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उज्जैन में 375 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण, मुख्यमंत्री ने दी सौगात!
ASANIMESH SINGH
FollowJul 11, 2025 17:32:37
Ujjain, Madhya Pradesh
उज्जैन,
विक्रम विश्वविद्यालय, महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय और विकास प्राधिकरण के विभिन्न कार्यों का भूमि पूजन और लोकार्पण किया,
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज उज्जैन को कई सौगात दी । वह इंदौर से सीधे उज्जैन पहुंचे । यहां वे सबसे पहले शिप्रा विहार क्षेत्र में पहुंचे जहां विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए गए वाणिज्यिक परिसर का लोकार्पण किया इस परिसर में बड़े स्तर के भूखंड बनाए गए है जिन्हें पूरी तरह व्यावसायिक उपयोग के लिए दिया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यहीं से विक्रम विद्यालय और महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय के 63 करोड रुपए के निर्माण कार्यों का भूमि पूजन और लोकार्पण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने
नानाखेड़ा स्थित विकास प्राधिकरण के नवनिर्मित काम्प्लेक्स का लोकार्पण किया। इस काम्प्लेक्स का नाम प्रतिकल्पा रखा गया है। 68 करोड़ रुपए के इस सात मंजिला भवन में व्यावसायिक और आवासीय परिसर है।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा में कहा कि
आज उज्जैन में अलग-अलग विकास के कामों के… 65 करोड़ से उच्च शिक्षा विभाग की
दोनों विश्वविद्यालय – विक्रम विश्वविद्यालय और पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय – के निर्माण कार्यों के एक साथ भूमिपूजन, लोकार्पण का काम हमने किया है।
बीते समय में भी कई सारे एग्रीकल्चर संकाय से लेकर, कई सारे और नए कोर्स खुले हैं।
अभी-अभी यहां पर डेयरी और इस प्रकार के नए नवाचार करते हैं, उनके कोर्स भी खोले गए हैं।
पूरे प्रदेश के अंदर उच्च शिक्षा विभाग बहुत बेहतर तरीके से काम कर रहा है।
साथ ही साथ यहां उज्जैन में 'प्रतिकल्प' नाम का, 68 करोड़ की लागत से, आवासीय कम कमर्शियल इस प्रकार के एक बड़े भवन का लोकार्पण किया गया।
और उज्जैन में कई धार्मिक दृष्टि से, बड़ी संख्या में जो यात्रियों का आवागमन है – ऐसे में प्राधिकरण के द्वारा उनको भूखंड और उनके लायक बड़े कमर्शियल भूखंड, पूरा कमर्शियल बेल्ट – एक नया डेवलप किया गया है।
इसके साथ-साथ दो नई स्कीम लॉन्च की गई हैं। स्कीमों के माध्यम से भी आवासीय बड़े पैमाने पर, बड़े सेक्टर को जोड़ने का प्रयास किया गया।
कुल मिलाकर के, 375 करोड़ के आसपास के अलग-अलग विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन हुआ है।
सावन का पहला महीना बाबा महाकाल का आशीर्वाद है। हमने बाबा महाकाल के मंदिर के पास ही, पर्यटन विकास निगम का एक अद्भुत होटल बनाया है।
और उसमें सभी प्रकार के वीवीआईपी लोग भी रात में रुक सकें, सामान्य लोग भी रुक सकें – मंदिर के पास ही वह सब प्रबंधन मिले।
अभी बहुत दूर सर्किट हाउस में जाना पड़ता है।
हमने प्रयोग किया है कि उसी स्थान पर मैं खुद रात रुकूंगा और सुबह की भस्म आरती में शामिल रहूंगा।
क्योंकि हमारे लिए यात्रियों की व्यवस्था के साथ-साथ नगर के आवागमन में भी बार-बार ट्रैफिक में कष्ट न हो।
इसलिए हमने दो-तीन नए निर्णय भी लिए हैं, जिसमें हमारे वीवीआईपी मंदिर के पास ही रुककर के, उनका अपना कार्यक्रम बनाएं – ताकि शहर की बाकी व्यवस्था में कोई बाधा नहीं आए।
उसी प्रकार से भविष्य में हेलीपैड हम पास में बनाने वाले हैं, ताकि बार-बार पूरे शहर का ट्रैफिक जाम न करना पड़े।
मैं उम्मीद करता हूं कि यह जो नया रोड निकला है, खासकर जो 4 लेन हमने बनाए हैं – यह भविष्य की दृष्टि से जब करोड़ों लोग यहां आएंगे…
जैसे हमने घाट बनाए, तो लगभग घाट बनने के बाद 24 घंटे के अंदर 5 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर सकें – इतना बड़ा प्रबंधन कर रहे हैं।
इसी प्रकार से सारे चौड़े मार्ग एवं व्यवस्थाओं के बनने के बाद, नगर के अंदर अगर 1–2 करोड़ की आबादी भी आ जाए तो निर्बाध रूप से उनके आने-जाने का प्रबंधन रहे।
सिंहस्थ के दरमियान जब करोड़ों लोग रहेंगे – और हमने सबने देखा है कि जो प्रबंधन बढ़िया हुए थे इलाहाबाद में – उससे सीख लेते हैं और क्या-क्या अच्छा हो सकता है, हम सब कर रहे हैं।
क्योंकि हमारी प्रदेश सरकार का संकल्प है कि विकास के मामले में किसी प्रकार से हमारा राज्य भी किसी राज्य से पीछे न रहे।
वो सब जोड़ें जिसके कारण से विकास की अवधारणा भी पूरी हो सके और भविष्य में यात्रियों को सुविधा भी मिल सके।
यह ऐसी नगरिया है, उज्जैन – केवल उज्जैन वालों के लिए नहीं है। यह प्रदेश का गौरव और देश की शान है।
जब विश्व का सबसे बड़ा मेला होने वाला है – इस मेले के प्रबंध हमें समय रहते करने पड़ेंगे।
इसलिए वो सारे प्रबंधन हम कर रहे हैं जिनकी आवश्यकता है।"
बाइट--डॉ मोहन यादव--मुख्यमन्त्री
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