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Patna844508
पटना में मोदी की मां के अपमान पर भड़के भाजपा कार्यकर्ता!
SKSunny Kumar
Aug 29, 2025 08:30:54
Patna, Bihar
पटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर भाजपा नेता और कार्यकर्ता ने विरोध प्रदर्शन किया सदाकत आश्रम पहुंचते पहुंचते कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ता एक दूसरे से भिड़े बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला तो वही सदाकत आश्रम पहुंचते पहुंचते पूरा इलाका रण क्षेत्र में तब्दील हो गया.... प्रशासन के बीच बचाव के बाद ममला शांत हुआ लेकिन जिस चीज को लेकर विवाद था जिसको लेकर प्रदर्शन किया गया अंत में अपमान वाले पोस्टर और झंडा सड़क पर फेककर कर चले गए.... अब सवाल यह उठता है कि दोनों दलों ने अपने-अपने झंडा का भी सम्मान नहीं किया है इसके अलावा तिरंगा झंडा भी सड़क और कचरो के ढेर पर फेंक कर चले गए... मां का अपमान कांग्रेस की पहचान वाले पोस्टर भी सदाकत आश्रम के गेट पर गिरे हुए हैं हजारों लोग उसे पोस्टर को कुचलकर कर जा रहे हैं... Wt, visual,
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Sept 01, 2025 16:07:24
Mahadeva, Uttar Pradesh:
महराजगंज। श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के परतावल चौराहे पर सोमवार सुबह मद्धेशिया होटल के पास खड़ी बाइक चोरी हो गई। ग्रामसभा पिपरिया निवासी गोविंद विश्वकर्मा की हीरो स्प्लेंडर बाइक चोरी की वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। फुटेज में दो युवक बाइक लेकर फरार होते दिख रहे हैं। चौकी प्रभारी अमित सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा।
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Sept 01, 2025 16:06:29
Khajani, Uttar Pradesh:
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश शासन के पंचायत विभाग और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी 85 ग्राम पंचायतों में डेंगू से बचाव के लिए रोस्टर के अनुसार 1 से 15 सितंबर तक बड़े पैमाने पर जनजागरूकता अभियान चलाया गया है। खजनी के सहायक विकास अधिकारी पंचायत राजीव दूबे के नेतृत्व में आज पहले दिन बस्तियां, खुटभार, रामपुर पांडेय, हरनहीं, भैंसा बाजार, मुड़देवा बुजुर्ग, आशापार, गोपालपुर, भरोहियां, चरनाद और कटघर गांवों में स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग एवं अन्य विभागों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए जन जागरूकता रैली निकालने, ई-रिक्शा से डेंगू से बचाव हेतु ऑडियो जिंगल चलाकर तथा वाॅल पेटिंग के माध्यम से बृहद रूप में प्रचार प्रसार किया गया। रैली में ग्रामप्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग आंगनवाड़ी शामिल रहे।
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HBHeeralal Bhati
Sept 01, 2025 16:04:02
Jalore, Rajasthan:
जिला जालौर संवाददाता हीरालाल खबर की लोकेशन विधानसभा रानीवाड़ा स्थानीय पत्रकारJL03 आबाद खान फोन नंबर - 7665326500 रानीवाड़ा के बड़ागांव जैतपुरा सड़क मार्ग पर दो बाइक की भीषण भिड़ंत हो गई जिसमें बाइक सवार तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए घटना की सूचना पर 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों ने घायलों को एंबुलेंस की सहायता से इलाज के लिए रानीवाड़ा राजकीय अस्पताल लाया गया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद गुजरात के लिए रेफर किया गया
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PCPartha Chowdhury
Sept 01, 2025 16:03:39
Bardhaman, West Bengal:
আত্মীয়র বাড়িতে যেতে নিষেধ করেছিলেন ঠাকুমা।সে কারণেই নাকি অভিমানে গলায় ফাঁস লাগিয়ে আত্মঘাতী পঞ্চম শ্রেণীর ছাত্র।এই ঘটনায় চাঞ্চল্য ছড়িয়েছে পূর্ব বর্ধমানের মেমারির রাধাকান্তপুরে। জানা গেছে, মৃতের নাম প্রসূন মালিক। বয়স মাত্র ১১ বছর। মৃতের বাড়ি মেমারী থানার উত্তর রাধাকান্তপুর এলাকায়। পুলিশ ও পরিবার সূত্রে আরোও জানা গেছে,আত্মীয়র বাড়ি যাওয়ার জন্য জেদ করতে থাকে প্রসূন মালিক। কিন্তু তাতে আপত্তি করেন ঠাকুমা। এরপর আত্মীয়র বাড়িতে যেতে না পারার অভিমানে রবিবার বাড়িতে কেউ না থাকার সুযোগে দিদি-র ওড়না দিয়ে গলায় ফাঁস লাগিয়ে আত্মহত্যার চেষ্টা করে প্রসূন। পরে পরিবারের লোকজন দেখতে পেয়ে তাকে উদ্ধার করে তড়িঘড়ি মেমারী হাসপাতালে নিয়ে যান। সেখানে অবস্থার অবনতি হলে তাকে বর্ধমান মেডিকেল কলেজ হাসপাতালে নিয়ে আসা হয়। চিকিৎসাধীন অবস্থায় রবিবার রাতেই মৃত্যু হয় তার। মৃতের পিসি চম্পা মালিক জানান, ছেলেটি ক্লাস ফাইভে পড়ত। হঠাৎই দিদির ওড়না দিয়ে ফাঁস লাগিয়ে দেয়। মৃতের বাবা দীপু মালিক জানান, প্রথমে মায়ের অনুরোধ মেনে নিয়েছিল। পরে আবার হঠাৎই সে অভিমানী হয়ে পড়ে।মা গোবর কুড়িয়ে আনতে গিয়েছিল। সেই ফাঁকেই গলায় দড়ি দেয় ওই কিশোর। সোমবার দেহ ময়নাতদন্তের জন্য পাঠানো হয় বর্ধমান মেডিকেলে। বাইট : ১) দীপু মালিক ( মৃতের বাবা) চম্পা মালিক ( মৃতের পিসি) 010825ZG_BWN_BOY
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PCPartha Chowdhury
Sept 01, 2025 16:03:20
Bardhaman, West Bengal:
তরকারী ও ডিম নেই,পড়ুয়াদের দেওয়া হচ্ছে শুধুই সাদা ভাত। এই অভিযোগকে কেন্দ্র করে ক্ষোভ প্রকাশ আই সি ডি এস সেন্টারের অভিভাবকদের। পূর্ব বর্ধমান জেলার ভাতার ব্লকের কালুত্তক গ্রামের ১৭১ নম্বর আইসিডি সেন্টারের এই ঘটনায় চাঞ্চল্য ছড়ায়। পরে পঞ্চায়েতের সদস্য নিজেই এ বিষয়ে অভিযোগ জানান ভাতার বিডিও অফিসে। অভিভাবক ও গ্রামবাসীদের একাংশের অভিযোগ,সোমবার গ্রামের ১৭১ নম্বর আই,সি,ডি,এস সেন্টার থেকে বাচ্চাদের শুধুমাত্র ভাত দেওয়া হয়েছে।ডিম বা তরকারি দেওয়া হয়নি।এই অভিযোগের পরিপেক্ষিতে আইসিডিএস সেন্টারের সামনেই ক্ষোভ প্রকাশ করেন অভিভাবক থেকে গ্রামবাসীদের একাংশ।তাদের অনেকের অভিযোগ, মাঝেমধ্যেই এই ধরনের ঘটনা ঘটছে এই সেন্টারে।পাশাপাশি সেন্টারের চতুর্দিকে আবর্জনায় ভরা, অস্বাস্থ্যকর পরিবেশ। অবিলম্বে সেন্টারটিকে পরিষ্কার-পরিচ্ছন্ন করার দাবিও তুলেছেন স্থানীয়রা। যদিও এই বিষয়ে সেন্টারের হেল্পার উমা মুখার্জী জানান, আজ কোনও তরকারি হয়নি,কেবলমাত্র ভাতই দেওয়া হয়েছে। কারণ তরকারির সাপ্লাই নেই বলে তাকে সেন্টারের দিদিমনি জানিয়েছেন। অন্যদিন ডিম দেওয়া হলেও আজ আধার কার্ড আপডেটের কাজ সম্পূর্ণ না হওয়ায় ডিমও না দিতে বলা হয়েছিল। তার বক্তব্য, এরকম ঘটনা খুবই কম ঘটে। গ্রাম পঞ্চায়েতের সদস্য সুফি লালন জানান, 'এই নিয়ে আগেও অভিযোগ এসেছে আমার কাছে। আমি এ নিয়ে ব্লকে অভিযোগও করেছি।' বাইট :১) উমা মুখার্জি ( সেন্টারের কর্মী) ২) রোকেয়া ( অভিভাবক) ৩) শেখ খালেক রহমান ( অভিভাবক) ৪) সুফি লালন ( পঞ্চায়েত সদস্য)। সদন সিনহার সঙ্গে পার্থ চৌধুরী। 010925ZG_BWN_CENTRE
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HBHeeralal Bhati
Sept 01, 2025 16:03:11
Jalore, Rajasthan:
सांचोर के सरनाऊ में खेजड़ली बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर दीप प्रज्वलन व श्रद्धांजलि कार्यक्रम का हुआ आयोजन,खेजड़ली बलिदान दिवस के पूर्व संध्या पर सरनाऊ पंचायत समिति मुख्यालय पर पर्यावरण प्रेमियों ने 363 दीप प्रज्वलित माँ अमृता देवी बिश्नोई सहित शहीदों को श्रद्धांजलि की अर्पित, इस दौरान संत रामेश्वर दास महाराज,जिला परिषद सदस्य प्रवीण बिश्नोई,भाजपा नेता पप्पू मालानी सहित बड़ी संख्या में लोग रहे मौजूद।
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SDShankar Dan
Sept 01, 2025 16:03:03
Jaisalmer, Rajasthan:
जिला-जैसलमेर विधानसभा-पोकरण खबर की लोकेशन-रामदेवरा रिपोर्टर-शंकर दान मोबाइल-9799069952 राजस्थान के राज्यपाल के एक वर्ष के कार्यकाल के आलोक में प्रकाशित "अभ्युदय की ओर" पुस्तक का रामदेवरा मे हुआ लोकार्पण रामदेवरा की भीलों का बास निवासी सोमती देवी ने किया राज्यपाल के एक वर्ष के कार्यकाल की पुस्तक "अभ्युदय की ओर" का लोकार्पण, राज्यपाल ने लोकार्पण के लिए रामदेवरा की सोमती देवी का आभार जताया जैसलमेर राजस्थान के इतिहास में वह क्षण सदा के लिए स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया जब राज्यपाल हरिभाऊ बागडे के आग्रह पर सोमवार को रामदेवरा की भीलों का बास निवासी सोमती देवी ने उनके एक वर्ष के कार्यकाल की पुस्तक "अभ्युदय की ओर" का लोकार्पण किया। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अपने एक वर्ष का कार्यकाल आदिवासी, जनजाति और गांव गरीब के लोगों को समर्पित किया है। उनकी यह मंशा थी कि उनके एक वर्ष कार्यकाल की पुस्तक का लोकार्पण लोक आस्था के पावन धाम में किसी महिला से हो। भीलों का बास निवासी सोमती देवी को इसके लिए चुना गया। राज्यपाल ने कहा कि "अभ्युदय की ओर" का अर्थ है, सर्व कल्याण/सबकी उन्नति/सबके समान उत्थान के लिए कार्य। उन्होंने रामदेवरा की महिला सोमती द्वारा "अभ्युदय की ओर" पुस्तक लोकार्पण के लिए आभार भी जताया। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल बागडे ने राजस्थान में अपने एक वर्ष के कार्यकाल को उदयपुर जिले की आदिवासी ग्राम पंचायत बिलवान कोटड़ा में मनाया था। एक वर्ष पूर्ण होने पर उन्होंने जनजातीय लोगों के मध्य ही रात्रि विश्राम कर उनसे मिल बैठ संवाद कर मनाया था। अभ्युदय की ओर पुस्तक राज्यपाल के रूप पदभार ग्रहण के बाद से ही राज्यपाल हरिभाऊ बागडे का निरंतर यह प्रयास रहा है कि सभी क्षेत्रों में राजस्थान 'अभ्युदय की ओर' बढ़ें। इसी के तहत उन्होंने राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए सभी जिलों का सघन दौरा किया। वहां के लोगों से संवाद किया। जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं, विकास कार्यक्रमों, जन हित से जुड़ी नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया। पुस्तक में इस सबसे जुड़ी महती सामग्री संजोई गई है। पुस्तक में उनके द्वारा रासायनिक खेती के खतरों को देखते हुए प्राकृतिक खेती के लिए किए कार्य, सहकारिता की भावना के साथ सभी क्षेत्रों विकास के साझा प्रयास, डेयरी और आदिवासी क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास के लिए किए कार्य और प्रदेश में विश्वविद्यालयों को उच्च गुणवत्ता की दृष्टि से समृद्ध किए जाने, नेक एक्रीडेशन आदि के लिए हुई पहल को संजोया गया है। इस अवसर पर पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी, राज्यपाल के सचिव डॉ. पृथ्वी, महानिरीक्षक, सीमा सुरक्षा बल फ्रंटियर, जोधपुर एम. एल. गर्ग, डॉ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, सक्षम संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम पुरोहित, प्रदेश सचिव कुलदीप मिश्रा, महासचिव खेताराम लीलड़, बाबा रामदेव वंशज गादीपति भोमसिंह तंवर, जिला स्तरीय अधिकारी सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
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ADAbhijeet Dave
Sept 01, 2025 16:02:04
Ajmer, Rajasthan:
अजमेर विधानसभा अजमेर सिटी अभिजीत दवे 9829102621 एंकर - केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अजमेर जिले के किशनगढ़ दौरे के दौरान ग्राम मुहामी में कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत के आवास पहुंचकर स्वर्गीय सूरज चंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद जयपुर लौटते समय वे किशनगढ़ में भी रुके और मीडिया से बातचीत की। अमेरिका के टैरिफ मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत ने विश्व पटल पर अपना प्रभुत्व और प्रभाव स्थापित किया है। आज अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की बात सुनी जाती है और बिना भारत की सहमति कोई निर्णय संभव नहीं है। शेखावत ने कहा कि भारत अब एक महत्वपूर्ण वैश्विक घटक के रूप में उभरा है। चीन दौरे पर होने वाली बैठक भारत के हितों, वैश्विक विषयों और अर्थव्यवस्था के विकास को लेकर बेहद अहम साबित होगी। उन्होंने किशनगढ़ प्रवास के दौरान खोड़ा गणेश जी के दर्शन करने का भी सौभाग्य प्राप्त किया। इस मौके पर स्थानीय कार्यकर्ताओं और आमजन ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। बाइट - गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री
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RSRajkumar Singh
Sept 01, 2025 16:01:48
Hajipur, Bihar:
खबर वैशाली के हाजीपुर से है जहां वैशाली विधानसभा में 3 सितंबर को होने वाली एनडीए सम्मेलन को लेकर अब तैयारी शुरू कर दी गई. एनडीए गठबंधन के जिला अध्यक्षों ने सम्मेलन को सफल बनाने के लिए बैठक की कहा वैशाली विधानसभा में होने वाला एनडीए गठबंधन सम्मेलन अद्भुत होगा हमारे गठबंधन की सभी नेता एकजुट होकर इस सम्मेलन को सफल बनाएंगे. 3 सितंबर को होने वाले सम्मेलन में जनता दल यूनाइटेड के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा के साथ तमाम गठबंधन के नेता इस सम्मेलन में भाग लेंगे.बैठक के दौरान एनडीए नेताओं का एकजुट भी दिखाई दिया. जनता दल यूनाइटेड के जिला अध्यक्ष सुभाष चंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश से जो आदेश आया है उसी अनुसार विधानसभा में एनडीए सम्मेलन होना जिसको लेकर हम लोग तैयारी में जुट गए. 3 सितंबर को वैशाली विधानसभा 7 सितंबर को मेहनत विधानसभा और 9 सितंबर को लालगंज विधानसभा में एनडीए सम्मेलन होगा इसको लेकर हम लोग बैठक कर रहे हैं और सम्मेलन में पूरी ताकत के साथ हम लोग भाग लेंगे.
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KHKHALID HUSSAIN
Sept 01, 2025 16:01:39
Badgam, :
( TVU 9 ) EXCLUSIVE GROUND REPORT 1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवाद के कारण कश्मीरी पंडितों के कश्मीर घाटी से पलायन के साथ बंद हुए प्राचीन मंदिरों को फिर से खोला जा रहा है। इसे कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को पुनः प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है और माना जा रहा है इससे घाटी के कश्मीरी पंडितों में विश्वास और आशा की बहाली में मदद मिलेगी। जम्मू-कश्मीर सरकार की विरासत संरक्षण और धार्मिक अवसंरचना योजनाओं के तहत, सदियों पुराने ऐतिहासिक मंदिरों और धार्मिक स्थलों को फिर से खोला जा रहा है, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के उभार और कश्मीरी पंडितों के बड़े पैमाने पर पलायन के बाद नष्ट हुए हैं या वीरान पड़े रहे। मध्य कश्मीर का बडगाम ज़िला कश्मीरी विरासत से समृद्ध है और प्राचीन धार्मिक स्थलों में सदियों पुराने मंदिर भी शामिल हैं। बडगाम में लगभग 25 बड़े और छोटे मंदिर हैं जो 90 के दशक से खंडहर हो गए थे। इनमें से पाँच का पहले चरण में जीर्णोद्धार किया जा रहा है और सबसे प्राचीन दो मंदिर वासुकनाग मंदिर और शारदा माता स्थापना हैं। बडगाम ज़िले के हुशरू में स्थित वासुकी नाग मंदिर, विशेष रूप से कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए, धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है और सदियों पुरानी आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़ा है। यह मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं के एक प्रमुख पात्र वासुकी को समर्पित है, जिन्हें नागों का राजा कहा जाता है। हिंदू प्रतिमाओं में वासुकी को भगवान शिव के गले में लिपटे हुए दिखाया गया है और समुद्र मंथन में उनकी भूमिका के लिए उन्हें याद किया जाता है। यह मंदिर अपनी गहरी ऐतिहासिक जड़ों के लिए प्रसिद्ध है, ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण लगभग 1000 साल पहले हुआ था। कश्मीरी पंडितों का दावा है कि वासुकी नाग मंदिर में झरना "गणेश भून" नामक एक चिनार के पेड़ से निकलता है, जिसका तना भगवान गणेश जैसा दिखता है, जिसे "गणेश भून" कहा जाता है, जो एक चिनार का पेड़ (भगवान गणेश से जुड़ा एक पेड़) है। पंडितों का दावा है कि आध्यात्मिक झरना उस पेड़ के तने से निकलता है और इस पेड़ की भी वृद्ध गणेश के रूप में पूजा की जाती है। वृक्ष के साथ WT और बबलू जी पंडित की बाइट। बबलू जी पंडित ने कहा, "पहले यह झरना वागम गांव में था जिसका मतलब वागेश्वरी माता है, फिर यह वागम बन गया, फिर वहां कुछ अपवित्र चीज हुई, हमने अपने बुजुर्गों से जो सुना है वह वहीं बंद हो गया और इस "गणेश बूनी" से यहां झरना निकला, तब से यह यहां है, इस चिनार के पेड़ से पानी आता है और इस कुंड में जाता है जिसका हाल ही में जीर्णोद्धार किया गया है, हम प्रशासन के आभारी हैं लेकिन हमें यहां और भी बहुत कुछ करना है। हम कोशिश कर रहे हैं कि जो भी मंदिर वीरान हो हम सरकार को सूचित करें और फिर सरकार मदद करे। अगर हम जिले की बात करें तो 10-15 मंदिरों का काम किया गया है। हमने 40 साल बाद हवन किया, 90 के दशक से पहले हमारे यहां दो बार कार्यक्रम होते थे। अगर मुसलमानों ने मदद नहीं की होती तो मैं 40 साल बाद में यहां नहीं होता, मुझे 40 साल बाद शांति वापस मिल गई।" बडगाम में लगभग तीन दशकों के बाद पंडित धार्मिक गतिविधियों के पुनरुद्धार प्रारंभिक नवीनीकरण के लिए धनराशि जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान की गई थी। बाइट गाँव के एक अन्य स्थानीय कश्मीरी पंडित प्यारे कृष्ण भट्ट ने कहा, "मैं भी 70 साल का हूँ। हमारे बुजुर्गों ने बताया था कि वास्की नाग पहले गाँव में था। कुछ अपवित्रता के बाद वह यहाँ प्रकट हुआ। हम यहाँ साल में दो बार पूजा करते थे, लेकिन 40 साल पहले। इस साल 40 साल बाद फिर से यहाँ पूजा हुई। सभी की इसमें गहरी आस्था थी। यह एक खूबसूरत जगह है और इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था। एक साल पहले जब हम यहाँ आए थे, तब यहाँ कुछ भी नहीं था। हमारा यहाँ एक आश्रम था, यहाँ केवल पत्थर थे, लेकिन अचानक यहाँ पानी निकलने लगा। यह भगवान शिव से जुड़ा वास्की झरना है। हमने यहाँ माता गंगा को भी रखा है। यहाँ एक हज़ार साल पुराना पेड़ है। हम उसे काटना चाहते थे, लेकिन काट नहीं पाए। हमें भगवान से अनुमति नहीं मिली। हम शौचालय बनाना चाहते थे, लेकिन उसके लिए भी भगवान ने अनुमति नहीं दी। हम इस पेड़ में एक कील भी नहीं ठोक सकते। यहाँ तक कि मुसलमान भी इसमें आस्था रखते हैं। आजकल मैं महीने में दो बार घर जाता हूँ। हम कई दिनों से यहाँ हैं, लेकिन हमने एक बार सब्ज़ी या दूध खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ी, गाँव वाले हमें सब कुछ देते हैं। हमें विश्वास है कि अब यहाँ नब्बे के दशक से बेहतर होगा। हमें पूरी उम्मीद है कि यह फिर से वही कश्मीर होगा। जब पूजा चल रही थी, तब WT। इस समारोह में जिला प्रशासन और स्थानीय समुदाय का सहयोग रहा, जो सांप्रदायिक सद्भाव को दर्शाता है। स्थानीय मुसलमान भी बहुत सहयोगी रहे और मंदिर परिसर में रहने वाले पंडितों को गाँव वालों द्वारा हर संभव मदद दी जा रही है और वे भी भाईचारे की पुरानी कश्मीरी संस्कृति को वापस पाना चाहते हैं। स्थानीय लोगों की बाइट स्थानीय ग्रामीण मोहम्मद अशरफ गनई ने कहा, "हमें भी इस मंदिर में गहरी आस्था है। यह बहुत पुराना मंदिर है, 10 या 20 साल पुराना नहीं, बल्कि 1000 साल पुराना है। पिछले 40 सालों से यहाँ कोई गतिविधि नहीं हुई थी, लेकिन पिछले एक-दो महीने से यह फिर से शुरू हो गया है। हम सभी बहुत खुश हैं कि पंडित भाई वापस आ गए हैं और हम उन्हें हर सुविधा प्रदान कर रहे हैं जिसकी उन्हें ज़रूरत है। वे हमारे भाई हैं। हमें खुशी है कि वे वापस आ रहे हैं।" पंडित समुदाय ने प्राचीन मंदिर को चालू तो कर दिया है, लेकिन वे मंदिर की सुरक्षा के लिए एक स्थायी सुरक्षा चौकी चाहते हैं। बाइट बबलू जी पंडित ने सुरक्षा के बारे में कहा, "सुरक्षा के लिए हमने एसएसपी और डिप्टी कमिश्नर को आवेदन दिया है, लेकिन उन्होंने हमें कुछ अस्थायी पीएसओ तो दिए हैं, लेकिन वे भी मेरी तरह बिना हथियारों के हैं। हथियारों वाली सुरक्षा अभी तक नहीं दी गई है। अब एक महीना हो गया है, हमें देखना होगा कि वे हमें कब सुरक्षा प्रदान करते हैं। हमें नहीं पता कि सुरक्षा न देने में क्या अड़चन है, लेकिन हमें सुरक्षा चाहिए। मंदिर में सुरक्षा होनी चाहिए।" बडगाम में एक और मील का पत्थर इछकूट गाँव में शारदा भवानी मंदिर का फिर से खुलना है, जो आतंकवाद और घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के कारण 36 वर्षों से अधिक समय तक बंद रहा था। यह गाँव बडगाम में कश्मीरी पंडितों के सबसे बड़े गाँवों में से एक है। 90 के दशक से पहले यहाँ 35 पंडित परिवार रहते थे। मंदिर की 'मुहूर्त' और 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोहों के साथ पुनर्स्थापना की गई, जो देवता की पुनर्स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा का प्रतीक है। जब पूजा चल रही थी, तब WT। यह मंदिर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित प्रतिष्ठित शारदा माता मंदिर की एक शाखा माना जाता है। प्राचीन भारत के सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और बौद्धिक केंद्रों में से एक, जो अब पीओके में स्थित है। कहा जाता है कि इस गाँव के एक पंडित, जो माता शारदा के उपासक थे, 18वीं शताब्दी में हर साल शारदा पीठ की यात्रा करते थे और 1830 में जब वह व्यक्ति बूढ़ा हो गया और ज़्यादा चलने-फिरने में असमर्थ हो गया, तो देवी शारदा उसके सपने में आईं और उससे कहा कि मुझे पता है अब तुम बूढ़े हो गए हो और चल नहीं सकते, अब मैं तुम्हारे साथ चलूँगी। उसी समय देवी शारदा एक शारदा पीठ के पुजारी के सपने में आईं और उसे सलाह दी कि वह उपासक कें गाँव में यहाँ से एक लकड़ी की छड़ी लेकर जाए और उसे उसके गाँव में लगाने के लिए कहे। पुजारी ने ऐसा ही किया और वह छड़ी, एक बड़े चिनार के पेड़ के रूप में निकली आई और उस चिनार के पेड़ को तब से कश्मीर के पंडित देवी शारदा के रूप में मानते हैं। बाइट सुनील भट्ट कश्मीरी पंडित ने कहा, "ऐसा कहा जाता है कि इसका इतिहास 18वीं शताब्दी से है। हमने सुना है कि इस गाँव का एक व्यक्ति शारदा पीठ जाता था, जो नीलम घाटी, पीओके में है, जहाँ माता शारदा मंदिर है और वह हर साल वहाँ जाता था और पूजा करता था। जब वह बूढ़ा हुआ, तो माता शारदा उसके सपने में आईं माता ने उससे कहा कि मुझे पता है कि तुम बूढ़े हो गए हो। अब तुम यहाँ नहीं आ सकते, कोई चिंता नहीं, मैं वहाँ आऊँगी और उसी दिन, माता पुजारी के सपने में आईं माता ने पुजारी को इस स्थान पर जाकर यहाँ एक चिनार का पेड़ लगाने का निर्देश दिया। पुजारी आए और उन्होंने यहाँ पेड़ लगाया। तब से हम मानते हैं कि यह पेड़ देवी शारदा है और यह 18वीं शताब्दी से चल रहा है। हम इस पेड़ की माता शारदा के रूप में पूजा करते थे। 90 के दशक से पहले यहाँ रामनवमी पर एक उत्सव हुआ करता था, इसलिए हमने इसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की और कल हमने यहाँ पूजा की और हमें उम्मीद है कि हम हर साल ऐसा करेंगे। सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे मंदिर के ढांचे का पुनर्निर्माण करेंगे। 90 के दशक से पहले यहाँ कश्मीरी पंडितों के 35 घर थे। इसे इलाके के बड़े गाँवों में से एक माना जाता था, लेकिन कल हमने जो देखा, वह यह था कि जब हम यहाँ पूजा कर रहे थे, तो पूरा गाँव हमारे साथ था। इससे हमें उम्मीद जगी है कि कश्मीरी पंडित वापस लौटेंगे। 35 वर्षों के बंद रहने के बाद शारदा भवानी मंदिर को फिर से खोल दिया गया। बडगाम स्थित शारदा अस्थापना समुदाय ने मंदिर के जीर्णोद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन प्रयासों को निवासियों का समर्थन भी प्राप्त था, जिससे क्षेत्र की साझा विरासत को संरक्षित करने की सामूहिक इच्छा उजागर हुई। मंदिर का पुनः खुलना क्षेत्र में कश्मीरी पंडित समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक पुनरुत्थान की दिशा में एक कदम है। बाइट गाँव के निवासी रहे संजय मचामा ने कहा, "हम रोज़ यहाँ आते थे और पूजा करते थे। मुख्य समारोह रामनवमी पर होता था, यह एक बड़ा उत्सव हुआ करता था, सभी पड़ोसी गाँव के लोग यहाँ आते थे और भाग लेते थे। यहाँ एक अलग ही माहौल हुआ करता था। गाँव वालों ने हमारा पूरा साथ दिया है, जैसा कि हमने कल देखा जब 36 साल बाद हमने यहाँ पूजा की, वे हमारे साथ खड़े थे। इसलिए, हमें लगा कि मानवता अभी भी जीवित है। कल हमें जो कुछ भी चाहिए था, उन्होंने हमें दिया, और हमें उम्मीद है कि हम फिर से वही कश्मीर देखेंगे।" यहाँ भी इस कार्यक्रम में स्थानीय मुस्लिम समुदाय की महत्वपूर्ण भागीदारी देखी गई।वही सरकार ने भी मंदिर की संरचना का पुनर्निर्माण करने का वादा किया है, जो अब उस स्थान पर मौजूद नहीं है क्योंकि यह दशकों से वीरान पड़ा था। निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे पंडितों ने बताया कि जीर्णोद्धार की एक योजना स्वीकृत हो गई है, और बहुत जल्द काम शुरू हो जाएगा। देवी शारदा मंदिर से WT जम्मू और कश्मीर सरकार ने कई पहल की हैं, जिनमें विरासत पुनरुद्धार योजना और "जम्मू कश्मीर में वास्तुकला और विरासत का पुनरुद्धार, जीर्णोद्धार, संरक्षण और रखरखाव" शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य कई धार्मिक स्थलों और मंदिरों का जीर्णोद्धार और संरक्षण करना है, जिनमें से कई दशकों के आतंकवाद के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए थे। इन परियोजनाओं में कश्मीर की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए पारंपरिक सामग्रियों और तकनीकों का उपयोग करके चरणबद्ध तरीके से सैकड़ों मंदिरों का जीर्णोद्धार शामिल है। ख़ालिद हुसैन जी मीडिया बड़गाम
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NMNitesh Mishra
Sept 01, 2025 16:01:30
Dhanbad, Jharkhand:
एंकर ---पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या मामले में कोर्ट के फैसले के बाद सोमवार को सरायढेला में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह श्रद्धांजलि सभा उसी स्थान पर रखी गई, जहां 8 साल पहले नीरज सिंह और उनके साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। श्रद्धांजलि कार्यक्रम को देखते हुए जिला पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए और भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। श्रद्धांजलि सभा के बाद हजारों की तादाद में समर्थकों ने जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक केंडल मार्च निकाला। इस दौरान झरिया की पूर्व विधायक एवं नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह भी मौजूद रहीं। उनके साथ अशोक यादव और घलटू महतो की पत्नियां भी शामिल हुईं। वही पूर्णिमा नीरज सिंह ने भावुक होते हुए कहा, “यह लड़ाई आखिरी दम तक जारी रहेगी। मैंने प्रण लिया था कि न्याय मिलने से पहले पति के फोटो पर फूल नहीं चढ़ाऊंगी। फैसले से मन दुखी है। मेरे बच्चों का जन्म होने से पहले ही उन्हें छीन लिया गया। जब तक मेरे पति सहित सभी को न्याय नहीं मिलेगा, मेरी गति नहीं रुकेगी।” बाइट --- पूर्णिमा नीरज सिंह, पूर्व विधायक झरिया  भीओ फाइनल --- गौरतलब है कि 27 अगस्त को एमपी-एमएलए कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। फैसले के बाद से ही नीरज सिंह समर्थकों और परिजनों में आक्रोश व्याप्त है। 
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KHKHALID HUSSAIN
Sept 01, 2025 16:01:09
Badgam, :
( TVU 9 ) EXCLUSIVE GROUND REPORT 1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवाद के कारण कश्मीरी पंडितों के कश्मीर घाटी से पलायन के साथ बंद हुए प्राचीन मंदिरों को फिर से खोला जा रहा है। इसे कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को पुनः प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है और माना जा रहा है इससे घाटी के कश्मीरी पंडितों में विश्वास और आशा की बहाली में मदद मिलेगी। जम्मू-कश्मीर सरकार की विरासत संरक्षण और धार्मिक अवसंरचना योजनाओं के तहत, सदियों पुराने ऐतिहासिक मंदिरों और धार्मिक स्थलों को फिर से खोला जा रहा है, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के उभार और कश्मीरी पंडितों के बड़े पैमाने पर पलायन के बाद नष्ट हुए हैं या वीरान पड़े रहे। मध्य कश्मीर का बडगाम ज़िला कश्मीरी विरासत से समृद्ध है और प्राचीन धार्मिक स्थलों में सदियों पुराने मंदिर भी शामिल हैं। बडगाम में लगभग 25 बड़े और छोटे मंदिर हैं जो 90 के दशक से खंडहर हो गए थे। इनमें से पाँच का पहले चरण में जीर्णोद्धार किया जा रहा है और सबसे प्राचीन दो मंदिर वासुकनाग मंदिर और शारदा माता स्थापना हैं। बडगाम ज़िले के हुशरू में स्थित वासुकी नाग मंदिर, विशेष रूप से कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए, धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है और सदियों पुरानी आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़ा है। यह मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं के एक प्रमुख पात्र वासुकी को समर्पित है, जिन्हें नागों का राजा कहा जाता है। हिंदू प्रतिमाओं में वासुकी को भगवान शिव के गले में लिपटे हुए दिखाया गया है और समुद्र मंथन में उनकी भूमिका के लिए उन्हें याद किया जाता है। यह मंदिर अपनी गहरी ऐतिहासिक जड़ों के लिए प्रसिद्ध है, ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण लगभग 1000 साल पहले हुआ था। कश्मीरी पंडितों का दावा है कि वासुकी नाग मंदिर में झरना "गणेश भून" नामक एक चिनार के पेड़ से निकलता है, जिसका तना भगवान गणेश जैसा दिखता है, जिसे "गणेश भून" कहा जाता है, जो एक चिनार का पेड़ (भगवान गणेश से जुड़ा एक पेड़) है। पंडितों का दावा है कि आध्यात्मिक झरना उस पेड़ के तने से निकलता है और इस पेड़ की भी वृद्ध गणेश के रूप में पूजा की जाती है। वृक्ष के साथ WT और बबलू जी पंडित की बाइट। बबलू जी पंडित ने कहा, "पहले यह झरना वागम गांव में था जिसका मतलब वागेश्वरी माता है, फिर यह वागम बन गया, फिर वहां कुछ अपवित्र चीज हुई, हमने अपने बुजुर्गों से जो सुना है वह वहीं बंद हो गया और इस "गणेश बूनी" से यहां झरना निकला, तब से यह यहां है, इस चिनार के पेड़ से पानी आता है और इस कुंड में जाता है जिसका हाल ही में जीर्णोद्धार किया गया है, हम प्रशासन के आभारी हैं लेकिन हमें यहां और भी बहुत कुछ करना है। हम कोशिश कर रहे हैं कि जो भी मंदिर वीरान हो हम सरकार को सूचित करें और फिर सरकार मदद करे। अगर हम जिले की बात करें तो 10-15 मंदिरों का काम किया गया है। हमने 40 साल बाद हवन किया, 90 के दशक से पहले हमारे यहां दो बार कार्यक्रम होते थे। अगर मुसलमानों ने मदद नहीं की होती तो मैं 40 साल बाद में यहां नहीं होता, मुझे 40 साल बाद शांति वापस मिल गई।" बडगाम में लगभग तीन दशकों के बाद पंडित धार्मिक गतिविधियों के पुनरुद्धार प्रारंभिक नवीनीकरण के लिए धनराशि जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान की गई थी। बाइट गाँव के एक अन्य स्थानीय कश्मीरी पंडित प्यारे कृष्ण भट्ट ने कहा, "मैं भी 70 साल का हूँ। हमारे बुजुर्गों ने बताया था कि वास्की नाग पहले गाँव में था। कुछ अपवित्रता के बाद वह यहाँ प्रकट हुआ। हम यहाँ साल में दो बार पूजा करते थे, लेकिन 40 साल पहले। इस साल 40 साल बाद फिर से यहाँ पूजा हुई। सभी की इसमें गहरी आस्था थी। यह एक खूबसूरत जगह है और इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था। एक साल पहले जब हम यहाँ आए थे, तब यहाँ कुछ भी नहीं था। हमारा यहाँ एक आश्रम था, यहाँ केवल पत्थर थे, लेकिन अचानक यहाँ पानी निकलने लगा। यह भगवान शिव से जुड़ा वास्की झरना है। हमने यहाँ माता गंगा को भी रखा है। यहाँ एक हज़ार साल पुराना पेड़ है। हम उसे काटना चाहते थे, लेकिन काट नहीं पाए। हमें भगवान से अनुमति नहीं मिली। हम शौचालय बनाना चाहते थे, लेकिन उसके लिए भी भगवान ने अनुमति नहीं दी। हम इस पेड़ में एक कील भी नहीं ठोक सकते। यहाँ तक कि मुसलमान भी इसमें आस्था रखते हैं। आजकल मैं महीने में दो बार घर जाता हूँ। हम कई दिनों से यहाँ हैं, लेकिन हमने एक बार सब्ज़ी या दूध खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ी, गाँव वाले हमें सब कुछ देते हैं। हमें विश्वास है कि अब यहाँ नब्बे के दशक से बेहतर होगा। हमें पूरी उम्मीद है कि यह फिर से वही कश्मीर होगा। जब पूजा चल रही थी, तब WT। इस समारोह में जिला प्रशासन और स्थानीय समुदाय का सहयोग रहा, जो सांप्रदायिक सद्भाव को दर्शाता है। स्थानीय मुसलमान भी बहुत सहयोगी रहे और मंदिर परिसर में रहने वाले पंडितों को गाँव वालों द्वारा हर संभव मदद दी जा रही है और वे भी भाईचारे की पुरानी कश्मीरी संस्कृति को वापस पाना चाहते हैं। स्थानीय लोगों की बाइट स्थानीय ग्रामीण मोहम्मद अशरफ गनई ने कहा, "हमें भी इस मंदिर में गहरी आस्था है। यह बहुत पुराना मंदिर है, 10 या 20 साल पुराना नहीं, बल्कि 1000 साल पुराना है। पिछले 40 सालों से यहाँ कोई गतिविधि नहीं हुई थी, लेकिन पिछले एक-दो महीने से यह फिर से शुरू हो गया है। हम सभी बहुत खुश हैं कि पंडित भाई वापस आ गए हैं और हम उन्हें हर सुविधा प्रदान कर रहे हैं जिसकी उन्हें ज़रूरत है। वे हमारे भाई हैं। हमें खुशी है कि वे वापस आ रहे हैं।" पंडित समुदाय ने प्राचीन मंदिर को चालू तो कर दिया है, लेकिन वे मंदिर की सुरक्षा के लिए एक स्थायी सुरक्षा चौकी चाहते हैं। बाइट बबलू जी पंडित ने सुरक्षा के बारे में कहा, "सुरक्षा के लिए हमने एसएसपी और डिप्टी कमिश्नर को आवेदन दिया है, लेकिन उन्होंने हमें कुछ अस्थायी पीएसओ तो दिए हैं, लेकिन वे भी मेरी तरह बिना हथियारों के हैं। हथियारों वाली सुरक्षा अभी तक नहीं दी गई है। अब एक महीना हो गया है, हमें देखना होगा कि वे हमें कब सुरक्षा प्रदान करते हैं। हमें नहीं पता कि सुरक्षा न देने में क्या अड़चन है, लेकिन हमें सुरक्षा चाहिए। मंदिर में सुरक्षा होनी चाहिए।" बडगाम में एक और मील का पत्थर इछकूट गाँव में शारदा भवानी मंदिर का फिर से खुलना है, जो आतंकवाद और घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के कारण 36 वर्षों से अधिक समय तक बंद रहा था। यह गाँव बडगाम में कश्मीरी पंडितों के सबसे बड़े गाँवों में से एक है। 90 के दशक से पहले यहाँ 35 पंडित परिवार रहते थे। मंदिर की 'मुहूर्त' और 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोहों के साथ पुनर्स्थापना की गई, जो देवता की पुनर्स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा का प्रतीक है। जब पूजा चल रही थी, तब WT। यह मंदिर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित प्रतिष्ठित शारदा माता मंदिर की एक शाखा माना जाता है। प्राचीन भारत के सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और बौद्धिक केंद्रों में से एक, जो अब पीओके में स्थित है। कहा जाता है कि इस गाँव के एक पंडित, जो माता शारदा के उपासक थे, 18वीं शताब्दी में हर साल शारदा पीठ की यात्रा करते थे और 1830 में जब वह व्यक्ति बूढ़ा हो गया और ज़्यादा चलने-फिरने में असमर्थ हो गया, तो देवी शारदा उसके सपने में आईं और उससे कहा कि मुझे पता है अब तुम बूढ़े हो गए हो और चल नहीं सकते, अब मैं तुम्हारे साथ चलूँगी। उसी समय देवी शारदा एक शारदा पीठ के पुजारी के सपने में आईं और उसे सलाह दी कि वह उपासक कें गाँव में यहाँ से एक लकड़ी की छड़ी लेकर जाए और उसे उसके गाँव में लगाने के लिए कहे। पुजारी ने ऐसा ही किया और वह छड़ी, एक बड़े चिनार के पेड़ के रूप में निकली आई और उस चिनार के पेड़ को तब से कश्मीर के पंडित देवी शारदा के रूप में मानते हैं। बाइट सुनील भट्ट कश्मीरी पंडित ने कहा, "ऐसा कहा जाता है कि इसका इतिहास 18वीं शताब्दी से है। हमने सुना है कि इस गाँव का एक व्यक्ति शारदा पीठ जाता था, जो नीलम घाटी, पीओके में है, जहाँ माता शारदा मंदिर है और वह हर साल वहाँ जाता था और पूजा करता था। जब वह बूढ़ा हुआ, तो माता शारदा उसके सपने में आईं माता ने उससे कहा कि मुझे पता है कि तुम बूढ़े हो गए हो। अब तुम यहाँ नहीं आ सकते, कोई चिंता नहीं, मैं वहाँ आऊँगी और उसी दिन, माता पुजारी के सपने में आईं माता ने पुजारी को इस स्थान पर जाकर यहाँ एक चिनार का पेड़ लगाने का निर्देश दिया। पुजारी आए और उन्होंने यहाँ पेड़ लगाया। तब से हम मानते हैं कि यह पेड़ देवी शारदा है और यह 18वीं शताब्दी से चल रहा है। हम इस पेड़ की माता शारदा के रूप में पूजा करते थे। 90 के दशक से पहले यहाँ रामनवमी पर एक उत्सव हुआ करता था, इसलिए हमने इसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की और कल हमने यहाँ पूजा की और हमें उम्मीद है कि हम हर साल ऐसा करेंगे। सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे मंदिर के ढांचे का पुनर्निर्माण करेंगे। 90 के दशक से पहले यहाँ कश्मीरी पंडितों के 35 घर थे। इसे इलाके के बड़े गाँवों में से एक माना जाता था, लेकिन कल हमने जो देखा, वह यह था कि जब हम यहाँ पूजा कर रहे थे, तो पूरा गाँव हमारे साथ था। इससे हमें उम्मीद जगी है कि कश्मीरी पंडित वापस लौटेंगे। 35 वर्षों के बंद रहने के बाद शारदा भवानी मंदिर को फिर से खोल दिया गया। बडगाम स्थित शारदा अस्थापना समुदाय ने मंदिर के जीर्णोद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन प्रयासों को निवासियों का समर्थन भी प्राप्त था, जिससे क्षेत्र की साझा विरासत को संरक्षित करने की सामूहिक इच्छा उजागर हुई। मंदिर का पुनः खुलना क्षेत्र में कश्मीरी पंडित समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक पुनरुत्थान की दिशा में एक कदम है। बाइट गाँव के निवासी रहे संजय मचामा ने कहा, "हम रोज़ यहाँ आते थे और पूजा करते थे। मुख्य समारोह रामनवमी पर होता था, यह एक बड़ा उत्सव हुआ करता था, सभी पड़ोसी गाँव के लोग यहाँ आते थे और भाग लेते थे। यहाँ एक अलग ही माहौल हुआ करता था। गाँव वालों ने हमारा पूरा साथ दिया है, जैसा कि हमने कल देखा जब 36 साल बाद हमने यहाँ पूजा की, वे हमारे साथ खड़े थे। इसलिए, हमें लगा कि मानवता अभी भी जीवित है। कल हमें जो कुछ भी चाहिए था, उन्होंने हमें दिया, और हमें उम्मीद है कि हम फिर से वही कश्मीर देखेंगे।" यहाँ भी इस कार्यक्रम में स्थानीय मुस्लिम समुदाय की महत्वपूर्ण भागीदारी देखी गई।वही सरकार ने भी मंदिर की संरचना का पुनर्निर्माण करने का वादा किया है, जो अब उस स्थान पर मौजूद नहीं है क्योंकि यह दशकों से वीरान पड़ा था। निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे पंडितों ने बताया कि जीर्णोद्धार की एक योजना स्वीकृत हो गई है, और बहुत जल्द काम शुरू हो जाएगा। देवी शारदा मंदिर से WT जम्मू और कश्मीर सरकार ने कई पहल की हैं, जिनमें विरासत पुनरुद्धार योजना और "जम्मू कश्मीर में वास्तुकला और विरासत का पुनरुद्धार, जीर्णोद्धार, संरक्षण और रखरखाव" शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य कई धार्मिक स्थलों और मंदिरों का जीर्णोद्धार और संरक्षण करना है, जिनमें से कई दशकों के आतंकवाद के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए थे। इन परियोजनाओं में कश्मीर की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए पारंपरिक सामग्रियों और तकनीकों का उपयोग करके चरणबद्ध तरीके से सैकड़ों मंदिरों का जीर्णोद्धार शामिल है। ख़ालिद हुसैन जी मीडिया बड़गाम
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PTPawan Tiwari
Sept 01, 2025 16:00:54
Balrampur, Uttar Pradesh:
बलरामपुर जनपद के उतरौला क्षेत्र में सोमवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। बाक भवानी चौकी क्षेत्र अंतर्गत इलाहाबाद बैंक कुंडऊ बौडीहार के निकट मिल्लत पब्लिक स्कूल रसूलाबाद के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार युवक और उसके साथ बैठी महिला की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों की भीड़ घटनास्थल पर जुट गई। सूचना पर बाक भवानी चौकी इंचार्ज किसलय मिश्रा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान राजू (26 वर्ष) पुत्र तिलकराम निवासी रसूलाबाद थाना गेंदाश बुर्जुग और चिनका (40 वर्ष) पुत्री सोमई निवासी जोगिया थाना गेंदाश बुर्जुग, जनपद बलरामपुर के रूप में हुई है।हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा दुःख जताया और प्रशासन से दुर्घटना रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। हादसे के बाद से मृतकों के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
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VAVijay Ahuja
Sept 01, 2025 16:00:43
Gauri Kala, Uttarakhand:
स्लग- नानकसागर डैम का जलस्तर बढ़ा रिपोर्ट- स्थान- ऊधमसिंहनगर एंकर- पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बरसात के बाद तराई भी जलमग्न हो गया है। जनपद ऊधम सिंह नगर के नानकमत्ता में स्थित नानकसागर डैम का जलस्तर भी बाढ़ गया है। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से नानकमत्ता सागर डैम के सभी गेटों को सामान्य रूप से खोल दिया गया है ताकि नानक सागर जलाशय को कोई नुकसान न पहुंचे। अधिशासी अभियंता विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि लगातार बरसात के बाद नानक सागर जलाशय का जलस्तर 702 फीट तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा जलाशय पर नजर रखी जा रहीं है और क्षेत्रवासियों से डैम किनारे ना जाने की अपील की गई है। बाइट- विनोद कुमार गुप्ता, ई.ई (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर), नानकसागर
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Sept 01, 2025 16:00:34
Partawal, Maharajganj, Uttar Pradesh:
परतावल (महराजगंज)। पकड़ी दीक्षित गांव में रविवार को विद्युत विभाग ने विशेष अभियान चलाकर 34 बकायेदार उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट दिए। मौके पर लगभग ₹60 हजार की वसूली की गई। विभागीय अधिकारियों ने उपभोक्ताओं को समय से बिल जमा करने की चेतावनी दी। टीम में अवर अभियंता जुगुनू अंसारी, धीरेन्द्र कुमार, लाइनमैन मनीष यादव, जाहिर और नरेंद्र मौजूद रहे।
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