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सपा विधायक पंकज मलिक का नाम विवाद पर बड़ा बयान!
Muzaffarnagar, Uttar Pradesh
नाम व पहचान विवाद मे सपा विधायक का बयान
DATE =07-07-2025
ANCHOR =मुज़फ्फरनगर श्रावण मास लगते ही कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी लेकिन कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ही यहां नाम व पहचान को लेकर संग्राम छिड़ गया है. स्वामी यशवीर महाराज ने कई टीम बनाकर कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल व ढाबो पर नाम व पहचान को लेकर चैकिंग अभियान चला रही है जिसके चलते पिछले दिनों NH 58 पर स्थित पंडित जी वैष्णों ढाबे पर इसी चैकिंग अभियान के दौरान विवाद हो गया था जिसमे स्वामी की टीम के लोगो पर एक व्यक्ति की पेंट उतारने का आरोप भी लगा था जिसके बाद इस पुरे मामले मे सियासत भी गरमाई थी और सियासतदानो ने जमकर बयानों के तीर चलाये थे.
अब इस विवाद मे मुज़फ्फरनगर की चरथावल विधानसभा से सपा विधायक पंकज मलिक भी कूद गए है. उन्होंने भी इस पुरे विवाद को सदन मे उठाने की बात कही है.
सपा विधायक पंकज मलिक का कहना है की देखिये हमारे देश मे और प्रदेश मे सरकार जो क़ानून लायी है सरकार को उसका पालन करना चाहिये किसी को कोई अधिकार नही है किसी की जाती और धर्म जानने का. जैसे हमारे जनपद मे चल रहा है किसी के कपड़े उतरवाकर देखने का काम किया बहुत खराब काम है हम इसकी खुली निंदा करते है ऐसा नही होना चाहिए हम लोग संविधान को मानने वाले लोग है और ऐसे हिंदुस्तान मे रहते है जहाँ संविधान को सब मानते है और हर जाति धर्म और वर्ग के लोग एक दूसरे से मिलकर चलते है बहुत si ऐसी परम्परा है मुसलमान भाई दीवाली पर हम लोगो के पास आकर शुभकामनायें देते है और ईद पर हम लोग उनके यहां जाकर शुभकामनायें देते है ऐसे मे हम लोग जाति धर्म के नाम पर राजनीती करेंगे तो गलत बात है.
मेरे संज्ञान मे आया की क़ानून सरकार लाई है सरकार करेगी इस काम को. ज़ब कोई होटल खोलता है तो सारी औपचारिकताए मांगी जाति है परमिशन लेता है तो औपचारिकता मे सारी जानकारी देता है सारी जानकारी इनके पास है सरकार जाँच करे ना. किसी व्यक्ति विशेष को ये अधिकार तो है नही आज चार आदमी जाकर जांचना चाहते है पता कर रहे है कल चार आदमी उनको रोकेंगे झगड़े होंगे हम नही चाहते के ये मुज़फ्फरनगर झगड़े की तरफ चले.
देखिये किसी को कोई अधिकार नही है किसी की पेंट उतरवाकर धर्म जानने का सरकार क़ानून लाई है सरकार की जिम्मेदारी है क़ानून का पालन कराने का हर व्यक्ति की रक्षा करने का किसी को अपमानित करने का अधिकार किसी को नही है क़ानून सबके लिए बराबर है अगर क़ानून कोई तोड़ेगा.
अगर ऐसा मामले है तो मै इस मामले को सदन मे उठाने का काम करूंगा समाजवादी पार्टी आपकी आवाज को सदन मे उठाने का काम करेगी
बाइट =पंकज मलिक (सपा विधायक )
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Hazaribagh, Jharkhand:
हजारीबाग जिला पोस्टमार्टम हाउस में सीपेज़ की समस्या इन दिनों गंभीर होती जा रही है। सीलन और पानी रिसाव के कारण न सिर्फ कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है, बल्कि यहां रखे गए संरक्षित नमूनों (वेसरा ) की गुणवत्ता पर भी खतरा मंडराने लगा है।पोस्टमार्टम हाउस के टेक्नीशियन ने जानकारी दी कि वेसरा बेहद हिफाज़त से रखा जाता है, लेकिन लगातार हो रहे सीपेज़ के कारण उनके खराब होने की आशंका बनी रहती है। उन्होंने बताया कि कुछ नमूने लंबे समय तक संरक्षित रखने होते हैं, ताकि ज़रूरत पड़ने पर उन्हें जांच के लिए भेजा जा सके। लेकिन मौजूदा स्थिति में यह चुनौतीपूर्ण हो गया है।इस मामले पर जब संबंधित पदाधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि “हम प्रयास करते हैं कि अधिकतर मामलों में भेसरा पुलिस को हैंड टू हैंड उपलब्ध करवा दिया जाए, ताकि उन्हें संरक्षित रखने की नौबत ही न आए।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि संरक्षित वेसरा अधिकतम तीन महीने तक ही सुरक्षित रह पाता है।सीपेज़ की समस्या पर अधिकारी ने बताया कि इसको लेकर पहले ही कागज़ी कार्यवाही पूरी हो चुकी है और जल्द ही डीएमएफटी के तहत पोस्टमार्टम हाउस की मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा।स्थानीय नागरिकों और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों का मानना है कि जिले में न्यायिक प्रक्रियाओं की दृष्टि से पोस्टमार्टम हाउस की भूमिका बेहद अहम है, ऐसे में वहां की मूलभूत संरचनाओं की मरम्मती जल्द से जल्द होनी चाहिए ताकि सबूतों की गुणवत्ता और न्यायिक प्रक्रिया पर असर न पड़े।
बाइट :
राहुल (पोटमार्टम हाउस टेक्नीशियन)
एके सिंह (डिप्टी सुप्रीटेंडेड , HMCH)
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Narayanpur, Chhattisgarh:
नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के युवक-युवतियों ने जिला कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाई को ज्ञापन सौंपकर अपने साथ हो रहे अन्याय पर ध्यान आकर्षित किया है। इन युवक-युवतियों को ओरछा विकासखंड में तात्कालीन सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास शाखा द्वारा मौखिक आदेश पर आश्रम-छात्रावासों में दैनिक वेतन भोगी के रूप में रसोइया के कार्य पर रखा गया था।
*समस्या की जड़*
इन युवक-युवतियों ने जून-जुलाई 2024 से आश्रम-छात्रावासों में रसोइया के रूप में कार्य किया, लेकिन एक साल की कार्य अवधि के बाद भी उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया गया। इतना ही नहीं, बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें कार्य से निकाल दिया गया, जिससे वे फिर से बेरोजगार हो गए हैं।
*आर्थिक संकट*
एक साल का वेतन न मिलने से इन युवक-युवतियों के परिवार के भरण-पोषण की समस्या उत्पन
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Simdega, Jharkhand:
location-simdega
ravikant
सिमडेगा- बाल संप्रेक्षण गृह से 6 बच्चे फरार होने से जहां एक और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई वहीं पुलिस में महकमे में हड़कंप मच गया। रविवार की रात्रि लगभग 8.30 बजे खाना खाने के बाद बाल संप्रेक्षण गृह में बंद बच्चों का मिलान किया जा रहा था। इसी दौरान पता लगा कि 6 बच्चे फरार हो गए हैं । बताया गया ड्रम के सहारे बच्चे दीवार फांदकर फरार हो गए ।
घटना की सूचना तत्काल पुलिस को दी गई । पुलिस फरार सभी बच्चों को पकड़ने में जुट गई है । बाल संप्रेक्षण गृह में रखे गए फरार सभी बच्चे दुष्कर्म और हत्या के मामले के आरोपी थे । इधर पुलिस रात्रि से ही लगातार संभावित ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही है।
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Raipur, Chhattisgarh:
दंतेवाड़ा, 7 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 'लोन वर्राटू' अभियान के तहत 50-50 हजार के दो इनामी नक्सलियों सहित 7 माओवादियों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया। अब तक इस अभियान के जरिए 991 नक्सली, जिनमें 238 इनामी शामिल हैं, आत्मसमर्पण कर चुके हैं। शासन की पुनर्वास नीति और पुलिस के प्रयासों से नक्सलियों को समाज में वापसी का मौका मिल रहा है।
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Lucknow, Uttar Pradesh:
Arvind dubey
Sonbhdra
9415328369
यूपी के सोनभद्र जिले के विंढमगंज थाना क्षेत्र के धरती डोलवा गांव से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो केवल एक प्रेम विवाह नहीं, बल्कि सामाजिक ढांचे और पारिवारिक ताने-बाने को झकझोर देने वाला प्रसंग बन गया है।
यहां चार बच्चों की मां ने चार बच्चों के पिता से शादी कर ली। दोनों पूर्व में विवाहित थे और अब अपने पहले संबंधों से अलग हो चुके हैं। प्रेम के चलते दोनों ने साथ जीने का फैसला किया, लेकिन इस फैसले ने गांव में बवाल खड़ा कर दिया।
जिसके बाद पंचायत ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया
गांव की पंचायत ने इस विवाह को 'परिवार और समाज के विरुद्ध' मानते हुए दोनों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। उनका मानना है कि इससे गांव की युवा पीढ़ी पर गलत असर पड़ेगा और पारिवारिक मर्यादाओं को ठेस पहुंचेगी।
समाज में एक बड़ी चिंता यह है कि अगर ऐसे रिश्तों को बिना सामाजिक या नैतिक जवाबदेही के स्वीकार कर लिया गया, तो आने वाली पीढ़ी पारिवारिक ज़िम्मेदारियों और मूल्यों से भटक सकती है। विशेषकर जब दोनों के अपने-अपने बच्चे भी हों, तो यह सवाल और गहरा हो जाता है:
हर कोई यह कह रहा क्या ये बच्चे एक नई संयुक्त परिवार व्यवस्था में सहजता से ढल पाएंगे?
क्या दोनों पक्षों के बच्चे एक-दूसरे को स्वीकार करेंगे या इससे घर में तनाव बढ़ेगा?
क्या इन बच्चों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति स्थिर रह पाएगी?
बच्चों का भविष्य सबसे बड़ा प्रश्न
शादीशुदा ज़िंदगी टूटने का सबसे गहरा असर अक्सर बच्चों पर पड़ता है। इस मामले में भी आठ बच्चों के भविष्य को लेकर गहरी चिंता जताई जा रही है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि माता-पिता का अलग होना और फिर नए रिश्ते में जाना बच्चों के मन पर अस्थिरता, असुरक्षा और पहचान की उलझनें पैदा कर सकता है।
यहां यह बात भी आती है कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता बनाम सामाजिक ज़िम्मेदारी
बेशक, दो बालिग व्यक्ति कानूनन अपनी मर्ज़ी से विवाह कर सकते हैं। लेकिन क्या यह निर्णय समाज, परिवार और खासकर बच्चों की ज़िंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों से ऊपर रखा जा सकता है?
यह सवाल केवल धरती डोलवा गांव का नहीं, बल्कि पूरे समाज का है — कि हम किस तरह के व्यक्तिगत निर्णयों को सामाजिक रूप से स्वीकार करें और कहां एक सीमा खींची जाए।
Vo: धरती डोलवा की यह घटना केवल प्रेम विवाह नहीं है, यह समाज के सामने खड़े उस संकट का प्रतीक है जहां व्यक्तिगत इच्छाएं और सामाजिक ज़िम्मेदारियाँ आमने-सामने हैं।
इस विवाह ने जहां व्यक्तिगत स्वतंत्रता की मिसाल पेश की है, वहीं समाज को यह सोचने पर भी मजबूर कर दिया है कि रिश्तों में स्वतंत्रता के साथ ज़िम्मेदारी भी उतनी ही ज़रूरी है। विशेषकर तब, जब बच्चों के भविष्य की बात हो।
सोनभद्र जिले के विंढमगंज थाना क्षेत्र के धरती डोलवा गांव में सामने आया एक प्रेम विवाह समाज के लिए न सिर्फ चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि चिंता और सोच का कारण भी।
यहां चार बच्चों की मां ने चार बच्चों के पिता से विवाह कर लिया। दोनों पहले से ही अपने-अपने वैवाहिक संबंधों से अलग हो चुके थे। लेकिन उनके इस नए रिश्ते ने सामाजिक ताने-बाने को झकझोर दिया है।
Vo: दो परिवार, आठ बच्चे और एक फैसला: प्रेम विवाह पर बवाल, समाज में चिंता की लकीरें
गांव की पंचायत ने इसे सामाजिक मर्यादाओं के विरुद्ध मानते हुए दोनों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। पंचायत का कहना है कि यह कदम न केवल समाज में गलत उदाहरण पेश करता है, बल्कि पारिवारिक मूल्यों और बच्चों की मानसिक स्थिति पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है।
इस घटना में सबसे बड़ी चिंता उन आठ मासूम बच्चों की है, जिनकी जिंदगी अचानक एक नए और असामान्य पारिवारिक ढांचे में ढलने जा रही है।
क्या ये बच्चे इस परिवर्तन को सहजता से स्वीकार कर पाएंगे?
क्या उन्हें वह भावनात्मक स्थिरता मिल पाएगी जिसकी उन्हें ज़रूरत है?
वर्तमान समय में जहां रिश्तों की परिभाषाएं तेजी से बदल रही हैं, वहीं ग्रामीण समाज अब भी परंपरा, ज़िम्मेदारी और सामूहिक सोच को प्राथमिकता देता है। ऐसे में जब कोई फैसला समाज की जड़ पर सवाल उठाता है, तो भावनाएं आहत होती हैं।
लोगों को डर है कि इस तरह के रिश्ते अगर सामान्य मान लिए गए, तो पारिवारिक व्यवस्था की नींव कमजोर हो सकती है।
इस घटना में प्रेम की अपनी जगह हो सकती है, लेकिन क्या इस विवाह का फैसला केवल भावना से प्रेरित है या पारिवारिक जिम्मेदारियों से पलायन का एक रास्ता भी है?
क्योंकि यहां दोनों ने अपने-अपने बच्चों, जीवनसाथियों और रिश्तेदारों को पीछे छोड़कर एक नया जीवन चुना है। यह निर्णय केवल निजी नहीं है — यह सामाजिक असर छोड़ने वाला कदम है।
कानून के अनुसार, दो बालिग अपनी मर्जी से विवाह कर सकते हैं। लेकिन समाज केवल कानून से नहीं चलता, वह परंपराओं, भावनाओं और सामूहिक जिम्मेदारी से भी जुड़ा होता है।
इस घटना ने गांव की शांति और विश्वास की नींव को झकझोर दिया है। खासकर बच्चों की मानसिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति पर नज़र रखे।
धरती डोलवा गांव की यह प्रेम कहानी एक नई शुरुआत है, लेकिन सवाल यह है — किस कीमत पर?
क्या प्रेम की आज़ादी सामाजिक संतुलन और पारिवारिक ज़िम्मेदारी से ऊपर है?
या फिर हमें ऐसे फैसलों के बीच में से एक ऐसा रास्ता निकालना होगा, जिसमें इंसानियत, परंपरा और बच्चों का भविष्य तीनों सुरक्षित रह सकें।
यह खबर केवल एक विवाह की नहीं, हमारे सामाजिक मनोविज्ञान की परीक्षा है।
Vo: वहीं पंचायत की अध्यक्षता कर रहें बनारसी पासवान ने इस संबंध में बताया कि शादी करने वाला चार बच्चों का पिता संजय ने समाज के साथ छल किया है जिस वजह से उसका बहिष्कार हम सब करते हैं।
Byte - बनारसी पासवान
पंचायत में मौजूद शादी करने वाले संजय पासवान के भाई अरुण पासवान ने कहा कि हमारे भाई द्वारा समाज के प्रति जो गलती की गई है उसे लेकर हम लोग समाज मिल कर खुद को उनसे अलग कर लिए हैं उसके साथ आगे कोई सामाजिक वास्ता नहीं रखना चाहते क्यों कि उसने खुद के साथ दूसरे का घर भी उजाड़ दिया है। उसके घर किसी प्रकार से खान - पान या संबंध हमारा समाज नहीं रखेगा।
Byte - अरुण पासवान शादी करने वाले व्यक्ति का भाई।
पंचायत में मौजूद समाज के राधेश्याम पासवान ने कहा कि इस व्यक्ति ने जो कृत्य किया जिसमें की उसके भी चार बच्चे हैं तो उस महिला के भी चार बच्चे हैं ऐसी हालत में भी इन लोगों ने भाग कर दूसरा घर बसाया इसी वजह से हम लोग सामाजिक रूप से बहिष्कृत हो रहें। अब से उसके साथ हमारे समाज के लोगों का नेह निमंत्रण समेत हर प्रकार का संबंध समाप्त किया जाएगा।
Byte - राधेश्याम पासवान
राकेश कुमार ने पंचायत को लेकर बताया कि इस पंचायत में समाज से जुड़े आस - पास के कई गांव समेत झारखंड से भी लोग उपस्थित हुए हैं । गांव के एक व्यक्ति ने जो चार बच्चे के पिता हैं उनके बच्चे भी बड़े हो गए हैं उनकी बेटी शादी करने योग्य है वहीं एक महिला उनके भी चार बच्चे हैं दोनों बच्चों की कोई परवाह किए बगैर साथ जीवन बसाने को तैयार हो गई जिस बात से आहत होकर समाज के लोगों ने उनसे हर प्रकार से अलग होने का निर्णय लिया ताकि इसका दुष्प्रभाव आने वाली पीढ़ी पर न पड़े।
Byte - राकेश कुमार
पंचायत में मौजूद दीपक कुमार गुप्ता ने बताया कि गांव में एक व्यक्ति द्वारा गलत कर्म किया गया जिसके बाद सभी बिरादरी के लोग एकत्रित होकर खुद को उनसे अलग करने का निर्णय लिया ताकि उन्हें अपने किए का अनुभव हो सके।
Byte- दीपक कुमार गुप्ता
नन्हकू लाल पासवान ने बताया कि हम लोग इस पंचायत में बैठक कर यह निर्णय लिए कि जो लड़का है उसके चार बच्चे हैं और जो लड़की भागी है उसके भी चार बच्चे हैं बावजूद उन लोगों ने शादी की जिसे लेकर समाज उनसे पूरी तहर अलग हो गया यहां पंचायत में 500 से अधिक लोग मौजूद हैं जो विभिन्न क्षेत्रों से आए हैं सबने यही निर्णय लिया।
Vo: पंचायत के दौरान धरती डोलवा के ग्राम प्रधान सुरेंद्र पासवान ने बताया कि गांव के शिव मंदिर स्थल पर एक महा पंचायत का आवाहन किया गया। जिस महा पंचायत में स्थानीय गांव के अतिरिक्त कई अन्य गांव से व झारखंड के गढ़वा जिला से भी लोग एकत्रित हुए इस महा पंचायत में विभिन्न बिरादरी के लोग उपस्थित हुए। कुछ सप्ताह पहले धरती डोलवा से संजय पासवान ने बगल गांव की महिला को सहमति से लेकर भाग जाते हैं और एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं जिसमें दिखाया गया कि एक मंदिर में दोनों सिंदूर की रस्म निभाते हैं जिसके बाद दोनों एक दूसरे को पति - पत्नी के रूप में स्वीकार कर रहे हैं। संजय पासवान द्वारा इस तरह की तीसरी शादी होने की बात भी प्रधान द्वारा बताई गई । इसके पहले उनकी पहली शादी जहां हुई वहां लड़के के रंग भेद की वजह से उसे छोड़ दिया था फिर दूसरी पत्नी को खुद की पसन्द से शादी करके लाया था जिसके साथ रह भी रहे थे जिनसे चार बच्चे भी हुए एक बेटा और तीन बेटी। दो बेटियां लगभग 16 से 18 वर्ष के बीच हैं और दो बच्चे अभी छोटे हैं। वहीं जो महिला इसके साथ गई है उसके भी दो बेटे और दो बेटियां हैं। जिसे लेकर यहां पंचायत में बैठक बुलाई गई और चर्चा हुई कि यह कृत्य वैधानिक रूप से सही हो सकता है किंतु सामाजिक रूप से कितना सही है जो महिला इसके साथ गई है इसके पहले पति इस घटना के बाद काफी नीरस और डरे हुए हैं बच्चे भी विलख रहें। जिसके बाद समाज में यह निर्णय किया गया कि इनके इस कृत्य के बाद हम सब इनके खुद को अलग करते हैं
Byte - सुरेंद्र पासवान ( धरती डोलवा के ग्राम प्रधान)
नोट: बाइट के दौरान महिला का नाम है अगर जरूरी न हो तो कृपया चेक कर कट कर दें
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Hathras, Uttar Pradesh:
हाथरस
बड़े लापरवाह निकले साहब
डॉक्टर साहब कमरे से नदारद
कमरे में कुत्तों का आशियाना
स्वास्थ्य केंद्र का मामला उजागर
हाथरस जिले से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है... जहां एक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की गैरहाज़िरी का फायदा इंसानों ने नहीं, बल्कि कुत्तों ने उठाया... ये चौंकाने वाला नज़ारा हसायन क्षेत्र के नगला वीर सहाय स्वास्थ्य केंद्र का है... जहां सरकारी डॉक्टर समय पर पहुंचते नहीं... और उनके कमरे में आवारा कुत्ते आराम फरमाते हैं... स्वास्थ्य केंद्र के बाहर बैठे ग्रामीणों ने जब देखा कि... सुबह-सुबह मरीज इलाज के इंतजार में खड़े हैं, लेकिन डॉक्टर साहब नदारद हैं... और कुत्ते डॉक्टर साहब के कमरे में आराम फरमा रहे हैं... तो किसी ग्रामीण ने मौके पर वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया...
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Hardoi, Uttar Pradesh:
स्लग--हरदोई में दिनदहाड़े गोलीबारी से दहला पिहानी का महमूदपुर सरैया गांव, लाइव वीडियो से फैली दहशत
एंकर -- हरदोई के पिहानी कोतवाली क्षेत्र के चौकी जहानीखेड़ा अंतर्गत महमूदपुर सरैया गांव सोमवार को गोलियों की आवाज़ से दहल उठा। मामूली विवाद के बाद दो पक्षों में हुए पथराव, मारपीट और फिर खुलेआम फायरिंग की घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि गोलीबारी का लाइव वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीओ -- घटना का कारण बच्चों के बीच शुरू हुआ विवाद बताया जा रहा है। आरोप है कि इसी विवाद के बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के घर में घुसकर मारपीट शुरू कर दी। देखते ही देखते दोनों ओर से पथराव होने लगा और कुछ ही देर में फायरिंग शुरू हो गई। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक युवक खुलेआम रायफल लहराते हुए गोलियां चला रहा है, जबकि आसपास अफरातफरी मची हुई है।
वीओ -- घटना में मोहम्मद हसन पुत्र इब्ने हसन और जाफर पुत्र मोहम्मद हसन घायल हो गए हैं। वहीं दूसरे पक्ष के मुन्नू पुत्र कदीर और उनके साथी भी घायल बताए जा रहे हैं। इस दौरान धारदार हथियार से हमला करने की भी पुष्टि हुई है।सूचना पर प्रभारी निरीक्षक विद्यासागर पाल भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और हालात पर काबू पाया। पुलिस ने दोनों पक्षों से पूछताछ शुरू कर दी है और वायरल वीडियो के आधार पर भी कार्यवाही की जा रही है।फिलहाल गांव में तनाव का माहौल है, पुलिस निगरानी बनाए हुए है।
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Aligarh, Uttar Pradesh:
अलीगढ.....
तेज बारिश के बाद जलभराव से परेशान महिलाओं का फूटा गुस्सा, सड़कों पर उतरकर किया प्रदर्शन,लगाया जाम
अलीगढ़ के क्वार्सी थाना क्षेत्र स्थित बाईपास इलाके में जलभराव को लेकर महिलाओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। बारिश के बाद जलमग्न कॉलोनी की हालत से परेशान महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर जाम लगा दिया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
लोगों का आरोप है कि नाले की सफाई न होने और नाला कटने के कारण पूरी कॉलोनी जलमग्न हो गई है।स्थिति इतनी भयावह है कि घरों के अंदर गंदा पानी भर चुका है, जिससे दीवारों में दरारें आ गई हैं। बारिश के पानी से लोगों का राशन और घरेलू सामान भी पूरी तरह खराब हो गया।
स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं और कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर सिर्फ दावे किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके उलट है।
प्रशासन से तत्काल राहत और समाधान की मांग की जा रही है।
*बाइट:- विजय तोमर (वार्ड नंबर 53 से पूर्व पार्षद)*
*बाइट:- स्थानीय महिला प्रदर्शनकारी*
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Haridwar, Uttarakhand:
हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित सैनी आश्रम में एक मीटिंग दौरान हंगामा खड़ा हो गया। यहां कहासुनी के बाद दो पक्ष आमने सामने आ गए और जमकर धक्का मुक्की होने लगी। इस बीच कुछ लोगों के लात घूंसे भी चलाए। हालांकि हंगामे की संभावना पर पहले से मौजूद पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों को संभाला और झगड़ा कर रहे कुछ लोगों को बाहर खदेड़ा। दरअसल सैनी आश्रम के संचालन को लेकर पहले से ही दो पक्षों में विवाद चला आ रहा है। रविवार को आश्रम में सैनी सम्मेलन बुलाया गया था। जिसमें समाज के सैकडों लोग मौजूद थे। सम्मेलन में एक पक्ष ने आश्रम परिसर में बड़ा हॉल बनाने का प्रस्ताव रखा तो दूसरा पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई। देखते ही देखते दोनों पक्षों के दर्जनों लोग आमने-सामने आ गए।
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Bahraich, Uttar Pradesh:
रिपोर्ट/राजीव शर्मा/बहराइच/
मासूम बच्चियों का सीरियल रेपिस्ट गिरफ्तार, किडनैपिंग कर बनाता था हवस का शिकार,
बहराइच में पकड़ा गया मासूम बच्चियों का सीरियल रेपिस्ट,
कतर्निया जंगल क्षेत्र में फैला था इस साइको रेपिस्ट का कहर,
अब तक 4 बच्चियों के साथ रेप करने की हुई पुष्टि,
रात में अगवा कर ले जाता था अविनाश पाण्डेय नाम का साइको रेपिस्ट,थाना सुजौली की पुलिस ने आरोपी को किया अरेस्ट,
SP के निर्देश पर आरोपी गिरफ्तार, घटना का मोबाईल में बनाता था पोर्न वीडियो, आरोपी के मोबाईल में बरामद हुई कई वीडियो,
5 से 7 वर्ष की बच्चियों को बनाता था हवस का शिकार,घटनाकाण्ड से सुजौली इलाके में छाया था दहशत का माहौल, आरोपी के बदन पर बने टैटू से आरोपी के गिरेबान तक पहुंचे पुलिस के हाँथ, मासूम बच्चियों के साथ रेप की घटना का आरोपी बनाता था वीडियो, बलात्कार करने के बाद साइकिल से सुनसान जगह छोड़ कर हो जाता था फरार,मासूम बच्चियों के साथ लगातार हो रही दरिंदगी की घटना से दहल रहा था कतर्नियाघाट जंगल क्षेत्र का इलाका,
बाईट... SP राम नयन सिंह,
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