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क्या अबुआ आवास योजना की कमी ने एक मासूम की जान ली?

BRAJESH KUMAR
Jul 07, 2025 11:05:46
Khunti, Jharkhand
रिपोर्ट - ब्रजेश कुमार क्षेत्र - खूँटी स्लग- राँची जिले के सोनाहातु में कच्चा मकान ढहने से मासूम की मौत। अगर ‘अबुआ आवास’ वक्त पर मिलता, तो बच सकती थी जान? एंकर- राँची जिले के बुण्डू अनुमंडल क्षेत्र में घर ढहने से मलबे में दब कर एक बच्चे की जान चली गयी। घटना सोनाहातु थाना क्षेत्र के तेलवाडीह गांव की है। जहाँ बीती बीती रात भारी बारिश के बाद एक कच्चा मकान ढह गया और इस हादसे में 12 साल का शिवा प्रमाणिक दबकर मर गया। साथ ही शिवा एक मासूम बच्चा, जो हर रोज़ स्कूल जाता था, सपने देखता था, और सोचता था कि उसका कल बेहतर होगा। लेकिन उसका कल आया ही नहीं। और एक ही झटके में मिट्टी का वो घर उसकी कब्र बन गया। उसके साथ ही परिवार के तीन लोग भी घायल हो गए हैं। इलाज चल रहा है, लेकिन हालत गंभीर बताई जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि इस गरीब परिवार ने कई बार बुआ आवास और प्रधानमंत्री आवास के लिए गुहार लगाया लेकिन आज तक सरकार के सिस्टम के कारण सरकारी योजना का लाभ से यह गरीब परिवार एक पक्का मकान से वंचित रहकर रह गया। और इस प्रकार जर्जर कच्चे मकान में रखने से आज एक बड़ी हादसा हो गई। ग्रामीण और सम्बन्धी यह अफसोस कर रहे हैं कि इस गरीब परिवार का पक्का मकान होता तो शायद ना तो छोटे बच्चे यानी देश के भविष्य का जान जाता और ना ही उसके परिवार जो घायल हैं उनके साथ यह हादसा होता। इस प्रकार एक बार फिर सरकार की घोषणाओं और योजनाओं पर फिर एक बार सवाल उठ खड़ा हुआ है- कि क्या सरकारी योजनाएं सिर्फ फाइलों तक सिमट कर रह गई हैं? अब सवाल ये है — अगर सरकार की अबुआ आवास योजना का लाभ इस परिवार को वक्त पर मिल गया होता, तो क्या शिवा की जान बचाई जा सकती थी? गांववालों का आरोप है कि कई बार आवेदन के बावजूद इस परिवार को अब तक पक्का घर नहीं मिला। उनका कहना है कि गांव में और भी कई परिवार ऐसे ही टूटे-फूटे मकानों में रह रहे हैं, और किसी बड़ी अनहोनी के इंतजार में हैं। ये वही अबुआ आवास योजना है, जिसका ढोल सरकार बार-बार पीटती है — लेकिन अगर इस योजना का लाभ ज़रूरतमंदों तक वक्त पर नहीं पहुंचे, तो फिर ऐसे हादसों की जिम्मेदारी कौन लेगा? कौन बताएगा — कि इस बच्चे की मौत में सिर्फ बारिश दोषी है, या फिर वो सिस्टम भी जिसने वादा तो किया था लेकिन निभाया नहीं? Zee News पूछता है— क्या ये एक सामान्य हादसा है? या फिर ये एक ऐसी मौत है, जो सरकार की सुस्ती और लापरवाही की वजह से हुई? हम जवाब चाहते हैं। क्योंकि आज शिवा प्रमाणिक का जान गया है, कल कोई और का भी ऐसा हो सकता है। बाईट ‌- प्रतिमा , मृतक बच्चा का माँ। बाईट ‌- धीरज प्रामाणिक, ग्रामीण।
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