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राजपुरिया स्कूल: बच्चों की पढ़ाई खतरे में, शराबियों का अड्डा बना!
HUHITESH UPADHYAY
FollowJul 13, 2025 07:32:52
Pratapgarh, Rajasthan
Slug : 1307ZRJ_PRTP_SCHOOL_R
जिला : प्रतापगढ़
विधानसभा : प्रतापगढ़
खबर की लोकेशन : प्रतापगढ़
जिला संवादाता : हितेष उपाध्याय, 9079154796
हेडर/हेडलाईन : राजपुरिया का स्कूल बना शराबियों का अड्डा, बच्चे मौत के साये में पढ़ने को मजबूर, शिक्षा व्यवस्था की बदहाली और प्रशासन की अनदेखी से परेशान ग्रामीण, बच्चों का पलायन जारी
एंकर/इंट्रो : प्रतापगढ़ जिले का राजपुरिया गांव शिक्षा व्यवस्था की दर्दनाक सच्चाई को बयां करता है। जहां एक ओर सरकारें स्वस्थ भारत और शिक्षित भारत की बात करती हैं, वहीं दूसरी ओर हकीकत यह है कि यहां के बच्चे गंदगी, कीचड़ और खतरे के बीच पढ़ने को मजबूर हैं। अपने ही गांव का स्कूल छोड़कर बच्चे दूसरे गांव की ओर पलायन कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी गहरी नींद में हैं। स्कूल में पसरी गंदगी, चारों ओर खतरा
राजपुरिया गांव का राजकीय प्राथमिक विद्यालय आज किसी शैक्षणिक केंद्र से ज्यादा खतरे का स्थल बन चुका है। स्कूल के चारों ओर गाजर घास और खजूर के पेड़ उगे हैं, जिससे जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा बना हुआ है। स्कूल के आगे कीचड़ फैला हुआ है, जहां छोटे-छोटे बच्चे खेलते दिखे। स्कूल परिसर में चारों तरफ फैली गंदगी से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है।
शौचालय बना शराबियों का अड्डा विद्यालय का शौचालय देख कर किसी का भी सिर शर्म से झुक जाए। यहां कई शराब की खाली बोतलें पड़ी मिलीं, साथ ही स्कूल के पास भी शराबियों की गतिविधियों के निशान नजर आए। यह स्थिति साफ दर्शाती है कि स्कूल में कोई निगरानी नहीं है और सुरक्षा नाम की कोई व्यवस्था नहीं।
बाईट- ग्रामीण
विद्यालय टाइम पर जब स्कूल की शिक्षिका कमरे में बैठी मिलीं, वहीं बच्चे बाहर कीचड़ में खेलते नजर आए। एक छात्र ने बताया कि वह चौथी कक्षा में पढ़ता है और रोज यही कीचड़ उनका खेलने का स्थान बन चुका है। साफ है कि स्कूल प्रबंधन और अध्यापकों की कार्यशैली में गंभीर लापरवाही है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि गांव के लगभग 70% बच्चे या तो निजी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं या फिर पड़ोस के मध्यप्रदेश राज्य के कन्थार गांव के सरकारी स्कूल में। करीब 15 बच्चे रोजाना डेढ़ किलोमीटर दूर कन्थार स्कूल जाते हैं। हामिद मंसूरी नामक ग्रामीण अपने बच्चों को मोटरसाइकिल से स्कूल ले जाते दिखे। उनका कहना था कि राजपुरिया स्कूल की स्थिति बच्चों की पढ़ाई के लिए बिल्कुल उपयुक्त नहीं है।
बाईट- ग्रामीण
राजपुरिया गांव सीमावर्ती क्षेत्र में होने के कारण जिला प्रशासन और नेताओं की नजरों से दूर है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय नेता वोट मांगने आते हैं, लेकिन बाद में इस गांव को कोई याद नहीं करता। वर्षों से स्कूल की हालत बदतर बनी हुई है और कोई सुनवाई नहीं हो रही। स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि सफाई के लिए ग्राम पंचायत को सूचना दे दी गई है, जल्द ही मिट्टी डालकर कीचड़ हटाया जाएगा और साफ-सफाई की व्यवस्था की जा रही है।
बाईट- छात्रा
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