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Kushinagar274403

कुशीनगर में अधूरा बंधा: क्या बाढ़ से बचाव सिर्फ दिखावा है?

Pramod Kumar Gour
Jun 29, 2025 06:34:36
Kushinagar, Uttar Pradesh
प्रमोद कुमार ज़ी मीडिया कुशीनगर News Script Slug - नारायणी नदी पर बंधे का कार्य अधूरा एंकर - नेपाल की पहाड़ियों से निकलने वाली नारायणी नदी यूपी के कुशीनगर से हो कर बहती है। पहाड़ों पर बरसात होने के चलते नारायणी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। लेकिन कुशीनगर बाढ़ खंड द्वारा किए जा रहा बंधा निर्माण कार्य अब भी अधूरा है। बाढ़ से बचाव के लिए बनाए जा रहे तटबंध और स्पर-नोज का काम अब तक पूरा नहीं हो सका है। इससे प्रशासनिक लापरवाही एक बार फिर उजागर हो रही है। वी ओ - ये तस्वीरें कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र की हैं… नारायणी नदी के छितौनी तटबंध पर निर्माण कार्य जारी है… लेकिन ये काम तय समयसीमा के भीतर पूरा नहीं हो सका… स्पर और नोज का निर्माण अभी अधूरा है… जिससे नदी की धारा को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है…मानसून का समय 15 जून तक माना जाता है... ऐसे में बाढ़ खंड को इससे पूर्व बंधे का निर्माण कार्य पूरा करा लेना चाहिए..लेकिन 26 जून तक भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। बाढ़ प्रशासन बोल्डर और परक्यूपाइन लगाकर फिलहाल तटबंध को किसी तरह बचाने की कोशिश कर रहा है… लेकिन ये अस्थायी इंतजाम है… ग्रामीणों ने बताया कि हर साल यही होता है… बंधा बचाव के नाम पर लाखों-करोड़ों खर्च होते हैं, लेकिन काम वक्त पर पूरा नहीं होता… जब पानी चढ़ता है तब सब भागते हैं। बाइट - आनंद सिंह, ग्रामीण। वीओ: कुशीनगर में नारायणी पर बंधे का निर्माण बेहतर हो इसके लिए यूपी सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह भी स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। वहीं जिलाधिकारी, एसपी और सीडीओ ने भी तैयारियों का जायजा लिया है। इसके बावजूद निर्माण कार्य में लापरवाही देखा जा रहा है। बाढ़ प्रशासन ने भी माना है कि निर्माण कार्य में देरी हुई है… लेकिन जैसे-जैसे नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, काम में तेजी लाई जा रही है… हालांकि सवाल ये है कि जब मानसून हर साल तय वक्त पर आता है, तो तैयारी पहले से क्यों नहीं होती?… बाइट - मो0 जफर, एसडीएम खड्डा। वी ओ - बरसात के दिनों में इस नारायणी नदी से आने वाली बाढ़ से खड्डा तहसील क्षेत्र के हरिहरपुर, मरीचहवा, शिवपुर और बसंतपुर आदि दर्जनों गांवों गांवों के करीब 50 हजार से अधिक लोग प्रभावित होते हैं। बावजूद इसके कुशीनगर बाढ़ प्रशासन की ये लापरवाही कहीं न कहीं भ्रष्टाचार के तरफ इशारा करती है।
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