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7 डिजिट घोटाला: परिवहन विभाग में अधिकारियों की मिलीभगत सामने
KCKashiram Choudhary
Dec 26, 2025 11:56:50
Jaipur, Rajasthan
काशीराम चौधरी
करोड़ों का खेल, घोटाला बेनकाब!
- परिवहन विभाग में 7 डिजिट घोटाला, सूचना सहायक, बाबू बन गए DTO, किए अप्रूवल
- वहीं कई डीटीओ ने खुद बाबू बन की एंट्री, 11336 वाहनों के किए गए बैकलाॅग
- झुंझुनूं, जयपुर प्रथम और जोधपुर में सर्वाधिक गड़बड़ियां, क्या 30 दिसंबर तक दर्ज होंगी FIR ?
जयपुर。
परिवहन विभाग में 7 डिजिट सीरीज के घोटाले में एक-एक कर परतें खुल रही हैं। घोटाले में बाबुओं और जिला परिवहन अधिकारियों की मिलीभगत और गड़बड़ियां तो रही ही हैं। कई जिलों में तो परिवहन निरीक्षकों ने भी बड़े स्तर पर घोटाला किया है। बड़ी संख्या में कार्मिकों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए पुराने वाहनों के बैकलाॅग अप्रूवल किए हैं। आपको बता दें कि परिवहन विभाग में 7 डिजिट सीरीज का घोटाला काफी चर्चा में है। परिवहन मुख्यालय level से इस पूरे गड़बड़झाले की जांच पूरी हो चुकी है। विभाग ने अब तक करीब एक दर्जन अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित और एपीओ किया हुआ है। अब इस मामले में मुख्यालय द्वारा सभी आरटीओ-डीटीओ को दोषी कार्मिकों, एजेंटों और वाहन मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हुए हैं। इसके लिए परिवहन विभाग ने 30 दिसंबर को अंतिम तिथि तय की है। परिवहन विभाग के अधिकृत आंकड़ों के मुताबिक कुल 11336 वाहनों का बैकलॉग किया गया था। पिछले 8 साल की अवधि में बड़े स्तर पर पुराने वाहनों के बैकलॉग के नाम पर गड़बड़ियां हुई। विभाग के बाबुओं, सूचना सहायकों और डीटीओ अफसरों ने कई पुराने वाहनों का गलत तरीके से बैकलॉग किया। कई नष्ट हो चुके वाहनों को दूसरों के नाम से बैकलॉग कर दिया गया, तो कई वाहनों की कैटेगरी बदलते हुए बैकलॉग कर दिया गया। विभाग में बड़े स्तर पर हुई गड़बड़ियों में यह भी खास रहा कि वाहनों की एंट्री भी खुद उसी कार्मिक ने की और अप्रूवल भी खुद ही कर दिया। जबकि आमतौर पर Vehicle बैकलॉग की एंट्री बाबू या सूचना सहायक द्वारा की जाती है, जबकि अप्रूवल का अधिकारी जिला परिवहन अधिकारी यानी डीटीओ का होता है।
बाबू-सूचना सहायकों का बड़ा फर्जीवाड़ा!
- जयपुर RTO प्रथम के बाबू जहांगीर अली खान ने 795 वाहनों की एंट्री की
- लगभग इतने ही वाहनों का अप्रूवल भी डीटीओ के तौर पर खुद कर दिया
- बाबू अयूब खान ने करीब 630 वाहनों की एंट्री की, करीब 450 का अप्रूवल भी किया
- बाबू सुरेश तनेजा ने करीब 250 वाहनों की एंट्री की, 207 का अप्रूवल भी किया
- बाबू विनोद शर्मा ने 207 वाहनों की एंट्री की, अप्रूवल 209 वाहनों का कर दिया
- बाबू राज सिंह ने करीब 200 वाहनों की एंट्री की, 147 का अप्रूवल भी खुद कर दिया
- बाबू गोविन्द पुरोहित ने 180 वाहनों की एंट्री की, 90 का अप्रूवल भी किया
- बाबू गौरव शर्मा ने 104 वाहनों की एंट्री की, 18 का अप्रूवल भी खुद किया
- बाबू नरेन्द्र जावा ने 72 वाहनों की एंट्री की, 13 का अप्रूवल भी किया
- बाबू दिनेश शर्मा ने 25 वाहनों की एंट्री की, 23 का अप्रूवल भी कर दिया
- झुंझुनूं में बाबू गजेन्द्र सिंह ने 97 वाहनों की एंट्री की, 97 को अप्रूव भी किया
- झुंझुनूं में सूचना सहायक अभिलाषा ने 481 वाहनों की एंट्री की, 481 को अप्रूव भी किया
- चित्तौड़गढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और जोधपुर में भी बाबुओं की भारी गड़बड़ियां
इंस्पेक्टर न एंट्री कर सकते, न अप्रूवल ?
विभाग की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि परिवहन विभाग के कई इंस्पेक्टरों ने भी गड़बड़ी की है। इंस्पेक्टर न तो बैकलॉग एंट्री करने के लिए अधिकृत होते हैं, न ही डीटीओ के तौर पर अप्रूवल کر सकते हैं। अप्रूवल उसी स्थिति में किया जा सकता है, जबकि इंस्पेक्टर के पास डीटीओ का चार्ज भी अतिरिक्त रूप से विभाग ने दिया हुआ हो। लेकिन कई निरीक्षकों ने नियम विरुद्ध गड़बड़ी की हैं।
इंस्पेक्टर ही बन गए डीटीओ!
- नागौर में पोस्टिंग रहते परिवहन निरीक्षक गोकलराम ढाका ने की गड़बड़ी
- डीटीओ के तौर पर 20 वाहनों के नम्बरों का बैकलॉग किया अप्रूवल
- रोचक यह कि इनमें से 8 नम्बरों की तो एंट्री भी खुद ढाका ने ही की
- झुंझुनूं में रहते परिवहन निरीक्षक ओंकार मल जांगिड़ ने की भारी गड़बड़ी
- 43 वाहनों का बैकलॉग अप्रूवल किया, इनमें से 42 वाहनों की एंट्री भी खुद की
- झुंझुनूं में निरीक्षक रोहिताश सिंह ने 8 की एंट्री की, 7 का अप्रूवल किया
- बांसवाड़ा में रहते निरीक्षक चन्द्रवीर सिंह ने 18 वाहनों की एंट्री की
- फिर खुद ही डीटीओ के तौर पर 16 वाहनों का अप्रूवल कर दिया
- बूंदी में रहते निरीक्षक राम सिंह हाड़ा ने 52 वाहनों की बैकलॉग एंट्री की
- डीटीओ के तौर पर इनमें से 48 वाहनों का अप्रूवल भी हाड़ा ने कर दिया
- टोंक में रहते निरीक्षक रमेश पांडे ने 31 वाहनों की एंट्री की, खुद ही अप्रूव किए
डीटीओ दयाशंकर गुप्ता की सबसे ज्यादा गड़बड़ियां
वहीं परिवहन विभाग के आधा दर्जन डीटीओ ने भी गजब का करिश्मा किया है। कई डीटीओ ने पहले बाबू बनकर वाहनों की बैकलॉग एंट्री कर दी, उसके बाद में खुद ही डीटीओ की अपनी आईडी से बैकलॉग को अप्रूवल कर दिया। इस मामले में सबसे ज्यादा गड़बड़ी सवाईमाधोपुर डीटीओ रहे दयाशंकर गुप्ता ने की है।
एंट्री बाबू बनकर की, अप्रूवल में डीटीओ बन गए!
- डीटीओ दयाशंकर गुप्ता ने सवाईमाधोपुर डीटीओ रहते की भारी गड़बड़ी
- दयाशंकर गुप्ता ने 262 वाहनों का बैकलॉग अप्रूवल किया
- रोचक यह कि इनमें से 82 वाहनों की तो एंट्री भी खुद दयाशंकर गुप्ता ने की
- डीटीओ अभय मुद्गल ने बांसवाड़ा डीटीओ रहते 39 वाहनों को अप्रूव किया
- इनमें से 28 वाहनों की एंट्री भी खुद अभय मुद्गल ने की, अप्रूव भी खुद किया
- डीटीओ संजय शर्मा ने बांसवाड़ा डीटीओ रहते 3 अप्रूवल किए, एक की एंट्री खुद की
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