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सावन के पहले सोमवार पर त्रिपोलिया मंदिर में भक्तों की भीड़!

SKSwadesh Kapil
Jul 14, 2025 03:04:25
Alwar, Rajasthan
एंकर ,विजुअल आज सावन मास का पहला सोमवार है. जहां सुबह से ही भगवान शिव जी का जल अभिषेक कार्यक्रम शुरू हो गया .जो दोपहर 3:00 तक चलता रहेगा. मंदिर में भक्ति कतर वध होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. मंदिर ट्रस्ट द्वारा भक्तों की सुविधाओं को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था पूरी रखी जाती हे. हालांकि यातायात व्यवस्था के लिए यातायात पुलिस भी तैनात रहती है. लेकिन इस त्रिपोलिया में चारों तरफ रास्ते होने के कारण और चारों तरफ बाजार होने के कारण अनेकों बार जाम की स्थिति भी पैदा होती है. जिससे भक्तों को दर्शन करने में काफी परेशानी महसूस होती है. वैसे तो अलवर जिले में बहुत से प्राचीन मंदिर है. लेकिन शहर के हृदय स्थल में बसे त्रिपोलिया परिसर का त्रिपोलेश्वर महादेव मंदिर शहर के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. अलवर के रियासत काल में करीब 300 साल पहले त्रिपोलेश्वर मंदिर का निर्माण कराया गया था. यह मंदिर राजा महाराजाओं के समय का बनाया गया था. इस मंदिर में नर्भदेश्वर शिवलिंग विराजमान है. जिनकी रोजाना अलग-अलग रूप में झांकियां सजाई जाती है. मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्तों शिवलिंग के आगे शीश नवाते हैं. आसपास के दुकानदार मंदिर के बाहर स्थित गोमुख से जल लेकर अपनी दुकान शुरू करने से पहले जल का छिड़काव करते हैं. जिससे कि भगवान का आशीर्वाद उनकी दुकान पर भी रहे. स्वागत द्वार के एक गुंबद में है मंंदिर__ त्रिपोलेश्वर महादेव मंदिर के महंत जितेंद्र खेड़ापति ने बताया कि यह मंदिर 300 साल पुराना है. शुरुआती समय में यह मंदिर सड़क से ज्यादा ऊंचाई पर नहीं था. लेकिन आज इसकी ऊंचाई करीब 5 से 6 फुट है. त्रिपोलिया मंदिर में परंपरागत तरीके से ही पूजा की जाती है. मंदिर में सुबह से लेकर दोपहर 3 बजे तक भक्तों द्वारा जल अभिषेक किया जाता है.जलाभिषेक के बाद मंदिर की सफाई की जाती है. इसके बाद महादेव का श्रृंगार किया जाता है. यह परंपरा प्राचीन समय से ही चली आ रही है. रात दो बजे खुल जाता है मंदिर__ जितेंद्र खेड़ापति के अनुसार इस मंदिर की स्थापना से ही इस मंदिर में शिव और शक्ति के रूप में ज्वाला अखंड ज्योत के रूप में विराजमान है. भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर जोत में घी चढ़ाते हैं. त्रिपोलिया मंदिर के द्वार प्रातः 2 बजे खुल जाते हैं.तथा प्रातः 4 बजे, 6 बजे, शाम को संध्या आरती तथा रात्रि में शयन आरती की जाती है. आरती में भी भक्तों का सैलाब रहता है. त्रिपोलिया महादेव मंदिर का शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है. सावन के पवित्र महीने में मंदिर की ओर से पूरे सावन मास में भक्तों को जोड़ते हुए विशेष आयोजन किए जाते हैं. जिसमें सबसे बड़ा आयोजन रुद्री पाठ का किया जाता है. इसमें सवा लाख रुद्राक्ष को बाबा त्रिपोलेश्वर नाथ को मंत्रों के द्वारा चढ़ाए जाते हैं. इसके बाद भक्तों को इनका निशुल्क वितरण किया जाता है. यह आयोजन पूरे साल में मंदिर की ओर से किया जाने वाला एक बड़ा आयोजन है. इसमें हजारों की तादाद में श्रद्धालु मंदिर में आते है. और रुद्राक्ष प्राप्त करते हैं. मन्दिर में सजाई जाती है झांकियां__ जितेंद्र खेड़ापति ने बताया कि जलाभिषेक के बाद मंदिर में शिवलिंग को नई पोशाक पहना कर झांकियां सजाई जाती है. इसके लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आकर भगवान के दर्शन करते हैं. सावन मास में भी मंदिर में विशेष रुप से झांकियां सजाई जाती है.
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