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एटा के ग्राम मीरापुर में युवक की गई जान, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
Etah, Uttar Pradesh
एटा जिले के मारहरा क्षेत्र के ग्राम मीरापुर में 48 वर्षीय युवक की सोते समय जान ले ली गई। इस घटना के पीछे बताया गया है कि आरोपी आकाश का निर्धारण हुआ है क्योंकि वह मृतक की पुत्री से प्रेम करता था और जब लड़की की शादी दूसरी जगह तय करने पर उसने जान ले ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम गृह भेजा और मामले की जांच शुरू कर आरोपी को गिरफ्तार किया है।
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Lal Chak, Uttar Pradesh:
मिर्जामुराद, वाराणसी। क्षेत्र में छात्रा की हत्या से आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को हाईवे पर जाम लगा दिया। सुबह से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण व परिजन मिर्जामुराद हाईवे पर जुटे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। मौके पर मिर्जामुराद थाने सहित आसपास के कई थानों की पुलिस फोर्स बुलाई गई। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस की लापरवाही के चलते छात्रा की हत्या हुई और अभी तक नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस प्रशासन ने लोगों को समझाने का प्रयास किया
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Gwalior, Bhopal, Madhya Pradesh:
भोपाल
राजधानी में बदमाशों ने बरपा कहर
वाहनों में बदमाशों ने देर रात लगाई आग
चार मोटरसाइकिल जलकर हुई खाक
12 नम्बर मल्टी ब्लॉक नंबर 84 कुशाभाऊ ठाकरे परिसर फेस 2 में अज्ञात बदमाशों ने रात 1 बजे लगाई आग
हबीबगंज पुलिस कर रही मामले की जांच
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Jamui, Bihar:
जमुई: शहर स्थित महाराजगंज में पत्नी को तलाक नहीं दिया तो बुधवार को सनकी पिता ने अपने परिवार वालों के साथ मिलकर अपने ही पुत्र प्रेम चंद्र गुप्ता को लोहे कि रड से मार कर बुरी तरह घायल कर दिया। घटना की जानकारी डायल 112 की पुलिस टीम को दी गई। उसके बाद मौके पर पहुंची 112 की पुलिस टीम द्वारा फौरन घायल प्रेमचंद गुप्ता को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्रेमचंद गुप्ता की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टर ने प्रारंभिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया। वहीं घायल प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी भावना कुमारी ने मारपीट का आरोप अपने ससुर संजय प्रसाद गुप्ता ,सुधांशु कुमार, सास संगीता देवी , ननद खुशबू कुमारी नेहा कुमारी और नंदोसी सूरज कुमार गुप्ता पर लगाया है। उन्होंने बताया कि 3 वर्ष पूर्व उनकी शादी संजय प्रसाद गुप्ता के पुत्र प्रेमचंद गुप्ता से हुई थी शादी के बाद डेढ़ साल तक सब कुछ ठीक-ठाक रहा लेकिन डेढ़ साल पूर्व बच्चा पैदा नहीं होने की वजह से ससुर संजय प्रसाद गुप्ता के द्वारा उनके पति यानी वह अपने पुत्र प्रेमचंद गुप्ता पर बहू को तलाक देने का दबाव बनाने लगे और मारपीट भी करने लगे।ससुर का कहना था कि बच्चा पैदा नहीं हो रहा है तो उसे तलाक दे दो लेकिन उनके पति ने ऐसा नहीं किया। जिस वजह से डेढ़ वर्ष पूर्व भी दोनों को मारपीट कर घर से भगा दिया गया ।उसके बाद वह कोर्ट में केस की थी, फिर कोर्ट में उनके ससुर संजय प्रसाद गुप्ता के द्वारा बहु को सही सलामत से रखने की बात कह कर कोर्ट के आदेश पर तीन दिन पूर्व अपने ससुराल अपने पति के साथ पहुंची थी। ससुराल पहुंचते ही उनके साथ फिर मारपीट किया गया। तब दो दिन पहले भी वह टाउन थाना पहुंचकर आवेदन दी थी उनके पति मेडिकल स्टोर चलते हैं। जब वह दुकान पर थे तो उक्त सभी लोग मिलकर आए और अचानक उनके पति प्रेमचंद गुप्ता पर ताबड़तोड़ लाठी- डंडे वलोहे की रोड से हमला कर दिया। इस दौरान उनके पति के सिर पर लोहे की रड से प्रहार कर बुरी तरह घायल कर दिया गया। जिससे उनके पति की हालत गंभीर होने की वजह से डॉक्टर ने पटना रेफर कर दिया। वहीं पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुटी हुई है।
बाइट.....भावना कुमारी, घायल की पत्नी
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Madhepura, Bihar:
कोसी बैराज से लगातार हो रहे पानी डिस्चार्ज को लेकर एलर्ट मॉड पर हैं जिला प्रशासन, मधेपुरा के आलमनगर, चौसा और पुरैनी प्रखंड मे आगामी बाढ़ को लेकर डीएम ने की सभी तैयारी पूर्ण, नाव परिचालन, पशु चारा और मानवीय राहत सामग्री को लेकर निकाली जा चुकी है निविदा। साथ हीं बाढ़ को लेकर प्रभारी मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ की गयी है समीक्षा बैठक। वहीं इस मामले को लेकर डीएम तरणजोत सिंह ने बताया कि आगामी बाढ़ को लेकर जिले मे सभी तैयारी मुकम्मल कर ली गयी है। खासकर मधेपुरा के तीन प्रखंड, आलमनगर चौसा व पुरैनी प्रखंड के दर्जनों पंचायतें हर साल बाढ़ से प्रभावित रहता है। उन्होंने बताया कि जिले मे बाढ़ पूर्व तैयारी कर ली गयी है इतना हीं नहीं जिले के प्रभारी मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक भी हुई। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र मे नाव परिचालन, पशु चारा और मानवीय राहत सामग्री उपलब्धता हेतु निविदा भी निकाली जा चुकी है। हर हाल मे बाढ़ से निपटने को लेकर जिला प्रशासन तैयार है। जरा आप भी सुनिए बाढ़ की तैयारी को लेकर क्या कुछ बता रहे हैं मधेपुरा डीएम।
बाइट : तरणजोत सिंह, डीएम मधेपुरा।
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Dihierench, West Bengal:
*জগন্নাথ দেবের আগমন উপলক্ষে দিঘার মাসির বাড়িতে এখন যেন উৎসবের আবহ। পাঁচবার ভোগ, বিশেষ রাজভোগ, আর তার সাথেই প্রভুর অন্যতম প্রিয় খুদের পিঠে – সব মিলিয়ে দিঘার মাসির বাড়ি এখন এক ভক্তিময় ভাণ্ডার।*
VO1:- জগন্নাথ দেবের মাসির বাড়িতে সকাল থেকেই শুরু হয় নানা রকম আচার-অনুষ্ঠান। সমুদ্রের গর্জনের সাথে মিশে গিয়েছে মন্দিরের কাঁসর-ঘণ্টার ধ্বনি। মাসির বাড়ির মন্দিরে প্রতিদিন পাঁচবার ভোগ নিবেদন করা হচ্ছে।
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প্রভু জগন্নাথের প্রিয় খুদের পিঠে তৈরি করছেন সাত-আটজন সেবায়েত, প্রতিদিন বিকেলের মধ্যেই। লুচি, পরোটা, আর সেই খুদের পিঠে—সন্ধ্যার ভোগে প্রধান অর্ঘ্য।
*BYTE: পূর্ণচন্দ্র নন্দ (মাসির বাড়ির প্রধান পুরোহিত)*
VO2:- সকালে, দুপুরে, রাতে তিনবেলা ভোগ নিবেদন করা হচ্ছে। দুপুরে থাকে রাজভোগ – পাঁচ রকমের ভাজা, শুক্তো, ডাল, সবজি। বিশ্রামের সময় দরজা বন্ধ থাকে।
*BYTE: শ্রী নিকুন্তী কর (মন্দিরের সেবায়েত)*
VO3:- দুপুর ১২টার রাজভোগের পর ১টা থেকে ৩টে পর্যন্ত বিশ্রামে থাকেন জগন্নাথ-বলরাম-সুভদ্রা। এরপর ফের খুলে যায় মন্দিরের দরজা। রাতে শোবার আগে প্রভুকে দেওয়া হয় দুধ ও শুকনো ফল।
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মাসির বাড়ির সামনে ঝাউবাগানে শোভা পাচ্ছে নন্দীঘোষ, তালধ্বজ আর দর্পদলন রথ। নতুন মন্দিরে বিরাজমান মূর্তি—সন্ধ্যায় আলোর রোশনাইয়ে সৈকত চত্বর যেন আলো ঝলমলে হয়ে ওঠে। প্রতিদিন ভিড় জমাচ্ছেন পর্যটক দর্শনার্থীরা।
*BYTE: মিতা লাহিড়ী (দর্শনার্থী)* 28 sec.
*BYTE: শ্যামলী মন্ডল (দর্শনার্থী)* 14 sec.
*BYTE: সায়ন লাহিড়ী (দর্শনার্থী)* 21 sec.
FVO:-
দিঘার মাসির বাড়ি এখন শুধুই ভক্তি রসে ভরপুর।আর শেষদিন, অর্থাৎ ফেরত রথে, ভোগ খাওয়ানো হবে প্রায় দশ হাজার ভক্তকে।
ক্যামেরায়-- দেব মল্লিক,রিপোর্ট --কিরণ মান্না।
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Korba, Chhattisgarh:
एंकर -एसईसीएल दीपका विस्तार परियोजना के लिएग्राम मलगांव में चिन्हाकित भूमि पर स्थिति परिसंपत्तियों के सर्वेक्षण के दौरान मुआवजे के लिये तैयार सूची में लगभग 152 मकान के काल्पनिक होने का खुलासा हुआ है। कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश पर एसडीएम कटघोरा रोहित सिंह, राजस्व अमला तथा एसईसीएल दीपका के अधिकारियों की टीम द्वारा जांच किये जाने पर 152 मकान काल्पनिक होने का मामला सामने आया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कटघोरा एसडीएम ने एसईसीएल दीपका के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर मलगांव के काल्पनिक मकान के मुआवजा को निरस्त करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल दीपका विस्तार परियोजना के लिए एस.ई.सी. एल. दीपका द्वारा ग्राम मलगांव की 63.795 हेक्टेयर जमीन का अर्जन किया गया था। अर्जित भूमि पर स्थित परिसम्पत्तियों का सर्वेक्षण साल 2022-23 में इस कार्य हेतु गठित दल ने एस.ई.सी.एल. दीपका में पदस्थ कर्मचारियों के सहयोग से पूर्ण किया गया था। सर्वेक्षण के दौरान कुल 1638 मेजरमेंट बुक तैयार की गई थी, उक्त मेजरमेंट बुक के आधार पर गणना पत्रक तैयार किया गया था।
मई 2025 में ग्राम मलगांव में स्थित परिसम्पत्तियों को हटाकर पूर्णतः विस्थापित किये जाने के दौरान यह पता चला कि मेजरमेंट बुक के अनुसार भौतिक रूप से परिसंपत्तियां है ही नहीं। इस संबंध में एसईसीएल दीपका के द्वारा 78 ऐसे मकानों की सूची उपलब्ध कराई गई, जो मौके पर स्थित नहीं हैं, अर्थात काल्पनिक मकान है। इसी प्रकार विस्थापन के दौरान मौके पर उपस्थित राजस्व अधिकारी / कर्मचारी द्वारा 74 मकानों की सूची जिसमें वर्ष 2018 से 2022 के गूगल अर्थ की फोटो अटैच की गई। गूगल अर्थ की फोटो के अवलोकन से स्पष्ट रूप से पाया गया कि उक्त 74 मकान भी मौके पर स्थित नहीं हैं, अर्थात काल्पनिक मकान है। इस तरह कुल 152 मकान काल्पनिक मकान के रूप में पाये गये, जिनकी गणना गलत मेजरमेंट बुक के आधार पर किया गया है।
Jiske बाद कटघोरा एसडीएम ने एसईसीएल दीपका के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर 152 काल्पनिक मकानों की परिसम्पत्तियों को भुगतान किसी भी परिस्थिति में नहीं करने और यदि किसी मकान का भुगतान कर दिया गया है तो संबंधितों से वसूली की कार्यवाही प्रारंभ कर 15 दिवस के भीतर राशि वसूल करनें, साथ ही सभी काल्पनिक मकानों की परिसंपत्तियों का मुआवजा निरस्त करने की प्रक्रिया 03 दिवस में पूर्ण कर एसडीएम कार्यालय कटघोरा को निरस्त मुआवजा राशि के साथ अवगत कराने के निर्देश दिये है।
बाइट - रोहित सिंह, एसडीएम कटघोरा
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Bhilwara, Rajasthan:
लोकेशन रायला स्थानीय संवाददाता राजेंद्र कुमार धनोपिया मोबाइल नंबर 7976014148
रायला
ट्रक कंटेनर ने मारी ट्रैक्टर को टक्कर ट्रॉली पलटी एक व्यक्ति की मौत
दो घायल
अजमेर भीलवाड़ा हाईवे 48 पर सरेरी के पास लिरडिया खेड़ा औवरब्रिज की है घटना
भीलवाड़ा से अजमेर की ओर जा रहा था ट्रैक्टर ट्राली पलटी मार गई पत्थर के टुकड़े भरे हुए थे रोड पर बिखरे रोड को किया बंद
दो गंभीर घायल को 108 एम्बुलेंस में भीलवाड़ा एम जी में रेफर किया
एक शव को रायला सीएससी मोर्चरी में रखवाया
रायला में गुलाबपुरा पुलिस मौके पर पहुंची
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Pratapgarh, Rajasthan:
Slug : 0307ZRJ_PRTP_PROBLEM_R
जिला : प्रतापगढ़
विधानसभा : प्रतापगढ़
खबर की लोकेशन : पीपलखूंट
जिला संवादाता : हितेष उपाध्याय, 9079154796
हेडर/हेडलाईन : उफनते नालों ने रोका रास्ता, पीपलखूंट में बारिश बनी मुसीबत
एंकर/इंट्रो : पीपलखूंट क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पहाड़ी क्षेत्रों और गांवों में बहने वाले छोटे नदी-नालों में पानी की आवक लगातार बनी हुई है। नालों के उफान पर आने से कई जगहों पर छोटी पुलियाओं पर पानी बह रहा है, जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है और आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत उन ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही है, जहां आवागमन का एकमात्र जरिया यही छोटी पुलियाएं हैं। देर रात उपखंड क्षेत्र पीपलखूंट के नायन से पृथ्वीपुरा जाने वाला मुख्य मार्ग भी बाधित हो गया। नाले के ऊपर से पानी बहने के कारण इस मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह रुक गई। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि एक एंबुलेंस को भी रास्ते में रुकना पड़ा और मरीज को समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल सकी। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बारिश के दौरान यही स्थिति बनती है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। ग्रामीणों की मांग है कि ऐसे संवेदनशील स्थलों पर बड़ी पुलिया या ऊंचे पुल निर्माण कराए जाएं ताकि बारिश के दौरान भी आवागमन सुचारू रह सके और आपात स्थिति में एंबुलेंस या अन्य जरूरी सेवाएं बाधित न हों। ग्रामीणों का कहना है कि पीपलखूंट उपखंड के कई इलाकों में ऐसे ही हालात बने हुए हैं। यदि समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो भविष्य में यह समस्या और गंभीर हो सकती है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि सर्वे करवाकर संवेदनशील स्थलों पर स्थायी निर्माण कार्य शुरू कर आमजन को राहत दी जाए।
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Jaipur, Rajasthan:
दामोदर प्रसाद
जयपुर
एंकर— राजस्थान पर्यटन,कला—संस्कृति और राजस्थान पर्यटन विकास निगम संबंधित विभागीय कार्यों को ऑनलाइन करने के दिशा निर्देश दिए,,,,,,पर्यटन प्रमुख शासन सचिव, कला एवं संस्कृति और आरटीडीसी अध्यक्ष राजेश यादव की अध्यक्षता में आरटीडीसी प्रबंध निदेशक एवं पर्यटन आयुक्त रुक्मणी रियाड़ की मौजूदगी में पर्यटन भवन में पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई,,,,,बैठक में विभागीय योजनाओं और स्कीम्स के क्रियान्वयन व प्रगति,निर्माण कार्यों की प्रगति और केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के क्रियान्वयन व प्रगति जैसे बिंदुओं की समीक्षा करते हुए प्रमुख शासन सचिव यादव ने दिशा निर्देश जारी किए,,,,,विभाग में जहां पद खाली है वहां कार्य बाधित न हो इसके लिए वैकल्पिक रूप से आउटसोर्स किया जाए,,,,,, उन्होंने कहां कि निदेशालय द्वारा 13 पर्यटन अधिकारी, 20 सहायक पर्यटन अधिकारी के पदों के लिए वैकल्पिक रूप से आउटसोर्स किये जाने के निर्देश दिए,,,,,
पर्यटन अधिकारियों की आवश्यकता के अनुरूप हो नियुक्ति—
पर्यटन प्रमुख शासन सचिव यादव ने बैठक में बताया कि वर्तमान में पर्यटन विभाग का एक निदेशालय,अधीनस्थ कार्यालय और 04 क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय, 15 पर्यटक स्वागत केन्द्र ,14 पर्यटक सूचना केन्द्र हैं,,,,, राज्य के राज्य के बाहर 01 पर्यटक स्वागत केन्द्र और 4 पर्यटक सूचना केन्द्र स्थापित हैं,,,,,, विभाग के लिए स्वीकृत 269 स्वीकृत पद हैं जिनमें 162 पदों पर कार्मिक कार्यरत व 107 कार्मिकों के पद रिक्त हैं,,,,, इन सब खाली पदों को लेकर प्रमुख शासन सचिव ने निर्देश दिए कि पर्यटन अधिकारियों की आवश्यकता अनुरूप नियुक्ति की जावें, ताकि विभागीय कार्य बाधित न हो और उनकी उत्पादकता में भी वृद्धि हो,,,,,, उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारियों के स्किल और योग्यता को बेहतर किया जाएं,,,,,,
पॉलिसी और आईटी शाखा के कार्यों की समीक्षा—
प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने बैठक में राजस्थान फिल्म पॉलिसी ड्राफ्ट, राजस्थान टूरिज्म पॉलिसी—2025 ड्राफ्ट और राजस्थान एडवेंचर टूरिज्म प्रमोशन स्कीम—2025 के ड्राफ्ट पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए,,,,,, उन्होंने सभी पॉलिसीज पर तत्परता से विभागीय कार्रवाई कर अन्तिम दिए जाने और नियमानुसार अनुमोदित करवाने की प्रक्रिया को लागू करने के निर्देश दिए,,,,, प्रमुख शासन सचिव विभागीय आईटी शाखा को बेहतर कार्य किए जाने के लिए विभाग की सभी सेवाओं को ऑनलाइन करने के दिशा निर्देश दिए,,,,, प्रमुख शासन सचिव यादव ने इज ऑफ डूइंग बिजनेस एवं वन स्टॉप शॉप (राजनिवेश ) योजना पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए,,,,,,
राजस्थान आने वाले पर्यटकों का डेटा कलेक्ट हो—
प्रमुख शासन सचिव ने राज्य में आने वाले पर्यटकों के आगमन का डेटा प्रदेश के रेलवे स्टेशन्स, टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहन और बस अड्डों से वाले पर्यटकों का डेटा नियमित रूप से कलेक्ट करने के निर्देश दिए,,,,,, उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उपायों से राज्य में आने वाले पर्यटकों आकड़े नियमित रूप से अपडेटेड रहेंगे,,,,,, उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई सॉफ्टवेयर अथवा मोबइल ऐप भी विकसित किया जा सकता है,,,,,,
पर्यटन मेला उत्सव बुक प्रकाशित हो—
पर्यटन प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने विभागीय मेले उत्सवों के आयोजन पर चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि मेले उत्सवों की सभी जानकारी देने वाली पर्यटन मेला उत्सव बुक भी विभाग की ओर से प्रकाशित हो तो यह पर्यटकों के बहुत उपयोगी हो सकती है,,,,,
केंद्र—राज्य सरकार की पर्यटन विकास योजनाएं—
पर्यटन प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने बैठक में केंद्र—राज्य सरकार की पर्यटन विकास योजनाओं पर चर्चा करते हुए बताया कि वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सास्की योजना 26.11.2024 को स्वीकृत दो प्रोजेक्ट आमेर-नाहरगढ़ के आसपास के क्षेत्र का विकास (राशि रूपये 49.31 करोड़) और जल महल क्षेत्र का विकास (राशि रूपये 96.61 करोड़)लागत में विकास कार्य किए जा रहे है,,,,, केंद्र सरकार द्वारा राशि रूपये 145.92 करोड़ के 2 प्रोजेक्ट्स स्वीकृत कर प्रथम किश्त (प्रोजेक्ट की की कुल स्वीकृत राशि का 66 प्रतिशत) राशि रूपये 9630.72 लाख वित्त विभाग को निर्मुक्त की जा चुकी है,,,,,, प्रोजेक्टों के लिये राजस्थान पर्यटन विकास निगम द्वारा मैसर्स M/S Foreinfra Private Limited को कंसलटेंट नियुक्त किया गया है,,,,, प्रोजेक्ट में जोरावरसिंह गेट से आमेर पार्किंग तक सड़क के कोरिडोर और सोन्दर्यकरण कार्ये हेतु कार्यकारी एजेंसी नगर निगम हैरिटेज, जयपुर नियुक्त है,,,,,
सासकी कार्यों के लिए एजेन्सी की डीपीआर करें प्रस्तुत—
प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने निर्देश दिए एजेन्सी जल्द डीपीआर बनाकर प्रस्तुत करें ताकि योजना के तहत कार्य निर्धारित समय पर पूरा करवाकर निर्धारित बजट का सदुपयोग किया जा सके,,,,, इससे पर्यटन स्थलों के सौन्दर्य में निखार आएगा और पर्यटन सुविधाएं विकसित होंगी,,,,, जिससे जयपुर के इन आईकोनिक स्थलों पर पर्यटकों का फुटफॉल बढ़ेगा,,,,, समीक्षा बैठक में कार्यकारी निदेशक आरटीडीसी एवं अतिरिक्त निदेशक पर्यटन प्रशासन (अतिरिक्त प्रभार) राजेश सिंह, सयुंक्त शासन सचिव पर्यटन मोहम्मद अबूबक्र, अतिरिक्त निदेशक पर्यटन आनंद त्रिपाठी, अतिरिक्त निदेशक पर्यटन पवन जैन, संयुक्त निदेशक पर्यटन (विकास राजेश शर्मा सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे,,,,,,
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Pratapgarh, Rajasthan:
Slug : 0307ZRJ_PRTP_SQUIRREL_R
जिला : प्रतापगढ़
विधानसभा : प्रतापगढ़
खबर की लोकेशन : प्रतापगढ़
जिला संवादाता : हितेष उपाध्याय, 9079154796
हेडर/हेडलाईन : सीतामाता के आसमान में फिर मंडराईं उड़न गिलहरियां, जंगलों की गोद में लौटी उम्मीद की फड़फड़ाहट
एंकर/इंट्रो : राजस्थान के आसमान में उड़ती गिलहरियां... जी हां, सही सुना आपने! प्रतापगढ़ के सीतामाता अभयारण्य में दिखीं वो दुर्लभ उड़न गिलहरियां, जो रात के अंधेरे में पेड़ से पेड़ तक हवा में फिसलती हैं। जंगल की ऊंचाइयों से अब आ रही है राहत की खबर, बढ़ी है इनकी संख्या... क्या है इस रहस्यमयी जीव की कहानी? देखिए हमारी खास रिपोर्ट...
प्रतापगढ़ जिले के सीतामाता अभयारण्य में यह दुर्लभ प्रजाति आपको खुले आसमान में फुर्ती से फिसलती हुई दिख सकती है। अल सुबह या देर शाम इन खास पलों को देखने का सही समय है, जब ये गिलहरियां पेड़ से पेड़ पर फुर्ती से उड़ती नजर आती हैं। भूरे रंग वाली यह प्रजाति राजस्थान के साथ गुजरात में भी देखने को मिलती है। यह महुए के पेड़ के साथ तेंदु आदि बड़े पेड़ों पर रहना पसंद करती है। महुए का पेड़ वह पेड़ है जिसके फूलों से शराब बनती है। इस अभयारण्य में यह काफी ज्यादा संख्या में हैं और यहीं कारण है कि यह गिलहरी यहां आसानी से देखी जा सकती हैं। 2018-19 से इनकी संख्या में काफी कमी आने के कारण सभी चिंतित थे, लेकिन इस साल संख्या बढऩे से वन विभाग ने राहत की सांस ली है।
बाइट 01 - मंगल मेहता, वन्यजीव प्रेमी ( 23 सेकेंड)
VO. धरियावद रेंज अधीनस्थ वनखंड में वनकर्मी एवं वन सुरक्षा प्रबंध समिति द्वारा वाटर हाल पॉइंट एवं ऊंचे मचान पर बैठकर विभिन्न गणना के संसाधनों के जरिए वन्य जीव की गणना की गई। इस गणना में धरियावद के आरमपुरा में 6 उडऩ गिलहरी दिखाई दी। वन्यजीव प्रेमी मंगल मेहता ने बताया कि उडऩ गिलहरी राजस्थान के दक्षिणी हिस्से के घने जंगलों में पाई गई हैं। सीतामाता अभयारण्य में यह दुर्लभ जीव देखे जाते हैं। इंडियन गेंट फ्लाइंग स्क्विर्रेल उन क्षेत्रों में होती है जहां महुए के पेड़ ज्यादा हो। राजस्थान के सिर्फ सीतामाता अभ्यारण और फुलवारी की नाल में ही बहुत ज्यादा महुए के पेड़ है। यह वही घर बनाकर रहती है और उसके टहनी के गुदे, फल, पत्ते, कोपल खाती है। इसकी खासियत यह है कि 60 मीटर तक ग्लाइडिंग करती है। उडऩ गिलहरी रात को ही अपने घर से बाहर निकलना पसंद करती है। यह 50 से 60 मीटर की दूरी पर लंबी ग्लाइडिंग करती है। यह पेड़ के शिखर पर जाकर दूसरे पेड़ के बीच में बैलेंस बनाकर ग्लाइड करती है। इस दौरान वह उसके शरीर पर लगी झिल्लियों को फैला देती है जो उसे ग्लाइड में मदद करती है। यह बाज, लंगूर और दूसरे जानवरों से डरती है। सुबह 4-5 बजे अपने घर लौट आती है और यहीं इन्हें देखने का सबसे अच्छा समय होता है। यह गर्मियों में ज्यादा एक्टिव रहती है जबकि ठंड में यह अपने घर में ज्यादा रहना पसंद करती हैं। जंगलों में यह सिर्फ 4 से 5 साल जीवित रहती है। वजन इनका सिर्फ 1.5 किलो का होता है। पूंछ को मिलाकर इनकी लंबाई 2.5 फीट की होती है। 2017-18 में उडऩ गिलहरी की संख्या 80 पाई गई थी, लेकिन उसके बाद उसकी संख्या लगातार घटती जा रही थी, जिसको देखकर सभी चिंतित थे। 2018-19 में 78 और 2019-20 में यह संख्या और ज्यादा घटकर 58 रह गई थी। खुशी की बात है कि 2020-21 की गणना में 138 उडऩ गिलहरियों की काउंटिंग हुई है। यानी एक साथ 80 गिलहरियों की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि इस साल वन्यजीव गणना में सीता माता अभ्यारण्य में हुई गिनती की गणना अभी तक पूरी तरह से सामने नहीं आई है, लेकिन टेरिटोरियल क्षेत्र की गणना में इस बार इनकी संख्या 3 से बढ़ कर 6 दर्ज की गई है।
बाइट- हरिकिशन सारस्वत, उपवन संरक्षक, प्रतापगढ़
VO. वन्य जीव प्रेमियों का मानना है कि लगातार करते जंगल और काम होते इनके पर्यावास इनकी संख्या में कमी का एक बहुत बड़ा कारण है। उड़न गिलहरी विशेष रूप से महुआ और तेंदू के बड़े पर पेड़ों पर रहना पसंद करती है, लेकिन अब इन पेड़ों की संख्या में लगातार कमी आती जा रही है जिसके कारण इनका पर्यावास प्रभावित हो रहा है जो इनकी संख्या में कमी का एक बड़ा कारण है।
बाइट 02 - मंगल मेहता, वन्यजीव प्रेमी ( 53 सेकेंड)
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