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भ्रष्टाचार का वीडियो वायरल: ग्राम प्रधान ने खुद स्वीकारा!
PTPawan Tiwari
FollowJul 11, 2025 14:33:53
Balrampur, Uttar Pradesh
बलरामपुर के सदर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत भीकमपुर में नाली निर्माण में कथित भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर एक 57 सेकंड का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें ग्राम प्रधान प्रतिनिधि खुद निर्माण कार्य में प्रयोग हो रही ईंटों के बारे में जवाब देते दिखाई दे रहे हैं। वायरल वीडियो को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और पंचायत में हो रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वायरल इस वीडियो में प्रधान प्रतिनिधि खुद किए जा रहे भ्रष्टाचार को स्वीकार करते नजर आ रहे हैं।
यह वीडियो करीब दो सप्ताह पुराना बताया जा रहा है, जिसमें गांव के एक युवक द्वारा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि से नाली निर्माण को लेकर कई सवाल पूछे जाते हैं। वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि युवक पूछता है, "प्रधान जी, जो नाली का निर्माण हो रहा है वह कितनी मीटर की है?" इस पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जवाब देते हैं कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
इसके बाद युवक पूछता है कि ईंट कहां से मंगाई जा रही है, जिस पर प्रधान कहते हैं कि "आज़ाद भट्ट से ईंट मंगाई गई है।" युवक ईंट की गुणवत्ता को लेकर पूछता है कि कौन सी ईंट लग रही है, तो प्रधान प्रतिनिधि जवाब देते हैं, "यह मीठा औगल ईंट है भैया।"
फिर युवक सवाल करता है कि "इसी ईंट से नाली बनेगी? इसमें तो हमेशा पानी निकलेगा, यह कितने दिन चलेगी?" जिस पर प्रधान प्रतिनिधि जवाब देते हैं कि "बलरामपुर में हर जगह यही ईंट लगती है।" इस बातचीत से स्पष्ट होता है कि निर्माण कार्य में मानक विहीन सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे उसकी गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठते हैं।
सवालों के घेरे में ग्राम पंचायत
यह वीडियो सामने आने के बाद ग्राम पंचायत के कार्यों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वीडियो में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि खुद स्वीकार कर रहे हैं कि इसी प्रकार की ईंटें जनपद में अन्य जगहों पर भी इस्तेमाल की जा रही हैं। इससे यह आशंका और गहराती है कि अन्य ग्राम पंचायतों में भी इसी तरह की निर्माण सामग्री का उपयोग करके जनता की आँखों में धूल झोंकी जा रही है।
गौरतलब है कि बलरामपुर में पहले भी विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई हो चुकी है। बीते कुछ महीनों में दो विकास खंडों में ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों के खिलाफ जांच के बाद एफआईआर दर्ज हुई है। इनमें से दो ग्राम प्रधान और तीन पंचायत सचिवों को जेल भेजा जा चुका है। बावजूद इसके भ्रष्टाचार की घटनाओं में कोई कमी नहीं दिख रही।
जबावदेही से बचते नजर आए जिम्मेदार
जब इस पूरे मामले को लेकर ग्राम प्रधान से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि "मेरा तबीयत खराब है, जो आपको सही लगे, वह आप लिख दीजिए।" यह बयान अपने आप में प्रशासनिक जवाबदेही से बचने की कोशिश मानी जा रही है।
वहीं, पंचायत सचिव संजीव कुमार श्रीवास्तव से जब संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि मैं जब गांव में जाऊंगा तब जांच कर पाऊंगा।" इसके बाद उन्होंने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया, जिससे और भी संदेह की स्थिति उत्पन्न हो गई।
वीडियो वायरल होने के बाद ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि हर पंचायत में इस तरह की निर्माण सामग्री का उपयोग हो रहा है तो पूरे जनपद में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस वायरल वीडियो को संज्ञान में लेकर क्या कार्रवाई करता है, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
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