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Fatehpur212601

फतेहपुर में रिश्वतखोर कानूनगो को डीएम ने किया निलंबित

Jul 04, 2024 10:05:35
Fatehpur, Uttar Pradesh

फतेहपुर में एक बड़ी घटना सामने आई है जहां एंटी-करप्शन टीम ने राजस्व निरीक्षक को रिश्वत लेते हुए दबोचा है। इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है। शिकायतकर्ता ने एंटी-करप्शन टीम से रिश्वत के खिलाफ शिकायत की थी जिसके बाद सदर तहसील के कांधी में तैनात कानूनगो रामशरण सिंह को दबोचा गया। डीएम ने इस मामले में कानूनगो को निलंबित कर दिया है।

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VSVIPIN SHARMA
Dec 09, 2025 09:46:46
Kaithal, Haryana:कैथल नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल का दूसरा दिन और हड़ताल बेअसर, मरीजों को मिल रही नियमित सेवाएं कैथल में मांगों को लेकर डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही, लेकिन इसका खास असर नागरिक अस्पताल में देखने को नहीं मिला। जिले के करीब 26 डॉक्टर हड़ताल पर रहे और उन्होंने ओपीडी, ऑपरेशन व अन्य नियमित स्वास्थ्य सेवाओं से दूरी बनाई। मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने करनाल स्थित कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई। कुल 42 डॉक्टर करनाल से बुलाए गए हैं। कैथल नागरिक अस्पताल के कुछ डॉक्टर हड़ताल में शामिल नहीं हुए, ऐसे में फिलहाल अस्पताल में कुल 69 डॉक्टर मरीजों को सेवाएं दे रहे हैं।अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं, सर्जरी, अन्य ऑपरेशन व पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पहले की तरह जारी है। ओपीडी में भी मरीजों को सामान्य रूप से जांच और उपचार मिल रहा है। कैथल की सिविल सर्जन (CMO) डॉ. रेणु चावला ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता मरीज हैं, इसलिए किसी भी सूरत में इलाज में बाधा नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती कर दी गई है और सभी चिकित्सा सेवाएं नियमित रूप से सुचारु रूप से चल रही हैं। बाइट: डॉ. रेणु चावला, CMO कैथल
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KSKAMARJEET SINGH
Dec 09, 2025 09:46:06
Bassi Akbarpur, Haryana:करनाल इज़रायल की उन्नत तकनीक से मधुमक्खी पालन में नई उड़ान भरेगा हरियाणा इंडो–इज़रायल परियोजना के तहत उचानी में राष्ट्रीय सेमिनार का आगाज करनाल : हरियाणा के किसान अब मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में इज़रायल की उन्नत तकनीकों से महारत हासिल करेंगे। मधुमक्खी पालन को आधुनिक स्वरूप देने और किसानों की आय दुगुनी करने के उद्देश्य से बागवानी प्रशिक्षण संस्थान उचानी में इंडो–इज़रायल परियोजना के तहत 3 दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की शुरुआत हुई。 देशभर से विशेषज्ञ व अधिकारी पहुंचे—30 से अधिक प्रतिनिधियों की सहभागिता : इस राष्ट्रीय सेमिनार में गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, हिमाचल, राजस्थान, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, मिजोरम सहित विभिन्न राज्यों से करीब 30 वरिष्ठ बागवानी अधिकारी शामिल हुए। इज़रायल से पहुंचे कृषि विशेषज्ञ मि. रूबीस्टेन, मि. मोरेनसिती और दनियल हदाद ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई。 “तकनीकी अंतर को खत्म करना हमारा उद्देश्य”—संयुक्त निदेशक डॉ. बिल्लू यादव : उचानी उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. बिल्लू यादव ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कर रही है। उन्होंने बताया कि इज़रायल में मधुमक्खी पालन के जो आधुनिक, प्रभावी और वैज्ञानिक तरीके अपनाए जा रहे हैं, उन्हें यहां प्रशिक्षण के माध्यम से विस्तार से समझाया और प्रदर्शित किया जाएगा。 डॉ. यादव ने कहा,“भारत और इज़रायल के बीच जो तकनीकी अंतर है, इस सेमिनार का उद्देश्य उसे मिटाना और उनके सिद्ध ज्ञान को भारतीय परिस्थितियों में लागू करना है।”उनके अनुसार सेमिनार में शामिल अधिकारी अपने राज्यों में लौटकर इन जानकारियों को किसानों तक पहुंचाएंगे ताकि देशभर के किसान इसका लाभ उठा सकें।उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा में वर्तमान में इंडो–इज़रायेल के छह प्रमुख प्रोजेक्ट—सब्जी, फल, फूल और मधुमक्खी पालन—सफलतापूर्वक चल रहे हैं। “चुनौतियों से निपटने के लिए तकनीकी आदान-प्रदान जरूरी”—इज़रायली विशेषज्ञ रूबीस्टेन : इज़रायली कृषि विशेषज्ञ रूबिस्टेन ने कहा कि वे यहां भारत में मधुमक्खी पालन से जुड़ी चुनौतियों का अध्ययन करने और समाधान सुझाने आए हैं。 उन्होंने कहा, “बौद्धिक और तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान ही इन चुनौतियों से निपटने का सबसे मजबूत माध्यम है।”उन्होंने बताया कि इज़रायल और भारत दोनों देश मधुमक्खी पालन की बीमारियों व पर्यावरणीय समस्याओं से समान रूप से जूझ रहे हैं और ऐसे कार्यक्रम संयुक्त प्रयासों को मजबूती देते हैं। रूबिस्टेन ने यह भी कहा कि भारत–इज़रायल संबंधों की मजबूती देखकर उन्हें अत्यधिक खुशी हुई है और उन्हें विश्वास है कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा。 इज़रायली विशेषज्ञ मोरेनसिती भी हुए प्रभावित : इज़रायल से आए विशेषज्ञ मि. मोरेनसिती ने भी भारतीय कृषि वैज्ञानिकों व अधिकारियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग को “भविष्य की मजबूत कदम” बताया。
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SKSantosh Kumar
Dec 09, 2025 09:45:30
Noida, Uttar Pradesh:GTB नगर के Hudson Lane में बना Mama's Boui कैफे बार 2017 में शुरू हुआ था. 2023 में इसे बंद कर दिया गया. Mama's Boui के एक्स मैनेजर ने कहा कि बार 2023 के करीब बंद हुआ, बंद करने की वजह वक्त की कमी थी. रोमियो लेन चलने से इसे बंद कर दिया गया. 2017 में शुरू होकर यह लगभग 6 साल चला. उसी बिल्डिंग में अब दो दुकानें चल रही हैं; पहला और दूसरा फ्लोर खंडर जैसे हैं. इसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर एक नई दुकान खुली है, जो लगभग एक महीने पहले खोली गई. मालिक ने बताया कि उन्हें डिमांड करने के बावजूद भी पहला और दूसरा फ्लोर नहीं दिया गया और कहा बिल्डिंग के मालिक विदेश में हैं, इसलिए ग्राउंड फ्लोर पर दुकान खोली. दुकान के मालिक ने कहा कि पहला और दूसरा फ्लोर पूरी तरह से बंद हैं. बार का सामान जस के तस पड़ा है; सभी कुर्सी और सामान को सील पैक किया गया है, लेकिन दो साल से खुला नहीं है.
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Dec 09, 2025 09:42:32
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Dec 09, 2025 09:34:42
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर भारत में ड्रग्स का कारोबार नया नही है पहले बड़े महानगरों यानि की दिल्ली, मुम्बई, गुजरात शहरों में चलता कारोबार लेकिन अब ठिकाने बदलने लगे है। पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती जिलों जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बालोतरा, जालौर और सांचौर में पिछले कुछ वर्षों से MD (मेथाम्फेटामाइन) ड्रग्स का अवैध कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। पुलिस, एसओजी व एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में लगातार ऐसी फैक्ट्रियां पकड़ी जा रही हैं जहाँ रेगिस्तानी धोरों में बने अस्थायी शेल्टरों या खेत-खलिहानों के बीच चल रही यूनिटों में इस जानलेवा ड्रग का उत्पादन किया जा रहा था। सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि अब ये नेटवर्क ग्रामीण क्षेत्रों तक अपनी जड़ें पसार चुका है, जहाँ भौगोलिक परिस्थितियां और कम आबादी इनके लिए सुरक्षित ठिकाने साबित हो रहे हैं। पुलिस अधिकारियों की माने तो पाकिस्तान से सटे इलाके लंबे समय से तस्करों के लिए संवेदनशील रहे हैं, लेकिन MD ड्रग्स के मामले में इस क्षेत्र का इस्तेमाल सिर्फ आवागमन ही नहीं बल्कि अब निर्माण के तौर पर भी होने लगा है। पुलिस के अनुसार अवैध प्रयोगशालाएँ अक्सर दूर-दराज़ रेतीले क्षेत्रों में स्थापित की जाती हैं जहाँ पहुँच पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण होती है। पकड़ी गई फैक्ट्रियों में अधिकांश में रासायनिक उपकरण, ड्रग्स और तैयार MD पाउडर की बड़ी मात्रा मिली है जिसका बाजार मूल्य करोड़ों में आंका जाता है। जोधपुर का ग्रामीण इलाका इस अवैध कारोबार का नया केंद्र बनता जा रहा है। यहाँ की सुनसान ढाणियाँ, खेतों में बने खाली कमरे, तथा रात के समय कम आवाजाही का फायदा उठाकर गिरोह अपनी यूनिट संचालित करते हैं। पिछले महीनों में पकड़ी गई फैक्ट्रियों से यह संकेत मिलता है कि इस नेटवर्क के पीछे प्रशिक्षित केमिस्ट और अंतरराज्यीय आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं। खासकर एज्यूकेटेड लोग शार्टकट से पैसा बनाने के चक्कर में इस कारोबार में शामिल होने लगे है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और पिछले कुछ महीनों में कई बड़ी फैक्ट्रियाँ नष्ट की गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि नेटवर्क जटिल है और इसमें कई स्तरों पर लोग जुड़े होते हैं। केमिस्ट, सप्लायर, स्थानीय मददगार और सीमापार के तस्कर। प्रशासन अब ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष निगरानी, ड्रोन सर्विलांस और जन-जागरूकता अभियान बढ़ा रहा है। कितनी खतरनाक है MD मानसिक चिकित्सक के अनुसार MD एक अत्यंत खतरनाक सिंथेटिक ड्रग है जो सीधे मस्तिष्क की तंत्रिका प्रणाली पर असर डालती है। मनोचिकित्सक डॉ सुरेन्द्र कुमार बताते हैं कि MD के सेवन से व्यक्ति को क्षणिक ऊर्जा और उत्साह तो मिलता है, लेकिन यह धीरे-धीरे गंभीर मानसिक रोग, अवसाद, पागलपन जैसे लक्षण, दिल की धड़कन में अनियमितता और कई बार अचानक मृत्यु का कारण बनती है। उनका कहना है कि इसके आदी लोग सामाजिक जीवन से कटने लगते हैं और अपराध के रास्ते पर भी बढ़ सकते हैं। पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में बेरोजगारी, पलायन और सामाजिक असुरक्षा जैसी स्थितियाँ युवाओं को नशे की ओर धकेल रही हैं। MD की उपलब्धता बढ़ने से कॉलेज और कामकाजी युवाओं में इसका प्रयोग तेजी से बढ़ा है। यह ड्रग سस्ती नहीं है पर आसानी से मिलने की वजह से इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। बाइट डॉ सुरेन्द्र कुमार सह आचार्य मेडिकल कॉलेज पश्चिमी राजस्थान में MD ड्रग्स का बढ़ता कारोबार सिर्फ कानून-व्यवस्था की चुनौती नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ी के लिए गंभीर खतरा है। कड़े कानून, लगातार पुलिस कार्रवाई और जन जागरूकता व सहयोग से ही थार के धोरों में बढते इस कारोबार को रोका जा सकता है。
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ASAkhilesh Sharma
Dec 09, 2025 09:33:42
Dungarpur, Rajasthan:नए नियमों में फंसा पॉलिटेक्निक कॉलेज के विद्यार्थियों का भविष्य, छात्र बोले : 6 साल के समय को बिना बताए कम कर दिया पॉलिटेक्निक कॉलेज डूंगरपुर के विद्यार्थियों ने आज मंगलवार को कलेक्ट्री के सामने प्रदर्शन किया। विद्यार्थियो ने की डिप्लोमा के लिए पहले 6 साल का समय दिया था। लेकिन बिना बताए ही इस नियम में बदलाव कर दिए ओर अब 4 साल में ही डिप्लोम पास करने की अनिवार्यता कर दी। इससे कुछ छात्र इससे वंचित रह गए है। छात्रों ने विषय पास करने में एक ओर अवसर देने की मांग की है。 पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र रमेश समेत कई विद्यार्थी आज मंगलवार को कलेक्टर के सामने पहुंचे। यहाँ उनकी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इसके बाद कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगे रखी। छात्रों ने बताया कि उन्होंने तकनीकी शिक्षा लिए 2021 में पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन लिया था। उस समय डिप्लोमा उत्तीर्ण करने के लिए 6 साल के समय के बारे में जानकारी दी गई थी। इसके बाद तकनीकी शिक्षा बोर्ड की ओर से 2022 में नियमों में बदलाव करते हुए 6 साल के समय को घटाकर 4 साल में डिप्लोमा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया। जिसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई। 15 नवंबर को परीक्षा फॉर्म के लिए 2021 बैच के विद्यार्थी पहुंचे। लेकिन उनका किसी का परीक्षा फॉर्म उपलब्ध नहीं हुआ। जब इसके बारे में पता किया कि बताया कि नए नियमों के अनुसार अब उनका एनरोलमेंट नंबर उपलब्ध नहीं है। जबकि उन्होंने जब एडमिशन लिया तब 6 साल में डिप्लोमा पास करने का नियम था। नए नियमों के बारे में कॉलेज और विभाग की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। छात्रों ने उनके परीक्षा फॉर्म उपलब्ध करवाकर एक ओर अवसर प्रदान करने की मांग की है।
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