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गोवर्धन गुरु पूर्णिमा मेला: श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम!

KANHAIYA LAL SHARMA
Jul 05, 2025 19:02:14
Mathura, Uttar Pradesh
गोवर्धन गुरु पूर्णिमा मेला: भक्ति और उत्साह से सराबोर दूसरा दिन, परिक्रमार्थियों का उमड़ा सैलाब मथुरा,- पावन गोवर्धन की धरा पर चल रहे गुरु पूर्णिमा मेले का आज दूसरा दिन है और भक्ति का अद्भुत नज़ारा देखने को मिल रहा है. गिर्राज महाराज के जयकारों से पूरी तलहटी गूंज रही है, और देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है. यह मेला आध्यात्मिक ऊर्जा और अपार श्रद्धा का केंद्र बन गया है. अलसुबह से ही भक्त गिरिराज जी की परिक्रमा के लिए जुटना शुरू हो गए थे. गोवर्धन पर्वत की 21 किलोमीटर की परिक्रमा के लिए बच्चे, युवा और बुजुर्ग—हर आयु वर्ग के लोग पूरे उत्साह के साथ कदम बढ़ा रहे हैं. भीषण गर्मी और धूप के बावजूद भक्तों का जोश देखते ही बन रहा है. कई श्रद्धालु दंडवत परिक्रमा कर अपनी अटूट आस्था का प्रदर्शन कर रहे हैं, जो उनकी दृढ़ निष्ठा और भक्ति का प्रतीक है. परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह स्वयंसेवी संस्थाओं और स्थानीय लोगों द्वारा भक्तों के लिए जलपान, शरबत और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की गई है, जिससे परिक्रमार्थियों को काफी राहत मिल रही है. भक्तिमय भजनों और गिर्राज महाराज के जयकारे से पूरा वातावरण ओत-प्रोत है, जिससे श्रद्धालुओं को परिक्रमा के दौरान आध्यात्मिक शांति का अनुभव हो रहा है. गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गोवर्धन के सभी मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है. दानघाटी मंदिर, मानसी गंगा, राधाकुंड और कुसुम सरोवर जैसे प्रमुख स्थानों पर विशेष साज-सजावट की गई है. रंग-बिरंगी लाइटें, फूलों की आकर्षक सजावट और मनमोहक झांकियां भक्तों को अपनी ओर खींच रही हैं. मंदिरों में सुबह से ही आरती और भजन-कीर्तन का सिलसिला जारी है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. परिक्रमा मार्ग और प्रमुख चौराहों पर पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके और भक्तों को सुरक्षित माहौल में परिक्रमा करने का अवसर मिल सके. आगामी दिनों में भक्तों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है, जिसके लिए प्रशासन ने अतिरिक्त व्यवस्थाएं की हैं. गोवर्धन का यह मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और सामुदायिक सद्भाव का एक जीवंत प्रतीक बन गया है.
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