Paraspur: पसका सूकरखेत में पौष पूर्णिमा पर साधु-संतों की भीड़, कल्पवास और भजन कीर्तन की धूम
पौष पूर्णिमा की तिथि नजदीक आते ही सूकरखेत में संत महात्माओं की आमद बढ़ रही है। चारों ओर साधु संतों का कल्पवास और सत्संग भजन कीर्तन की धूम मची हुई है, जो धर्म, आस्था, सेवा और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत कर रही है। संत कौशलदास ने बताया कि सूकरखेत में कल्पवास करने से पशु योनि में जाने से मुक्ति मिल जाती है। वहीं, संत मनीराम, बाल्मीकि, राम तेज, दयानंद, रामजानकी, भानूदास, कौशलदास, वंशीराज और मौनीदास ने सरयू-घाघरा नदी के संगम को बनाए रखने के लिए बांध के स्थान पर साइफन बनाने का सुझाव दिया।
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