बिहार में मतदाता सूची सत्यापन पर कांग्रेस का सवाल – चुनाव से पहले एजेंडा चलाने की साजिश!
बिहार में मतदाता सूची के सत्यापन को लेकर चुनाव आयोग द्वारा लिए गए फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले इस तरह का आदेश कई संदेहों को जन्म देता है। उन्होंने कहा, “एक-दो महीने में बिहार में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने वाली है, ऐसे में मतदाता सूची के सत्यापन के पीछे की मंशा पर सवाल उठना लाज़मी है। यह फैसला कहीं न कहीं सरकार के दबाव में लिया गया लगता है।” प्रेमचंद मिश्रा ने आशंका जताई कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम पर मतदाता सूची से कितने नाम हटाए जाएंगे, और क्या यह कार्रवाई निष्पक्ष होगी? उन्होंने कहा कि यह निर्णय भाजपा के उस छिपे हुए एजेंडे को मजबूत कर सकता है, जिसके तहत चुनाव से पहले मतदाता सूची में छेड़छाड़ की जाती है। कांग्रेस नेता ने मांग की कि चुनाव आयोग इस फैसले पर पुनर्विचार करे और सभी राजनीतिक दलों की राय लेने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह फैसला बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर लिया गया प्रतीत होता है।
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