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Amroha244235

कंंपोजिट विद्यालय में जमी सिल्ट को शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं ने किया साफ, वीडियो हो रहा वायरल

Sept 24, 2024 04:19:03
Gajraula, Uttar Pradesh

अमरोहा जनपद की नवागत जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स व्यवस्थाओं में सुधार के लिए लगातार एक्शन मोड में हैं और विभिन्न स्थानों का जायजा ले रही हैं। हालांकि, कुछ अधिकारियों पर इसका असर नहीं हो रहा है। गजरौला ब्लाक के सुल्तानठेर गांव स्थित कंपोजिट विद्यालय के प्रधानाध्यापक और राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त राघवेंद्र सिंह ने सोमवार शाम सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिससे शिक्षा विभाग और संबंधित अधिकारियों की लापरवाही सामने आ गई।

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DSDM Seshagiri
Oct 15, 2025 08:16:19
Hyderabad, Telangana:A shocking incident was reported under the limits of Dabirpura Police Station in Hyderabad’s Old City. On occasion of completing the recitation of the Quran, a young man reportedly began distributing juice to people near various shops and apartments, claiming he was celebrating the event. Locals were surprised by his unusual gesture some accepted the juice, while others refused. However, a shocking twist followed. Within a few hours of drinking the juice, around 12 people fell into a deep sleep. According to police reports, they remained unconscious for nearly 12 to 15 hours and woke up in a disoriented and confused state. Family members said that even after regaining consciousness, the victims could not recall what had happened or what they had done during the day. Alarmed by the strange developments, residents alerted the Dabirpura Police, who rushed to the scene and began an investigation. Officers recorded statements from the victims and formed special teams to trace the youth and uncover his motives. Police are probing multiple angles including the man’s identity, background, and whether any intoxicating or sleep-inducing substance was mixed into the juice. Samples from the seized bottles have been sent for forensic analysis, and CCTV footage from nearby areas is being reviewed. The incident has created panic among local residents. Police confirmed that while the victims are now stable, their full recovery will be known only after medical evaluation. Authorities have urged the public not to accept food or drinks from strangers and to report any suspicious activity immediately. This incident has become the talk of the city in Hyderabad people are sharing on social media.
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MTMadesh Tiwari
Oct 15, 2025 08:15:54
Bihar:बिहार विधानसभा पहले चरण के नामांकन में 2 दिन शेष हैं। भोरे विधानसभा सुरक्षित क्षेत्र से जदयू उम्मीदवार शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने नामांकन पत्र दाखिल किया। हथुआ डिप्टी कलैक्टर/ निर्वाचक पदाधिकारी के यहाँ भोरे से जदयू प्रत्याशी के रूप में सुनील कुमार ने नामांकन पत्र दाखिल किया। सुनील कुमार ने कहा कि हम माननीय मुख्यमंत्री व NDA नेताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं कि मुझे भोरे से उम्मीदवार बनाया गया। हमने भोरे से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। भोरे विधानसभा से हर वर्ग के लोग मेरे नामांकन में आए हैं, उम्मीद है आगे का रास्ता प्रसस्त होगा। हमने भोरे का समग्र विकास किया है; मुख्यमंत्री जी ने समाज के हर वर्ग के लिए काम किया है। साथ ही प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं क्योंकि केंद्र व राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी कि आने वाले दिनों में बिहार व भोरे का विकास हो और बिहार सुरक्षित रहे।
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RSRAKESH SINGH
Oct 15, 2025 08:15:09
Chapra, Bihar:एनडीए गठबंधन में सीटों के लेकर मची अफरा तफरी पर अब विराम लग गया है, एकमा सीट लोजपा आर में चिन्हित होने के बाद जदयू ने अपने तेवर बदले और बनियापुर और एकमा से पूर्व बाहुबली विधायक रहे मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह को जदयू के तरफ प्रत्याशी बनाया गया है, जदयू नेता धूमल सिंह लोजपा के सीट चिन्हित होने पर पार्टी के प्रति अपना समर्पण दिखाते हुए पार्टी पर प्रतिबद्ध दुहराते हुए राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी थी, जिसके बाद जदयू ने धूमल सिंह को एकमा से अपना प्रत्याशी बनाया है, जिसके बाद समर्थकों में भारी उत्साह है, धूमल सिंह ने कहा कि पार्टी का भरोसा और जनता के विश्वास से एकमा में विकास की नई कहानी लिखेगी, बाहुबली धूमल से बात किया हमारे संवाददाता राकेश कुमार सिंह ने
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ACAshish Chaturvedi
Oct 15, 2025 08:13:46
Karauli, Rajasthan:शिक्षक संघ अंबेडकर करौली की बैठक में सदस्यता अभियान व सम्मेलन पर मंथन, जिला करौली एंकर इंट्रो - राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर की जिला स्तरीय बैठक अम्बेडकर नगर में जिलाध्यक्ष विष्णु मंडल की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं, संगठन के सदस्यता अभियान, आगामी दिनों में आयोजित होने वाले शिक्षक सम्मेलन सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रवक्ता गंगाराम प्रजापत ने बताया कि बैठक में सदस्यता अभियान, जिला स्तरीय शिक्षक सम्मेलन की समीक्षा तथा नवंबर में प्रस्तावित राज्य स्तरीय सम्मेलन पर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही शिक्षकों की वेतन विसंगति, पदोन्नति, स्थानांतरण सहित अन्य समस्याओं पर चर्चा हुई। प्राचार्य शैलेन्द्र बागौरिया ने कहा कि शिक्षकों को विद्यालय एवं समाज में उच्च आदर्श स्थापित करने चाहिए और आपसी समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए। प्राचार्य घनश्याम मीना ने बदलते परिवेश में सजग रहते हुए कर्तव्यों के निर्वहन की आवश्यकता बताई। प्रदेश उपाध्यक्ष अमृतलाल छाबड़ा ने संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि जिले के प्रत्येक ब्लॉक में टीम सक्रिय है, जो स्थानीय स्तर पर शिक्षक हित में कार्य कर रही है। बैठक में दीपावली की शुभकामनाएं भी एक-दूसरे को दी गईं।
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AAAbhishek Aadha
Oct 15, 2025 08:13:11
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AVArun Vaishnav
Oct 15, 2025 08:11:13
Jaipur, Rajasthan:राजगढ़ (अलवर) राजगढ के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण स्टेट टीबी डेमोंसट्रेशन ट्रेनिंग सेंटर अजमेर के निदेशक डॉ. इंद्रजीत सिंह ने किया। उन्होंने अस्पताल की साफ-सफाई पर संतोष जताते हुए पर्ची काउंटर पर वरिष्ठ नागरिकों व महिला-पुरुषों के लिए अलग कतार की व्यवस्था के निर्देश दिए। नि:शुल्क दवा व जांच की स्थिति, लैब और भर्ती मरीजों से दवाओं को लेकर जानकारी ली। आउटडोर मरीजों की संख्या अधिक होने पर दवा वितरण केंद्र बढ़ाने व रात्रि में ऑन कॉल ड्यूटी निर्धारित करने की बात कही। टीबी जांच की गुणवत्ता, उपचार रिकॉर्ड और अभिलेखों की सघन जांच की गई। डॉ. सिंह ने सभी मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के निर्देश दिए। बाइट:डॉ. इंद्रजीत सिंह
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DGDeepak Goyal
Oct 15, 2025 08:10:02
Jaipur, Rajasthan:एंकर- करीब पचास लाख की आबादी वाले राजधानी जयपुर का फायर ब्रिगेड बेड़ा खुद ही आग से निपटने की परीक्षा में कमजोर साबित हो रहा है। नेशनल फायर प्रोटेक्शन एसोसिएशन के मानकों के अनुसार हर 50 हजार की आबादी पर एक फायर टेंडर होना चाहिए, लेकिन शहर के पास महज 60 गाड़ियां हैं, जबकि जरूरत कम से कम 100 वाहनों की है। वीओ-1- राजधानी की चमक-दमक के पीछे छिपा एक डरावना सच...अगर जयपुर में कहीं अलग अलग लोकेशन पर एक साथ बडी आग लग जाए, तो बुझाने वाला सिस्टम खुद धुएं में गुम हो जाएगा...पचास लाख की आबादी वाला राजधानी जयपुर में आग बुझाने का जिम्मा संभालने वाला फायर ब्रिगेड खुद ‘बुझी हुई चिंगारी’ साबत हो रहा है। शहर की ऊंची इमारतें, बढ़ती आबादी और तंग गलियां...सबके बीच फायर ब्रिगेड का सिस्टम संसाधनों के अभाव में धुआं-धुआं हो चुकी है। नेशनल फायर प्रोटेक्शन एसोसिएशन (NFPA) के मानक कहते है। हर 50 हजार आबादी पर एक दमकल जरूरी है। यानी जयपुर जैसे शहर को चाहिए कम से कम 100 फायर टेंडर होने चाहिए...लेकिन हकीकत यह कि शहर के पास है. मात्र 60 ही दमकलें हैं...बाकी जरूरतें कागजों की आग में जल रही हैं। जिस दमकल को आग पर काबू पाना है. वे खुद फायर फिट नहीं होती। पूरे शहर में सिर्फ एक 72 मीटर की हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म एरियल लैडर काम कर रही है। जबकि चारदीवारी क्षेत्र के लिए 42 मीटर की लैडर डेढ़ साल से घाटगेट फायर स्टेशन पर जंग खा रही है...सेंसर खराब है। और मरम्मत के नाम पर फाइलें धूल खा रही हैं। सिर्फ वाहन ही नहीं, फायरमैन और तकनीकी स्टाफ की कमी भी गंभीर है। बिल्डिंग परमिशन से लेकर एनओसी तक कागजों पर सब ‘सुरक्षित’ दिखता है। लेकिन जब हादसा होता है तो सिस्टम नाकाम साबित होता है। फायर स्टेशनों और दमकलों की कमी से दूरी और फेरे ज्यादा लगाने पडते हैं...अजमेर रोड भांकरोटा में आगजनी की घटना हो जाए तो मानसरोवर या बिंदायका से दमकलों को बुलाया जाता है...जिसके लिए दमकलकर्मियों को 10 से 12 किलोमीटर की दूरी तय करनी पडती हैं...इसी तरह आगरा रोड पर आगजनी की घटना होने पर बस्सी या घाटगेट फायर स्टेशन से दमकलों को बुलाना पडता हैं...जब तक आग विकराल रूप ले लेती हैं... वॉक थ्रू—दीपक गोयल, जी मीडिया जयपुर ग्राफिक्स के जरिए जानिए फायर शाखा निगम हैरिटेज-ग्रेटर में फायर स्टेशनों की संख्या-12 छोटी-बडी दमकलों की संख्या-60 सीएफओ-1 एफओ-3 एएफओ-8 फायरमैन-474 ड्राइवर-174 ये बड़ी कमियां... वर्तमान में 12 फायर स्टेशन, कुछ के प्रस्ताव कागजों में जयपुर शहर और नगर निगम का दायरा तेजी से फैल रहा है...जयपुर में 12 फायर स्टेशन है. जो शहर के लिए काफी नहीं हैं। नगर निगम की फायर समिति ने नए स्टेशनों का प्रस्ताव मंजूर किया, लेकिन यह कागजों में ही रह गया। वर्तमान में वीकेआई, झोटवाडा, बिंदायका, मानसरोवर, सीतापुरा, जगतपुरा, मालवीय नगर, बाइस गोदाम, चौगान स्टेडियम, घाटगेट, आमेर और बनीपार्क में फायर स्टेशन हैं...और मानसरोवर पत्रकार कॉलोनी, वैशाली-पृथ्वीराज नगर, आगरा रोड, भांकरोटा में प्रस्तावित है. 10 लाख की आबादी पर भी 169 पद सृजित और 50 लाख की आबादी पर भी 169 पद फायर ब्रिगेड बेड़े में विभिन्न संवर्ग के 169 पद तो तब सृजित हुए थे जब शहर की आबादी 10 लाख हुआ करती थी। बदकिस्मती यह है कि आज 50 लाख की आबादी पर भी यही पद हैं। जो अतिरिक्त भर्तियां हुई हैं, वे संविदा पर हैं। बड़े हादसों के लिए ये लोग इसलिए तैयार नहीं कि इनके लिए कोई लॉन्ग टर्म के प्रॉपर ट्रेनिंग प्रोग्राम नहीं। इन्हें सिर्फ 15 दिन की ट्रेनिंग मिली है। 50 लाख की आबादी वाले शहर में 72 मीटर की सिर्फ एक हाइड्रोलिक प्लेटफ़ॉर्म एरियल फायर लैडर फायर ब्रिगेड शाखा के पास 72 मीटर तक की ऊंचाई पर आग बुझाने में सक्षम है। यह सिर्फ एक गाड़ी है। जो मानसरोवर के फायर स्टेशन पर रहती है। जबकि चारदीवारी क्षेत्र के लिए 42 मीटर ऊंचाई तक आग बुझाने वाली हाइड्रोलिक प्लेटफ़ॉर्म एरियल फायर लैडर पिछले दो साल से खराब पड़ी हैं...इसके उलट जयपुर की संकरी गलियों में अग्निकांडों से निबटने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं। फायर सूट ही नहीं, कैसे बचे लपटों से जिंदगी? आग में फंसे लोगों को निकालने के लिए सबसे अहम संसाधन फायर सूट बेड़े में होना जरूरी है, लेकिन फायर ब्रिगेड के पास यह नहीं है। ऐसे में धधकती लपटों के बीच से जिंदगी को बचाना आसान नहीं है। एल्युमिनियम और एसबेस्टस के बने इस सूट को पहनकर फायरमैन लोगों को बचा सकते हैं। वीओ-2-फायरफाइटर बताते है. की कई बार ऑफिस टाइम पर ऐसी घटनाएं हो जाती है...जब ट्रैफिक बहुत भारी होता है. गलियां तंग होती हैं, जिससे मौके पर समय से पहुंचना मुश्किल होता है...कभी-कभी तेज आग में जाना पड़ता है. लेकिन फायर सूट उपलब्ध नहीं होता तब जलन की पीड़ा सहकर भी ड्यूटी करनी पड़ती है...हालांकि जिस तरह से अग्नि दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं...उसी हिसाब से चैलेंज भी बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन इसके अनुसार इक्विपमेंट मौजूद नहीं हैं...इसकी प्रशासन से डिमांड की गई है... बाइट-गौतमलाल, सीएफओ, नगर निगम बहरहाल, जब हर बड़े होटल, मॉल और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी अनिवार्य है. तो शहर की ‘सेंट्रल फायर सेफ्टी’ ही इतनी पंगु क्यों?...जयपुर जैसी राजधानी में फायर विभाग इतना कमज़ोर और उपेक्षित क्यों है?...दीपक गोयल जी मीडिया जयपुर
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