रायबरेली में छटनी के विरोध को लेकर प्रदर्शन कर रहे संविदा कर्मियों ने अपने ही मुख्य अभियंता को बंधक बना लिया। कर्मचारियों के प्रदर्शन की जानकारी पाकर मौके पर पहुंचे मुख्य अभियंता को उपकेंद्र के दफ्तर में बंद करके बाहर से संविदा कर्मियों ने ताला जड़ दिया। मान मनौव्वल के बाद भी जब संविदा कर्मियों ने उन्हें ताला खोलकर मुक्त नहीं किया तो उन्होंने फ़ोन कर पुलिस को बुलाया तब उन्हें मुक्ति मिली। शहर कोतवाल राजेश सिंह ने मौके पर पहुँच कर ताला खुलवाया जिसके बाद ही मुख्य अभियंता बाहर आये। मामला यहां के त्रिपुला चौकी स्थित विद्युत उपकेंद्र का है। जहां संविदाकर्मी खुद की छटनी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
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एंकर- लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है बही किसानों को अपनी फसल में बड़ा नुकसान हुआ है
नरसिंहपुर जिले के किसान बताते है कि अधिक बारिश होने से हमारे खेतो में पानी लबालब भर गए है जिससे सोयाबीन की फसल तो पूर्णतः नष्ट हो गई है बही धान की फसल में 50 % प्रतिशत का नुकसान हो गया है और गन्ने फसल में ज्यादा पानी होने से गन्ना तिरछा हो गया है ,,,किसानों की बारिश की फसल पूर्णतः नष्ट होने की कगार पर है बही किसानों ने सरकार से सर्वे कराकर मुआवजा राशि दिलवाने की अपील की है जिससे किसानों को राहर राशि मिल सके
बाइट- मनजीत कौरव किसान
बाइट- विश्वनाथ कौरव किसान
बाइट- किसान
लगातार हो रही बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, गलने लगी फसलें
: खेतों में जलभराव से फसलें पानी में डूबी, फसलों में जड़ गलन की आशंका
चरखी दादरी : इस मानसून सीजन में लगातार हो रही बारिश के चलते खेतों में पानी जमा हो गया है। फसलों में लगातार पानी जमा रहने के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है और उन्हें फसल बर्बाद होने का डर सतान लगा है। वहीं कृषि विशेषज्ञों का भी कहना है कि लगातार जलभराव होने से फसल में जड़गलन होगा और फसल खराब होगी।
किसान दिनेश, सत्येंद्र, जयबीर, आनंद आदि ने बताया कि अधिक मात्रा में और लगातार बारिश होने से खेतों में पानी जमा हो गया है। जिससे कपास, बाजरा, ग्वार, मूंग आदि फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। जो फसलें छोटी थी वो तूफानी बारिश में मिट्टी में दब चुकी हैं। इसके अलावा बारिश के तुरंत बाद जो बिजाई की गई थी उसका अंकुरण ही नहीं हो पाया है। कृषि विभाग के डा. चंद्रभान श्योराण ने कहा कि जिन फसलों में पानी जमा है उनमें नुकसान की आशंका है। तीन दिन तक लगातार पानी जमा रहने से फसल में जड़ गलन रोग की आशंका बढ़ जाती है। फसलों से पानी निकासी के अलावा जड़गलन से बचने का कोई उपाय हैं। इसलिए जहां तक संभव हो फसल में पानी जमा ना होने दे और पानी निकासी का प्रबंध करें।
इनपुट : बारिश के चलते पानी में डुबी फसलें, खेतों में जलभराव के शाटस
बाइट : डा. चंद्रभान श्योराण, कृषि विशेषज्ञ
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के छोटे और मंझोले शहरों ने एक बार फिर दिखाया दम। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में बिलासपुर और बिल्हा जैसे शहरों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।17 जुलाई को नई दिल्ली में,जहां आयोजित होगा स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 पुरस्कार समारोह।इस खास मौके पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू देशभर के श्रेष्ठ नगरीय निकायों को सम्मानित करेंगी।रायपुर, बिलासपुर, बिल्हा सहित कुल 7 नगरीय निकाय स्वच्छता के मानकों पर खरे उतरने पर राष्ट्रीय मंच पर होंगे सम्मानित।
यह रैंकिंग शहरों की आबादी और श्रेणी के आधार पर तय की गई है।स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार सुधार और जनता की भागीदारी ने इन शहरों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के प्रयास, सफाई कर्मियों की मेहनत और नागरिकों की जागरूकता इन सबने मिलकर छत्तीसगढ़ को स्वच्छता के मानचित्र पर चमकाया है।अब 17 जुलाई को वो गौरवशाली पल है जब छत्तीसगढ़ के नाम होगा स्वच्छता में एक और कीर्तिमान।
भोपाल
सोम कंपनी के गुंडों की गुंडागर्दी
सरेआम लाठी डंडों से पीट रहे हैं सोम के गुंडे
रायसेन रोड शराब की दुकान का वीडियो आया सामने
सोम कंपनी के गुंडों ने एक व्यक्ति को डंडों से पीटा
पिपलानी थाना क्षेत्र का घटनाक्रम
Name Saurabh Singh
Slug- टिहरी पुलिस द्वारा ऑपरेशन लगाम के तहत की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई।
Anchor- टिहरी जिले में एस एस एस आयुष अग्रवाल के निर्देश पर ऑपरेशन लगाम के तहत अलग अलग टीम बनाकर चेकिंग अभियान तेज कर दिया गया है जिसके तहत गाड़ियों में ब्लैक फिल्म, हूटर,स्टंटबाजी और रिलस बनाने को लेकर पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई करते हुए चालान किया जा रहा है वही कांवड़ यात्रा के चलते भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
Byte- जे आर जोशी, एडिशनल एसपी
KOTA
कोटा शहर का मौसम हुआ खुशनुमा,
सावन माह में शुरू हुआ मानसून का दौर,
लगातार जारी बारिश का दौर से किसानों की बड़ी चिंता,
पर्यटन स्थलों पर भी प्रशासन सुरक्षा की दृष्टि से मुस्तैद,
शिवालय धाम पर भक्तों की लगी भीड़,भक्ति की बह रही रसधार,
सावन माह में भोली की भक्ति लीन दिखे शहरवासी,
कांवड़ियों के मार्ग में मिले कांच के टुकड़े
शाहदरा जिले में जीटी रोड से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।जहां कांवड़ियों के लिए बनाया जा रहे रास्ते पर कांच के टुकड़े मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। दिल्ली के कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर मामले को गम्भीर बताया है। क्षेत्रीय विधायक संजय गोयल ने पुलिस को इस पूरे मामले की सूचना दी। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है। मौके से कांच के टुकड़े मार्ग पर कहीं कहीं अब भी देखे जा सकते। इस मार्ग को mcd के सफाई कर्मचारियों और पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों ने मिलकर सफाई की। इसी मामले पर जी मीडिया संवाददाता राजकुमार भाटी ने विधायक संजय गोयल से खास बातचीत की
श्रावण मास के पहले सोमवार को रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में विशेष तैयारी की जा रही है। सोमवार से पहले ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है और सभी भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने पहुंच रहे है। सभी पूरे भक्ति भाव के साथ तमाम शिवालय में भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं और अपनी मनोकामनाएं मांग रहे हैं। रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर की अपनी अलग मान्यता है। वही पहले सोमवार को लेकर जिला प्रशासन और मंदिर समिति की ओर से भी विशेष तैयारी की गई है। उज्जैन के महाकाल मंदिर के तर्ज पर पहाड़ी मंदिर को भी सजाया जाएगा। वही आज भी सुबह से पहाड़ी मंदिर में भक्तों की भीड़ लगातार उमड़ रही है।
wt- तनय खंडेलवाल
त्रिपुरारी शरण
एंकर - सीतामढ़ी शहर में शनिवार की देर शाम कारोबारी पुटू खान की हत्या अपराधियों के द्वारा गोली मार कर कर दी गई ।इस घटना के बाद स्थानीय लोगो में पुलिस प्रशासन के कार्यप्रणाली पर गहरा आक्रोश है।घटना के विरोध में आक्रोशित लोगों ने सीतामढ़ी शहर के मेहसौल चौक को जाम कर दिया है और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे है ।इधर दूसरी ओर हत्या के विरोध में स्थानीय दुकानदारों ने भी अपनी अपनी दुकानों को बंद रखा है ।शहर का बाजार पूरी तरीके से बंद है ।
बाइट - स्थानीय
झज्जर में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश, लोगों को गर्मी से राहत
जल भराव से लोगों को उठानी पड़ी परेशानियां
खेती के लिए सोना है बारिश
एंकर
झज्जर में रविवार को तेज हवाओं के साथ अचानक झमाझम बारिश शुरू हो गई, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से बड़ी राहत मिली। कई दिनों से चढ़ते तापमान और उमस से परेशान जनता के लिए यह बारिश सुकून लेकर आई।
हालांकि, बारिश ने शहर की जल निकासी व्यवस्था की पोल भी खोल दी। कई इलाकों में जल भराव की स्थिति बन गई है, जिससे पैदल चलने वाले राहगीरों और दोपहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय प्रशासन द्वारा समय-समय पर दावे किए जाते हैं कि शहर में जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी बारिश ने इन दावों की हकीकत उजागर कर दी।
बाइट सेहगल
झज्जर
सुमित कुमार
सिंगरौली ब्रेकिंग न्यूज
सिंगरौली में सड़क हादसों के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल!
कोल परिवहन और ओवरलोड वाहनों के कारण बढ़ती दुर्घटनाओं के विरोध में कांग्रेस नेता भास्कर मिश्रा ने किया चक्का जाम।
चक्का जाम शुरू होते ही कांग्रेस नेता भास्कर मिश्रा गिरफ्तार!
परसौना में समर्थकों के साथ पहुंचे थे कांग्रेस नेता, पुलिस ने किया गिरफ्तार।
सड़क हादसों पर भड़की कांग्रेस, भास्कर मिश्रा की गिरफ्तारी से गुस्साए कार्यकर्ता..
रिहाई की मांग को लेकर पुलिस और समर्थकों में जमकर झुमा झपटी...
सिविल लाइन में समर्थकों ने किया जमकर हंगामा — रिहाई की कर रहे हैं मांग।
सड़क हादसों का आंकड़ा भयावह!
सिंगरौली में हर महीने दर्जनों हादसे, बीते महीने से अब तक 4 लोगों की जा चुकी है जान। हादसेेेेे में सभी लोगों की मौके पर ही हुई थी मौतें..
कांग्रेस कार्यकर्ता लगातार कर रहे प्रदर्शन, सिविल लाइन में तनावपूर्ण माहौल
दो साल से अधिक समय से कर रहे हैं आंदोलन।भारी पुलिस बल मौके पर तैनात, हालात पर नजर बनाए हुए है प्रशासन।
कोयला, राखड़ व ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज।
जनता में आक्रोश, कांग्रेस ने चेताया – अगर नहीं रोके गए हादसे, तो होगा बड़ा जन आंदोलन।
बिलासपुर हाईकोर्ट से आई एक बड़ी और अहम कानूनी मिसाल।6 साल की मासूम बच्ची की गवाही को कोर्ट ने हत्या के मामले में ‘पर्याप्त सबूत’ माना है, और इसी के आधार पर मां और एक अन्य आरोपी की आजीवन सजा को बरकरार रखा गया है। मामला उत्तर बस्तर कांकेर का है,जहां 13 दिसंबर 2016 को राज सिंह पटेल ने पुलिस को सूचना दी कि गांव का मानसाय ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।लेकिन 8 जनवरी 2017 को केस ने लिया नया मोड़,जब मृतक की 6 साल की बेटी ने पुलिस को बताया कि ये आत्महत्या नहीं, बल्कि उसके पिता की हत्या है।बच्ची के मुताबिक आरोपी पंकू ने उसके पिता के पेट में लात मारी,फिर मां के दुपट्टे से गला घोंट कर कमरे में ले जाकर लटका दिया।इस दौरान उसकी मां पास ही चूल्हे के सामने बैठी रही... लेकिन कुछ नहीं किया।पुलिस ने बच्ची की गवाही के आधार पर पंकू और मृतक की पत्नी सगोर बाई के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया।अपर सत्र न्यायालय ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।जब आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की,तो उन्होंने कहा कि बच्ची की गवाही अविश्वसनीय और देर से दर्ज हुई है।लेकिन जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट कहा बाल गवाह की आँखों देखी घटना की गवाही ही पर्याप्त है।और किसी अतिरिक्त पुष्टिकरण की जरूरत नहीं।कोर्ट ने कहा मासूम की गवाही सच्ची, सटीक और स्वतः विश्वसनीय है।कोर्ट ने अपील खारिज कर सजा को बरकरार रखा है,साथ ही आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट में अपील का विकल्प भी दिया है।इस केस ने ये साबित कर दिया है कि इंसाफ की कोई उम्र नहीं होती चाहे गवाह 6 साल का बच्चा ही क्यों न हो।
खबर - TV KHABER जिला - KHERTHAL_TIJARA विधानसभा तिजारा- रिपोर्टर - कुलदीप मावर (8432754602)
लोकेशन-भिवाड़ी(खैरथल) Twitter:@kuldeepmaw75614@Bhiwadipolice
भिवाड़ी के अलवर बाईपास पर जलभराव ने आज बड़े मुद्दे का रूप ले लिया, दो राज्यों की नाक की लड़ाई के चक्कर में आज भिवाड़ी का बाईपास छावनी में तब्दील हो गया, बॉर्डर के ऊपर एक तरफ हरियाणा पुलिस तो दूसरी तरफ राजस्थान पुलिस खड़ी नजर आई, वही पुलिस छावनी के बीच ही भिवाड़ी के लोगो ने जलभराव के पास ही तंबू लगा दिया और महापंचायत की, भिवाड़ी एक लोगो का आरोप है कि हरियाणा सरकार ने नेशनल हाईवे 919 पर अवैध तरीके से बड़ा रैम्प बना दिया जिससे बरसात का पानी बाईपास पर जमा हो गए, वही हरियाणा के लोग बोलते है कि हरियाणा अब राजस्थान का किसी भी प्रकार का पानी हरियाणा नहीं आने देगा, दरअसल करीब 2 साल पहले हरियाणा के तत्कालीन सीएम मनोहारलाल खट्टर ने खुद खड़े होकर बड़ा रैम्प बनवा दिया था, दो साल के बाद भी दोनों राज्य में इस रैम्प का मुद्दा बना रहा, खुद राजस्थान प्रदेश के सीएम भजनलाल शर्मा ने हरियाणा के सीएम नायाब सैनी को फोन कर इस मुद्दे पर बात भी की, लेकिन दोनों सीएम के वार्तालाब के बाद भी समस्या जस की तस बनी रही।
वॉक थ्रू कुलदीप मावर
सूरजपुर ब्रेकिंग
स्वास्थ विभाग की खुली पोल,,
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर घुसा पानी ,,
अस्पताल तालाब में तब्दील, स्ट्रेचर, दवाइयाँ, ज़रूरी सामान पानी में भीगे,,
बीमारों का इलाज गंदे पानी के बीच, संक्रमण का बढ़ा खतरा ,,,
स्थानीय लोग पानी निकासी समस्या की कई बार कर चुके हैं शिकायत,,,
सुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोड़ का मामला ,,
कवर्धा दिनांक 13 जून स्लग झोपड़ी स्कूल रिपोर्ट सतीश तंबोली
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27 वर्षों से झोपड़ी में चल रहा स्कूल, कबीरधाम के दूरस्थ वनांचल बैगा आदिवासी ग्राम बदनाचुआ गाँव की दर्दनाक हकीकत
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एंकर
सरकार भले ही शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और "सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा" का नारा बुलंद कर रही हो, लेकिन जमीनी सच्चाई उससे कोसों दूर है। पंडरिया विकासखंड के बैगा आदिवासी बहुल वनांचल क्षेत्र ग्राम बदनाचुआ का शासकीय प्राथमिक विद्यालय आज भी 1997 से एक झोपड़ी नुमा संरचना में संचालित हो रहा है। यह स्कूल न केवल शिक्षा विभाग की योजनाओं पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि आदिवासी अंचलों में बच्चों की शिक्षा को लेकर सरकारी तंत्र कितना संवेदनहीन है।
वियो-
इस प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई का नाम मात्र ही रह गया है। स्कूल जिस झोपड़ी में चल रहा है, उसकी छत कभी भी गिर सकती है, दीवारें मिट्टी और बांस से बनी हुई हैं और अंदर जाने के लिए सिर झुकाना पड़ता है, वरना चोटिल होना तय है। बरसात के मौसम में जमीन गीली होने से पढ़ाई लगभग ठप हो जाती है और स्कूल अक्सर बंद हो जाता है।
वियो-
सरकारी कागजों में सब कुछ बेहतर बताया जाता है लेकिन हकीकत में कोई सुविधा नजर नहीं आती। शिक्षा विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस स्थिति से अवगत होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सके हैं। बदनाचुआ गांव की यह हालत बताती है कि बजट और विकास की घोषणाएं सिर्फ शहरी इलाकों तक सीमित हैं।
विद्यालय में दो शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन दोनों एक साथ कभी नजर नहीं आते। किसी दिन एक आता है तो किसी दिन दूसरा। वहीं स्कूल की रसोईया, जो वर्षों से बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन बना रही है, उसका कहना है कि वह सालों से इस उम्मीद में है कि एक दिन स्कूल की बिल्डिंग बनेगी — लेकिन अब उसे भी सरकार से भरोसा उठ गया है।
यह स्कूल छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा से सटे इलाके में स्थित है। यहां न तो कोई जनप्रतिनिधि आता है, न ही जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी। मीडिया की नजर इस हालात पर पहली बार पड़ी है और अब उम्मीद है कि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान देगी।
वैसे इस मुद्दे पर हमने शिक्षा विभाग से भी बात की लेकिन उनका भी हमेशा की तरह शिक्षकों का बचाव और हमेशा की तरह आश्वासन भरा जवाब मिला
सवाल-
जब सरकारें आदिवासी क्षेत्रों के विकास की बात करती हैं, तो क्या इन इलाकों की शिक्षा व्यवस्था को नजरअंदाज करना विकास कहलाएगा? क्या बदनाचुआ जैसे गांवों के बच्चों को भी शिक्षा का अधिकार नहीं है?
क्लोजिंग-
सरकार और शिक्षा विभाग को चाहिए कि वे बदनाचुआ गांव के इस प्राथमिक विद्यालय की स्थिति का संज्ञान लें और जल्द से जल्द पक्की बिल्डिंग का निर्माण कराएं। शिक्षा की असली तस्वीर तब ही बदलेगी जब ऐसी झोपड़ियों को स्कूल नहीं, बल्कि एक शिक्षा मंदिर के रूप में बदला जाएगा
wt सतीश तंबोली ज़ी मीडिया कवर्धा
बॉइट- रामकली रसोईया
बाइट- सुख राम शिक्षक
बॉइट- एम के गुप्ता,सहायक संचालक शिक्षा विभाग