Become a News Creator

Your local stories, Your voice

Follow us on
Download App fromplay-storeapp-store
Advertisement
Back
Gwalior474002

ग्वालियर में नकली रिफाइंड तेल फैक्ट्री पर पुलिस ने मारा छापा

Aug 27, 2024 07:22:27
Gwalior, Madhya Pradesh

ग्वालियर के मोहनपुर इलाके में पुलिस ने नकली रिफाइंड तेल फैक्ट्री पर छापा मारा। यहां से 11 भरे और 40 खाली टीन बरामद किए गए। साथ ही एक हजार स्टीकर भी मिले। जांच में पता चला कि लोकल रिफाइंड तेल पर गगन ब्रांड के रैपर लगाकर बेचा जा रहा था। बाहोंडापुर के किशनबाग क्षेत्र में मलखान आदिवासी की दुकान पर भी छापा मारा गया, जहां से मिस्ड ब्रांड तेल के तीन टीन और रैपर बरामद हुए। मलखान खुद भी दुकान से तेल बेचता था और अन्य दुकानदारों को भी बड़ी मात्रा में सप्लाई करता था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

0
comment0
Report

हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|

Advertisement
PCPUSHPENDRA CHATURVEDI
Nov 26, 2025 10:41:30
Shahdol, Madhya Pradesh:एंकर-शहडोल में कॉलेज छात्रों की समस्याओं को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जोरदार प्रदर्शन किया। 24 सूत्रीय मांगों को लेकर एबीवीपी ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। फीस वृद्धि से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक, छात्र कई गंभीर मुद्दों पर तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कॉलेज परिसर में एबीवीपी के कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में छात्र एकत्र हुए, सभी ने मिलकर 24 प्रमुख समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। छात्रों ने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष 3732 रुपए की फीस को बढ़ाकर 5692 रुपए कर देना बेहद अन्यायपूर्ण है। बढ़ी हुई फीस ने छात्रों और अभिभावकों की आर्थिक चिंता बढ़ा दी है। इसी तरह विद्या वन पर 11 लाख और वाटनिक गार्डन पर 14 लाख की लागत से काम शुरू तो हुआ, लेकिन आज तक पूरा नहीं कराया गया है। अधूरे कामों को लेकर छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और दोनों परियोजनाओं को जल्द पूरा करने की मांग की है। प्रदर्शन में छात्रों ने यह भी बताया कि गर्ल्स कमांड रूम को कंप्यूटर रूम में बदल दिया गया, जिससे छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है। इसे तत्काल पूर्व स्थिति में बहाल करने की मांग की गई है। एबीवीपी ने कॉलेज परिसर की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता जताई। उनकी मांग है कि कॉलेज की बाउंड्री वॉल ऊँची की जाए, परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखी जा सके। पेयजल की खराब व्यवस्था भी प्रदर्शन का एक बड़ा कारण रही। छात्रों ने कहा कि कॉलेज में पीने के पानी की सही सुविधा नहीं है, जिसे सुधारना जरूरी है। एबीवीपी ने प्रबंधन को चेतावनी दी है कि अगर 24 बिंदुओं पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। धरने में बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए और छात्रहित की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया।
0
comment0
Report
AMAjay Mishra
Nov 26, 2025 10:41:11
Rewa, Madhya Pradesh:रीवा में IAS अधिकारी संतोष वर्मा के कथित विवादित बयान को लेकर बुधवार को बड़ा विरोध देखने को मिला। ब्राह्मण समाज के सैकड़ों लोगों ने जिले के एसपी ऑफिस का घेराव कर धरना दिया और अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। समाज का आरोप है कि IAS संतोष वर्मा ने सवर्ण समाज की महिलाओं और बेटियों के संबंध में आपत्तिजनक व विवादित टिप्पणी की है, जिससे समाज में भारी आक्रोश फैल गया। इसी के चलते ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में थाने पहुंचे और आरोपी अधिकारी पर FIR दर्ज करने, साथ ही बर्खास्तगी की कार्रवाई करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान समाज के प्रमुख लोगों ने कहा कि ऐसे बयान देने वाले पदाधिकारियों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन प्राप्त कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
0
comment0
Report
SASARIFUDDIN AHMED
Nov 26, 2025 10:40:31
Guwahati, Assam:आज असम विधानसभा शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन. असम विधान सभा मैं खास तौर से एंटी पॉलिगामी कानून का बिल पेश हो चुका है और उसी के बाद एआईयूडीएफ के विधायक डॉक्टर हाफिश रफीकुल इस्लाम ने हमसे बातचीत करते हुए प्रतिक्रिया जाहिर की उन्होंने कहा कि असम सरकार एंटी पॉलिगामी कानून का जो बिल पेश किया है उस कानून के तहत असम को ही दो भागों में बांटने का प्रयास है. क्योंकि यह अंतिम पॉलिगामी कानून कुछ इलाकों में लागू होगा और कुछ इलाकों में नहीं जैसे की जनजाति लोग दो-तीन शादी कर सकेंगे और माइनॉरिटी या मुस्लिम लोग नहीं कर सकेंगे यह कहां का कानून है कानून एक ही होना चाहिए ना की जनजातियों के लिए अलग और दूसरे समुदाय के लिए अलग यह सिर्फ मुसलमान को टार्गेट कर एंटी पॉलिगामी कानून बनाया है. वहीं हमने असम सरकार के मिनिस्टर रंजीत दास से बातचीत की उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि पॉलिगामी कानून का जो बिल हमारे सरकार पेश किया है यह बहुत अच्छी बात है क्योंकि असम में माइनॉरिटी या मुस्लिम लोग जो पढ़े लिखे हैं वह दो शादी नहीं करते हैं जो अनपढ़ है मुसलमान है वह लोग दो-तीन शादी करते हैं और जनसंख्या बढ़ाते हैं इसी को रोक लगाने के लिए हमारे सरकार असम में एंटी पॉलिगामी कानून लाए हैं जो बहुत अच्छी है और असम के सर्वांगीण उन्नयन का कानून होगा पॉलिगामी कानून देखा जाए तो आई यूडीएफ के विधायक ने कहा कि 29 तारीख को एंटी पॉलिगामी कानून पर जो बातचीत होगी उसके बाद एआई यूडीएफ एंटी पॉलिगामी कानून के खिलाफ खुल के बोलेंगे.
0
comment0
Report
SHShahzad Hussain Bhat
Nov 26, 2025 10:40:15
0
comment0
Report
NJNarendra Jaiswal
Nov 26, 2025 10:38:36
Jasa, Bihar:भारतमाला एक्सप्रेसवे के लिए मुआवजे की मांग को लेकर किसान धरना दे रहे हैं. मसोई के किसान 1.5 साल के संघर्ष के बाद भभुआ समाहरणालय पहुंचे; उचित मुआवजे की मांग. कैमूर जिले के किसान, भारतमाला एक्सप्रेसवे और NH 219 परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि और फसल की क्षतिपूर्ति के उचित मुआवजे की मांग को लेकर आज समाहरणालय भभुआ के पास धरने पर बैठ गए हैं. ये किसान किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अपनी आवाज उठा रहे हैं. मोर्चा में शामिल प्रोफेसर कमला सिंह ने बताया कि सैकड़ों किसान भाई अपनी मांगों के समर्थन में पिछले डेढ़ वर्षों से जिले के मसोई में धरना दे रहे थे, लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों की खड़ी फसल पर प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाकर उसे रौंद दिया गया, लेकिन किसानों को उसका उचित मुआवजा आज तक नहीं मिला है. प्रोफेसर सिंह ने स्पष्ट किया, 'आज भी हमारे किसान भाई वाजिब मुआवजे की मांग कर रहे हैं. जिन किसानों को मुआवजा मिला भी है, वह बाजार मूल्य के अनुसार उचित नहीं है.' उन्होंने कहा कि वे सभी समाहरणालय भभुआ के पास इसलिए आए हैं ताकि खेतों में रौंदी गई खड़ी फसल की क्षतिपूर्ति की मांग जिला प्रशासन से की जा सके. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आज देश में संविधान का अंगीकार दिवस है और वे चाहते हैं कि उनके साथ न्याय हो और खेतों की फसलों का उचित मूल्य उन्हें मिले. प्रोफेसर कमला सिंह ने जोर देते हुए कहा, 'हम देश के विकास के साथ हैं. हम विकास विरोधी नहीं हैं, लेकिन जो गरीब किसान की भूमि ली गई है, उसका वाजिब और बाजार दर के अनुसार मुआवजा दिया जाना चाहिए.' किसान संघर्ष मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो वे आमरण अनशन शुरू करने के लिए मजबूर होंगे. किसानों के इस प्रदर्शन से जिला प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है. अब देखना यह है कि प्रशासन किसानों के आंदोलन पर क्या रुख अपनाता है और उन्हें कब तक न्याय मिल पाता है.
0
comment0
Report
MKMANTUN KUMAR ROY
Nov 26, 2025 10:38:18
Bihar:समस्तीपुर में महिलाओं के स्तन दूध में यूरेनियम मिलने की चर्चा के बीच सिविल सर्जन बोले—मां का दूध सुरक्षित, घबराने की जरूरत नहीं। समस्तीपुर जिले में स्वास्थ्य महकमा में एक विषय गम्भीर चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि महाबीर कैंसर संस्थान पटना और एम्स दिल्ली की संयुक्त रूप से बिहार के पांच जिलों में 48 महिलाओं के स्तन दूध की जाँच की है। जिसमें समस्तीपुर का भी नाम है जहां के छह महिलाओं का सैंपल लिया गया है। हालाँकि इस सम्बन्ध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाया है कि जिले के किस क्षेत्र की महिलाओं में स्तन दूध की जाँच हुई है। इस सम्बन्ध में समस्तीपुर के सिविल सर्जन एसके चौधरी का बताना है कि इस सम्बन्ध में तीन दिन पहले मुझे अखबारों के माध्यम से जानकारी मिली थी कि महाबीर कैंसर संस्थान और दिल्ली के डॉक्टरों की टीम ने 48 महिलाओं का मिल्क सैंम्पल टेस्ट किया था जिसमें समस्तीपुर का भी नाम है। आज से चार साल पहले गंगा नदी के किनारे बसे गाँव में आर्सेनिक पाया गया था जिसमें एक जिला समस्तीपुर भी था; अब एक नई बात सामने आई है कि यूरेनियम महिलाओं के दूध में मिला है, पर यह रहता नहीं है। यह एक रेडियोधर्मी तत्व है; अच्छी बात यह है कि बिहार में जो रेडियोधर्मी तत्व पाए गए हैं उसकी मात्रा काफी नगण्य में है। इसके लिए जिले में सभी प्रखंड अस्पताल केंद्रों पर एक गाइडलाइन भेजने का प्रयास करेंगे कि महिलाएं अपने बच्चों को स्तन पान कराएं क्योंकि सेफ लिमिट में यूरेनियम मिलने की बात हुई है। इसके लिए सावधानी बरतनी जरूरी नहीं है क्योंकि मां का दूध अमृत होता है इसलिए मां अपने बच्चों को दूध पिला सकती है। लेकिन सिविल सर्जन ने जांच होने की पुष्टि नहीं करते हुए कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। विभाग की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं आया है इसकी जांच के लिए कि यह कहां तक सच्चाई है। यह किसी निजी एजेंसी के द्वारा कराया गया है जिसमें जिला का नाम दिया गया है लेकिन किस क्षेत्र में महिलाओं से सैंपल लिया गया है इसकी जानकारी अब तक नहीं है। अब तक यह नहीं बताया गया है कि मां के दूध में यूरेनियम की मात्रा अधिकतम कितनी होती है but 30% से ज्यादा होना खतरनाक माना जाता है और यह पीने के पानी के माध्यम से इसकी मात्रा बढ़ती है।
0
comment0
Report
Advertisement
Back to top