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राजौरी में ई-कोलाई संक्रमण से दहशत, 40 लोग बीमार और दो महिलाओं की मौत!
Jammu,
*राजौरी में एक बार फिर बीमारी का कहर, लोगों में दहशत का माहौल, ई-कोलाई संक्रमण से 40 लोग बीमार, दो महिलाओं की मौत; प्रशासन अलर्ट मोड पर* *EXCLUSIVE STORY*
INPUT:
1) BYTE OF DR. ML RANA (CMO) (IN 2C)
2) BYTES OF TWO LOCALS (IN 2C)
3) SHOTS OF NATURAL SPRING WHICH ARE BANNED AND GENERAL SHOTS OF THE AREA (IN 2C)
4) WALKTHROUGH INGESTED THROUGH TVU29
REPORTER: RAJAT VOHRA, ZEE MEDIA JAMMU
VIDEO JOURNALIST: MANIK KERNI
राजौरी जिले के कोटरनका तहसील के धार सकरी इलाके से एक बार फिर बीमारी का डरावना चेहरा सामने आया है। इलाके में ई-कोलाई (E.Coli) संक्रमण फैलने से अब तक 40 से अधिक लोग बीमार हो चुके हैं। इन बीमारों में कोटरनका के पास के ट्रल्ला गांव का एक मामला भी शामिल है। हालात तब और चिंताजनक हो गए जब इस संक्रमण के चलते दो महिलाओं की मौत हो गई—एक 75 वर्षीय महिला धार सकरी की रहने वाली थी, जबकि दूसरी 40 वर्षीय महिला ट्रल्ला गांव की थी, जो मल्टी ऑर्गन फेल्योर और डिहाइड्रेशन की शिकार पाई गई।
इस बीमारी के फैलने की वजह इलाके में इस्तेमाल हो रहे पांच प्राकृतिक जलस्रोतों—बावलियों—में ई-कोलाई बैक्टीरिया की मौजूदगी मानी जा रही है। जैसे ही पानी के नमूनों की जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई, प्रशासन ने तत्काल कदम उठाते हुए इन सभी बावलियों को सील कर दिया। साथ ही, जिला प्रशासन ने पानी को ब्लीचिंग पाउडर और क्लोरीन से ट्रीट करने का कार्य भी शुरू कर दिया है।
राजौरी के जिला उपायुक्त अभिषेक शर्मा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोहर लाल राणा ने खुद प्रभावित गांवों का दौरा किया। इलाके में चिकित्सा टीमों को तैनात किया गया है और लोगों को स्वच्छ जल सेवन की सख्त हिदायत दी गई है। प्रशासन द्वारा साफ किया गया है कि नल का पानी फिलहाल सुरक्षित पाया गया है, लेकिन लोग किसी भी खुले जलस्रोत से पानी न लें।
विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के दौरान ई-कोलाई जैसे बैक्टीरिया सामान्यतः फैलते हैं, लेकिन कोटरनका के ही पास बडाल में बीते साल दिसंबर और इस साल की शुरुआत में रहस्यमयी बीमारी से 13 बच्चों समेत 17 लोगों की मौत के बाद लोगों में इस बार डर कहीं ज्यादा गहरा हो गया है। अब जब फिर से उसी इलाके में बीमारियां और मौतें सामने आई हैं, तो प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।
स्थानीय लोगों को सलाह दी गई है कि केवल उबला हुआ या फिल्टर किया गया पानी ही इस्तेमाल करें और यदि किसी को उल्टी, दस्त या बुखार जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि जल स्रोतों की साफ-सफाई और मॉनिटरिंग का काम अब नियमित तौर पर किया जाएगा।
राजौरी का यह ताजा मामला न सिर्फ स्थानीय प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर के लिए भी एक सबक है कि जल स्रोतों की स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है।
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