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Medchal-Malkajgiri500076

ఘనంగా అరోరా కాలేజీలో ఫెస్టివల్ డే

Jun 22, 2024 07:12:23
Hyderabad, Telangana
రామంతపూర్ అరోరా కాలేజీలో ఫెస్టివల్ డే నిర్వహించారు విద్యార్థిని విద్యార్థులు పాల్గొన్నారు కళాశాల ప్రిన్సిపాల్ ఆధ్వర్యంలో ఈ యొక్క ప్రోగ్రాం జరిగింది ప్రముఖ సినిమా దర్శకులు సినిమా హీరోలు హీరోయిన్లు పాల్గొన్నారు
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NDNEELAM DAS PADWAR
Dec 06, 2025 03:16:28
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GMGANESH MOHALE
Dec 06, 2025 03:16:13
Washim, Maharashtra:अँकर:शासकीय हमीभावानुसार नाफेडमार्फत सोयाबीन खरेदीसाठी नोंदणी पूर्ण झाल्यानंतरही प्रत्यक्ष खरेदीला सुरूवात झाली नसल्याने मालेगाव तालुक्यातील शेतकरी मोठ्या आर्थिक अडचणीत सापडले आहेत. सोयाबीनसाठी प्रतिक्विंटल ५३२८ रुपयाचा हमीभाव जाहीर असला तरी खरेदी केंद्र कार्यान्वित न झाल्याने शेतकऱ्यांचे सोयाबीन गोदामातच अडकून पडले आहे. अतिवृष्टी,उत्पादन घट आणि वाढलेल्या शेतीखर्चामुळे आधीच त्रस्त असलेल्या शेतकऱ्यांना नाफेड खरेदी लांबणीवर पडल्यामुळे मोठा आर्थिक फटका बसत आहे. त्यामुळे शेतकऱ्यांनी तातडीने नाफेड खरेदी केंद्र सुरू करून खरेदी प्रक्रिया सुरु करण्याची मागणी प्रशासनाकडे केली आहे.
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YNYogesh Nagarkoti
Dec 06, 2025 03:02:46
Bageshwar, Uttarakhand:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रस्तावित दो दिवसीय दौरे के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड में हैं। जिलाधिकारी आकांक्षा कोंडे और पुलिस अधीक्षक चन्द्रशेखर घोड़के ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल को विस्तार से ब्रीफ किया。 इस दौरान बागेश्वर, गरुड़ और कपकोट क्षेत्रों में रूट डायवर्जन और सुरक्षा व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी दी गई। अधिकारियों ने कहा कि वीवीआईपी सुरक्षा के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुरक्षा को और भी पुख्ता बनाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और स्थानीय जवानों को जिम्मेदारी दी गई है。 पुलिस और प्रशासन ने जनता से भी सहयोग की अपील की है ताकि मुख्यमंत्री का दौरा सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके。
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PGPARAS GOYAL
Dec 06, 2025 03:02:33
:मेरठ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दो पुलिसकर्मियों ने एक युवक की लावारिस लाश को अपने थाना क्षेत्र से उठाकर दूसरे थाना क्षेत्र में फेंक दिया। यह घटना आधी रात को चोरी-छिपे हुई। सुबह जब शव एक दुकान के सामने मिला, तो हंगामा मच गया। घटना के मुख्य बिंदु: - लाश को फेंकने का आरोप: लोहिया नगर थाना क्षेत्र के एल ब्लॉक चौराहे पर एक युवक का शव मिला। CCTV फुटेज में दिखा कि रात 1:50 बजे दो पुलिसकर्मी बाइक से आए और शव को ई-रिक्शे से उतारकर सड़क किनारे रख दिया। - पुलिस कार्रवाई: एसएसपी विपिन ताडा ने आरोपी दरोगा और कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया, होमगार्ड को नौकरी से निकाल दिया। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह को जांच सौंपी गई है। - शिनाख्त नहीं: मृतक युवक की पहचान अब तक नहीं हो सकी है, शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
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HUHITESH UPADHYAY
Dec 06, 2025 03:02:02
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MKMohammad Khan
Dec 06, 2025 03:01:48
Bhilwara, Rajasthan:भीलवाड़ा। फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाली करेड़ा कार्यवाहक तहसीलदार कंचन सिंह का मामला पुराना भी नहीं हुआ था कि एक और नया मामला सामने आ गया है। भीलवाड़ा में दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी सेवा में आने वाले एक और सरकारी कार्मिक पर गाज गिर सकती है। अब बस इंतजार मेडिकल टेस्ट का है। इसकी कवायद भी शुरू हो चुकी है पहले जिला स्तर पर इसको लेकर टेस्ट शुरू हो चुका है। इस बीच अब जयपुर स्तर से आदेश जारी हो गए। दरअसल ये मामला है एमएलवी कॉलेज में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर पंकज कुमार चौधरी का है। ये भीलवाड़ा के हरड़ā निवासी हैं। इनका चयन असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर हुआ है। इन्होंने अपने दिव्यांग सर्टिफिकेट में ‘लॉ विजन’ (यानी कम दिखना) बताकर रिजर्वेशन का फायदा लिया है और असिस्टेंट प्रोफेसर बनने में कामयाब हो गए। लेकिन अब परेशानी यह है कि कॉलेज में पढ़ाते या पढ़ते वक्त किसी ने इन्हें चश्मा लगाते नहीं देखा। यहाँ तक कि शाम के वक्त भी बिना चश्मे के आराम से किताब पढ़ लेते हैं। ऐसे में चर्चाओं में आ गए हैं। कार्यवाहक तहसीलदार कंचन सिंह का मामला उछलने के बाद से दिव्यांग सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लगे कार्मिकों के फिर से मेडिकल टेस्ट होना शुरू हो गए। अब जयपुर स्तर से कॉलेज एजुकेशन के डायरेक्टर ने प्रदेश के कुछ असिस्टेंट प्रोफेसर की लिस्ट निकाली है जिन्होंने दिव्यांग सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हासिल की है। इनमें एक नाम पंकज कुमार चौधरी का भी है। इनका भी मेडिकल टेस्ट होगा। पहले एमजी अस्पताल में टेस्ट होना था लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि यहां मशीनों का अभाव बताकर पूरा टेस्ट नहीं हो सका है। जानकार हैरानी होगी कि आज एमजी अस्पताल मेडिकल कॉलेज में तब्दील हो चुका है लेकिन अभी तक सुविधा विकसित नहीं हुई लेकिन पंकज कुमार का पुराना मेडिकल सर्टिफिकेट भी भीलवाड़ा एमजी अस्पताल की जांचों के आधार पर ही बना था जिसे तत्कालीन सीएमएचओ ने जारी किया था। एमजी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरूण गौड़ ने बताया कि मेडिकल बोर्ड गठित किया था जिसने पंकज कुमार की जांच की थी। लेकिन इन्हें रेटिना संबंधी कुछ परेशानी है जिसकी जांच के लिए एडवांस सेंटर के लिए कहा है। वहाँ से इनकी जांच होने के बाद मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर ही मेडिकल बोर्ड फाइनल रिपोर्ट तैयार कर सकेगा। इधर, असिस्टेंट प्रोफेसर पंकज कुमार का कहना है कि बचपन से ही विजन में परेशानी है। लेकिन इलाज नहीं मिला। जब सर्टिफिकेट बना तब पता चला कि मुझे यह रेटिना की परेशानी है जो कि लाइलाज है। चौधरी का रसूख या एमएलवी कॉलेज के प्रिंसिपल की दरियादिली: पंकज कुमार चौधरी मूलरूप से ईएएफएम (कॉमर्स) पढ़ाने के विशेषज्ञ हैं। उनकी मूल पोस्टिंग भीलवाड़ा के एमएलवी कॉलेज में हैं लेकिन कार्य व्यवस्थार्थ के तौर पर अंटाली कॉलेज में काफी समय से लगा रखा है। आपको जानकार हैरानी होगी कि चौधरी को अंटाली के जिस कॉलेज में कॉमर्स पढ़ाने के लिए लगा रखा है उस कॉलेज में कॉमर्स संकाय ही नहीं है। उसके बावजूद वे सेवाएं दे रहे हैं। अब सवाल उठता है कि चौधरी अंटाली में सेवाएं क्यों दे रहे हैं। दरअसल चौधरी हुरड़ा के रहने वाले हैं और अंटाली नजदीक पड़ता है। ऐसे में सरकारी नौकरी के लिए उन्हें अंटाली जाने में सुविधा रहती है वनिस्पत भीलवाड़ा के एमएलवी कॉलेज जाने में। अब या तो चौधरी का रसूख इतना अधिक है कि बिना संकाय के भी वे कार्य व्यवस्थार्थ लगे हैं या फिर एमएलवी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संतोष आनंद का दरियादिली है कि उन्होंने पंकज कुमार को अनुमति प्रदान कर रखी है। पंकज कुमार ने बताया कि नौकरी लगने के दो-ढाई महीने तक ही एमएलवी गया था। उसके बाद से मुझे अंटाली कॉलेज में कार्य व्यवस्थार्थ लगा दिया गया था। कॉलेज में कॉमर्स नहीं है लेकिन मुझे प्रशासनिक कार्यों के लिए लगाया गया है。
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RCRAJVEER CHAUDHARY
Dec 06, 2025 03:00:44
Bijnor, Uttar Pradesh:20 गांवों के लोग आज भी गंगा नदी पार करने के लिए खतरे उठाते हैं ताकि खेतों तक पहुंच सकें। जलप्रवाह तेज, नाव पर ट्रैक्टर-ट्रॉली चढ़ाकर नदी पार किया जाता है, जिससे हर दिन मौत के बावजूद उनका जीवन चलता है। दशकों से पुल की मांग जारी है, लेकिन अफसरों तक यह बात नहीं पहुंच पाती। बिजनौर के राजारामपुर इलाके में लगभग 20 गांवों के किसान, मजदूर और महिलाएं हर रोज इसी मार्ग से फसलें दूसरी तरफ ले जाते हैं। बारिश के मौसम में स्थिति और भी घातक हो जाती है; कई हादसे हो चुके हैं और नाव पलटने से मौतें भी हुई हैं। स्थानीय निवासियों की मांग सीधी है: एक स्थायी पुल बनवाया जाए। गांव के लोगों का कहना है कि दो जून की रोटी कमाने के लिए उन्हें रोज मौत का सामना करना पड़ता है, और इस जोखिम का अंत केवल एक मजबूत पुल से संभव है। सवाल अभी यह है कि इन मांगों को जिम्मेदार अफसर कब तक सुनेंगे। डीएम जसजीत कौर ने कहा कि पहले भी पुल का प्रस्ताव भेजा जा चुका था, किन्हीं कारणों से अब तक निर्माण नहीं हो पाया; उन्होंने आरोपित अफसरों की टीम बनाकर पुल बनवाने का भरोसा दिया है।
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Dec 06, 2025 03:00:43
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