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बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन: दुल्हनों के लिए बनी मुश्किलें!
Muzaffarpur, Bihar
Desk - Bihar
Location - Muzaffarpur
Reporter - Manitosh Kumar
Slug- मतदादाता सत्यापन करना बीएलओ के लिए बना सर दर्द तो घर में आई नई बहू के लिए प्रमाण पत्र जुटाना बना मुश्किल का काम पहले वोट गिरने थे अब प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण सूची से नाम काटने का डर सता रहा है
Anchor - बिहार में चुनावी सर गर्मी तेज होते हैं,जहां नेताओं का चुनावी तैयारी शुरू हो चुकी है तो दूसरे तरफ चुनाव आयोग ने भी 25 जुलाई तक वोटर लिस्ट के वेरिफिकेशन का काम पूरा करने का जिम्मा बीएलओ को सौंपा है. लेकिन वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का काम बीएलओ के लिए सर दर्द बन चुका है.वही जिस घर में 2003 के बाद शादी होकर पहुंची दुल्हनों के लिए भी वोटर लिस्ट को सत्यापन करना मुश्किल हो गया है,क्योंकि उनका नाम वोटर लिस्ट में तो है और आधार कार्ड भी बना हुआ है,लेकिन उन्हें दूसरा कोई प्रमाण पत्र नहीं है.जिससे वह अपना वोटर लिस्ट का सत्यापन नहीं करा सकते हैं.जिससे उन्हें अब यह डर सताने लगा है कि कहीं उनका नाम तो वोटर लिस्ट काट न दिया जाए.दूसरे तरफ कई ऐसे लोग हैं जो पढ़े-लिखे नहीं है ना ही उनका कोई बैंक अकाउंट है,सिर्फ उनके पास आधार कार्ड है जो वोटर वेरीफिकेशन के लिए मान्य नहीं है एसे में अब उन्हें जो 11 प्रमाण पत्र वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के लिए देना है उसे बनवाने के लिए समय नहीं मिल पा रहा है,क्योंकि एक प्रमाण पत्र बनवाने में 15 से 21 दिन का समय लगता है ऐसे में उन्हें भी अब वोट से वंचित होने का डर सताने लगा है. जी मीडिया की टीम जब वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की रियलिटी चेक के लिए मुसहरी प्रखंड के पताही पंचायत में पहुंची तो वहां के लोग वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन से खुश नहीं दिखे,बीएलओ अमरजीत कुमार से सारी टीम ने बात की तो उन्होंने कहा कम समय में वोटर लिस्ट का सत्यापन करना बड़ी मुश्किल का काम है क्योंकि बहुत सारे ऐसे परिवार हैं जो पढ़े लिखे नहीं है और उन्हें फॉर्म तक भरने नहीं आता है उनका फॉर्म भी उन्हीं को भरना पड़ रहा है जिससे एक परिवार में ज्यादा समय लग रहा है और जिससे कम लोगों का वेरिफिकेशन हो पा रहा है.बीएलओ अमरजीत ने कहा की एक तो ज्यादा समय लोगों के फॉर्म भरने में गुजर जाता है उसके बाद जब इसे ऑनलाइन अपलोड करना रहता है तो सर्वर डाउन रहता है जिससे जल्दी लोगों के फॉर्म को भी अपलोड नहीं हो पाता है. दूसरे पर लोगों का कहना है की 2003 के बाद सैकड़ो परिवार ऐसे हैं जिनके घर में शादी होकर उनकी बहू आई है और उनका नाम तो वोटर लिस्ट में जुट गया और वोट भी गिरने लगी लेकिन जो सरकार का अभी नियम आया है उसे उनका नाम काटने का अंदेशा लगाया जा रहा है क्योंकि जितने प्रमाण पत्र खोजे जा रहे हैं वह प्रमाण पत्र उनके बहू को भी नहीं बनाया गया है और अब अगर प्रमाण पत्र के लिए अप्लाई भी करते हैं तो इतना कम समय में उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिल पाएगा इसलिए सरकार को चाहिए कि इसमें थोड़ा समय बढ़ा दे ताकि उनके घर की बहू का भी वोटर लिस्ट में नाम रह सके.
WT - वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन वाली जगह से हमारे संवाददाता मणितोष कुमार ने बीएलओ अमरजीत कुमार और आम लोगों से की बातचीत
*इनपुट - मणितोष कुमार*
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