Become a News Creator

Your local stories, Your voice

Follow us on
Download App fromplay-storeapp-store
Advertisement
Back
Khandwa450001

गुरु पूर्णिमा पर खंडवा में लाखों श्रद्धालुओं की अद्भुत सेवा!

PSPramod Sinha
Jul 10, 2025 05:32:26
Khandwa, Madhya Pradesh
एंकर.... आज गुरु पूर्णिमा है और खंडवा में दादाजी धूनी वाले  की समाधि पर माथा टेकने लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। "भज लो दादाजी का नाम, भज लो हरि हर जी का नाम" की धुन गाते श्रद्धालु कई किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए यहां पहुंचते हैं। खंडवा के इस मंदिर में तीन दिन तक गुरु पूर्णिमा उत्सव चलेगा। खास बात यह है कि यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं  की मेजबानी खंडवा शहर के लोग करते हैं। शहर को जोड़ने वाले सभी प्रमुख रास्तों पर सैकड़ो की संख्या में निशुल्क भंडारे लगाए जाते हैं। यहां चाय पानी नाश्ता खाने से लेकर सभी तरह की सुविधा निः शुल्क दी जाती है। शहर लोग  दादाजी के भक्तों की सेवा के रूप में यह काम करते हैं। V O, देश में शायद ही कोई ऐसा मंदिर होगा जहां ना तो कोई पंडा पुजारी व्यस्था है, ना कोई पूजा पद्धति। इस मंदिर में ना तो कोई विशेष चढ़ावा लगता है और ना ही कोई कर्मकांड होता  है। समाधि के सामने एक जलती हुई धूनी है, उसी में सबकुछ स्वाहा किया जाता है। श्रद्धालु समाधि पर माथा टेककर आशीर्वाद लेते हैं और जलती धूनी में  नारियल और हवन सामग्री अर्पण कर गुरु के प्रति आस्था प्रकट करते हैं। यही  धूनी इस मंदिर की खास बात है। यह धूनी 1930 से लगातार जलती आ रही है। बाइट, शांतनु दीक्षित ट्रस्टी वी ओ, अवधूत संत हरिहरानंद नर्मदा के अनन्य भक्त थे। नर्मदा के किनारे ही उन्होंने तपस्या की। अपने तपोबल से उन्होंने अपने भक्तों को कई चमत्कार दिखाए। नर्मदा परिक्रमा करते हुए वह खंडवा पहुंचे और 1930 में यही समाधिलीन हो गए। वह  हमेशा अपने साथ धूनी  जलाए रखते थे, यही कारण है कि भक्तों के बीच वह  दादाजी धूनी वाले के नाम से प्रसिद्ध हो गए। 12 साल बाद उनके  शिष्य  केशवानंद ने भी यही समाधि ली थी। यही कारण है कि इस मंदिर में गुरु और शिष्य दोनों की समाधिया बनी हुई है। यह मंदिर गुरु शिष्य परंपरा की अद्भुत मिसाल पेश करता है।  बाइट, शांतनु दीक्षित ट्रस्टी  VO, देश भर में फैले  उनके अनुयाई और श्रद्धालु गुरु पूर्णिमा के दिन यहां माथा टेकने पहुंचते हैं। न केवल मध्य प्रदेश बल्कि दूसरे राज्य से भी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। आसपास के जिलों से तो बड़ी संख्या में लोग सैकड़ो किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए निशान (झंडा) अर्पित करने यहां पहुंचते हैं और अपनी  मनोकामना के लिए अरदास लगाते है। बाइट,जगदीश पराड़कर पांढुरना बाइट, सुनील जैन समाजसेवी वी ओ, अक्सर देखा जाता है कि धार्मिक स्थलों पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पूजा- पाठ, रहने, खाने ठहरने और ट्रांसपोर्टेशन के नाम पर जेब ढीली करनी पड़ती है, लेकिन खंडवा के  इस मंदिर में यह सब कुछ फ्री सेवा के रूप में उन्हें मिलता है। खंडवा शहर के लोग दादाजी के दर्शन करने वाले हर  श्रद्धालु को अपना मेहमान समझते हैं। इसलिए शहर को जोड़ने वाले सभी प्रमुख रास्तों  पर सैकड़ो की संख्या में निशुल्क भंडारे खोल दिए जाते हैं। इन भंडारों में चाय ,पानी, नाश्ता , रहना खाना, दवा गोली और इलाज सब कुछ निशुल्क सेवा के रूप में किया जाता है। इन भंडारों में कई तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं बाइट, हुकुम वर्मा बाइट, गज्जू तिरोले भंडारा संचालक VO, तीन दिन तक चलने वाले इस गुरु पूर्णिमा पर लगभग 5 लाख लोग यहां पहुंचते हैं।  श्रद्धालुओं की बड़ी  संख्या को देखते हुए कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन भी चाक चौबंध व्यवस्था जुटाता है। शहर की साफ सफाई बिजली और पानी के लिए नगर निगम का पूरा हमला 24 घंटे सेवा के रूप में काम करता है। बाइट, सचिन सितोले उपायुक्त नगर निगम खंडवा बाइट, मनोज कुमार राय एस पी खंडवा  
14
Report

हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|

Advertisement
Advertisement
Back to top