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Gorakhpur273013

गोरखपुरः सड़क की सुंदरता पर दाग लगा रहे हैं स्थानीय निवासी

Feb 01, 2025 10:22:53
Gorakhpur, Uttar Pradesh

बरहुआ से कोलिया के पास बने डिवाइडर पर ग्रामीणों द्वारा उपलों से पाट दिया गया है. यह मार्ग गोरखपुर से लखनऊ को जोड़ती है, जिले के तमाम अफसर का रोजाना लखनऊ से गोरखपुर आना जाना होता है मगर जिम्मेदारोें द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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ATANKUR TYAGI
Nov 21, 2025 12:21:20
Navi Mumbai, Maharashtra:महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश निकाला है जिसके मुताबिक सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों को अब से नेताओं, मंत्रियों, विधायक या सांसद के साथ शिष्टाचार के दायरे में रह कर बात करनी होगी, उनका सम्मान करना होगा लेकिन सवाल ये है कि क्या यही नियम इन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आम जनता के संदर्भ में क्यों लागू नहीं किया जाता है? म्हाडा, महाराष्ट्र में एक ऐसी संस्था जिसका काम है लोगो के लिए बेहद कम बजट में आवास की सुविधा मुहैया कराना है या उनको redevelopment प्रोजेक्ट्स बनाना है अक्सर कई नेता, विधायक और सांसद भी यहाँ के चक्कर काटते है लेकिन इसी सरकारी दफ्तर में हमें बहुत से ऐसे लोग मिले जो बताते है की इस दफ्तर में उन्हें एक छोटे से काम के लिए कई बार चक्कर काटने पड़ते है, हालाँकि अधिकारी आराम से बात करते है लेकिन एक ही काम के लिए बिना वजह कई बार चक्कर काटा जाता है लोग कहते है की जल्दी काम नहीं होता है, बार बार ऑफिस बुलाया जाता है एक ऐसे शख्स से मिले जिन्हे अभी हाल ही में म्हाडा की लॉटरी में घर मिला है लेकिन जुलाई से अभी तक उसका possession नहीं मिला है, एक बार में सारे काम एक साथ नहीं करते है, एक एक करके काम किया जाता है जिससे ज़्यादा वक्त लग जाता है एक शख्स ने बताया है की कुछ लोगो ने बिल्डर के साथ मिलकर एक फ्लैट को लेकर धोखा किया है, ये मामला करीब दो साल से चला आ रहा है, एक सीनियर सिटिजन महिला इसकी पीड़िता है जिनका मामला लेकर एक शख्स अभी तक 50-60 बार म्हाडा के ऑफिस के चक्कर लगा चुके है लेकिन काम आजतक नहीं हुआ है आज के दिन महिला के पास अपना कोई घर नहीं है परन्तु इससे म्हाडा के किसी अधिकारी या कर्मचारी को कुछ भी लेना देना नहीं है
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APAshwini Pandey
Nov 21, 2025 12:21:03
Navi Mumbai, Maharashtra:मुंबई में बीएमसी चुनाव नज़दीक आते ही महायुति के भीतर खींचतान तेज़ हो गई है। पूर्व मंत्री और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बेल पर चल रहे नवाब मलिक को NCP अजीत पवार गुट ने मुंबई में चुनावी ज़िम्मेदारी सौंप दी है। इसी फैसले का भाजपा नेताओं ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया है। बीजेपी नेता आशीष शेलार का तीखा विरोध है कि नवाब मलिक के साथ मुंबई में कोई गठबंधन संभव नहीं। क्योंकि उनका कहना है कि यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि उनके ऊपर लगे गंभीर आरोपों का है। अगर NCP (अजीत पवार गुट) मुंबई में नवाब मलिक के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी तो बीजेपी कार्यकर्ताओं की भावना है कि हम उनके साथ नहीं जा सकते। शेलार के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि महायुति में मुंबई स्तर पर तनाव बढ़ सकता है। सुप्रिया सुले ने बीजेपी पर निशाना साधा है कि बीजेपी को नवाब मलिक का वोट चाहिए, पर गठबंधन नहीं; यह बीजेपी का दोगलापन है। नवाब मलिक साफ कहते हैं कि उनके ऊपर लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। बीजेपी के बयान पर नवाब मलिक ने टिप्पणी नहीं की, पर उनकी पार्टी एनसीपी ने उन्हें बचाव किया है और आशीष शेलार को महायुति में परेशानी पैदा करने से बचने की नसीहत दे डाली है। आनंद परांजपे (NCP नेता और प्रवक्ता) ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने नवाब मलिक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था और उनके ख़िलाफ चुनाव लड़ने वाले शिंदे शिवसेना उम्मीदवार को सपोर्ट किया गया था। नवाब मलिक फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत पर बाहर हैं। बीएमसी चुनाव के लिए उन्हें NCP अजीत पवार गुट ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है, जिससे राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। देखना होगा चुनाव नजदीक आने पर क्या स्थिति बनती है।
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BBBhupendra Bishnoi
Nov 21, 2025 12:20:14
Jodhpur, Rajasthan:अवैध अफीम तस्करी पर बड़ी कार्रवाई, 29.738 किलोग्राम अफीम दूध के साथ ट्रक जब्त जodhpur। जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। जिला विशेष टीम (DST) और पुलिस थाना ओसियां की संयुक्त कार्रवाई में एक ट्रक से 29.738 किलोग्राम अवैध अफीम दूध बरामद कर तस्कर को गिरफ्तार किया गया है। पकड़ी गई अफीम की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है。 जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण नारायण टोगस के निर्देश पर यह कार्रवाई पुलिस मुख्यालय द्वारा संचालित विशेष अभियान के तहत की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपालसिंह लखावत के सुपरविजन और डीएसटी प्रभारी श्रवणकुमार भंवरिया के निर्देशन में तिंवरी रोड स्थित जाटीपुरा फाटक के पास संयुक्त नाकाबंदी की गई。 नाकाबंदी के दौरान टाटा ट्रक (आरजे 46 जीए 3996) को रुकवाकर जांच की गई। चालक ने खुद को हनुमानराम विश्नोई निवासी खोखरिया, हाल विष्णु कॉलोनी, जोधपुर पूर्व बताया। ट्रक की तलाशी लेने पर उसमें एक खुफिया बॉक्स बनाया हुआ मिला। बॉक्स खोलने पर भारी मात्रा में अवैध अफीम दूध बरामद हुआ。 पुलिस ने आरोपी हनुमानराम को गिरफ्तार कर ट्रक को जब्त कर लिया। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में प्रकरण दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है, ताकि तस्करी नेटवर्क के अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके。 इस संयुक्त कार्रवाई में डीएसटी के प्रदीप, हैडकॉन्स्टेबल विरेन्द्र खदाव, मदन मीणा, हरेन्द्र लोहरा, झूमरराम, श्रवणसिंह, मुकनसिंह, सोहनराम तथा ओसियां थाना टीम के थानाधिकारी राजेन्द्र चौधरी सहित अन्य कार्मिकों की विशेष भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक ने सभी को पुरस्कृत करने की घोषणा की है。
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DGDeepak Goyal
Nov 21, 2025 12:18:00
Jaipur, Rajasthan:घरेलू सिलेंडरों से कमर्शियल सिलेंडरों में अवैध रिफिलिंग का खुला खेल एक बार फिर बेनकाब हुआ है। लेकिन इससे भी बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि तीनों बड़ी तेल कंपनियां यह बताने तक में असमर्थ रहीं कि बाजार में पहुंच रहे घरेलू सिलेंडरों का ट्रैक आखिर चलता कैसे है। जिला रसद अधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में जब अधिकारियों से पूछा गया कि कौन-सा सिलेंडर किस एजेंसी से निकलकर बाजार तक पहुंच रहा है, इसे ट्रैक कैसे किया जाता है? तो तीनों तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों ने साफ कहा ट्रैकिंग सिस्टम है ही नहीं। घरेलू सिलेंडों को कमर्शियल गैस में रिफिल कर मोटी कमाई का काला खेल राजधानी में किस हद तक फैला है। यह खुद तेल कंपनियों ने ही बेबस खड़े होकर मान लिया। जयपुर जिला रसद अधिकारी प्रियव्रत सिंह चारण की अध्यक्षता में हुइ बैठक में तीनों ऑयल कंपनियों के प्रतिनिधि तब निरुत्तर रह गए, जब उनसे पूछा गया घरेलू सिलेंडर बाजार तक आ कहां से रहा है? ट्रैकिंग सिस्टम क्या है? जवाब था—किसी तरह का ट्रैकिंग सिस्टम है ही नहीं। जयपुर जैसे राजधानी जिले में जहां रोज हजारों सिलेंडर घूमते हैं, वहां ट्रैकिंग का शून्य होना अपने आप में सबसे बड़ा सवाल है। दिल्ली में बारकोड का पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। लेकिन राजस्थान अब भी “ब्लाइंड मोड” पर काम कर रहा है। यानी जो सिलेंडर अवैध रिफिलिंग के अड्डों पर मिल रहे हैं, उनके स्रोत का कोई रिकॉर्ड नहीं। पिछले दिनों चार लोकेशन पर की गई कार्रवाई में 700 से ज्यादा सिलेंडर पकड़े गए। कई जगहों पर तो एक लक्ष्य इंडियन गैस एजेंसी की गाड़ियां भी खड़ी मिलीं। पर ये सिलेंडर कहां से आए, किसने भेजे, कितने दिन से चल रहा था रैकेट—कोई नहीं बता सका, क्योंकि कंपनियों के पास रिकॉर्ड या ट्रैकिंग सिस्टम है ही नहीं। प्रियव्रत सिंह चारण, DSO, जयपुर प्रथम कुछ दिन पहले ही जयपुर जिला रसद टीम ने चार लोकेशन पर छापे में 700 सिलेंडर बरामद कर गैस माफिया की रीढ़ तोड़ी थी। इतना ही नहीं, एक जगह तो लक्ष्य इंडियन गैस एजेंसी की गाड़ियां खड़ी मिलीं। इसकी बाकायदा नामज़द एफआईआर भी करवाई गई है। इंडियन ऑयल अधिकारियों को भी आखिर मानना पड़ा कि इस प्रकरण के बाद लक्ष्य इंडियन गैस एजेंसी के निलंबन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। लेकिन असली सवाल अब भी वही है—सिस्टम में छेद कहां है और इसे बंद कौन करेगा? बैठक में कई बड़े सवाल उठे: आखिर इतनी बड़ी संख्या में घरेलू सिलेंडरों से कॉमर्शियल सिलेंडर में कैसे रिफलिंग हो रही है? आखिर घरेलू सिलेंडर इतनी बड़ी संख्या में कैसे आ रहे हैं? किस एजेंसी से सिलेंडर बाजार में आ रहा इसका कोई ट्रेकिंग सिस्टम है? 70 साल से सिलेंडर डिज़ाइन में कोई सुधार क्यों नहीं? उपभोक्ता को समय पर सिलेंडर नहीं मिलता, और यही कमी अवैध रिफिलिंग को बढ़ाती है। इस चक्र को कौन तोड़ेगा? डिलीवरी OTP सिस्टम आधा-अधूरा क्यों है? तेल कंपनियों के अधिकारियों ने माना कि OTP आधारित डिलीवरी अभी भी अधूरी है। IOCL केवल 75 फीसदी , जबकि HPCL और BPCL 40 फीसदी OTP पर अटके हैं। जब तक 100% OTP डिलीवरी नहीं होती, सिलेंडर का असली गंतव्य पता ही नहीं चलेगा। डिलीवरी वाहनों पर GPS क्यों नहीं? अब जिला रसद अधिकारी ने सख्त निर्देश दिए—लेकिन क्या बदलेगा? 100% OTP डिलीवरी अनिवार्य। हर 15 दिन की रिपोर्ट विभाग को भेजी जाए—हर महीने प्रगति समीक्षा। सुधार न दिखे तो सीधे केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे। डिलीवरी के कांटे की विधिक माप-विज्ञान से जांच अनिवार्य। बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाना जरूरी। बहरहाल, गैस माफिया का खेल वर्षों से चल रहा था, लेकिन अब पहली बार ऐसा लगा कि सिस्टम ने उसकी गर्दन पकड़ने की कोशिश शुरू की है। हालांकि असली परीक्षा अब शुरू होती है। क्या कंपनियां वाकई सुधार लागू करेंगी, या फिर सिलेंडरों की यह छाया अर्थव्यवस्था यूं ही शहर के मोहल्लों में फुसफुसाती रहेगी? जयपुर में अवैध रिफिलिंग के रैकेट पर लगाम लगाने की कोशिश जारी है, पर असल लड़ाई उन जवाबों की है जो तेल कंपनियों के पास आज भी नहीं हैं। दीपक गोयल जी मीडिया जयपुर।
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Nov 21, 2025 12:17:56
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Nov 21, 2025 12:17:20
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OBOrin Basu
Nov 21, 2025 12:17:01
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HBHeeralal Bhati
Nov 21, 2025 12:15:19
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