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जमवारामगढ़ में BJP नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सुनी PM मोदी की 'मन की बात'

Jun 30, 2024 08:52:11
Jamwa Ramgarh, Rajasthan

जमवारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सायपुरा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री की 'मन की बात' का 111वां एपिसोड सुबह 11 बजे सुना। लोकसभा चुनाव में तीसरी बार जीत हासिल करने के बाद यह पहली 'मन की बात' थी। कार्यक्रम के बाद भाजपा नेताओं राजेन्द्र कुमार मीणा और रामस्वरूप ने कहा कि 'मन की बात' सुनने के बाद कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में देश विकास के रास्ते पर चल रहा है और विदेशों में भारत की नई पहचान बनी है।

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Nov 27, 2025 11:38:21
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RRRakesh Ranjan
Nov 27, 2025 11:36:26
Noida, Uttar Pradesh:एक भावनात्मक कहानी पढ़कर योगी आदित्यनाथ खुद आगे आए — ‘खुशी’ को दिया सुरक्षा, शिक्षा और सम्मान का भरोसा लखनऊ। 22 नवंबर को एक मूक-बधिर लड़की अपने मुख्यमंत्री से मिलने के लिए कानपुर से लखनऊ तक पहुँच गई। हाथ में योगी जी का बनाया हुआ चित्र और दिल में एक ही इच्छा—“मुख्यमंत्री जी से मिलना है。” जब यह संवेदनशील कहानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुँची, उन्होंने किसी अधिकारी को आगे नहीं बढ़ाया… वे स्वयं आगे आए। उन्होंने निर्देश दिया—“उस बच्ची और उसके परिवार को तुरंत मेरे आवास पर बुलाया जाए।” यहही वह मानवीय पहल थी जिसने इस पूरी घटना को प्रशासनिक कार्यवाही से आगे बढ़ाकर एक भावनात्मक अध्याय बना दिया। मुख्यमंत्री आवास पर योगी जी ने खुशी को पास बुलाकर उसके बनाए चित्र देखे—प्रधानमंत्री मोदी और स्वयं उनका चित्र। खुशी बोल नहीं सकती थी, पर योगी जी ने उसके भावों को पढ़ लिया। फिर उन्होंने एक-एक कर समाधान दिए— • मूक-बधिर कॉलेज में शिक्षा • स्किल डेवलपमेंट के लिए मोबाइल व टैबलेट • कानों के इलाज की व्यवस्था • परिवार के लिए आवास सहायता एक लड़की की छोटी-सी इच्छा को मुख्यमंत्री ने बड़े संकल्प में बदल दिया। घटना की शुरुआत 22 नवंबर को हुई थी खुशी बिना बताए अकेली घर से निकल पड़ी। उसका उद्देश्य था अपने मुख्यमंत्री को वह चित्र देना जिसे उसने स्वयं बनाया था। खुशी को चित्र बनाने का शौक है। वह कानपुर स्थित अपने घर से पैदल निकली। उसके पिता ने बताया कि वह न जाने कैसे लखनऊ पहुंची। वहां पहुंचने के बाद वह रास्ता भटक गई। मुख्यमंत्री से मिल पाने में असमर्थ होने पर खुशी लोकभवन के बाहर बैठकर रोने लगी। हजरतगंज पुलिस ने उसे संभाला। पुलिस की ओर से खुशी के परिवार को उसकी सूचना दी। हालांकि खुशी को घर में न देखकर उसके पिता ने अपने स्थानीय थाने में उसके मिसिंग की शिकायत दे दी थी। खुशी पढ़ी-लिखी नहीं है लेकिन वह अपने पिता का नाम उनका मोबाइल नंबर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिख लेती है। जब मुख्यमंत्री को खुशी की यह कहानी पता चली तो उन्होंने इसका संज्ञान लेते हुए तुरंत उसके परिवार को अपने आवास पर बुलाने के निर्देश दिए। योगी आदित्यनाथ ने उसके लिए कानपुर स्थित मूकबधिर कॉलेज में शिक्षा की व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया। साथ ही उसकी पढ़ाई और स्किल डेवलपमेंट में सहायक मोबाइल और टैबलेट भी उपलब्ध कराया गया। राज्य सरकार की ओर से खुशी के कान के इलाज की भी व्यवस्था की जा रही है। खुशी के परिवार के लिए आवास की व्यवस्था का भी आश्वासन प्रदेश सरकार की ओर से दिया गया है। सरकार द्वारा प्राप्त सहायता और सहायता के आश्वासन से पूरा परिवार प्रसन्नता से भर गया है। इस पूरी घटना में केंद्र बिंदु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वह स्नेह रहा जिसने इस परिवार को सम्मान, सुरक्षा और भविष्य की नई दिशा का एहसास कराया। उनके इस व्यवहार ने यह स्पष्ट किया कि सरकार केवल प्रशासनिक संस्थान नहीं बल्कि संवेदना और सीमातीत मानवीयता का आधार है। खुशी ने अपने सरल विश्वास से यह दिखाया कि प्रेम और सम्मान की भावना किसी बाधा में नहीं फंसती और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी संवेदना और व्यवहार से यह स्थापित किया कि, जनता और शासन के बीच संबंध केवल औपचारिक नहीं बल्कि आत्मीय हो सकता है। यह कहानी उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक संवेदनशील प्रशासन की मिसाल के रूप में याद रखी जाएगी।
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KSKISHORE SHILLEDAR
Nov 27, 2025 11:34:22
Raj Nandgaon, Chhattisgarh:राजनांदगांव शहर के मानव मंदिर चौक देर रात हुई चाकूबाजी की घटना अफरा–तफरी मच गई , दो दोस्तों के बीच हुआ विवाद खौफनाक चाकूबाजी में बदल गया। इस घटना में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत अभी भी नाज़ुक बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही कांबिंग गश्त पर निकली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हमलावर को कुछ ही देर में दबोच लिया। पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि आरोपी पीड़ित को सड़क से एक दुकान के भीतर घसीटकर ले जाता है और उस पर लगातार चाकू से वार करता है। दृश्य इतने खौफनाक थे कि फुटेज देखने वाले भी सिहर उठे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा ने बताया कि घायल युवक अनूप यादव और आरोपी महफूज खान दोनों आपस में दोस्त थे। दोनों के बीच रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था, जो मंगलवार रात अचानक हिंसक रूप में भड़क उठा। जांच में यह भी सामने आया कि दोनों ही युवक अपराधिक प्रवृत्ति के हैं और इनके खिलाफ अलग–अलग थानों में मामले पहले से दर्ज हैं। पुलिस दोनों से जुड़े पुराने विवादों और घटनाओं की भी जांच कर रही है, ताकि पूरे मामले की तह तक पहुंचा जा सके। आरोपी को आज न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इस वारदात ने एक बार फिर शहर में आपराधिक प्रवृत्ति वाले युवकों की बढ़ती गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस का दावा है कि ऐसे तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि शहर में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
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PKPrakash Kumar Sinha
Nov 27, 2025 11:33:45
Patna, Bihar:बीते सोमवार को अपार्टमेंट से छलांग लगाकर 15 वर्षीय लड़की की संदिग्ध मौत के मामले ने आज तूल पकड़ लिया है। पुलिस जांच से नाराज़ परिजनों का प्रदर्शन उग्र गुरुवार के दिन परिजनों और स्थानीय लोगों ने नाला रोड पर आगजनी कर सड़क जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। परिजनों के गंभीर आरोप परिजनों का दावा— प्रशासन ने मामले की सही जांच नहीं की, लड़की के साथ रेप की आशंका, मौत को आत्महत्या करार देने की जल्दबाजी की जा रही है। सड़क जाम की जानकारी मिलते ही मौके पर कदमकुआं,पीरबहोर थाने की पुलिस के साथ टाउन डीएसपी वन भी मौके पर पहुंचे आक्रोशित लोगों को समझने की प्रयास में जुटे।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Nov 27, 2025 11:32:48
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के मामले में एक महत्वपूर्ण व मिसाल कायम करने वाला फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया कि इस प्रकार की नियुक्ति पाने के लिए परिवार का ‘भिखारी जैसी स्थिति’ में पहुंचना जरूरी नहीं है। जस्टिस फरजंद अली ने अपने रिपोर्टेबल जजमेंट में कहा कि करुणा का उद्देश्य परिवार की तात्कालिक आर्थिक समस्या का समाधान करना है, न कि उन्हें पूर्ण दयनीयता की कगार तक धकेलकर पात्रता परखना। उन्होंने कहा—“करुणा को अंकगणित के खेल में नहीं बदला जा सकता।” यह मामला ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (जो अब पंजाब नेशनल बैंक में विलय हो चुका है) के उस निर्णय से जुड़ा था, जिसमें बैंक ने एक मृतक कर्मचारी के बेटे हरजीत सिंह को अनुकंपा नियुक्ति देने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि परिवार को रिटायरमेंट लाभ के रूप में करीब 34.66 लाख रुपए मिले थे और इसलिए वे ‘निर्धन’ या ‘दयनीय स्थिति’ में नहीं माने जा सकते। मामले की पृष्ठभूमि श्रीगंगानगर निवासी दिवंगत दर्शन सिंह बैंक में असिस्टेंट मैनेजर थे। 37 वर्षों की सेवा के बाद 17 जनवरी 2019 को बीमारी के कारण उनका निधन हो गया। वे परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। बेटे हरजीत सिंह, जो ग्रेजुएट हैं, ने मार्च 2019 में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। बैंक की सक्षम समिति ने यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया कि परिवार को ग्रेच्युटी व पीएफ मिलाकर 34 लाख से अधिक राशि मिली है, फैमिली पेंशन चल रही है और आर्थिक स्थिति ‘निर्धन’ जैसी नहीं है। वास्तविक स्थिति: बैंक ने ही काटे 8.58 लाख, इलाज का 12–15 लाख का कर्ज मृतक की पत्नी कमलजीत कौर ने बैंक को पुनर्विचार आवेदन देकर बताया कि ग्रेच्युटी में से ही बैंक ने ओवरड्राफ्ट व विभिन्न लोन मिलाकर कुल 8.58 लाख रुपए काट लिए थे। चार साल तक चले उपचार पर परिवार को बजाज फाइनेंस से 5 लाख, मुथOOT से 2.50 लाख तथा बाजार से 7–8 लाख का कर्ज लेना पड़ा। परिवार किराए के मकान में रह रहा है और बेरोजगार हरजीत ही एकमात्र आश्रित पुरुष सदस्य हैं। सभी कर्ज चुकाने के बाद परिवार के पास कोई स्थायी आय नहीं बची। इसके बावजूद बैंक ने मार्च 2020 में पुनर्विचार भी खारिज कर दिया। हाईकोर्ट की चार महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ गरीबी का पैमाना गलत: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि CPC की ‘कंगाल’ या ‘पॉपर’ की परिभाषा अनुकंपा नियुक्ति पर लागू नहीं की जा سکتی। कोई वेतनभोगी कर्मचारी मरने के बाद ‘भिखारी’ बन जाए, यह अपेक्षा अनुचित है। भुखमरी का इंतजार क्यों? अनुकंपा नियुक्ति का उद्देश्य परिवार को तत्काल राहत देना है, न कि उन्हें पहले भुखमरी की स्थिति में पहुँचने देना। टर्मिनल लाभ आय नहीं: PF, ग्रेच्युटी जैसे सेवानिवृत्ति लाभ सुरक्षा राशि होते हैं, इन्हें नियमित आय मानकर नियुक्ति से इनकार करना अनुचित है। योजना का विरोधाभास: बैंक की नीति में स्पष्ट लिखा है कि परिवार में कमाने वाला सदस्य होने पर भी अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है। ऐसे में बेरोजगार बेटे को ‘गरीब नहीं हो’ कहकर कैसे मना किया जा सकता है? फैसला हाईकोर्ट ने बैंक के दोनों आदेशों को “दिमाग का इस्तेमाल न करने वाला” करार देते हुए रद्द कर दिया और बैंक को निर्देश दिया कि चार सप्ताह में मामले पर पुनः विचार कर तर्कसंगत आदेश जारी करे।
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ASAkash Sharma
Nov 27, 2025 11:32:23
Moradabad, Uttar Pradesh:
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SPSatya Prakash
Nov 27, 2025 11:31:40
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