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राजस्थान: भारी वाहन लाइसेंस के ट्रायल ट्रैक नहीं, खामियां उजागर

KCKashiram Choudhary
Nov 04, 2025 11:56:07
Jaipur, Rajasthan
0411ZRJ_JPR_DRIVING_PKG_R काशीराम चौधरी लोकेशन- जयपुर फीड- 2सी हैडर- - बगैर ट्रैक ट्रायल बन रहे हैवी लाइसेंस! - राजस्थान में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का खेल - पूरे राज्य में नहीं एक भी हैवी ड्राइविंग ट्रैक - केवल हल्के मोटर यान वाहनों के लिए हैं ट्रैक - भारी वाहनों के लाइसेंस की ट्रायल के ट्रैक नहीं - सड़क सुरक्षा जागरुकता में भी विभाग पीछे एंकर परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग बस नाम के लिए ही सड़क सुरक्षा निभा रहा है। क्योंकि प्रदेश में सड़क सुरक्षा जागरुकता को लेकर विभाग द्वारा कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इसके विपरीत गैर योग्यताधारी आवेदकों को भी ट्रक या बस जैसे भारी वाहन चलाने के लाइसेंस बांटे जा रहे हैं। देखिए, जी मीडिया की यह खास रिपोर्ट- वीओ- 1 हरमाड़ा में हुए सड़क हादसे ने चालकों के लिए लाइसेंस की योग्यता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बस, ट्रक, ट्रेलर या डम्पर जैसे भारी वाहनों को चलाने के लिए चालकों के पास हैवी व्हीकल चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है। लेकिन आश्चर्यजनक बात है कि राजस्थान में एक भी आरटीओ या डीटीओ कार्यालय में भारी वाहनों के लाइसेंस बनाए जाने से पहले ट्रायल के लिए ड्राइविंग ट्रैक नहीं है। भारी वाहन के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदक के पास हल्के मोटर यान यानी कि लाइट मोटर व्हीकल का लाइसेंस 1 साल पुराना होना जरूरी है। इसके साथ ही आवेदक को भारी वाहन बनवाने से पूर्व लर्निंग लाइसेंस बनवाना होता है। लर्निंग लाइसेंस के बाद भारी वाहन लाइसेंस के दौरान मोटर ड्राइविंग स्कूल का 1 माह का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी लगाया जाता है। लेकिन यह सब अनिवार्यताएं केवल कागजी कार्यवाही साबित हो रही हैं। ऐसे में जिन हाथों में ट्रक या बस जैसे भारी वाहनों की कमान होती है, उनके लिए लाइसेंस लेना केवल एक फॉर्मेलिटी साबित हो रहा है। Gfx In भारी वाहन के लाइसेंस देने में खामियां क्या-क्या ? - मोटर ड्राइविंग स्कूलों का एक माह का प्रमाण पत्र महज कागजी खानापूर्ति - ऐसे प्रमाण पत्र अक्सर पैसे देकर आवेदकों को आसानी से मिल जाते - राजस्थान में RTO-DTO कार्यालयों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रायल ट्रैक बने हुए - लेकिन ये ट्रैक केवल एलएमवी लाइसेंस के लिए ही बने हुए - भारी वाहन लाइसेंस की ट्रायल का ट्रैक किसी भी RTO-DTO में उपलब्ध नहीं - इस कारण केवल परिवहन निरीक्षक मैन्युअली ट्रायल लेकर बना देते हैं लाइसेंस राजस्थान उड़ीसा मॉडल लागू क्यों नहीं करता ? - परिवहन विभाग को हैवी लाइसेंस में उड़ीसा मॉडल करना चाहिए लागू - उड़ीसा में आवेदकों को 1 माह तक लेनी होती है भारी वाहन चलाने की ट्रेनिंग - इस ट्रेनिंग पर वहां राज्य सरकार प्रति आवेदक 26 हजार रुपए खर्च करती - एक माह की आवासीय ट्रेनिंग और ट्रायल के बाद ही मिलता है लाइसेंस - लाइसेंस रिन्यू करते समय भी 3 दिन की रिफ्रेशर ट्रेनिंग देने का है प्रावधान - वहीं गंभीर मोटर वाहन अपराधों में शामिल लाइसेंसधारकों की होती है ऑफेंडर ट्रेनिंग - इस ट्रेनिंग के बाद ही आवेदक का ड्राइविंग लाइसेंस जारी रहता Gfx Out वीओ- 2 बड़ी बात यह है परिवहन विभाग का मुख्य कार्य सड़क दुर्घटनाओं के प्रति आमजन को जागरूक करना भी है। लेकिन इस तरह की जागरुकता गतिविधियां बहुत कम आयोजित की जाती हैं। साल में केवल एक बार जनवरी या फरवरी माह में सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान ही ऐसी गतिविधियां की जाती है। परिवहन विभाग को जो फंड समर्पित सड़क सुरक्षा कोष में मिलता है, वह फंड लैप्स भी नहीं होता। लेकिन इसके बावजूद इस फंड को खर्च नहीं किया जाता। विभाग के पास इस कोष में करीब 500 करोड़ रुपए की राशि जमा है। Gfx In 9 साल, 800 करोड़ जमा, खर्च महज 293 करोड़! - परिवहन विभाग समर्पित सड़क सुरक्षा कोष का नहीं कर रहा सदुपयोग - वर्ष 2016 में स्थापना के बाद से कोष में अब तक 793 करोड़ राशि - इसमें से अब तक करीब 293 करोड़ राशि ही खर्च की गई - विभाग के पास अभी भी 500 करोड़ की राशि समर्पित कोष में उपलब्ध - टोहास कोष में भी करीब 200 करोड़ की राशि है उपलब्ध - लेकिन विभाग प्रति RTO ऑफिस मात्र 5 लाख देता है खर्च के लिए - प्रति DTO कार्यालय मात्र 2 लाख की राशि उपलब्ध कराई जाती - ऐसे में अधीन कार्यालय नहीं करा पाते सड़क सुरक्षा गतिविधियां Gfx Out क्लोजिंग पीटीसी- काशीराम चौधरी
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Nov 04, 2025 16:08:56
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BSBHARAT SHARMA
Nov 04, 2025 16:02:38
Amritsar, Punjab:ਰਾਜਾ ਵੜਿੰਗ ਦੇ ਬਿਆਨ ‘ਤੇ ਬੋਲੇ ਡਾ. ਰਾਜਕੁਮਾਰ ਵੇਰਕਾ – ਗਲਤੀ ਦਾ ਅਹਿਸਾਸ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਮਾਫੀ ਮੰਗਣਾ ਬਹੁਦਰੀ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਬੂਟਾ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰ ਤੇ ਸਮਾਜ ਨਾਲ ਰਾਜਾ ਵੜਿੰਗ ਨੇ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਦਿਲ ਨਾਲ ਮੰਗੀ ਮਾਫੀ ਦਲਿਤ ਸਮਾਜ ਪ੍ਰਤੀ ਦੂਸਰੀ ਪਾਰਟੀਆਂ ਦੇ ‘ਵੋਟ ਪ੍ਰੇਮ’ ‘ਤੇ ਕੀਤਾ ਸਿਆਸੀ ਹਮਲਾ ਭਗਵੰਤ ਮਾਨ ਤੇ ਬੀ.ਜੇ.ਪੀ. ‘ਤੇ ਵਿਰਕਾ ਦਾ ਤੰਜ — ਦਲਿਤ ਸਨਮਾਨ ਸਿਰਫ਼ ਨਾਟਕ ਨਹੀਂ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ — ਕਾਂਗਰਸੀ ਆਗੂ ਡਾ. ਰਾਜਕੁਮਾਰ ਵੇਰਕਾ ਨੇ ਮੀਡੀਆ ਨਾਲ ਗੱਲਬਾਤ ਦੌਰਾਨ ਪੰਜਾਬ ਕਾਂਗਰਸ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਰਾਜਾ ਵੜਿੰਗ ਦੇ ਹਾਲੀਆ ਬਿਆਨ ‘ਤੇ ਆਪਣਾ ਮਤ ਪ੍ਰਗਟ ਕੀਤਾ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਰਾਜਾ ਵੜਿੰਗ ਨੇ ਸਾਬਕਾ ਕੇਂਦਰੀ ਗ੍ਰਹਿ ਮੰਤਰੀ ਸardar ਬੂਟਾ ਸਿੰਘ ਜੀ ਬਾਰੇ ਜੋ ਟਿੱਪਣੀ ਕੀਤੀ ਸੀ, ਉਸ ‘ਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਦਿਲ ਨਾਲ ਮਾਫੀ ਮੰਗ ਕੇ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਦਿਲ ਵਾਲੇ ਇਨਸਾਨ ਹੋਣ ਦਾ ਸਬੂਤ ਦਿੱਤਾ ਹੈ। ਵੇਰਕਾ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ “ਗਲਤੀ ਸਭ ਤੋਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ, ਪਰ ਗਲਤੀ ਮੰਨ ਕੇ ਮਾਫੀ ਮੰਗਣਾ ਬਹੁਦਰੀ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ।” ਉਨ੍ਹਾਂ ਅੱਗੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਰਾਜਾ ਵੜਿੰਗ ਨੇ ਸਿਰਫ਼ ਬੂਟਾ ਸਿੰਘ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰ ਨਾਲ ਹੀ ਨਹੀਂ, ਸਗੋਂ ਸਾਰੇ ਸਮਾਜ ਨਾਲ ਵੀ ਮਾਫੀ ਮੰਗੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਕਬੂਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਸੰਗਤ ਅਤੇ ਸਮਾਜ ਨਾਲ ਅਪੀਲ ਕੀਤੀ ਕਿ ਜਿਸ ਵਿਅਕਤੀ ਨੇ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਦਿਲ ਨਾਲ ਮਾਫੀ ਮੰਗੀ ਹੋਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਮਾਫ ਕਰਨਾ ਸਾਡਾ ਧਾਰਮਿਕ ਤੇ ਨੈਤਿਕ ਫਰਜ ਹੈ。 ਡਾ. ਵੇਰਕਾ ਨੇ ਇਸ ਮੌਕੇ ‘ਤੇ ਦੂਸਰੀ ਸਿਆਸੀ ਪਾਰਟੀਆਂ ‘ਤੇ ਵੀ ਤੀਖੇ ਹਮਲੇ ਕੀਤੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕੁਝ ਪਾਰਟੀਆਂ ਤਰਨ ਤਾਰਨ ਚੋਣਾਂ ਦੇ ਮੱਦੇਨਜ਼ਰ ਦਲਿਤ ਪ੍ਰੇਮ ਨਹੀਂ, ਸਗੋਂ ਵੋਟ ਪ੍ਰੇਮ ਵਿਖਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ आम आदमी पार्टी ते B.J.P. ਵਾਲੇ आँसू बहा ਕੇ सिरफ नਾਟਕ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ। ਲੋਕ ਹੁਣ ਸਭ ਸਮਝਦੇ ਹਨ ਕਿ ਇਹ ਸਭ ਸਿਆਸੀ ਡਰਾਮਾ ਹੈ。 ਭਗਵੰਤ ਮਾਨ ਸਰਕਾਰ ‘ਤੇ ਨਿਸ਼ਾਨਾ ਸਾਧਦੇ ਹੋਏ ਉਨ੍ਹਾਂ ਪੁੱਛਿਆ ਕਿ “ਤੁਹਾਡੀ ਪਾਰਟੀ ਨੇ ਕਿਹਾ ਸੀ ਕਿ ਦਲਿਤ ਸਮਾਜ ਤੋਂ ਡਿਪਟੀ ਮੁਖ ਮੰਤਰੀ ਬਣਾਇਆ ਜਾਵੇਗਾ, ਪਰ ਅੱਜ ਤੱਕ ਉਸ ਵਾਅਦੇ ਦਾ ਕੀ ਹੋਇਆ?” ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਜਿਹੜੀਆਂ ਪਾਰਟੀਆਂ ਬਾਬਾ ਸਾਹਿਬ ਅੰਬੇਦਕਰ ਜੀ ਦੇ ਨਾਂ ‘ਤੇ ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਗੱਲ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ, ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਦਲਿਤ ਸਮਾਜ ਦੀ ਇੱਜ਼ਤ ਕਰਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ。 ਅੰਤ ਵਿੱਚ ਵੇਰਕਾ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਬੂਟা ਸਿੰਘ ਜੀ ਵਰਗੇ ਨੇਤਾਵਾਂ ਨੇ ਕਾਂਗਰਸ ਦੀ ਇੱਜ਼ਤ ਅਤੇ ਪਗੜੀ ਦੀ ਲਾਜ ਦੇਸ਼ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੈ, ਤੇ ਰਾਜਾ ਵੜਿੰਗ ਦਾ ਮਾਫੀ ਮੰਗਣਾ ਇਸ ਗੱਲ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ ਕਰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕਾਂਗਰਸ ਅਜੇ ਵੀ ਸਨਮਾਨ ਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਸਦਭਾਵਨਾ ਨੂੰ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਰੱਖਦੀ ਹੈ।
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JPJai Pal
Nov 04, 2025 16:01:48
Haldwani, Uttar Pradesh:काशी में गुटखा थूकने और गंदगी फैलाने पर खैर नहीं नगर निगम ने 8 लोगों से वसूला भारी जुर्माना। वाराणसी में देव दीपावली के पर्व पर शहर को 'क्लीन और डिवाइन काशी' बनाने के लिए नगर निगम, वाराणसी ने सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी और थूकने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। नगर निगम की नई नियमावली के तहत, पिछले दो दिनों में विभिन्न घाटों पर गंदगी फैलाने वाले 8 लोगों से जुर्माना वसूला गया है। चौकीघाट पर गुटखा थूकने वाले दो लोगों से ₹500 वसूले गए। अस्सी घाट पर पान खाकर थूकने वाले दो लोगों से ₹250-₹250 का जुर्माना लिया गया। केदार घाट पर कूड़ा फेंकने वाले एक व्यक्ति से ₹500 का जुर्माना लिया गया। शिवाला घाट और हरिश्चन्द्र घाट पर गंदगी फैलाने वालों से ₹1500 वसूले गए। रीवा घाट पर बिना अनुमति भण्डारा आयोजित करने और गंदगी फैलाने वाले आयोजक से ₹2,000 का सबसे बड़ा जुर्माना वसूला गया। नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल ने नागरिकों से अपील की है कि वे सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी न करें और शहर को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करें। उन्होंने चेतावनी दी है कि यह कार्रवाई अनवरत और तेजी से जारी रहेगी, और पकड़े जाने पर भारी जुर्माना देना होगा। इस अभियान में जोनल अधिकारी कृष्ण चन्द्र, क्षेत्रीय स्वास्थ्य निरीक्षक अर्चना विश्वकर्मा, आनन्द कुमार और प्रवर्तन दल की टीम शामिल है।
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RDRAJKUMAR DIXIT
Nov 04, 2025 16:01:32
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MPMahesh Pareek
Nov 04, 2025 16:01:04
Jaipur, Rajasthan:हाईकोर्ट के शॉट और पत्र भेजने वाले राजेन्द्र शर्मा की बाईट इंट्रो- राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार से 6 नवंबर तक जवाब देने के लिए कहा है। अदालत ने विस्तृत रिपोर्ट मांगते हुए यह बताने के लिए कहा है कि अभी तक सड़क सुरक्षा नीति, ब्लैक स्पॉट सुधार योजना और वाहन जांच अभियान के तहत क्या कदम उठाए गए हैं। एक्टिंग सीजे संजीव प्रकाश शर्मा व जस्टिस बीएस संधू की खंडपीठ ने यह आदेश मंगलवार को राजेन्द्र शर्मा की पत्र याचिका पर प्रसंज्ञान लेते हुए दिए। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा केवल नियमों का विषय नहीं है, बल्कि यह नागरिकों के जीवन के मौलिक अधिकार से जुड़ा मामला है। ऐसे में राज्य व केन्द्र सरकार इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई करनी होगी। बॉडी- पत्र याचिका कहा गया कि हाल में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर सहित प्रदेशभर में लगातार सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं और इनमें लोगों की मौतें हुई है। इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण सड़क सुरक्षा के प्रति सरकारी लापरवाही, खस्ताहाल रोड, ओवरलोडिंग, तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण की कमी और ट्रैफिक प्रबंधन की विफलता है। प्रदेश में सड़क सुरक्षा नीति, 2017 अपनाई गई है और इसमें ब्लैक-स्पॉट प्रबंधन व यातायात निगरानी का भी प्रावधान है। इसके बावजूद प्रशासन यहां पर ओवरलोड वाहनों के अनधिकृत प्रवेश और लापरवाही से संचालन को रोकने में विफल रहा है। पत्र याचिका में अदालत से आग्रह किया है कि जयपुर नगरपालिका सीमा के भीतर भारी वाणिज्यिक वाहनों के प्रवेश और संचालन को प्रतिबंधित किया जाए। वहीं सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की ओर से तय किए सुरक्षा मानकों और कानूनी प्रावधानों की पालना करवाई जाए। सभी एजेंसियों के संयुक्त प्रवर्तन अभियानों के जरिए कानूनी प्रावधानों का प्रभावी क्रियान्वयन हो। इसके अलावा राज्य सड़क सुरक्षा परिषद, पीएचईडी, जेडीए को निर्देश दिया जाए कि वे शहर की प्रमुख सड़कों की इंजीनियरिंग की ऑडिट करें और एक्सीडेंट वाले ब्लैक स्पॉट की पहचान कर क्षतिग्रस्त डिवाइडर, लेन मार्किंग व साइनेज की मरम्मत करें। जयपुर।
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MKMohammad Khan
Nov 04, 2025 16:00:42
Bhilwara, Rajasthan:भीलवाडा। शराब के नशे में एक जेलर इतना बहक गया कि अपने ही साथी जवान को पीट डाला। लेकिन फिर भी जेलर का नशा काफूर नहीं हुआ। जेलर के हंगामे के चलते पुलिस को आकर जेलर को हिरासत में लेना पड़ा। ये चौंकाने वाला मामला जहाजपुर जेल का है। यहां ओमप्रकाश लेगा (जाट) जेलर के रूप में कार्यरत है। मंगलवार शाम ओमप्रकाश शराब के नशे में धुत हो गया। बस फिर तो जेलर कानून से ऊपर हो गया। उसने पुलिस सिपाही को पीट डाला। अन्य स्टाफ ने बीच बचाव किया लेकिन फिर वह नहीं माना। आखिर में जहाजपुर थाना पुलिस को सूचना देनी पड़ी। जहाजपुर पुलिस मौके पर पहुंचकर जेलर ओमप्रकाश पर काबू किया। फिर उसे मेडिकल कराने के लिए अस्पताल लेकर गए। वहां मेडिकल होने के बाद जेलर ओमप्रकाश को हिरासत में लिया। जहाजपुर थाना पुलिस ने फिलहाल मुकदमा दर्ज नहीं किया है。
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