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Gautam Buddha Nagar201304

क्या ट्रंप ने भारत-यूएस रिश्ते को खतरे में डाला? बहस तेज

AAAkshay Anand
Dec 11, 2025 07:40:31
Noida, Uttar Pradesh
US representative Sydney Kamlager-Dove says, "When Trump took office at the beginning of this year, the Biden administration handed him a bilateral relationship at the height of its strength... These were hard-earned accomplishments and the product of strategic discipline from our two countries. And then what happened? Flush, flush, flush down the toilet, the capital that Americans have built over decades in service of Trump's personal grievances and at the expense of our national interests. Unless he changes course, Trump will be the American president who lost India. or more accurately, who chased India away while revitalising the Russian empire, while breaking up the transatlantic alliance, and menacing Latin America. That is not a legacy any president should be excited about having. When the history books are written about where Trump's antagonism towards India began, they will point to something that has nothing to do with our long-term strategic interests. his personal obsession with a Nobel Peace Prize. While that is laughable, the harm that it will cause is not. Singling out India for 50 % tariffs, one of the highest rates imposed on any country, has effectively derailed leader-level meetings between our two countries. Yet the 25% tariff on imports of Russian oil attributed to India looks pretty pointless when Steve Witkoff is striking backroom deals with Putin's advisors to sell out Ukraine in exchange for some business investment... Beyond tariffs, Trump has also attacked the people-to-people ties between the US and India. The $100,000 fee on H-1B visas, 70% of which are held by Indians, is a rebuke of the incredible contributions Indians have made to science, technology, medicine, and the arts in the United States."
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TSTushar Srivastava
Dec 11, 2025 08:45:14
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Dec 11, 2025 08:36:31
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KCKashiram Choudhary
Dec 11, 2025 08:34:34
Jaipur, Rajasthan:प्रवासी राजस्थान दिवस में शिक्षा पर विशेष सत्र - मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रवासी राजस्थानीयों ने पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा और उद्यमशीलता का लोहा मनवाया है। शिक्षा का देश एवं प्रदेश की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। 21वीं सदी में ज्ञान ही पूंजी है। यह हमारे युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करती है। सीएम ने ये विचार प्रवासी राजस्थानी दिवस के तहत आयोजित शिक्षा के सेक्टोरल सेशन में व्यक्त किए। सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर नवाचार किए जा रहे हैं। 12वीं कक्षा के तुरंत बाद राज्य के युवाओं के लिए कौशल उन्नयन और रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से अर्ली कैरियर प्रोग्राम टेक-बी शुरू किया है। साथ ही, स्कूली छात्रों में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आई.स्टार्ट कार्यक्रम का विस्तार किया गया है। राज्य सरकार द्वारा स्टार्टअप पॉलिसी, अटल इनोवेशन स्टूडियो एंड एक्सेलरेटर, एवीजीसी- एक्सआर पॉलिसी, सेंटर फॉर एडवांस्ड स्किलिंग, स्टेट स्किल पॉलिसी जैसे निर्णयों से युवाओं के लिए अवसरों के नए द्वार खोले गए हैं। पिछले दो साल में हमने 71 नए राजकीय महाविद्यालय और 21 नए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले हैं। 177 नए कॉलेज भवनों का लोकार्पण किया है। विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना, विज्ञान-गणित किट का वितरण और सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं। हमारी मंशा है कि प्रवासी राजस्थानी निवेश अनुकूल वातावरण का लाभ उठाएं। साथ ही अपने पैतृक गांवों में शिक्षा के आधारभूत ढांचे के विकास में भी सहयोग करें। यादव बोले, बिट्स पिलानी, कोचिंग में कोटा गौरव सत्र की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा से अग्रणी रहा है। स्कूल शिक्षा में अजमेर, तकनीकी शिक्षा में पिलानी, कोचिंग संस्थानों में कोटा जैसे शहर आज देशभर में जाने जाते हैं। नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को प्रोडक्ट के बजाय पर्सनेलिटी बनाने पर जोर दिया गया है। राजस्थान में विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण व उनमें मानवीय गुणों के विकास पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन किए जा रहे हैं। राजस्थान की अर्थव्यवस्था ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रही है। पैनल डिस्कशन में सामने आए महत्वपूर्ण तथ्य सत्र में विशेषज्ञों के पैनल डिस्कशन के दौरान एमिटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. असीम चौहान ने कहा कि देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसा विजनरी रिफॉर्म पिछले 30-40 वर्ष में नहीं देखा गया। अवसरों के मामले में जितने अवसर अभी हैं, उतने पिछले कई दशकों में नहीं आए। आईआईटी जोधपुर के निदेशक अविनाश कुमार अग्रवाल ने स्टार्टअप शुरू करने के लिए आवश्यक जरूरतों पर प्रकाश डाला। बिट्स पिलानी के ग्रुप वाइस चांसलर प्रो. वी रामगोपाल राव ने एक्सपीरियंसियल लर्निंग पर अपने विचार रखे। जिससे इंडस्ट्री व शिक्षण संस्थानों की दूरी को कम कर युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सके। आईआईएम उदयपुर के निदेशक अशोक बनर्जी ने आज के दौर में आइडिया के महत्व व संस्थानों में एन्टरप्रेन्योरशिप का माहौल तैयार करने की जरूरत पर वक्तव्य दिया.
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MKMohammad Khan
Dec 11, 2025 08:34:13
Bhilwara, Rajasthan:भीलवाड़ा। जिले के करेडा थाना क्षेत्र में 18 अगस्त को हुए बूदर गुर्जर की संदिग्धावस्था में हुई मौत के मामले में मृतक की पत्नी पूजा गुर्जर और गाँव वालों ने भैरू लाल गुर्जर लगाया है। ग्रामीणों के अनुसार, बूदर गुर्जर की मौत के बाद कई बार रिपोर्ट देने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिला पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद आठ नवंबर को मुकदमा दर्ज हुआ। ग्रामीणों का आरोप है कि मुख्य गवाह भैरू लाल गुर्जर और अन्य गवाहों को थाना प्रभारी ने गवाही न देने का दबाव बनाया। सात दिसंबर को जब गवाह भैरू लाल गुर्जर, तेजू गुर्जर और जगदीश गुर्जर अपने भाई श्रवण लाल गुर्जर के साथ मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचे, तो मीणा ने उन्हें धमकाया। इसके बाद, पुलिस हेड कांस्टेबल उमराव द्वारा तीनों गवाहों को बंद कर दिया गया। ग्रामवासियों ने पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा से थाना प्रभारी करेडा को हटाकर, इस पूरे मामले की जांच उच्चाधिकारी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
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ASAshok Singh Shekhawat
Dec 11, 2025 08:33:54
Sikar, Rajasthan:सीकर के नानी गांव का गंदे पानी का हाईवे 52 और खेतों में भरा गंदा पानी सीकर शहर के नजदीकी नानी गांव में बना कच्चा डैम टूटने से आसपास के इलाकों के ढाका की ढाणी और भदाढर गांव तक पहुंच गया। गंदा पानी ग्रामीणों के खेत में घुस गया तो वहीं मुख्य राजमार्ग पर भी पानी का जल भराव हो गया। जिससे स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और मुख्य नेशनल हाईवे 52 को जाम कर दिया। सूचना पर नगर परिषद और सदर थाना पुलिस व कोतवाली थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। स्थानीय प्रशासन के समझाइस के बाद भी प्रदर्शनकारी नेशनल हाईवे 52 पर जाम लगाकर बैठे रहे। इसके बाद पुलिस ने जबरन करीब एक एक दर्जन महिला और पुरुष प्रदर्शन कार्यों को पुलिस बस में बैठ कर करीब 300 मीटर तक ले कर गई और उन्हें दूर ले जाकर छोड़ दिया। पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई से ग्रामीण और आक्रोशित हो गए और एक बार फिर ढाका की ढाणी गांव में नेशनल हाईवे 52 को जाम कर दिया। इसके बाद नगर परिषद और पुलिस से अधिकारियों की समझाइस के बाद जाम खोला गया। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि नानी डैम के टूटने का सिलसिला आज कोई अनोखा नहीं है पिछले एक दशक से भी ज्यादा का समय से गंदे पानी का बांध टूटने का सिलसिला बना हुआ है। यह गंदे पानी का बांध पहले तो सिर्फ बारिश के मानसून के समय ही टूटा था लेकिन अब बिना मानसून के ही नानी बांध में शहर के गंदे पानी की आवक अधिक होने के चलते नगर परिषद द्वारा लगाए गए कर्मचारी बार-बार पानी के ओवरफ्लो होने के डर से गंदे पानी को आसपास के इलाके में खोल देते हैं। गंदा पानी मुख्य सड़कों और आसपास के गांव में छोड़ने से गंदा पानी नेशनल हाईवे 52 सहित आसपास के खेतों और मकान में भी घुस जाता है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों की समस्या और बढ़ जाती है। आपको बताएं कि नानी गांव सहित आसपास के इलाके के ग्रामीणों ने पिछले कई वर्षों में स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और राज्य सरकार तक को अवगत करवा चुके हैं लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ।
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