Become a News Creator

Your local stories, Your voice

Follow us on
Download App fromplay-storeapp-store
Advertisement
Back
Jodhpur342001

जोधपुर पुलिस ने नशे और हथियारों के तस्करों को किया गिरफ्तार!

Rakesh Kumar Bhardwaj
Jul 05, 2025 15:00:40
Jodhpur, Rajasthan
जोधपुर --जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम मादक द्रव्यों एवं अवैध हथियारों की तस्करी के खिलाफ लगातार काम कर रही है एक दिन में अलग-अलग चल रहे तीन अभियानों ऑपरेशन कॉकटेल में सुरेश पुत्र रूपाराम निवासी कुड़ी पचपदरा, ऑपरेशन सीर्तोमिला में लक्ष्मणराम पुत्र बाबुराम, निवासी करीरों की ढाणी, जैसला, पुलिस थाना भोजासर जिला फलोदी और ऑपरेशन पयोमुखं में आरोपी सुभाष पुत्र बचनाराम निवासी नोखड़ा भाटीयान, पुलिस थाना भोजासर जिला फलोदी को दबोच लिया। पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि जोधपुर रेंज की साईक्लोनर टीम के शानदार स्विंग के सामने नशे के सौदागरों के तीन विकेट एक साथ उखाड़ दिये हैं। तीनों बदमाशों की गिरफ्तारी पर 60 हजार रूपये का ईनाम घोषित था तथा लम्बे समय से तीनों फरार रहकर अपना धन्धा चला रहे थे। तीन राज्यों में चला ऑपरेशन कॉकटेल ऑपरेशन कॉकटेल में गिरफ्तार आरोपी सुरेश की गिरफ्तारी के लिए करीब एक सप्ताह से टीम छत्तीसगढ़ में डेरा डाले थी। साईक्लोनर की सूचना के अनुसार सुरेश छत्तीसगढ़ में अपने रिश्तेदार की होटल में छुप कर फरारी काट रहा था। टीम को उसका ठिकाना पता चल चुका था, पर टीम सुरेश को हथियारों की खेप के साथ गिरफ्तार करने के फेर में फंदा बिछाये बेठी रही। योजना के अनुसार हथियारों की खेप प्राप्त करने के लिए सुरेश छत्तीसगढ़ से रवाना होकर मध्य प्रदेश के रतलाम पंहुंचा। टीम साये की तरह उसके पीछे लगी रही, दो दिन तक चुहे बिल्ली का खेल चलता रहा। ऐन वक्त पर हथियारों के आपुर्तिकर्ता के ठिकाने पर स्थानीय पुलिस की दबिश पड़ने से सुरेश को हथियार नहीं मिल पाये और वह वापिस छत्तीसगढ़ लौटने लगा। सुरेश को हथियार नही मिले, पर साईक्लोनर टीम को सुरेश मिल गया। रतलाम से अपनी कार में वापिस लौटते सुरेश के पीछे टीम साये की तरह लगी साईक्लोनर टीम मौके की ताक में लगी रही पर तेजी से कार चलाता सुरेश कहीं रूकने को ही तैयार नहीं था। > आखिर भोपाल के पास हाईवे पर कार रोक कर सुरेश खुले में शौच करने गया और यही अवसर पर्याप्त था साईक्लोनर टीम के लिए उस पर हाथ डालने का। नशा और हथियार का घातक कॉकटेल सुरेश मादक द्रव्यों और हथियारों की तस्करी के घातक कॉकटेल का बड़ा सरगना था। आरोपी सुरेश आरोपी अवैध हथियारों की तस्करी के कुल 04 प्रकरणों, अवैध मादक द्रव्यों की तस्करी के कुल 8 प्रकरणों तथा मारपीट सहित अन्य अपराध के कुल 04 प्रकरणों में मतलूब रह चुका है। आरोपी सुरेश पर कुल 14 प्रकरण दर्ज है। बालोतरा जिला पुलिस की विशेष टीम द्वारा अवैध हथियारों के सप्लाई करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए कुल दो अलग-अलग प्रकरणों में कुल 10 अवैध पिस्टल व कारतूस बरामद किये थे। उक्त प्रकरणों का मुख्य सरगना सुरेश अपनी गिरफ्तारी से फरार चल रहा था। भेड़ की खाल में भेड़िया (ऑपरेशन सीतोर्मिला) उधर दो वर्षों से बांसवाड़ा जिले से फरार मादक द्रव्यों का कुख्यात तस्कर फलोदी जिले के भोजसर थाना क्षेत्र के जैसला गांव में भोला-भाला गरीब किसान का स्वांग धरे मजे में फरारी काट रहा था। जब खेती चलती तब तो गांव में कुदाली लेकर खेती करता लक्ष्मणराम शेष समय में महाराष्ट्र, गुजरात की सैर करता लक्ष्मणराम। किसी को विश्वास ही नहीं था खेतों में दिन रात पसीना बहा रहा लक्ष्मणराम नशे की दुनिया का कुख्यात सरगना और ईनामी तस्कर भी हो सकता है। अपने आप को बचाये रखने के लिए लक्ष्मणराम ने कभी भी मारवाड़ में नशे का धन्धा नहीं चलाया तथा हमेशां बांसवाड़ा और गुजरात सीमा पर कारोबार चलाता रहा। मुम्बई के कुख्यात सम्पर्क सूत्र के सम्पर्क में लगातार रहने से लक्ष्मणराम की पोल खुली तो साईक्लोनर टीम जा धमकी गिरफ्तार करने को। साईक्लोनर टीम को आते देख अपने उपर के कमरे से लगे पाईप के सहारे से उतरता हुआ कूद कर भागने का प्रयास किया। साईक्लोनर की आंखों में धूल नहीं झोंक पाया लक्ष्मणराम और पहुंच गया अपनी मंजिल जेल की सलाखों के पीछे। चुल्हा मरम्मत से चरित्र मरम्मत तक (ऑपरेशन पयोमुख) - वंही गिरफ्तारी का नसीब वापिस घर ले आया कुख्यात आरोपी सुभाष को अपने छुपाव ठिकाने से शेर की मांद में। बांसवाड़ा जिले में मादक द्रव्यों की तस्करी का कुख्यात बदमाश सुभाष मुम्बई में गैस चुल्हे की मरम्मत का कार्य मजे से चलाता हुआ लम्बे समय से पुलिस की गिरफ्त से दूर चल रहा था। एक सामाजिक समारोह में भाग लेने चुपके से अपने गांव पंहूचे सुभाष की गर्दन पर चुपके से हाथ डाल दिया साईक्लोनर टीम ने। बारात में दुल्हे का ड्राईवर बन कर स्टेरिंग पकड़े बैठा था सुभाष तभी उसकी गर्दन पकड़ली साईक्लोनर टीम ने। दरअसल मुम्बई के एक ही सम्पर्क सूत्र के करीबी थे लक्ष्मण व सुभाष। वह सम्पर्क सूत्र सुभाष के गांव आने पर दोनों को मिलवाने की योजना बना रहा था। साईक्लोनर को भनक लग गई तो साईक्लोनर ने ही दोनों के मिलने का रास्ता निकाल दिया, अब जेल के सलाखों के पीछे खूब मुलाकातें होगी दोनों की। ऑपरेशन कॉकटेल का नाम- नशे व हथियार का मिश्रित व्यापार करने यानी कॉकटेल बनाने में प्रवीण था सुरेश, इसी कारण उसे पकड़ने के लिए चलाये गये ऑपरेशन का नाम कॉकटेल रखा गया। ऑपरेशन सीतोर्मिला का नाम- लक्ष्मणराम के नाम में राम और लक्ष्मण का नाम होने से दोनों की पत्नियों सीता और उर्मिला नाम मिलाकर ऑपरेशन का नाम सीतोर्मिला रखा गया क्यों कि उसकी पत्नी उसके फरारी के दौरान कभी साथ रहती थी तो कभी गांव में अकेले रह कर उसका इन्तजार करती रहती थी। ऑपरेशन पयोमुखं का नाम- सुभाष मुम्बई में अपने गैस के कारोबार में अपने मीठे व सुमधुर व्यवहार के कारण काफी विख्यात था तथा उसी के दम पर बहुत कम समय में अपना व्यापार तेजी से बढ़ा चुका था। किसी को यह नहीं मालुम था कि इतना मीठा बोलने वाला सुभाष जहरीले मादक पदार्थों का इतना बड़ा तस्कर होगा-विषकुम्भं पयोमुख की तर्ज पर। बाइट विकास कुमार आई जी जोधपुर रेंज
0
Report

हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|

Advertisement
Advertisement