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Jodhpur342001

हाईकोर्ट ने रतन देवासी को दी बड़ी राहत, आरोप पत्र आंशिक रूप से रद्द!

RKRakesh Kumar Bhardwaj
Jul 14, 2025 18:00:20
Jodhpur, Rajasthan
जोधपुर---राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की बैंच ने एक अहम आदेश पारित करते हुए गंभीर धाराओं में पेश आरोप पत्र में लिए गए संज्ञान को आंशिक रूप से रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने विशेष एससी/एसटी मामलात कोर्ट, जालोर द्वारा पारित आदेश को आंशिक रूप से रद्द करते हुए राहत दी है। याचिकाकर्ता पूर्व विधायक रतन देवासी और उनके भाई पंकज देवासी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह दासपा,वरिष्ठ अधिवक्ता विनीत जैन एवं सहयोगी शीतल कुम्भट, अधिवक्ता प्रियंका बोराना ने पक्ष रखा। हाईकोर्ट में पैरवी करते हुए तर्क दिया कि वर्ष 2014 की एफआईआर में याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध दर्ज आरोप न केवल असंगत हैं, बल्कि उनमें पर्याप्त साक्ष्य का अभाव भी है। पुलिस द्वारा की गई विस्तृत जांच में भी याचिकाकर्ताओं की संलिप्तता नहीं पाई गई थी और अंतिम रिपोर्ट उन्हें दोषमुक्त मानते हुए पेश की गई थी। याचिकाकर्ताओं पर धारा 458, 352, 440, 379 आईपीसी तथा एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं में आरोप लगे थे। हाईकोर्ट ने कहा कि अधिकांश आरोप अस्पष्ट और सामूहिक प्रकृति के हैं, जिनमें व्यक्तिगत रूप से किसी आरोपी के विरुद्ध विशिष्ट कार्यवाही का कोई प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं है। हाईकोर्ट ने केवल धारा 458 आईपीसी (रात्रि में घर में घुसपैठ) के तहत अभियोजन जारी रखने का आदेश दिया, जबकि शेष सभी धाराओं के अंतर्गत लिए गए संज्ञान को निरस्त कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं को 2 अगस्त 2025 तक निचली अदालत में उपस्थित होकर 20,000 रुपये के निजी मुचलके पेश करने के निर्देश दिए है।
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