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दुग्ध उत्पादकों का धरना: दूध का भुगतान और दाम में भारी कमी!
Dhar Chhiling Khola, Himachal Pradesh
शिमला जिला के रामपुर के समीप दत्त। नगर स्थित दुग्ध अभिशितन केंद्र में आज रामपुर, ननखड़ी, कुमार सैन व निरमंड खंड के दुग्ध उत्पादकों ने धरना प्रदर्शन किया । प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि मिल्क फेड की अभ्यवस्थाओं के कारण ना तो दूध उत्पादकों को समय पर दूध का भुगतान किया जा रहा है और ना ही उन्हें दूध के सही दाम मिल रहे है।इस दौरान दुग्ध उत्पादन से जुड़ी समितियो के सचिवों ने बताया कि मिल फेड के पास दत्तनगर में दूध लेकर आने वाली गाड़ियों को धूप में खड़े कर दिया जाता है। जिस कारण दूध खराब हो रहा है। इन सब बातों को लेकर के आज दुग्ध उत्पादकों ने माकपा नेता एवं पूर्व विधायक राकेश सिंघा की अगुवाई में धरना प्रदर्शन किया । और कहा अगर गरीब दुग्ध उत्पादकों को बचाना है तो व्यवस्थाओ को बदलना होगा। दूध खरीद के आधुनिक तरीकों को अपनाना होगा। वेटरनरी सिस्टम का सुधार करना होगा । वर्तमान में वेटरिनरी हॉस्पिटलो एवं डिस्पेंसरियो में बड़े पैमाने पर रिक्तियों है।बाइट। जोगनी की रहने वाली जावली देवी ने बताया कि उन्हें मिल्क फेड के माध्यम से दूध का पैसा समय पर नहीं मिल रहा। कई बार दो-दो महीने बाद मिलता है, और कितना पैसा दे रहे हैं यह भी उन्हें पता नहीं।
बाइट। शोलेश्वर दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के सचिव सुनील कुमार ने बताया कि वे गांव से दूध लेकर मिल्क फेड के मिल्क प्लांट दारानगर आते हैं। लेकिन वहां पर उन्हें धूप में गाड़ी खड़ी करनी पड़ती है, वैसे भी दूध चार घंटे के बाद खराब हो जाता है । जबकि उन्हें 4 घंटे गांव से आने में लगते हैं। मिल्क प्लांट में ज्यादा देर धूप में गाड़ी खड़ी रखने से दूध खराब हो जाता है और नुकसान दुग्ध उत्पादक का हो रहा है। उन्होंने बताया कि दूध भी 1 लीटर में 1000 एमएल लिया जा रहा है,जो सीधे उत्पादकों को नुकसान हो रहा है।
बाइट। दोफ्दा दुग्ध उत्पादक समिति के सचिव हेमराज ने बताया कि वे गांव से दूध एकत्रित कर प्रतिदिन दत्तनगर मिल्क प्लांट लाते हैं, लेकिन समस्या है कि दत्ता नगर में ज्यादा देर दूध की गाड़ी धूप में खड़ी होने के कारण हाई टेंपरेचर हो जाता है। जिससे दूध खराब हो रहा है। और इससे किसानों को दूध के दाम कब मिल रहे हैं।
बाइट पूर्व विधायक एवं माकपा नेता एवं राकेश सिंघा ने बताया कि जो आज प्रदर्शन हो रहा है इसमें छह ब्लॉकों के दुग्ध उत्पादक एकत्रित हुए हैं। सरकार दुग्ध उत्पादकों की समस्या को नहीं सुलझा रही है । ना तो मिल फेड को सरकार जवाबदेही बना रही है और ना ही पशु औषधालयों एवं पशु डिस्पेंसरीज में स्टाफ तैनात किया जा रहा है इस का सीधा नुकसान किसानों को हो रहा है। समय पर पशुओं का टीकाकरण एवं इलाज नहीं होता और ना ही दूध के दाम समय पर मिल रहे हैं।
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