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राजस्थान बार काउंसिल का नया भवन उद्घाटन, न्याय और लोकतंत्र को मजबूत करेगा
RKRakesh Kumar Bhardwaj
Nov 02, 2025 15:48:37
Jodhpur, Rajasthan
जोधपुर । प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान हाईकोर्ट परिसर में बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के नवनिर्मित भवन का वर्चुअली उद्घाटन किया करते हुए सभी को शुभकामनाए दी। समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि कहा कि यह भवन न केवल अधिवक्ताओं को आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा, बल्कि लोकतंत्र और न्याय प्रणाली को भी सशक्त करने का कार्य करेगा। जहां न्याय की नींव मजबूत होती है, वहीं लोकतंत्र के स्तंभ अटल खड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह भवन राजस्थान की विधिक बिरादरी की दशकों की आकांक्षा का साकार रूप है, जो लोकतंत्र को और सशक्त करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र की रीढ़ है और संविधान निर्माताओं ने इसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित कर दूरदर्शिता दिखाई थी। उन्होंने कहा कि न्याय किसी भी राष्ट्र की नींव है, और जब न्याय मजबूत होता है तो नागरिक सुरक्षित महसूस करते हैं। कोर्ट कचहरी सिर्फ इमारते नही होती। यह उम्मीदों के आशियाने होते है जहा निराश नागरिक न्याय की आश लेकर आते है हमारी सरकार का यह दृढ विश्वास है कि विकास तभी सार्थक है जब वह न्यायपूर्ण हो जब तक समाज के अंतिम पायदान पर खडे व्यक्ति को न्याय सुलभ नही होगा तब तक विकास की यात्रा अधूरी रहेगी मुझे गर्व होता है जब मै आपको लगन व इमानदारी से आमजन की आकांक्षाओं को पूरा करते हुए देखता हू। सीएम शर्मा ने कहा कि वकील समाज के शिल्पकार हैं, जो न्याय और अन्याय की रेखा को पहचानते हैं। उन्होंने कहा कि जनता का न्याय व्यवस्था पर अटूट विश्वास लोकतंत्र की असली ताकत है, और इसे और मजबूत करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को जमीनी स्तर पर लागू किया जा रहा है। उन्होंने माना कि राज्य की न्यायपालिका को लंबित मुकदमों और जजों की कमी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकार इनका समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जिला स्तर पर नई अदालतों का गठन और न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भवन न्याय, नैतिकता और मानवता का प्रतीक बनेगा तथा आमजन को समय पर न्याय दिलाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। समारोह को सम्बोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि इस भवन के निर्माण में उनका व्यक्तिगत जुड़ाव रहा है। उन्होंने बताया कि 2014 में मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा के निर्देश पर उन्होंने बार काउंसिल भवन का प्रारंभिक नक्शा तैयार किया था, जिसे सभी सदस्यों के साथ मिलकर अंतिम रूप दिया गया। बाद में मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्तल की सहमति से हाई कोर्ट परिसर में इस भवन के निर्माण की मंजूरी मिली। उन्होंने बताया कि भवन में 500 सीटों वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम बनाया गया है, जो कानूनी शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए उपयोगी रहेगा। राजस्थान बार काउंसिल लगातार युवा वकीलों के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती है और लीगल एजुकेशन व अनुशासन पर ध्यान देती है। जस्टिस मेहता ने कहा कि राजस्थान का एडवोकेट्स वेलफेयर फंड देश में सबसे सशक्त है, जो वकीलों को रिटायरमेंट पर 15 लाख रुपये तक की सहायता देता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से न्यायिक ढांचे के सुदृढ़ीकरण और अदालतों की संख्या बढ़ाने की अपील की। साथ ही सुझाव दिया कि बार काउंसिल की सभी अनुशासनात्मक बैठकों को डिजिटल माध्यम से आयोजित किया जाए ताकि समय और संसाधनों की बचत हो। उन्होंने नए भवन को अधिवक्ताओं की एकता और न्याय की भावना का प्रतीक बताया। समारोह को सम्बोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विजय विश्नोई ने कहा कि यह भवन वर्षों के प्रयासों और अधिवक्ताओं की एकजुटता का परिणाम है। उन्होंने बताया कि लंबे समय से चल रही सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अब यह भवन अधिवक्ताओं के उपयोग के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि राजस्थान बार काउंसिल पूरे देश में एक मिसाल है, जहां अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान, बीमारियों या आकस्मिक घटनाओं में सहायता और परिवारों को समर्थन देने की परंपरा मजबूत है। जस्टिस विश्नोई ने बार काउंसिल की डिजिटल प्रगति की भी सराहना की और बताया कि राजस्थान में एनरोलमेंट व अन्य प्रक्रियाएं पूरी तरह ऑनलाइन की जा रही हैं, जिससे पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि यह भवन न केवल अधिवक्ताओं के कार्यस्थल के रूप में बल्कि विश्वास और सहयोग के प्रतीक के रूप में भी काम करेगा। उन्होंने सभी पूर्व और वर्तमान सदस्यों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस भवन को देश के सर्वश्रेष्ठ बार काउंसिल भवनों में गिना जा सकता है। साथ ही उम्मीद जताई कि आने वाले चुनावों के बावजूद अधिवक्ताओं की एकता और परंपरा बनी रहेगी। अंत में उन्होंने सभी अधिवक्ताओं और अतिथियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि यह भवन न्यायिक जगत में राजस्थान की प्रतिष्ठा को और ऊंचा करेगा। समारोह को सम्बोधित करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक सीजे संजीव प्रकाश शर्मा ने कहा कि यह भवन अधिवक्ताओं के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है और राज्य सरकार के कानून व्यवस्था के प्रति अटूट विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार व्यक्त किया कि सरकार ने इस भवन के निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई। मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जयपुर और जोधपुर में न्यायाधीशों के लिए आवास और न्यायालय भवनों हेतु अतिरिक्त भूमि उपलब्ध कराई जाए, विशेषकर छोटे जिलों में जहां न्यायाधीशों को आवास की समस्या का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि जयपुर और जोधपुर दोनों स्थानों पर इस संबंध में जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने “अल्टरनेट डिस्प्यूट रेजोल्यूशन सिस्टम (ADR)” की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यदि युवा अधिवक्ताओं को मध्यस्थता और सुलह की दिशा में प्रशिक्षित किया जाए, तो अनेक मामले प्रारंभिक स्तर पर ही सुलझाए जा सकते हैं। हाल ही में तीन महीनों में लगभग 20,000 मुकदमों का समाधान मध्यस्थता के माध्यम से हुआ है। उन्होने सुझाव दिया कि लॉ कॉलेजों और बार काउंसिल को इस दिशा में शिक्षा और प्रशिक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिससे न्याय प्रणाली और अधिक प्रभावी बन सके। समारोह को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी ने कहा कि भारत का संविधान विश्व के सबसे सशक्त संविधानों में से एक है, जिसने साढ़े पांच सौ रियासतों को एकजुट रखकर देश को स्थिरता दी है। न्याय व्यवस्था को उन्होंने समाज की “ऑक्सीजन” बताया — जो दिखाई नहीं देती पर हर नागरिक के जीवन के लिए आवश्यक है। अधिवक्ता, चाहे छोटे कस्बों में हों या उच्च न्यायालय में, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। बार काउंसिल को ऐसा मंच बताया गया है जो अधिवक्ताओं की समस्याओं को सुनने, समाधान देने और उनके सशक्तिकरण का कार्य करता है। तकनीकी प्रगति की चर्चा करते हुए वक्ता ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय देश के अग्रणी न्यायालयों में है जो ई-फाइलिंग, पेपरलेस कोर्ट और ऑनलाइन प्रोसीडिंग्स के माध्यम से न्याय को “आपके द्वार” तक पहुँचा रहा है। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि आधुनिकरण और तकनीक के साथ अधिवक्ता समाज, आम नागरिक और अंततः पूरा राष्ट्र और अधिक मजबूत बनेगा। बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के नवनिर्मित भवन का रविवार को उद्घाटन समारोह организ किया गया। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा वर्चुअली कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। समारोह में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विजय बिश्नोई विशिष्ट अतिथि के तौर पर एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने की। उद्घाटन समारोह में राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी, बार कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य मनन कुमार मिश्रा वर्चुअली मौजूद रहे। राजस्थान सरकार के महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद तथा अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भरत व्यास शामिल हुए। इसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीश बार कौंसिल के सभी सदस्य,अधिवक्ता एवं अन्य गणमान्य भी मौजूद रहे।
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