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Guna473001

MP के बमोरी में एससी-एसटी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किया बंद आवाहन

Aug 21, 2024 10:00:55
Guna, Madhya Pradesh

बमोरी में सुप्रीम कोर्ट के क्रीमी लेयर पर फैसले के विरोध में एससी-एसटी संगठनों ने रैली निकाली और दुकानों को बंद कराया। पराठ-बिशनवाड़ा तिराहे से शुरू हुई रैली में संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संविधान से छेड़छाड़ बताते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल और सिरसी पुलिस भी मौजूद रही। रैली के बाद संगठन जिला मुख्यालय पर जिला स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो गए।

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KSKartar Singh Rajput
Nov 07, 2025 14:30:38
Morena, Madhya Pradesh:ग्वालियर शहर की तिघरा पुलिस ने हवाई फायर करने वाले मुरैना के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से बोलेरो जीप एक कट्टा चार जिंदा राउंड और लाठी आदि बरामद किए हैं। पता चला है कि नरेश सिंह गुर्जर लखनपुर से आरोपियों का विवाद चल रहा है। गुरुवार के दिन दोपहर में जब वह अपने भाई के साथ खेत में गाय भैंस चरा रहा था तभी रेंडाकी के रहने वाले नरेंद्र, दिलीप, तहसीलदार आदि ने उनके ऊपर फायरिंग कर दी। किसी तरह नरेश आदि बच गए। तिघरा पुलिस ने इस मामले में मुरैना के बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस को पता चला कि एक आरोपी बोलोरो गाड़ी से लखनपुर होते हुए जौरा की तरफ भागने की फिराक में है। इस पर तिघरा पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपियों को पकड़ लिया।
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PCPUSHPENDRA CHATURVEDI
Nov 07, 2025 14:30:20
Shahdol, Madhya Pradesh:शहडोल जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र के ग्राम बरकछ की खबर के अनुसार एक युवक ने अपनी ही मां सावित्री बाई कोल की हत्या कर दी। आरोपी का नाम राजकुमार कोल बताया जा रहा है, जिसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। 4 नवंबर की रात मामूली विवाद के बाद लाठी से वार कर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद उसने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और तीन दिन तक मां के शव के साथ उसी कमरे में सोता और खाता-पीता रहा। तीन दिन बाद पड़ोसियों को शक हुआ, पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़ने पर अंदर महिला की लाश मिली और बेटा शव के पास बैठा मिला। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है और एफएसएल टीम जांच कर रही है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में मानसिक अस्थिरता को वजह बताया जा रहा है। सवाल ये है कि आखिर कैसे एक बेटा अपनी ही मां का दुश्मन बन गया और तीन दिन तक शव के साथ रहकर खाता-पीता रहा, ये घटना पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला रही है। Ram Ji Srivastav (पुलिस अधीक्षक शहडोल)
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Nov 07, 2025 14:29:21
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VMVimlesh Mishra
Nov 07, 2025 14:22:56
Mandla, Madhya Pradesh:मण्डला - कभी दुआओं का घर कहा जाने वाला आनंदम आज लापरवाही का अड्डा बन चुका है । जहां कभी लोगों की नेकी से गरीबों के चेहरे खिलते थे, आज वहीं उन्हीं दुआओं पर धूल जम चुकी है । मंडला के कलेक्ट्रेट परिसर में बना 'आनंदम' जिसे जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की जगह कहा जाता था आज वह अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है । यहां जमा किए गए कपड़े और सामग्री न तो सुरक्षित रखी गई न ही जरूरतमंदों तक पहुंच पाई । लापरवाही इतनी कि अब ये कपड़े सड़ चुके हैं और नगर पालिका के ट्रैक्टर में भरकर फेंके जा रहे हैं । सोचिए ज़रा की लोग नेक नीयत से अपने नए-पुराने कपड़े दान करते हैं ताकि किसी गरीब जरूरतमंद को मिल सके और वह इन्हें पहन सके, लेकिन यहां तो वो कपड़े कबाड़ में बदल गए । अब लोगों में आक्रोश है, और सवाल भी की आखिर कौन है इस लापरवाही का जिम्मेदार? व्ही ओ - 1 - गरीबों, जरूरतमंदों की मदद के लिए आनंदम का संचालन किया जा रहा है जहां लोग अपने घर, दुकान की अनुपयोगी सामग्री यहां दे जाते हैं ताकि आनंदम आने वाले जरूरतमंद लोग अपनी जरूरतों की सामग्री प्राप्त कर सकें, लेकिन जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट के पास आनंदम के हाल-बेहाल है । यहां लोग जो सामग्री दे जाते हैं.... उन्हें यहां सुरक्षित नहीं रखा जाता है जिससे लोगों द्वारा दी जाने वाली अधिकांश सामग्री जरूरतमंदों के काम नहीं आ पा रही है । जो लोग दूर-दूर से यह सोचकर आनंदम में सामग्री दे जाते हैं कि वह किसी जरूरतमंद के काम आ जाएगी लेकिन आनंदम में जिस अव्यवस्थित तरीके से सामग्री को रखा जाता है उससे जहां यह जरूरतमंदों के काम नहीं आ पा रही है वहीं सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं होने से अधिकांश सामग्री कचरा में तब्दील होती जा रही है । लाखो रुपए के कपड़े ऐसे ही बर्बाद हो गए । आलम ये है की नगरपालिका के ट्रैक्टर में भरकर आनंदम से कपड़े ले जाए गए, जिनका अब विनस्टिकरण किया जाएगा । बताया गया कि ये कपड़े खराब हो गए थे । आनंदम में वैसे तो लोग कई तरह की सामग्री देकर जाते हैं जिसमें कपड़े, बर्तन, पुस्तक-कॉपी के साथ कई तरह की सामग्री शामिल होती है, लेकिन इसमें ज्यादातर कपड़े शामिल होते हैं । देखा गया है कि कई लोग नए कपड़े तक यहां दे जाते हैं ताकि किसी जरूरतमंद की आवश्यकता पूरी हो सके लेकिन यहां सामग्रियों को सुरक्षित नहीं रखने के कारण कई बार लोगों द्वारा दी जाने वाली सामग्री खराब होकर नष्ट हो जाती है । आनंदम में सुबह से गरीब, जरूरतमंद लोग अपनी जरूरतों की सामग्री की चाह लेकर दूर-दूर से पहुंचते हैं लेकिन कई बार उन्हें यहां का गेट लगा होने से मायूस होकर लौटना पड़ता है । अक्सर यहां के गेट को बंद देखा जाता है जिससे जहां जरूरतमंदों को बैरंग वापिस लौटना पड़ता है वहीं जो लोग दूर-दूर से यहां देने के लिए सामग्री लेकर पहुंचते हैं वे या तो उन सामग्री को लेकर वापिस लौट जाते हैं या फिर गेट के बाहर ही छोड़कर चले जाते हैं इसी तरह की सामग्री खुले में रखने से किसी काम की नहीं रह जाती है । हालांकि यहां शेड के अंदर भी सामग्री को सुरक्षित और व्यवस्थित नहीं रखा जाता है जिसके कारण जरूरतमंदों के लिए आई सामग्री खराब हो जाती है । दान का ये सामान अब सिर्फ कचरा बन चुका है । आनंदम में मौजूद शासकीय कर्मचारी बताते हैं दो महीना से रखरखाव नहीं हुआ है, ढेर सारे कपड़े इकठ्ठे हो गए हैं । अब इन्हें अलग कर जलाने के लिए भेजा जा रहा है वही इस पूरे मामले पर आनंदम के संचालक का जवाब भी उतना ही कचरा है । वह भी सुन लीजिए उनका कहना है की हमारा एक साथी किसी कारणवश काम नहीं कर पा रहा था साथ ही, बजट का भी भारी अभाव है इसी वजह से ऐसी स्थिति बन गई । हम इसे ठीक करने की कोशिश कर रहे थे । ​बाइट - 1 -नीलेश दुबे - आनंदम कर्मचारी । बाइट - 2 - विष्णु कुमार सिंगोर - क्षेत्र संयोजक - आनंदम विभाग मंडला । व्ही ओ - 2 - इसे आनंदम कहिए या इसे नेकी की दीवार जहां लोग कपड़े दान करने आते ہیں, जरूरतमंद सामान दान करते हैं, उन दानदाताओं का कहना है कि हमने यह कपड़े इसलिए दिए थे ताकि किसी जरूरतमंद को राहत मिले लेकिन यहां तो सब बर्बाद हो रहा है । ये देखकर बहुत दुख होता है और आक्रोश भी है । अब यहाँ कपड़े देने से क्या फायदा? हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है । बाईट - 3 - रेणु कछवाहा - समाजसेवी । बाइट - 4 - आशीष कछवाहा - दानदाता । बाईट - 5 - सालिगराम पटेल - दानदाता । व्ही ओ - 3 - सवाल सिर्फ लापरवाही पर नहीं, बल्कि व्यवस्था पर उठते हैं । क्या आनंदम जैसे नेक प्रयासों को सिर्फ नाम के लिए चलाया जा रहा है? क्या दान किए गए सामान की देखरेख की कोई जवाबदेही नहीं है? अब उम्मीद है इस खबर को देखने के बाद प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और दान की गरिमा को बहाल करेगा ।
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VMVimlesh Mishra
Nov 07, 2025 14:22:38
Mandla, Madhya Pradesh:मण्डला - कभी दुआओं का घर कहा जाने वाला आनंदम आज लापरवाही का अड्डा बन चुका है । जहां कभी लोगों की नेकी से गरीबों के चेहरे खिलते थे, आज वहीं उन्हीं दुआओं पर धूल जम चुकी है । मंडला के कलेक्ट्रेट परिसर में बना 'आनंदम' जिसे जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की जगह कहा जाता था आज वह अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है । यहां जमा किए गए कपड़े और सामग्री न तो सुरक्षित रखी गई न ही जरूरतमंदों तक पहुंच पाई । लापरवाही इतनी कि अब ये कपड़े सड़ चुके हैं और नगर पालिका के ट्रैक्टर में भरकर फेंके जा रहे हैं । सोचिए ज़रा कि लोग नेक नीयत से अपने नए-पुराने कपड़े दान करते हैं ताकि किसी गरीब जरूरतमंद को मिल सके और वह इन्हें पहन सके, लेकिन यहां तो वो कपड़े कबाड़ में बदल गए । अब लोगों में आक्रोश है, और सवाल भी की आखिर कौन है इस लापरवाही का जिम्मेदार? व्ही ओ - 1 - गरीबों, जरूरतमंदों की मदद के लिए आनंदम का संचालन किया जा रहा है जहां लोग अपने घर, दुकान की अनुपयोगी सामग्री यहां दे जाते हैं ताकि आनंदम आने वाले जरूरतमंद लोग अपनी जरूरतों की सामग्री प्राप्त कर सकें, लेकिन जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट के पास आनंदम के हाल-बेहाल है । यहां लोग जो सामग्री दे जाते हैं.... उन्हें यहां सुरक्षित नहीं रखा जाता है जिससे लोगों द्वारा दी जाने वाली अधिकांश सामग्री जरूरतमंदों के काम नहीं आ पा रही है । जो लोग दूर-दूर से यह सोचकर आनंदम में सामग्री दे जाते हैं कि वह किसी जरूरतमंद के काम आ जाएगी लेकिन आनंदम में जिस अव्यवस्थित तरीके से सामग्री को रखा जाता है उससे जहां यह जरूरतमंदों के काम नहीं आ पा रही है वहीं सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं होने से अधिकांश सामग्री कचरा में तब्दील होती जा रही है । लाखो रुपए के कपड़े ऐसे ही बर्बाद हो गए । आलम ये है कि नगरपालिका के ट्रैक्टर में भरकर आनंदम से कपड़े ले जाए गए, जिनका अब विनस्टिकरण किया जाएगा । बताया गया कि ये कपड़े खराब हो गए थे । आनंदम में वैसे तो लोग कई तरह की सामग्री देकर जाते हैं जिसमें कपड़े, बर्तन, पुस्तक-कॉपी के साथ कई तरह की सामग्री शामिल होती है, लेकिन इसमें ज्यादातर कपड़े शामिल होते हैं । देखा गया है कि कई लोग नए कपड़े तक यहां दे जाते हैं ताकि किसी जरूरतमंद की आवश्यकता पूरी हो सके लेकिन यहां सामग्रियों को सुरक्षित नहीं रखने के कारण कई बार लोगों द्वारा दी जाने वाली सामग्री खराब होकर नष्ट हो जाती है । आनंदम में सुबह से गरीब, जरूरतमंद लोग अपनी जरूरतों की सामग्री की चाह लेकर दूर-दूर से पहुंचते हैं लेकिन कई बार उन्हें यहां का गेट लगा होने से मायूस होकर लौटना पड़ता है । अक्सर यहां के गेट को बंद देखा जाता है जिससे जहां जरूरतमंदों को बैरंग वापिस लौटना पड़ता है वहीं जो लोग दूर-दूर से यहां देने के लिए सामग्री लेकर पहुंचते हैं वे या तो उन सामग्री को लेकर वापिस लौट जाते हैं या फिर गेट के बाहर ही छोड़कर चले जाते हैं इसी तरह की सामग्री खुले में रखने से किसी काम की नहीं रह जाती है । हालांकि यहां शेड के अंदर भी सामग्री को सुरक्षित और व्यवस्थित नहीं रखा जाता है जिसके कारण जरूरतमंदों के लिए आई सामग्री खराब हो जाती है । दान का ये सामान अब सिर्फ कचरा बन चुका है । आनंदम में मौजूद शासकीय कर्मचारी बताते हैं दो महीना से रखरखाव नहीं हुआ है, ढेर सारे कपड़े इकठ्ठे हो गए हैं । अब इन्हें अलग कर जलाने के लिए भेजा जा रहा है वही इस पूरे मामले पर आनंदम के संचालक का जवाब भी उतना ही कचरा है । वह भी सुन लीजिए उनका कहना है कि हमारा एक साथी किसी कारणवश काम नहीं कर पा रहा था साथ ही, बजट का भी भारी अभाव है इसी वजह से ऐसी स्थिति बन गई । हम इसे ठीक करने की कोशिश कर रहे थे । बाइट - 1 -नीलेश दुबे - आनंदम कर्मचारी । बाइट - 2 - विष्णु कुमार सिंगोर - क्षेत्र संयोजक - आनंदम विभाग मंडला । व्ही ओ - 2 - इसे आनंदम कहिए या इसे नेकी की दीवार जहां लोग कपड़े दान करने आते हैं, जरूरतमंद सामान दान करते हैं, उन दानदाताओं का कहना है कि हमने यह कपड़े इसलिए दिए थे ताकि किसी जरूरतमंद को राहत मिले लेकिन यहाँ तो सब बर्बाद हो रहा है । ये देखकर बहुत दुख होता है और आक्रोश भी है । अब यहाँ कपड़े देने से क्या फायदा? हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है । बाईट - 3 - रेणु कछवाहा - समाजसेवी । बाइट - 4 - आशीष कछवाहा - दानदाता । बाईट - 5 - सालिगराम पटेल - दानदाता । व्ही ओ - 3 - सवाल सिर्फ लापरवाही पर नहीं, बल्कि व्यवस्था पर उठते हैं । क्या आनंदम जैसे नेक प्रयासों को सिर्फ नाम के लिए चलाया जा रहा है? क्या दान किए गए सामान की देखरेख की कोई जवाबदेही नहीं है? अब उम्मीद है इस खबर को देखने के बाद प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और दान की गरिमा को बहाल करेगा ।
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JSJAMNJAY SINHA
Nov 07, 2025 14:21:48
Mahasamund, Chhattisgarh:लोकेशन-महासमुंद एंकर- 15 नवंबर से पूरे छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होना है। लेकिन सहकारी समिति में काम करने वाले समितिप्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर अपनी मांग को लेकर पहले ही हड़ताल पर है और अब सहकारी बैंक कर्मचारी भी अपनी एक सूत्रीय माग, वेतन वृद्धि को लेकर क्रमबद्ध हड़ताल शुरू कर दिये हैं। अभी एकदिवसीय हड़ताल कर अपनी मांग रखे हैं, और कहा है कि मांगे नही मानी गयी तो 12 नंम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। सहकारी समिति के कर्मचारी, और बैंक के कर्मचारियों के हड़ताल से किसानों की परेशानी बढ़ेगी और धान खरीदी भी प्रभावित होगा। इनकी प्रमुख मांगों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 24-25 में धान खरीदी के पश्चात हुई संपूर्ण सुखत मान्य कर राशि समितियों को देते हुए धान खरीदी वर्ष 2024-25 समिति को दें। धान खरीदी में आउटसोर्सिंग द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटर के नियोजन को विलोपित कर विभाग तय करते हुए नियमितिकरण की जाए। प्रदेश के सरकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतनमान देते हुए प्रतिवर्ष प्रत्येक समितियों को तीन-तीन लाख रुपये प्रबंधन की अनुदान राशि मध्य प्रदेश सरकार की भांति दी जाए। श्री काण्डे कमेटी की अध्यक्षता रिपोर्ट सेवा नियम 2018 संशोधन में भविष्य निधि महंगाई भत्ता ईएसआईसी सुविधा संस्था के दैनिक संविदा कर्मचारियों को समिति के सीधी भर्ती में प्राथमिकता बोनस अंक अनिवार्य कर शीघ्र लागू करते हुए बैंक केडर समिति प्रबंधक पद तृतीय चतुर्थ श्रेणी के बैंकों के खाली पदों पर समितियों के सहायक कर्मचारी को 50% विभाग की भर्ती करते हुए उम्र एवं योग्यता के में शिथिलता दी जाए।
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JSJAMNJAY SINHA
Nov 07, 2025 14:21:24
Mahasamund, Chhattisgarh:लोकेशन-महासमुंद बांदूमुड़ा, तेंदुकोना, ग्राम कलमीदादर के आश्रित ग्राम बांदूमुड़ा में नवीन धान खरीदी केंद्र खोलने की मांग को लेकर ग्रामीण किसानों ने एकजुट होकर आज कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपनी मांग का ज्ञापन सौपा है। ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुकोना धान खरीदी केंद्र में चारों गांव की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया था कि बांदूमुड़ा में धान खरीदी केंद्र खोला जाएगा, लेकिन अब कलमीदादर में खरीदी केंद्र बनाने की बात कही जा रही है, जो कि उनके लिए अनुचित है। ग्रामीण किसानों ने बताया कि बांदूमुड़ा तीन गांवों - डोकरपाली, टुरीझर और बांदूमुड़ा के बीचों-बीच स्थित है और आने-जाने की सुविधा भी है। बांदूमुड़ा से कलमीदादर की दूरी मात्र 2.5 किलोमीटर है, जबकि बांदूमुड़ा से डोकरपाली की दूरी 2.0 किलोमीटर और टुरीझर की दूरी 1.5 किलोमीटर है। ग्रामीण किसानों ने शासन से मांग की है कि बांदूमुड़ा में नवीन धान खरीदी केंद्र खोला जाए, जिससे तीनों गांव के किसानों को सुविधा होगी। अगर शासन द्वारा उनकी मांग नहीं मानी जाती है, तो वे 17 नवंबर 2025 को तेंदुकोना खरीदी केंद्र में धरना देने और चक्का जाम करने हेतु बाध्य होंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। ग्रामीण किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है, तो वे अपना धान तेंदुकोना में ही खरीदी करेंगे और शासन को मजबूरन उनकी मांग माननी पड़ेगी।
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OTOP TIWARI
Nov 07, 2025 14:20:57
Surajpur, Chhattisgarh:नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत आज सूरजपुर के दौरे पर रहे, जहाँ वे पनिका समाज द्वारा आयोजित रतिराम पनिका की पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल होने रंगमंच मैदान पहुंचे, उनके आगमन पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अग्रसेन चौक पर लड्डुओं से तौल कर उनका जोरदार स्वागत किया, कार्यक्रम में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया से कहा कि वे मुख्य रूप से समाज के इस सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने आए हैं, उन्होंने कहा कि पनिका समाज की अनुसूचित जनजाति एसटी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा हो चुकी है, मध्यप्रदेश के सात जिले में यह समाज आदिवासी वर्ग में आते हैं, समाज की इस मांग पर हमारी पिछली कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, हम सबकी ओर से कोशिश जारी है कि पनिका समाज को शामिल किया जाए, लेकिन आदिवासी समाज के कुछ वर्गों का यह भी मानना है कि उनकी संख्या पहले से पर्याप्त है और किसी नई जाति को शामिल करने की जरूरत नहीं है, फिलहाल इस मुद्दे पर सभी की निगाहें केंद्र सरकार के फैसले पर टिकी हुई हैं, रंगमंच पर आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे
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GBGovindram Bareth
Nov 07, 2025 14:20:41
Saiki, Bihar:अनुरोध पटेल ने ऐतिहासिक धार्मिक नया तालाब को बचाने,जन सुनवाई में किया निवेदन! विरासत बचाने और संवर्धित करने हेतु कलेक्टर का किया ध्यान आकर्षण! सारंगढ़ रियासतकालीन तालाब कहे जाने वाली नया तालाब शहर के माध्यम विभिन्न प्रकार की ब्यवसाय से घिरी हुई यही कारण है कि आज नया तालाब दूरदर्शा,गंदगी का आज पर्याय बन गया है! शहर के लिए हमेशा आवाज उठाने वाले अनुरोध पटेल ने मंगलवार को जन सुनाई में कलेक्टर को निवेदन किया है जिसमे उन्होंने लिखा है कि सारंगढ़ नगर के मध्य में नया तालाब अवस्थित है जो की ऐतिहासिक धार्मिक एवं नैसर्गिक से सिर्फ़ महत्व की हैं बल्कि इस तालाब से जन भावना एवं जन आस्था भी जुड़ी हुई है वर्तमान में अतिक्रमण एवं होटलों के अवशिष्ट पदार्थों के डालने से अस्तित्व को खो कर लबरेज़ होते हुए एक दलदल के रूप में परिवर्तित हो चली है! यहाँ यह उल्लेखनीय है कि इस तालाब के किनारे पर नगर के प्रतिष्ठित तिवारी परिवार के द्वारा राम सप्ताह का आयोजन किया जाता था इसका एक धार्मिक महत्व है साथ ही तालाब में सारंगढ़ राज परिवार के द्वारा इस स्मृति चिन्ह का कछुआ भी छोड़ा गया था एवं इस तालाब के एक घाट का नामकरण भी गवर्नर पचरी रूप में प्रचलित है विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इस तालाब का पानी नगर के हर एक व्यक्ति पीने के रूप में इस्तेमाल करता था एवं इस तालाब से इसकी स्वच्छता एवं निर्मलता को सुरक्षित रखने लिए चौकीदार की ड्यूटी लगायी जाती थी ऐसे तालाब का वर्तमान में दोजख में परिवर्तित हो जाना विकास इस दौर में विनाश की ओर इंगित करता है ऐसे धार्मिक एतिहासिक एवं जन जीवन के लिए बहुमूल्य जल स्रोतों का नया तालाब को तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण एवं प्रदूषण मुक्त कराने की कवायद करेंगे ताकि जनजीवन पर इस तालाब प्रदूषित होने से किसी भी प्रकार का संकट उत्पन्न न हो एवं यह ऐतिहासिक धार्मिक एवं नैसर्गिक से परिपूर्ण जनता की बहुमूल्य धरोहर नया तालाब प्रदूषण एवं अतिक्रमण से मुक्त होकर सुरक्षित एवं संरक्षित होकर अपने सम्पूर्ण अस्तित्व को प्राप्त कर सके। कलेक्टर ने त्वरित संज्ञान लेते हुए नगर पालिका सीएमओ और एसडीएम को दिए निर्देश。 जन सुनवाई मिले आवेदन पर जिला कलेक्टर डॉक्टर संजय कौन्नजे ने त्वरित संज्ञान लेते हुए सारंगढ़ नगर पालिका अधिकारी सीएमओ और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एसडीएम को मार्किंग किया है!
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