Pendra, Chhattisgarh:दुर्गेश सिंह बिसेन / जी मीडिया / पेंड्रा / स्लग अरेस्ट / 2 7 25
एंकर -कोयला घोटाले में दूसरी बड़ी गिरफ्तारी: रांची से पकड़े गए विनोद सहाय के सहयोगी शेख जफर को मरवाही से पुलिस ने दबोचा, भोपाल पुलिस की कार्रवाई, करोड़ों के फर्जी बिलिंग रैकेट की खुलेगी परतें,
देश के बहुचर्चित कोयला घोटाले में एक और अहम गिरफ्तारी हुई है। भोपाल पुलिस की टीम ने आज मरवाही से शेख जफर को गिरफ्तार किया, जो इस घोटाले के मुख्य आरोपी विनोद सहाय का सहयोगी है। इससे पहले, 25 जून 2025 को मुख्य साजिशकर्ता विनोद सहाय को रांची, झारखंड से गिरफ्तार किया गया था।
जांच में सामने आया है कि शेख जफर, निवासी अनूपपुर (म.प्र.), विनोद सहाय के साथ मिलकर फर्जी बिलों और शेल कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये का कोयला व्यापार दर्शाकर हेराफेरी कर रहा था।
फर्जी फर्मों और लेनदेन का जाल:
शेख जफर के नाम से संचालित दो कंपनियाँ —
अम्बर कोल डिपो,
अनम ट्रेडर्स
ये जबलपुर के रानीताल पते पर पंजीकृत हैं।
अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स के साथ व्यापार दर्शाया गया।
वहीं, विनोद सहाय की फर्म JMKD कोल के जरिए भटिया कोल (बिलासपुर), खालसा कोल (बिलासपुर), आर्यन वॉशरी, जैन वॉशरी (अनूपपुर), हरिजिका कोल (रायगढ़) और अन्य फर्मों के साथ भी फर्जी व्यापार दिखाया गया।
प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड, चांपा
नेशनल फर्म (प्रोप्राइटर अक्कू जेठानी)
एमएसपी पॉवर प्लांट, रायगढ़
बीएस सिंघल पॉवर प्लांट, रायगढ़
इन संस्थानों को शेख जफर के माध्यम से फर्जी बिल उपलब्ध कराए गए थे, और कोयला आपूर्ति के नाम पर कागज़ी कारोबार किया गया।
इस पूरे खेल में राजा सरावगी (बुढार), अशोक चतुर्वेदी (बुढार), और राजेश कोटवानी (बिलासपुर) के नामों का भी खुलासा हुआ है, जिनसे कोयला क्रय दिखाकर बिल तैयार किए जाते थे
आज मरवाही से गिरफ्तार किए गए शेख जफर को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी, जिससे इस कोयला घोटाले के और भी बड़े खुलासे की उम्मीद है।
इस गिरफ्तारी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) व अन्य जांच एजेंसियों की भी नजरें अब इस नेटवर्क पर हैं।
यह मामला छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ के उद्योग समूहों तक फैले एक संगठित कोयला फर्जीवाड़ा गैंग का हिस्सा माना जा रहा है।