार्य... स्वामी ओमदास जी की समाज सेवा पीठ की मूल भावना है, जहां सभी को समान रूप से सेवा प्रदान की जाती है। -भंडारा और दैनिक सेवा... पीठ में 24 घंटे रसोई चलती है, जहां निशुल्क भोजन उपलब्ध है। पूर्णिमा, अमावस्या और चतुर्दशी पर विशेष मेले आयोजित होते हैं, जहां लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। - सड़क निर्माण और सुविधाएं...बामनी तलाई से अड़कसर तक सड़क बनवाई, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा हो। गौशाला का संचालन और कृषि फार्म में पशु चारा उत्पादन कर गौरक्षार्थ कार्य करते हुए समाज सेवा का हिस्सा हैं। ✓धार्मिक कार्यक्रम... लक्खी मेला, बरसी समारोह और अन्य उत्सवों का आयोजन, जहां संतों का सान्निध्य मिलता है। गुरु पूर्णिमा, हरियाली अमावस्या जैसे अवसरों पर समाज सेवा को बढ़ावा दिया। साथ ही हर माह पूर्णिमा और अमावस्या को यहां हजारों यात्री आते हैं। ✓सामाजिक कुरीतियों के निवारण और समाज सुधार के लिए किए गए कार्य स्वामी ओमदास जी ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाए और समाज सुधार को प्राथमिकता दी। बाल विवाह, शराब निषेध और कन्या भ्रूण हत्या का विरोध किया , इन कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए और छंदों के माध्यम से जन-जन तक संदेश पहुंचाया। नशा मुक्ति अभियान को विशेष रूप से चलाया, ताकि समाज स्वस्थ बने। ✓पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण और सफाई अभियान लगातार चलाते रहे हैं । सामाजिक एकता और नशा मुक्ति पर जोर दिया, जैसे बाबा खींवादास जी की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम। विभिन्न विषयों पर सुविचार प्रकट किए, जैसे "स्वतंत्र भारत का सपना तभी साकार होगा जब तुम आगे बढ़ोगे"। उन्होंने अंधविश्वासों का उन्मूलन किया और शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण पर बल दिया। विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों के साथ सहयोग कर समाज सुधार को बढ़ावा दिया। गरीबों, अनाथों और संतों की सेवा, गौ रक्षा और सनातन धर्म का प्रचार। उन्होंने समाधियों का नवीनीकरण किया और पीठ को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाया। स्वामी ओमदास जी का कार्य समाज में नैतिक उत्थान, सद्भाव और सेवा की भावना को मजबूत करता है, जिससे लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
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ASAshok Singh Shekhawat
Sept 13, 2025 03:33:18
Sikar, Rajasthan:स्वर्णिम राजस्थान प्रोग्राम सीकर 7 अवॉर्ड हासिल करने वाले का नाम मनु बाई गौ भक्त किन्नर समाज की मनु बाई गौशाला संचालित कर रात दिन कर रही है अनाथ गायों की सेवा एंकर सीकर जिले में पलसाना कस्बे में स्थित द्वारकाधीश गौशाला को किन्नर मनु बाई द्वारा संचालित किया जाना मनु बाई बुआ जी के नाम से जा कर रखा है गौशाला में कार्य करने के लिए 8 से 10 आदमी हमेशा कार्य करते रहते हैं और मुनि बाई ने अपना सब कुछ गोरखा में समर्पित कर रखा है सुबह से लेकर रात्रि तक अपने आप को गायों में समर्पित ही रखती है गौशाला में ही रहना खाना पीना वहीं पर करती है और साथ ही अगर इनको गो तस्करी के बारे में पता चल जाता है तो मौके पर पहुंच कर गायों को तस्करों से मुक्त भी करवाती हैं इन्होंने सैकड़ो गोवंश को कत्ल खाने में जाने से बचाया है मुनि बाई के पास सारे गोवंश देशी नस्ल के है जिनको सबको अलग अलग नाम दें रखा है उनको सबको नाम लेकर ही पुकारती है मुनि बाई गौ माता की सेवा में ही ईश्वर की सेवा भक्ति देखती है 500 गाय वर्तमान की सार संभाल की जा रही है। 15 साल से इस गौ शाला का मनु भाई द्वारा संचालित की जा रही
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ASAshok Singh Shekhawat
Sept 13, 2025 03:32:57
Sikar, Rajasthan:स्वर्णिम राजस्थान प्रोग्राम के लिए सीकर 6 अवॉर्ड हासिल करने वाले का नाम सेवानिवृत्त फौजी बिरजु सिंह सीकर के श्रीमाधोपुर इलाके के डेरावाली निवासी सेवानिवृत्त फौजी बिरजु सिंह गांव गांव में फौजी तैयार करते हैं,बिरजु सिंह ने सड़क पर इधर उधर भटकते युवाओं को देखकर उन्हें सही राह दिखाने का फैसला किया। और उन्होंने युवाओं को रंगरूट बनाने के लिए तैयार करने की ठान ली। इस की बदौलत आज उनके द्वारा निःशुल्क दी गई ट्रेनिंग की बदौलत करीब 400 से अधिक युवा मा भारती की सेवा कर रहें हैं। परिचय:- नाम:-बिरजु सिंह सामोता DOB:- 20/08/1970 जन्म स्थान:- गांव डेरावाली श्रीमाधोपुर सेना में भर्ती:- BSF में अप्रैल 1989 में महज 19 वर्ष की आयु में भर्ती हो गए। सेवानिवृत्त:- 24 साल 3 माह सेवा देने के बाद फौजी बिरजु सिंह फरवरी 2013 में हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए योग्यता:- फौज में 42 किलोमीटर की मैराथन में मेडल,पिस्टर फायर में दक्ष होने.पर तीन बार मेडल प्राप्त किया। बिरजु सिंह सामोता अपने गांव सहित आस पास के गांवों के युवाओं को इधर-उधर भटकते हुए देखकर उनका दिल पसीज गया और उन्होंने निशुल्क युवाओं को ट्रेनिंग देकर उनमें देशभक्ति का भाव जगाने की लगन से डेरा वाली खेल गांव में बंजर पड़ी भूमि में सेवानिवृत्ति के बाद स्वयं के खर्चे पर खेल मैदान तैयार करवाया और ट्रेनिंग देने के लिए काम में आने वाले सभी संसाधनों को जुटाना शुरू किया शुरू में बिरजू सिंह फौजी को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन वह इन परेशानियों से टच से मस भी नहीं हुए और उन्होंने रंगरूट तैयार करने की लगन को लेकर आगे बढ़ते रहे आज बिरजू सिंह फौजी अपने क्षेत्र ही नहीं बल्कि आसपास के करीब 200 किलोमीटर के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बन चुके हैं वे अब तक अपने खेल मैदान से मां भारती की सेवा में 400 से अधिक युवाओं तथा दिल्ली पुलिस एसएससी जीडी राजस्थान पुलिस सहित अन्य भर्तियों में 23 छात्राओं का चयन भी करवा चुके हैं। वे श्री बालाजी सैन्य निशुल्क संस्थान खेलगांव डेरा वाली के नाम से संस्था के माध्यम से निशुल्क रंगरूट तैयार कर रहे हैं जो स्वयं युवाओं में देशभक्ति का भाव जगा कर सुबह और शाम दोनों समय उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं करीब 200 किलोमीटर के आसपास के क्षेत्र से युवा उनके मैदान पर तैयारी कर रहे हैं। बिरजु सिंह सामोता फौजी ने बताया कि वे अब तक इस मैदान पर करीब 17 से 18 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं जिसमें स्वंय की पॉकेट से करीब तीन से चार लाख रुपए खर्च किए हैं बाकी जन सहयोग से उन्होंने राशि जुटाकर खेल मैदान पर खर्च किए।
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