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Gonda271002

जमीन जायदाद के विवाद को लेकर दामाद ने पत्नी और ससुर की हत्या,दामाद हुआ गिरफ्तार

KAILASH NATH VERMAKAILASH NATH VERMA
Sept 22, 2025 09:45:15
Gonda, Uttar Pradesh
गोण्डा।परसपुर थाना क्षेत्र के ग्राम राजापुर कुम्हारन गांव में दामाद ने पत्नी और ससुर की हत्या कर दी जिससे सनसनी फैल गयी।विवाहिता बेटी के पिता मंगल को अचेतावस्था में ग्रामीणों ने इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पहुँचाया। जहां उपचार के दौरान घायल ने दम तोड़ दिया। एडिशनल एसपी व करनैलगंज सीओ अभिषेक दवाच्या,पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुँचकर घटना की पूरी जानकारी ली। फोरेंसिक टीम ने घटना के साक्ष्य जुटाए। ग्रामीणों के अनुसार- मंगल कुम्हार 58 वर्ष फालिस से परेशान था उसने वसीयत से दामाद का नाम हटा दिया था।
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JPJai Pal
Sept 22, 2025 11:32:48
Varanasi, Uttar Pradesh: बेंगलुरु से वाराणसी आ रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट (IX-1086) में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक यात्री ने कॉकपिट का दरवाज़ा खोलने की कोशिश की. हाईजैक की आशंका के चलते कैप्टन ने सूझबूझ दिखाते हुए दरवाज़ा नहीं खोला और तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को सूचित किया. विमान के वाराणसी एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंड होने के बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कॉकपिट का दरवाज़ा खोलने का प्रयास करने वाले यात्री समेत कुल 9 लोगों को हिरासत में ले लिया है. सभी से पूछताछ की जा रही है प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यात्री ने कॉकपिट के दरवाज़े का पासकोड डालने का भी प्रयास किया था. इस घटना से विमान में सवार अन्य यात्रियों में दहशत फैल गई. एयरलाइन और सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं.
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AMATUL MISHRA
Sept 22, 2025 11:32:41
Banda, Uttar Pradesh: रिपोर्ट - अतुल मिश्रा सेंटर - बांदा info -बांदा में एक 3 वर्षीय मासूम बच्चा तालाब में डूब गया जिससे उसकी मौत हो गई है बताया जा रहा है कि घर के सभी लोग अपने-अपने कामों में व्यस्त थे इस दौरान बच्चा घर से बाहर घूमते हुए बाहर निकल गया और गांव के बाहर कुछ दूरी पर एक तालाब था जहां खेलते कूदते हुए तालाब के पास पहुंच गया जहां गहरे पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई है। घर में काफी देर बाद तक बच्चे के नहीं दिखने पर परिजन उसको ढूंढने निकले पूरे गांव में ढूंढा तब तालाब के पास जाने पर परिजनों ने मासूम 3 वर्ष के शिवा को तालाब के पानी में उतराता हुआ पाया। मासूम बच्चे को तालाब से निकाल कर परिजन सीएससी बबेरू पहुंचे जहां पर चिकित्सक ने देखते ही मासूम बच्चे को मृत घोषित कर दिया। घटना से जहां परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है तो वही सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। माता-पिता की थोड़ी सी लापरवाही आज उनके लाडले की जिंदगी पर भारी पड़ गई है। मृतक मासूम के परिजन अश्वनी ने बताया कि हम लोग अपने-अपने कामों में घर में बैठे थे पता नहीं शिव घर से कब बाहर चला गया और कैसे तालाब के पास पहुंच गया हम लोगों ने काफी देर ढूंढा तो हमको शिवा तालाब में मिला है उसको लेकर अस्पताल पहुंचे जहां उसकी मृत घोषित कर दिया गया है। बाइट -अश्विनी (मृतक का परिजन) बाइट - सीएचसी इंचार्ज
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SKSATISH KUMAR
Sept 22, 2025 11:32:31
Jaspur, Uttarakhand:स्लग - सेवा पखवाड़ा के तहत रक्तदान कार्यक्रम में पहुँचे पूर्व मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत रिपोर्टर-सतीश कुमार स्थान - जसपुर एंकर - पूरे देश भर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन के उपलक्ष् में 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा के तहत तरह तरह के कार्यक्रम किये जा रहे है उसी के क्रम में आज जनपद उधम सिंह नगर के जसपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सेवा पखवाड़ा के तहत रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत पहुँचे तीर्थ सिंह रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री का जन्म दिन भाजपा सेवा पखवाड़े के रूप में मना रही है जिसमे भिन्न भिन्न कार्यक्रम किये जा रहे है मोदी जी ने शुरू से ही सेवा की है शुरू में अपनी पढ़ाई के बाद उसके बाद रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने के बाद यंहा तक पहुचे है उनकी सेवा अगर देखी जाए तो रेलवे स्टेशन पर जव सेना के जवान बॉर्डर पर जाते तो उनको फ्री सेवा देने का काम करते थे ओर आज भी देश के प्रधानमंत्री है लेकिन सेवा भाव उनकी प्राथमिकता है ओर इसीलिए पार्टी ने तय किया सेवा पखवाड़े के रूप में मनाएंगे नारियों का स्वास्थ्य ठीक रहे इसलिए लाखो शिविर 17 सितंबर को लगाए गए और आज जसपुर में सरकारी अस्पताल में सेवा भाव से रक्तदान शिविर में रक्त दान कर रहे है ओर इस कार्यक्रम में आने का मुझे सौभाग्य मिला है ओर मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने सबने देखा है जब भूकंप आया त्रासदी आई तो उससे कैसे निपटें ओर गुजरात का मॉडल जो उन्होंने दिया देश के अंदर ओर समाज के सामने उसे रक्खा एक विकास का मॉडल था और उसी विकास रथ आगे बढ़ाते 2047 तक ऐसा विकसित भारत की वो कल्पना लेकर चले है मेरा वैभव अमर रहे ओर ये देश आगे बढ़ना चाहिए बाईट - तीर्थ सिंह रावत ( पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड )
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Sept 22, 2025 11:32:23
Bhalgori, Jharkhand:निरसा विधानसभा अंतर्गत शासनबरिया स्थित रिद्धि सिद्धि प्लांट के मजदूरों ने बोनस की मांग को लेकर सोमवार की सुबह कंपनी का गेट जाम कर धरने पर बैठ एवं परिचालन ठप कर दिया। इस दौरान मजदूरों ने प्रबंधक के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। गेट जाम रहने के कारण लगभग आधा दर्जन वाहन खड़े हो गए। यूनियन अध्यक्ष बबलू गोप एवं महासचिव रघु मिश्रा ने कहा की 2020 में प्रबंधन के साथ वार्ता हुई थी की आगामी पांच वर्षो तक 2021, 2022, 2023 एवं 2024 तक 11 प्रतिशत बोनस दिया जाएगा। उसके बाद बैठक कर आने वाले वर्षो में बोनस पर विचार विमर्श किया जाएगा। हमलोग जब इस साल प्रबंधक के साथ बात करने गए तों वे बोनस बढ़ाने के बजाय कम करने की बात कहने लगे। हमलोगों की मांग है की इस साल कम से कम 15 प्रतिशत बोनस दे।
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NZNaveen Zee
Sept 22, 2025 11:32:11
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ASArvind Singh
Sept 22, 2025 11:31:12
Noida, Uttar Pradesh:_For DNA-इलाहाबाद HC का फैसला इससे पहले आए फैसलों से कैसे अलग है_ *SC इससे पहले क्या कह चुका है* अक्टूबर 2023 ने सुप्रीम कोर्ट ने एक केस की सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले के 'कॉज टाइटल' में आरोपी की जाति का उल्लेख करने पर हैरानी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि कोर्ट फैसलों के 'कॉज टाइटल' में आरोपी या वादी की जाति की जानकारी शामिल नहीं की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जब कोर्ट किसी केस की सुनवाई करता है तो वो आरोपी की जाति या धर्म नहीं देखता है और यह इस कोर्ट की समझ से बाहर है कि ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले के कॉज टाइटल में आरोपी की जाति का उल्लेख क्यों किया गया है! इसके बाद जनवरी 2024 में दिए एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसके सामने दायर की जाने वाली याचिका में मेमो ऑफ पार्टीज़ (याचिका में पक्षकारों की सूची) में किसी वादी के जाति या धर्म का उल्लेख नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि उसके या उसके अधीनस्थ आने वाले ट्रायल कोर्ट में लंबित किसी याचिका/ मुकदमे/ कार्यवाही के मेमो ऑफ पार्टीज़ में किसी वादी की जाति का उल्लेख नहीं होना चाहिए। *इलाहाबाद HC ने क्या निर्देश दिया है* इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 16 सितम्बर को जो आदेश दिया है, वो सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों ने दी गई व्यवस्था से एक कदम आगे का है। हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को थानों के नोटिसबोर्ड,एफआईआर/पब्लिक रिकॉर्ड और शहरों, गांव के साइन बोर्ड में जाति के उल्लेख को हटाने का निर्देश दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है:- *कोर्ट को बताया गया है कि यूपी के सभी थानों के नोटिस बोर्ड में आरोपी के जाति के उल्लेख वाला कॉलम है।राज्य सरकार इस आदेश की कॉपी मिलने के तुंरत बाद इस कॉलम को खत्म करने का आदेश जारी करेगी *कोर्ट को बताया गया है कि सूबे के ग्रामीण इलाकों , कस्बे, तहसीलें और जिले मुख्यालय की कुछ कॉलोनियों में कुछ लोग (जो झूठे जातीय गौरव और जातीय अहंकार से प्रेरित है) ऐसे बोर्ड लगा रहे हैं जो जातियों का महिमामंडन करते हैं और कुछ इलाकों को जातीय क्षेत्र या संपत्ति घोषित करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि ऐसे बोर्ड तत्काल हटाए जाएँ और भविष्य में ऐसे बोर्ड लगाने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएँ। सम्बंधित ऑथोरिटी जल्द से जल्द इस सम्बंध में औपचारिक नियमवाली जारी करेगी *उत्तर प्रदेश के गृह विभाग (ACS-Home), डीजीपी से परामर्श करके Standard Operating Procedures (SOPs) तैयार और लागू करे ताकि उपरोक्त दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित हो सके। *कोर्ट ने पुलिस मैनुअल या नियमावली में संशोधन करने का सुझाव दिया है ताकि जांच से जुड़े , पब्लिक डॉक्यूमेंट में शिकायतकर्ता, आरोपी और गवाह की जाति का खुलासा न हो। हालाँकि, शिकायतकर्ता को केवल उन मामलों में छूट दी जाएगी जहाँ जाति का उल्लेख करना कानूनी ज़रूरत हो, (जैसे कि अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत दर्ज मामलों में ) *सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि यह निर्देश केवल उत्तर प्रदेश की सीमाओं में लागू होंगे और केंद्र सरकार की मर्जी है कि वो इसे लागू करें या करें।
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KKKamal Kumar
Sept 22, 2025 11:31:03
Pakhanjur, Chhattisgarh:Place-- पखांजूर एंकर, पखांजूर क्षेत्र के ग्राम पंचायत बड़गाँव में पूर्व वार्ड पंचों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। पाँच साल से मानदेय न मिलने और प्रशासन की लापरवाही से तंग आकर पूर्व वार्डपंचों ने अब सीधा मोर्चा खोल दिया है।आरोप है कि पंचायत सचिव, कार्रवाई से बचने के लिए धमकियाँ दे रहा है और यहाँ तक कि पैसों का लालच देकर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनवा रहा है। जिससे आज नाराज पूर्व वार्डपंच एसडीएम कार्यालय पहुँचे और अपना बयान दर्ज कराया है।चेतावनीदेते हुए वार्डपंचो ने कहा की यदि कार्रवाही नहीं हुई तो प्रदर्शन करने कोई मजबूर होंगे। गौरतलब है की ग्राम पंचायत बड़गाँव के पूर्ववार्ड पंचों ने दो महीने पहले एसडीएम कार्यालय में लिखित शिकायत की थी कि उन्हें पिछले पांच वर्षों का मानदेय अब तक नहीं मिला। लेकिन शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय मामला दबा दिया गया।आरोप है कि सचिव को जानबूझकर स्थानीय प्रशासन द्वारा मोहलत दी जा रही है और इस बीच सचिव ने वार्ड पंचों को धमकाना और प्रलोभन देना शुरू कर दिया है।शिकायत वापस लेने का दबाव सचिव द्वारा बनाया जा रहा है और पैसों का प्रलोभन देकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश हो रही है। नाराज पंचों ने एसडीएम कार्यालय पहुँचकर आज अपना बयान दर्ज कराया और स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरेंगे।पंचों का कहना है कि अब वे किसी भी कीमत पर पीछे हटने वाले नहीं हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर सचिव पर कार्रवाई से प्रशासन क्यों बच रहा है? पाँच साल से मानदेय का भुगतान क्यों नहीं किया गया? और वार्ड पंचों को उनका हक कब मिलेगा? बाईट 01 पूर्व वार्डपंच, ग्राम पंचायत बड़गाव बाईट 02 पूर्व वार्डपंच, ग्राम पंचायत बड़गाव
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NDNEELAM DAS PADWAR
Sept 22, 2025 11:30:54
Korba, Chhattisgarh:एंकर - एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित जमीन का मुआवजा लेने से पहले रिकॉर्ड दुरुस्ती की मांग को लेकर कोरबा जिला के ग्राम पड़निया के निवासी आज कलेक्ट्रेट पहुंचे। सैकड़ों की तादात में पहुंचे ग्रामीणों ने अपर कलेक्टर से गुहार लगाई की एसईसीएल नौकरी और पुनर्वास की ओर ध्यान न देकर जमीन को अधिग्रहण करने में जल्दबाजी कर केवल मुआवजा देकर जमीन खाली करने का ग्रामीणों पर दबाव बना रहा है, जबकि एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित ग्रामीणों की जमीन का रिकॉर्ड ही दुरुस्त नहीं है। रिकार्ड दुरुस्त नहीं होने के चलते जमीन के बदले नौकरी लेने में उन्हें दिक्कतें आएंगी। ग्रामीणों ने अपर कलेक्टर से गुहार लगाई कि गांव में शिविर लगाकर उनके जमीन के रिकॉर्ड की दुरुस्ती की जाए ताकि उन्हें एसईसीएल द्वारा शर्त नियमों के आधार पर मुआवजा, नौकरी और पुनर्वास मिल सके। अपर कलेक्टर ने भी गांव वालों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। दरअसल 2009-10 में secl द्वारा ग्राम पड़निया की जमीन को खदान के लिए अधिग्रहित किया गया है। लेकिन आज तलक गांव वालों को ना पुनर्वास दिया गया है और ना जमीन के बदले नौकरी दी गई है। अब secl प्रबंधन ग्रामीणों पर दबाव बना रहे हैँ की मुआवजा लो और जमीन को खाली करो, जबकि गांव की जमीन का राजस्व रिकॉर्ड में दुरुस्ती करण नहीं हुआ है। राजस्व रिकॉर्ड में दुरुस्तीकरण नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को जमीन के बदले नौकरी पाने के लिए secl द्वारा निर्धारित जमीन के रकबे से कम रकबा अंकित होने पर नौकरी से वंचित कर दिया जाएगा जिसका डर उन्हें सता रहा है। इसीलिए वह पहले रिकॉर्ड दुरुस्ती करण की मांग कर रहे हैं। बाइट - ग्रामीण बाइट - देवेंद्र पटेल, अपर कलेक्टर
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