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Farrukhabad209625

अवैध भवनों पर नोटिस की बारिश, शहर में राजस्व घोटाला उजागर

ASARUN SINGH
Nov 27, 2025 04:49:04
Farrukhabad, Uttar Pradesh
शहर के ख़ज़ाने को चूना लगाकर खड़े हुए ये बहुमंज़िला होटल, अस्पताल, रेस्टोरेंट और मैरिज लॉन अब खुद ज़िले की सबसे बड़ी ख़बर बन चुके हैं। राजस्व की लूट, मरीजों की ज़िंदगी से खिलवाड़ और बच्चों के खेलने की ज़मीन पर खड़े अवैध भवन—पूरा शहर आज इसी सवाल से जूझ रहा है कि जिम्मेदार कौन और जवाबदेह कब होंगे। की चमकती रोशनी के पीछे सरकारी राजस्व की काली कहानी दबा दी गई थी, लेकिन अब जिला प्रशासन ने इस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आधा सैकड़ा से ज़्यादा होटल, अस्पताल, मॉल, बारातघर और मैरिज लॉन पर नोटिस की बरसात ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है। ये तस्वीरे सिर्फ़ इमारतों की नहीं, सिस्टम में बैठे भ्रष्टाचार की हैं – सुमन मैरिज लॉन, राम बैंक्विट हॉल, मयूर हॉस्पिटल, गौरी हॉस्पिटल, कंचन एजेंसी, राजश्री हॉस्पिटल, बाबू नेपाली रेस्टोरेंट, आकांक्षा हॉस्पिटल, खाटू श्याम हॉस्पिटल, आकांक्षा कोचिंग सेंटर, जीआर गार्डन, सैनिक फैमिली रेस्टोरेंट, मोहन टावर और माझी फैमिली रेस्टोरेंट… नाम बदल जाएंगे, लेकिन खेल वही पुराना है। कहीं पार्क की बच्चों वाली ज़मीन पर हॉस्पिटल खड़ा कर दिया गया, तो कहीं रिहायशी इलाकों की साँसें रेस्टोरेंट के शोर और गाड़ियों के धुएँ में घुटने लगीं। शहर की प्लानिंग कागज़ों पर रही और ज़मीनी हकीकत में प्लॉट से लेकर नक्शे तक सब कुछ पैसे के दम पर बदलता रहा। मानक विहीन अस्पताल, मौत का ख़तरा(वीओ) सबसे बड़ा सवाल अस्पतालों पर खड़ा होता है। जब बिल्डिंग ही अवैध है, तो भीतर लगी मशीनों और लाइसेंस की वैधता पर भरोसा कैसे किया जाए? मानक विहीन इन अस्पतालों को एनओसी देने में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका सबसे बड़ा सवाल बन चुकी है –फायर सेफ़्टी, इमरजेंसी एग्ज़िट, पार्किंग और वेंटिलेशन के बगैर चल रहे अस्पताल सीधे-सीधे मरीजों की जान से खेल रहे हैं। जिन बिल्डिंगों पर टैक्स चोरी, अवैध ज़मीन और नक्शा पास न होने के आरोप हैं, वहीं पर आईसीयू, ओटी और नर्सिंग होम खुले हुए हैं; ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाए तो जिम्मेदार कौन होगा – भवन मालिक, लाइसेंस देने वाला अधिकारी या फिर चुप रहने वाला सिस्टम? जब नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन कागज़ों में और बिल्डिंग का अस्तित्व भ्रष्टाचार में डूबा हो, तो हर भर्ती मरीज एक अनदेखे रिस्क पर साइन कर रहा होता है। नगर मजिस्ट्रेट संजय कुमार बंसल के नेतृत्व में अब तक आधा सैकड़ा से ज्यादा अस्पताल, मॉल, बारातघर और होटल को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। नोटिस के ज़रिए न सिर्फ़ कागज़ात माँगे जा रहे हैं, बल्कि ये साफ़ संदेश भी दिया जा रहा है कि अब बिना लाइसेंस, बिना मापदंड और बिना राजस्व दिए किसी भी भवन को बख्शा नहीं जाएगा। जिलाधिकारी आशुतोष द्विवेदी और नगर मजिस्ट्रेट की संयुक्त सख़्ती ने उन पुरानी फाइलों को झकझोर दिया है, जिन पर पहले के अधिकारियों ने सिर्फ़ मुहर नहीं लगाई बल्कि सवाल भी दफ़न कर दिए थे। शहर की दिशा अब इस मोड़ पर आ चुकी है कि या तो ये इमारतें कानूनी दायरे में आएँगी या फिर गिरकर मिसाल बनेंगी। शहर को हुआ नुकसान करोड़ों का राजस्व सरकार तक नहीं पहुँच पाया, क्योंकि या तो गलत श्रेणी में रजिस्ट्रेशन हुआ, या फिर बिना रजिस्ट्रेशन ही कारोबार चलता रहा। जहां नगर निकाय को टैक्स मिलना चाहिए था, वहां जेबें भरती रहीं और फाइलों में “सब नियमों के तहत” लिखा जाता रहा। बच्चों के खेलने के लिए छोड़ी गई पार्क की ज़मीन पर जैसे ही हॉस्पिटल या रेस्टोरेंट खड़ा होता है, शहर का भविष्य कंक्रीट के बोझ तले दब जाता है। अवैध पार्किंग, ट्रैफिक जाम, कचरा, धुआँ और शोर – इन सबने मिलकर आम नागरिक की ज़िंदगी की क्वालिटी गिरा दी, जबकि ये वही ज़मीन और वही शहर था जो बेहतर प्लानिंग के साथ राहत दे सकता था सवाल–जिम्मेदार कौन? “जब बिल्डिंग का नक्शा ही सही नहीं, जब ज़मीन का उपयोग ही अवैध है, तब अस्पताल का लाइसेंस किस नियम के तहत दिया गया? किसने इन फाइलों पर साइन किए, किसने एनओसी जारी की, और आज तक किसने आँखें मूंदे रखीं? ये सिर्फ़ भ्रष्टाचार की कहानी नहीं, ये भरोसे की लाश पर खड़ी व्यवस्था की तस्वीर है।” आज ज़रूरत सिर्फ़ नोटिस तक सीमित रहने की नहीं, बल्किहर अवैध भवन की पब्लिक लिस्टिंग,जिम्मेदार अधिकारियों के नाम सार्वजनिक करनेऔर शहर से छिनी हर इंच ज़मीन का हिसाब लेने की है। क्लोज़िंग लाइन: जब राजस्व का पैसा निजी तिजोरियों में और बच्चों का खेल का मैदान कंक्रीट के जंगल में बदल जाए, तो समझ लीजिए शहर सिर्फ़ फैलता है, विकसित नहीं होता। अब गेंद जिला प्रशासन के साथ-साथ जागरूक नागरिकों के पाले में भी है—क्योंकि खामोशी भी कई बार भ्रष्टाचार की साझेदार बन जाती है। बाइट— संजय कुमार बंसल नगर मजिस्ट्रेट
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HUHITESH UPADHYAY
Nov 27, 2025 05:17:02
Pratapgarh, Rajasthan:प्रतापगढ़ में यूरिया खाद संकट गहराया, लंबी कतारें, तपती धूप और किसानों की टूटी उम्मीदें प्रतापगढ़ जिले में यूरिया खाद की भारी कमी ने किसानों की उम्मीदों पर गहरा आघात किया है। खेतों में रबी फसलों को खाद की सख्त जरूरत है, लेकिन सप्लाई ठप होने से किसान सुबह से शाम तक तपती धूप में लंबी कतारों में खड़े रहने को मजबूर हैं। हालात इतने बिगड़ गए कि अरनोद उपखंड के भचुंडला गांव में ग्रामीणों ने यूरिया खाद की कालाबाजारी के आरोप लगाते हुए एक ट्रक को पकड़ लिया और इसकी शिकायत कोटड़ी थाने में दर्ज कराई है। पूरे जिले में खाद का संकट अब बेकाबू होता जा रहा है और किसानों की परेशानी चरम पर है। प्रतापगढ़ जिलेभर में यूरिया खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। जिले के प्रतापगढ़ मुख्यालय से लेकर अरनोद, छोटीसादड़ी, पीपलखूंट और धरियावद तक हर जगह खाद की किल्लत ने किसानों को मानसिक और शारीरिक रूप से थका दिया है। सुबह 7 बजे लाइन में लगने वाला किसान देर शाम तक इंतजार करता है, लेकिन खाद न मिलने की निराशा के साथ घर लौटने को मजबूर है। रबी फसलों की पोषण जरूरतें चरम पर हैं, ऐसे में खाद की कमी ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। अरनोद क्षेत्र के कृषि केंद्रों पर सोमवार को सुबह से ही लंबी कतारें लगी रहीं। किसान धूप में खड़े-खड़े बेहाल हो गए, मगर अधिकांश को खाद नहीं मिल पाई। लगातार कम सप्लाई और अव्यवस्थित वितरण व्यवस्था पर किसानों ने गंभीर नाराजगी जताई। वहीं अरनोद उपखंड के भचुंडला गांव में ग्रामीणों ने यूरिया खाद की कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए एक ट्रक को पकड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि जब किसानों को सरकारी समितियों पर खाद नहीं मिल रही, वहीं दूसरी ओर ट्रकों में खाद की अवैध निकासी की जा रही है। इस संबंध में ग्रामीणों ने कोटड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इस घटना ने खाद संकट को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बाइट- किसान वहीं छोटीसादड़ी क्षेत्र में स्थिति और भी विस्फोटक हो चुकी है। कई दिनों से सहकारी समितियों और लेम्प्स पर खाद न मिलने के कारण सैकड़ों किसान उपखंड कार्यालय पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। किसानों ने तहसीलदार राजकुमार सरेल को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि तीन दिनों में पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। सरकारी समितियों पर खाद का स्टॉक खत्म है, जबकि निजी दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक वसूली कर रहे हैं और अन्य सामान लेने का दबाव भी बनाया जा रहा है। कई किसानों ने दावा किया कि ब्लैक में यूरिया 500 से 700 रुपये में बेची जा रही है, जबकि आम किसान एक कट्टा भी हासिल नहीं कर पा रहा है। खाद की किल्लत ने महिला किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है। सुबह से शाम तक लाइन में लगने के कारण कई महिलाएं भूखी-प्यासे खड़ी रहती हैं। उनका कहना है कि लाइन में लगने की मजबूरी के कारण घर के बच्चे भी भूखे रह जाते हैं। पुरुष किसान भी कई दिनों से लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन फिर भी निराशा ही हाथ लग रही है। किसानों के अनुसार प्रशासन स्थिति की गंभीरता को समझने के बजाय अनदेखी कर रहा है। कई स्थानों पर किसान दुकानों और समितियों में पहुंचे, लेकिन कर्मचारियों ने बात सुनने से भी मना कर दिया। एक दुकान पर जब किसानों को खाद उपलब्ध न होने की बात कही गई तो गुस्साए किसान थाने तक पहुंचे, लेकिन वहां भी समाधान नहीं मिला। प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय, अरनोद, छोटीसादड़ी, पीपलखूंट और धरियावद—सभी जगह हालात लगभग समान हैं। खेतों में फसलें खाद के इंतजार में खड़ी हैं, मौसम का महत्वपूर्ण समय निकल रहा है और किसानों की मेहनत खतरे में पड़ती नजर आ रही है। बाइट- किसान
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Nov 27, 2025 05:16:04
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KSKamal Solanki
Nov 27, 2025 05:15:58
Dhar, Madhya Pradesh:धार से इस वक्त की बड़ी खबर… आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देश पर इस अभियान को अंजाम दिया गया। इंदौर संभाग के उपायुक्त आबकारी संजय तिवारी और सहायक आबकारी आयुक्त राज नारायण सोनी के मार्गदर्शन में — धार, सरदारपुर और बदनावर की संयुक्त टीम ने सूरजपुरा नाले और तालाब क्षेत्र के साथ ही सादी नदी किनारे दबिश दी। इस कार्रवाई में कुल 16 हज़ार 720 लीटर लाहन और 130 लीटर अवैध हाथ भट्टी मदिरा जप्त की गई। साथ ही 6 प्रकरण MP आबकारी अधिनियम की धारा 34(1) क में दर्ज किए गए हैं। जप्त की गई मदिरा और वाहन की कुल अनुमानित कीमत करीब 16 लाख 91 हज़ार 500 रुपये बताई जा रही है। इस संयुक्त कार्रवाई में सहायक जिला आबकारी अधिकारी नानूराम अलावा, दिनेश उदैनिया, मोहन भायल, राजकुमारी मंडलोई, शालिनी सिंह सहित आबकारी उपनिरीक्षक राजकुमार शुक्ला, रोहित मुकाती, अश्विनी रोजड़े और धार, सरदारपुर व बदनावर की टीमें शामिल रहीं。 ............. धार जिले में अवैध मदिरा के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। फिलहाल आगे की जांच जारी है。
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Nov 27, 2025 05:07:05
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PCPUSHPENDRA CHATURVEDI
Nov 27, 2025 05:05:46
Shahdol, Madhya Pradesh:एंकर-शहडोल जिले के धनपुरी में प्राइवेट स्कूलों द्वारा बिना परमिट और ओवरलोड गाड़ियाँ चलाने की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद यातायात विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। सुबह-सुबह चले ताबड़तोड़ चेकिंग अभियान में पाँच स्कूल वाहनों पर चालानी कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई ने स्कूल प्रबंधन की लापरवाही और बच्चों की सुरक्षा से हो रहे खिलवाड़ को साफ तौर पर उजागर कर दिया है। धनपुरी क्षेत्र में लंबे समय से प्राइवेट स्कूल वैन और मैजिक वाहनों द्वारा क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर सड़क पर दौड़ाए जाने की शिकायतें मिल रही थीं। कई वाहन बिना फिटनेस, बिना परमिट और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के साथ रोजाना सड़कों पर चलते देखे गए। अभिभावक लगातार डर में थे कि कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यातायात विभाग की टीम ने आज सख़्त कार्रवाई करते हुए चेकिंग अभियान चलाया। यातायात विभाग की इस कार्रवाई ने स्कूल प्रबंधन को भी आईना दिखा दिया है कि बच्चों की सुरक्षा किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आने वाले दिनों में ऐसे अभियानों को और कड़ा किया जाएगा, ताकि स्कूल बसें सुरक्षित और नियमों के अनुरूप संचालित हों।
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RSRavi sharma
Nov 27, 2025 05:05:18
Jammu, :भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से होने वाली घुसपैठ की आशंका के चलते जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुरू किया बड़ा तालाशी अभियान, भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से मात्र 500 मीटर दूर सटे गजनसू इलाके में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने पूरे इलाके में चलाया तालाशी अभियान, इस दौरान नदी नालों व जंगली इलाकों को जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने खंगाला, इस दौरान काफी समय से खाली पड़े घरों को भी जवानों ने खंगाला , यह वही इलाका है जहां इससे पहले भी पाकिस्तान की तरफ से कई बार घुसपैठ के प्रयास किए गए हैं जिन्हे सुरक्षा बलों ने विफल किया है, पाकिस्तान की तरफ से इस इलाके में कई बार पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन भी देखा गया है जिस के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान अलर्ट मोड़ पर है ,
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DIDamodar Inaniya
Nov 27, 2025 05:05:11
Nagaur, Rajasthan:डीडवाना : वक्फ संपत्तियों के मामले में प्रशासन को राजस्थान हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने अपर जिला न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी है, जिसके तहत एसडीएम की गाड़ी को सीज किया गया था। अदालत के आदेश की पालना नहीं करने पर जप्त की गई थी एसडीएम की गाड़ी। वक्फ संपत्तियों को लेकर वक्फ कमेटी डीडवाना बनाम राज्य सरकार के मामले में दायर इजराय याचिका पर सुनवाई करते हुए अपर जिला न्यायालय ने डीडवाना जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी और तहसीलदार के वाहनों को कुर्क करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा 8 सालों से बार बार जारी कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं करने को कोर्ट की अवमानना का दोषी मानते हुए तीनों अधिकारियों की गाड़ियों को कुर्क करने के आदेश दिए थे। इसके तहत उपखंड अधिकारी की गाड़ी को सीज कर लिया गया था। इसके बाद एसडीएम ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।
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