Back
100 साल की उम्र में भी पढ़ाई का जज्बा, बगहा के लिए मिसाल
IAImran Ajij
Dec 15, 2025 11:21:46
Bagaha, Bihar
नेपाल और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे पश्चिम चंपारण जिले के बगहा अनुमंडल में एक ऐसे बुजुर्ग हैं, जो सौ वर्ष की उम्र में भी शिक्षा और ज्ञान के जीवंत उदाहरण बने हुए हैं। बगहा–2 प्रखंड के बरवल नरवल पंचायत स्थित गोईती गांव के निवासी हरिहर चौधरी आज पूरे इलाके के लिए प्रेरणास्रोत बन गये हैं। उम्र के तकाजे में उनका शरीर भले ही अचल हो गया हो, लेकिन उनका हौसला और सीखने सिखाने की ललक आज भी उतनी ही बुलंद है। दरअसल उम्र के शतक वीर हरिहर चौधरी बिना चश्मा पहने प्रतिदिन हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाषा का अध्ययन करते हैं। हरिहर चौधरी ने उस रेखा को भी तोड़ा है जो उर्दू को किसी ख़ास समुदाय से जोड़ने की कोशिश करते हैं लेकीन उनकी मेहनत औऱ कसरत ये बतानें कों काफी है कि शब्द औऱ भाषा किसी एक के नहीं होते लिहाजा पंचायत की मुखिया सकीना ख़ातून भी हरिहर चौधरी की क़ायल हैं तो परिजन औऱ स्थानीय ग्रामीण इन्हें मिसाल मानते हैं। बताया जा रहा है कि सौ साल के करीब ये बुजुर्ग दशवी पास हैं जिनके अपने घर के दरवाजे पर एक बक्शे में सजी छोटी-सी लाइब्रेरी किसी को भी चौंका देती है। ख़ास बात यह है कि इस लाइब्रेरी में विभिन्न विषयों की किताबें और कई भाषाओं की डिक्शनरी रखी हुई हैं, जिनका वे नियमित रूप से रिवीजन करते हैं। इन्होंने औपचारिक बुनियादी शिक्षा अधिक नहीं पाई है मैट्रिक तक पढ़ाई किया है, इसके बावजूद आत्मअध्ययन और निरंतर अभ्यास से उन्होंने खुद को एक मिसाल के रूप में स्थापित किया है। हरिहर चौधरी इलाके के बच्चों और युवाओं को शिक्षा से जोड़ने के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। जो बच्चे और युवा पढ़ाई से दूरी बना रहे हैं,या किसी नशे की लत में चले जाते हैं उन्हें वें अपने अनुभवों के आधार पर सरल टिप्स देते हैं और यह समझाते हैं कि शिक्षा किसी उम्र औऱ सीमा की मोहताज नहीं होती है । हरिहर चौधरी के मुताबिक सीखने की इच्छा ही सबसे बड़ी पूंजी है। वहीं पंचायत की मुखिया सकीना खातून भी हरिहर चौधरी की सोच और जज्बे की कायल हैं। उनका कहना है कि चौथी पीढ़ी के बीच भी हरिहर चौधरी शिक्षा की अलख जगा रहे हैं और समाज को सही दिशा दिखा रहे हैं। घर-परिवार से लेकर पूरे गांव में वे लोगों को पढ़ने और सीखने के लिए प्रेरित करते हैं। तभी तो इस रास्ते से सेमरा औऱ बगहा आने जाने वाले रुककर हरिहर चौधरी का दीदार करते हैं। आज हरिहर चौधरी न केवल गोईती गांव, बल्कि बगहा के साथ ज़िला में इस बात का प्रतीक बन गये हैं कि अगर मन में दृढ़ संकल्प हो, तो उम्र और परिस्थितियां भी ज्ञान की राह में बाधा नहीं बन सकतीं हैं। बताते हैं कि हरिहर चौधरी अपने जीवन में अब तक सभी चुनावों में वोट देते आये हैं और शरीर से अर्द्ध दिव्यांग हो जाने के कारण वृद्धा पेंशन का फॉर्म भरना और अप्लाई करना मुनासिब नहीं समझा क्योंकि उसके लिये सरकारी दफ्तरों में चक्कर काटने होंगे लिहाजा छोटी सी किराना दूकान करवाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं जिसमें उनकी चार पीढ़ियां एक साथ कदमताल होकर एक दूसरे की मदद करतीं हैं जो बेमिसाल है..!
0
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement
0
Report
0
Report
दुर्ग यातायात पुलिस की मानवीय पहल: दुर्घटना पीड़ित को लौटाई सोने की अंगूठी, कथा आयोजन के लिए डायवर्ज
0
Report
0
Report
RKRakesh Kumar
FollowDec 15, 2025 12:38:430
Report
AAAteek Ahmed
FollowDec 15, 2025 12:38:250
Report
NGNakibUddin gazi
FollowDec 15, 2025 12:38:140
Report
0
Report
ARAmit Raj
FollowDec 15, 2025 12:35:540
Report
ASAshok Singh Shekhawat
FollowDec 15, 2025 12:35:450
Report
0
Report
VSVishnu Sharma1
FollowDec 15, 2025 12:35:320
Report
RSRahul shukla
FollowDec 15, 2025 12:35:120
Report
VPVEDENDRA PRATAP SHARMA
FollowDec 15, 2025 12:34:540
Report
RKRakesh Kumar
FollowDec 15, 2025 12:34:170
Report