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East Singhbhum832104

भाजपा नेत्री सुनीता देवदूत सोरेन ने झारखंड के ग्रामीण इलाकों में किया दौरा

Jul 20, 2024 13:29:30
Musabani, Jharkhand

झारखंड में भाजपा विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है और अपने नेताओं को ग्रामीणों से सीधा संपर्क साधने के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में भाजपा नेत्री सुनीता देवदूत सोरेन ने घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के मुसाबनी प्रखंड में स्थित फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को समझने के लिए क्षेत्र के दुर्गम गांवों जैसे सोमायडीह, काशीडीह, पाटकिता, नेत्राबेड़ा, ताँबाजूड़ी और पाथरगोड़ा का दौरा किया। ग्रामीणों ने उनका पारंपरिक रीति-रिवाज से स्वागत किया।

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KRKishore Roy
Sept 16, 2025 03:50:51
Noida, Uttar Pradesh:बीकानेर | भारत और रूस के बीच गहराते संबंधों के बीच एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, राजस्थान के ग्रामीण परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। मामला उन भारतीय युवाओं से जुड़ा है जिन्हें पढ़ाई और नौकरी के बहाने रूस ले जाया गया और बाद में छल से सेना में भर्ती कराकर यूक्रेन सीमा पर भेज दिया गया। यह खुलासा तब हुआ जब बीकानेर जिले के अर्जनसर स्टेशन निवासी महावीर प्रसाद गोदारा ने बताया कि उनका बेटा अजय कुमार गोदारा पिछले साल नवंबर 2024 में पढ़ाई के उद्देश्य से रूस गया था, लेकिन अब वह और उसके साथी रूस-यूक्रेन युद्ध में बंधक जैसी स्थिति में फंस चुके हैं। 28 नवंबर 2024 को अजय कुमार गोदारा रूस पढ़ाई करने के लिए स्टडी वीजा पर रवाना हुआ था। वहां पहुंचने के कुछ ही समय बाद उसकी मुलाकात एक महिला से हुई जिसने भरोसा दिलाया कि वह उन्हें सेना में नौकरी दिलवा सकती है। उसने अजय और उसके साथियों को रूसी भाषा में छपे कुछ दस्तावेज भरवाए और हस्ताक्षर करवाए। मासूम युवाओं ने भाषा की समझ न होने के कारण उन दस्तावेजों पर आंख मूंदकर साइन कर दिए। इसके बाद उन्हें सेना की वर्दी थमा दी गई और हथियार पकड़ाकर यूक्रेन सीमा पर भेज दिया गया। परिवार को मिली जानकारी के अनुसार, अजय और उसके साथियों को लगातार धमकियों और मारपीट के जरिए दबाव में रखा गया। उनकी निजी पहचान से जुड़े दस्तावेज भी छीन लिए गए ताकि वे भागकर कहीं शिकायत न कर सकें। तीन दर्जन से अधिक भारतीय युवा फंसे बताया जा रहा है कि अजय गोदारा अकेला नहीं है, उसके साथ हरियाणा और राजस्थान के करीब तीन दर्जन युवा इसी तरह रूस की सेना में जबरन भर्ती कर दिए गए हैं। इनमें बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं और हरियाणा के हिसार, भिवानी और रोहतक जैसे इलाकों के युवक शामिल बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, सभी को सीमा पर तैनात कर दिया गया है और उनके पास न तो घर लौटने का रास्ता है और न ही खुद को बचाने का कोई जरिया। अजय गोदारा के पिता महावीर प्रसाद कहते हैं, “हमारे बच्चे पढ़ाई करने गए थे, लेकिन अब उन्हें बंदूक पकड़ाकर युद्ध में धकेल दिया गया है। यह सीधा-सीधा मानवाधिकार का उल्लंघन है। हमें डर है कि कहीं हमारे बेटे और उसके साथी वहां मारे न जाएं।” राजस्थान सरकार से केंद्र तक गुहार मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान के खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से संपर्क किया और इस पर तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया। इसके बाद मेघवाल ने विदेश मंत्रालय को ईमेल भेजा और भारतीय दूतावास, मास्को को इस घटना की पूरी जानकारी दी। भारतीय दूतावास ने इस ईमेल का जवाब देते हुए कहा है कि आवश्यक कार्रवाई शीघ्र ही की जाएगी। हालांकि, परिवारजन इस बात से संतुष्ट नहीं हैं और तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। अजय गोदारा का भाई प्रकाश गोदारा पिछले कई दिनों से दिल्ली में है और लगातार केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर रहा है। उसने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल समेत कई वरिष्ठ नेताओं से मिलकर अपने भाई और अन्य युवाओं को बचाने की गुहार लगाई है। प्रकाश ने कहा, “यह केवल अजय की समस्या नहीं है, दर्जनों भारतीय युवा रूस की सेना में फंसे हैं। हम चाहते हैं कि भारत सरकार तुरंत रूस से बातचीत कर हमारे बच्चों को सुरक्षित वापस लाए।” गांव अर्जनसर और आसपास के क्षेत्रों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। परिवारों में मातम जैसा माहौल है। मांएं अपने बच्चों के सुरक्षित लौटने की दुआएं कर रही हैं और पिता सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को इस मामले पर तुरंत कड़ा कदम उठाना चाहिए क्योंकि यह केवल कूटनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि इंसानी जिंदगी का सवाल है। यह मामला भारत-रूस संबंधों के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर रहा है। अब तक रूस को भारत का पारंपरिक सहयोगी माना जाता रहा है, लेकिन अगर भारतीय छात्रों और युवाओं को वहां इस तरह से जबरन भर्ती किया जा रहा है, तो यह अंतरराष्ट्रीय कानून और समझौतों के खिलाफ है। राजनयिकों का मानना है कि इस मामले की गूंज जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सुनाई दे सकती है। अजय के पिता महावीर प्रसाद और भाई प्रकाश का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को व्यक्तिगत रूप से इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और रूस सरकार से बातचीत कर इन युवाओं को सुरक्षित भारत लाना चाहिए। गांव के बुजुर्गों ने कहा कि यह घटना सरकार और समाज के लिए एक चेतावनी है कि विदेशों में पढ़ाई और नौकरी के नाम पर युवाओं को ठगने वाले नेटवर्क कितने खतरनाक हैं। यह मामला सिर्फ एक परिवार या एक गांव का नहीं है, बल्कि उन तमाम भारतीय युवाओं का है जिनके सपनों को विदेशों की धरती पर तोड़ा जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि भारत सरकार अपने नागरिकों को बचाने के लिए कितनी जल्दी और कितनी सख्ती से कदम उठाती है।
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ATAnuj Tomar
Sept 16, 2025 03:50:21
Noida, Uttar Pradesh:\BUPDATE- VISUALS AND BYTE\B पलवल में हेडकॉनस्टेबल ने गाड़ी से 3 बच्चे कुचले, 2 की मौत, एक गंभीर। पलवल में तेज रफ्तार कार का कहर देखने को मिला। मामला हथीन सब डिविजन के उटावड़ गांव का है, जहाँ नशे में धुत एक पुलिसकर्मी ने स्कूल पलवल में हेडकॉनस्टेबल ने गाड़ी से 3 बच्चे कुचले, 2 की मौत, एक गंभीर। पलवल में तेज रफ्तार कार का कहर देखने को मिला। मामला हथीन सब डिविजन के उटावड़ गांव का है, जहाँ नशे में धुत एक पुलिसकर्मी ने स्कूल से लौट रहे 3 बच्चों को कुचल दिया। इनमें से 2 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, एक बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है।पुलिसकर्मी जब बच्चों को टक्कर मारकर भागने लगा तो आसपास के लोगों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी है। पुलिस जब आरोपी को पकड़कर ले जाने लगी तो लोगों ने पुलिस की गाड़ी का भी पीछा किया, क्योंकि लोग चाहते थे कि आरोपी का मेडिकल उनके सामने ही हो। मौके पर फिलहाल तनाव का माहौल है। आसपास के थानों की पुलिस को तैनात किया गया है। दोनों बच्चों के शवों को नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में रखवाया गया है। वहीं, घायल बच्चे को रोहतक PGI रेफर कर दिया गया है। मृतक बच्चों के पिता शाहबुद्दीन ने बताया कि उनका परिवार नूरिया मोहल्ले में रहता है। उनके 3 बच्चे उटावड़ के निजी स्कूल गरीबा पब्लिक स्कूल में पढ़ाई करते थे। इनमें अयान (5), अहसान (7) और अरजान (9) शामिल थे। उन्होंने बताया कि आयान और अहसान पांचवीं कक्षा में पढ़ते थे। छुट्टी के बाद जब तीनों बच्चे स्कूल से घर जाने के लिए सड़क पर आए तो एक तेज रफ्तार कार ने तीनों को टक्कर मार दी। इसमें अयान और अहसान की मौत हो गई। जबकि, अरजान की हालत गंभीर है।बच्चों के पिता का कहना है कि उनके बच्चों को नरेश कुमार ने टक्कर मारी। वह हरियाणा पुलिस में बतौर हेड कॉन्स्टेबल तैनात है। वह नशे में था और नई गाड़ी में सवार था। टक्कर मारने के बाद वह रुका नहीं, बल्कि मौके से गाड़ी लेकर भागने लगा। इसके बाद लोगों ने उसकी गाड़ी का पीछा किया और करीब 500 मीटर आगे जाकर उसे रोक लिया। शाहबुद्दीन ने कहा कि आरोपी पुलिसकर्मी लोगों से झगड़ा कर रहा था। वह मानने के लिए तैयार ही नहीं था कि उसने तीन बच्चों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया। वह अकड़ रहा था और लोगों को पुलिस की वर्दी की धौंस दिखा रहा था। इसे बाद लोगों ने पुलिस को मामले की सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस भी आ गई।पुलिस जब मौके से आरोपी को हिरासत में लेकर जाने लगी, तो लोगों ने पुलिस का भी पीछा किया। क्योंकि, लोग आरोपी नरेश का उनके सामने ही मेडिकल करवाने की बात कह रहे थे। लोगों को शक था कि पुलिस आरोपी पुलिसकर्मी का बचाव करेगी और उसकी मेडिकल रिपोर्ट में हेराफेरी करवाएगी। लोगों का कहना है कि हादसे के समय पुलिसकर्मी नशे में धुत था।लोगों ने आरोपी को ले जा रही पुलिस की गाड़ी का पीछा किया और इसका वीडियो भी बनाया। इसके बाद आगे जाकर बीच सड़क मोटरसाइकिलें खड़ी कर पुलिस की गाड़ी को रोक दिया। इस दौरान पुलिस के साथ लोगों की बहस हुई। तब पुलिस पीड़ित परिवार व लोगों को भी साथ लेकर थाने गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में पुलिस तैनात की गई है।इस मामले में उटावड़ थाना प्रभारी रेणु ने बताया है कि पुलिस कर्मचारी का नाम नरेंद्र है। वह बहीन थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव पहाड़ी का रहने वाला है और नूंह डीएसपी कार्यालय में रीडर है। नरेंद्र अपनी ड्यूटी कर घर लौट रहा था। वह नूंह की तरफ से अपने गांव जा रहा था। इसी दौरान होडल-नूंह रोड पर गांव उटावड़ में उसकी गाड़ी से 3 बच्चों को टक्कर लगी। थाना प्रभारी ने बताया- परिजनों की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। गाड़ी को भी कब्जा में लिया गया है। पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया चल रही है। आरोपी नशे में था या नहीं, यह मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद साफ होगा। बता दें कि मृतकों का पोस्टमार्टम नूह में कराया जा रहा है । इस घटना से सामाजिक लोगों में ग़ुस्सा व पुलिस के प्रति रोष है। बाइट - बच्चों का पिता बाइट - मोहिंदर वर्मा - डीएसपी
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Sept 16, 2025 03:49:15
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JCJitendra Chaudhary
Sept 16, 2025 03:49:11
Begusarai, Bihar:जितेन्द्र कुमार बेगूसराय एंकर बेगूसराय से इस वक्त बड़ी खबर सामने निकल कर आ रही है। जहां दो गुट होमगार्ड के जवान आपस में जमकर झड़प हो गया। साथ ही साथ दोनों गुट के बीच जमकर रोड़ेबाजी भी हुआ है। इस रोड़ेबाजी में दो दर्जन से अधिक होमगार्ड जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। सभी घायल होमगार्ड जवान को उसे जगह से उठाकर इलाज के लिए बलिया पीएचसी में भर्ती कराया जहां इलाज चल रहा है। इस घटना के बाद कैंपस में काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। घटना बलिया थाना क्षेत्र के बड़ी बलिया की है। बताया जा रहा है की बड़ी बलिया स्थित कैंपस में होमगार्ड जवान का प्रशिक्षण चल रहा है। इस प्रशिक्षण के दौरान किसी बात को लेकर दो गुट होमगार्ड के जवान के बीच किसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों तरफ से जमकर रोड़ेबाजी शुरू हो गया। इस दोनों तरफ से जमकर रोड़ेबाजी होने के बाद तकरीबन दो दर्जन से अधिक होमगार्ड जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। घंटे तक दोनों होमगार्ड जवान गुट के बीच जमकर मारपीट और रोड़ेबाजी हुआ। हालांकि वहां पर लगे एंबुलेंस गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।एंबुलेंस चालक ने बताया है कि आपस में दो होमगार्ड के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ और विवाद इतना बढ़ गया की मारपीट से होते-होते रोड़ेबाजी भी शुरू हो गया। जब हम एंबुलेंस लेकर आ रहे थे। मेरे एंबुलेंस को भी क्षतिग्रस्त किया और साथ ही साथ मेरे साथ भी मारपीट होमगार्ड के जवान के द्वारा किया गया है। इस घटना के बाद घटनास्थल पर बलिया थाना एवं डीएसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारी पहुंचकर कैंप कर रही है। बाइट एंबुलेंस चालक
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SBSantosh Bhagat
Sept 16, 2025 03:48:50
Godda, Jharkhand:NH 133 पर गोड्डा में बड़ा हादसा हुआ है।अज्ञात वाहन के ठोकर से बाइक सवार पति पत्नी की मौत हो गई है।घटना गोड्डा साहेबगंज मुख्यमार्ग पर रंगमटिया की है। मृतक के चचेरा भाई प्रमोद कुमार दास ने बताया की दोनों बाइक पर सवार होकर घर चौरा से गोड्डा जा रहे थे। इसी दौरान रंगमटिया के पास अज्ञात गाड़ी से टक्कर हो गई और घटना स्थल पर ही दोनों की मौत हो गई। मृतक नित्यानंद दास है। घटना में मृतक का दाएं पैर पूरी तरह से चूर हो गया है। और मृतक की पत्नी रानी देवी को सर और शरीर में चोट आई है। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी सूचना मिलते ही मुफस्सिल थाना प्रभारी आनंद कुमार साहा अपने दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों के बॉडी को सदर अस्पताल लाया गया। जहां पर डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। बाइट परिजन
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KCKULDEEP CHAUHAN
Sept 16, 2025 03:47:59
Baghpat, Uttar Pradesh:नाम :: कुलदीप चौहान लोकेशन :: बागपत एंकर :--- बागपत के बड़ौत इलाके में पुलिस और बदमाश के बीच मुठभेड़ हुई है। मंडी बाईपास पर हुई इस मुठभेड़ में 25 हज़ार का इनामी बदमाश मोहन पुलिस की गोली से घायल हो गया।घायल बदमाश का अस्पताल में उपचार चल रहा है।पुलिस के मुताबिक, मोहन अपने जीजा सोनू कश्यप की हत्या की वारदात में वांछित चल रहा था। इसी केस में उसकी तलाश में जुटी पुलिस को सोमवार रात उसकी लोकेशन मिली। चेकिंग के दौरान पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो मोहन ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में बदमाश को गोली लगी और वह घायल होकर गिर पड़ा।घायल बदमाश को पुलिस ने तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। मौके से एक बाइक और एक तमंचा भी बरामद किया गया है।मुठभेड़ के बाद एडिशनल एसपी बागपत प्रवीण सिंह चौहान मौके पर पहुंचे और मुठभेड़ के बारे में विस्तृत जानकारी दी।बड़ौत पुलिस की इस कार्रवाई से एक बड़ी वारदात का राज़ खुलने की उम्मीद है। फिलहाल पुलिस पूछताछ कर रही है और बाकी फरार साथियों की तलाश जारी है। बाईट :--- प्रवीण सिंह चौहान (एडिशनल एसपी बागपत)
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ASAJEET SINGH
Sept 16, 2025 03:46:06
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ASARUN SINGH
Sept 16, 2025 03:45:56
Farrukhabad, Uttar Pradesh:फर्रुखाबाद अरुण सिंह ज़ी मीडिया की खबर के बाद अर्पित मामले में मामला तो दर्ज लेकिन कहां है अर्पित इसकी कोई जानकारी नहीं ज़ी मीडिया पर खबर चलने के बाद अर्पित था लापता रजिस्टर्ड डाक से भेजा पत्र बोला सब बीमार है छुट्टी चाहिए डाक में दिया गया नंबर पुलिस ने लगाया सर्विलांस पर लेकिन अर्पित सिंह लापता अर्पित सिंह के आवास के लिए संसद ने अपना लेटर पैड लगाया था जिलाधिकारी ने भी की थी संस्तुति स्वास्थ्य विभाग भर्ती घोटाला… 79 पदों पर 140 भर्ती! अर्पित सिंह का नाम तो आया… मगर अता-पता गायब! CMO से मांगी गई रिपोर्ट… कहीं आपके यहां तो नहीं नौकरी पर अर्पित? फर्रुखाबाद के अर्पित सिंह फैमिली पर भी उठे सवाल… जमीन के कागज रहस्यमयी तरीके से गायब क्या राजनीतिक संरक्षण में हैं अर्पित सिंह? मामला दर्ज… लेकिन पुलिस आज तक पहुंच क्यों नहीं सकी? भ्रष्टाचार की परतें खुलीं… जनता पूछ रही—कहां है अर्पित सिंह? भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया 2008 और 2016 में एक-रे टेक्नीशियन की भर्ती की जांच शुरू सभी जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मांगी गई रिपोर्ट के कहीं उनके यहां तो कोई अर्पित सिंह नौकरी नहीं कर रहा 79 वैकेंसी पर 140 लोगों को कर लिया गया भर्ती यानी की 61 लोग सरकार को लगा रहे थे चुना 2008 से 2009 के बीच ज्वाइन करने वाले सभी की एक विस्तृत रिपोर्ट स्वस्थ महानिदेशक ने मांगी मजे की बात फर्रुखाबाद का आरपी सिंह परिवार सहित लापता जमीन निकल गई आसमान क्या राजनीतिक संरक्षण में पल रहा अर्पित सिंह पुलिस अभी तक क्यों नहीं पहुंच पाई फर्रुखाबाद में स्वास्थ्य विभाग की भर्ती घोटाले से जुड़ा रहस्यमयी अर्पित सिंह सवालों के घेरे में ज़ी मीडिया की पड़ताल के बाद एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की भर्ती में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। भर्ती घपले में अर्पित सिंह नाम सामने आने के बावजूद आज तक उसका कोई अता-पता नहीं है। मामला 2008 और 2016 की उन भर्तियों से जुड़ा है जिनमें एक-रे टेक्नीशियन पद पर नियुक्तियों में भारी गड़बड़ी की शिकायतें उठी थीं। स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) से यह रिपोर्ट मांगी है कि उनके यहां कहीं अर्पित सिंह नाम का कोई कर्मचारी तो तैनात नहीं है। 79 पद पर 140 नियुक्तियां जांच में यह भी सामने आया कि उस समय 79 स्वीकृत रिक्तियों पर 140 लोगों को नियुक्त कर दिया गया। यानी 61 लोगों को बगैर पद के नियुक्त करके सीधे सरकार को करोड़ों का चुना लगाया गया। स्वास्थ्य महानिदेशक ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 2008-09 के बीच जिन भी अभ्यर्थियों ने ज्वाइनिंग की है, उनका पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाए। फर्रुखाबाद का कनेक्शन इस मामले की गूंज फर्रुखाबाद तक पहुंची है क्योंकि यहाँ का एक नामी परिवार, आरपी सिंह एंड फैमिली, इस घोटाले से जुड़े सवालों में उलझा है। आश्चर्यजनक रूप से उनसे जुड़ी जमीन और कागजात तक ‘गायब’ बताए जा रहे हैं। यही कारण है कि इस प्रकरण ने जिले में राजनीतिक संरक्षण और अधिकारियों के मिलीभगत की चर्चाओं को और तेज कर दिया है। पुलिस की नाकामी पर सवाल सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब मामला दर्ज हो चुका है, तो आखिर पुलिस अर्पित सिंह तक क्यों नहीं पहुंच पाई? क्या यह राजनीतिक संरक्षण का नतीजा है, या फिर किसी बड़ी साजिश की कड़ी को बचाने की कोशिश? उठता बड़ा सवाल फर्रुखाबाद समेत पूरे प्रदेश में भर्ती घोटालों की परतें उधेड़ रही यह जांच यह साफ कर रही है कि वर्षों से सिस्टम में किस तरह से भ्रष्टाचार ने जड़ें जमा ली थीं। लेकिन जनता का सवाल अब सीधा है—आखिर अर्पित सिंह कहां है और कब तक कानून से बाहर रहेगा? बाइट-- डॉ अमरेंद्र सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी
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