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Muzaffarnagar251001

कांवड़ यात्रा में हिंदू-मुसलमान के बीच भाईचारे की मिसाल, चेयरमैन जहीर फारूखी ने किया अद्वितीय कार्य

Jul 25, 2024 05:23:40
Muzaffarnagar, Uttar Pradesh

कांवड़ यात्रा के इतिहास में पहली बार पुरकाजी के चेयरमैन जहीर फारूखी ने हिंदू-मुसलमान के बीच भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश की है। चेयरमैन के नेतृत्व में उत्तराखंड बॉर्डर के भूराहेडी चेकपोस्ट से फलौदा तक पूरी यात्रा की व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। उन्होंने चौबिसों घंटे कांवड़ियों की सेवा में जुटे रहते हुए प्रकाश और सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की। महिलाओं के लिए स्पेशल मोबाइल टॉयलेट और बाथरूम की व्यवस्था की गई है जहां केवल महिला कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। 

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Dec 15, 2025 17:54:25
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Dec 15, 2025 17:47:45
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर-- राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा प्रत्येक माह दो शनिवार को कार्यदिवस घोषित किए जाने के फुल कोर्ट के निर्णय के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन एवं एडवोकेट्स एसोसिएशन, जोधपुर ने कड़ा विरोध जताया है। दोनों बार एसोसिएशनों के अध्यक्ष आनंद पुरोहित और रतना राम ठोलिया ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा को पत्र लिखकर इस निर्णय को एकतरफा, मनमाना और अधिवक्ताओं की समस्याओं के प्रति असंवेदनशील बताया है। पत्र में कहा गया कि न्याय व्यवस्था में बार और बेंच दो अहम पहिए हैं, लेकिन बार से परामर्श किए बिना लिया गया यह निर्णय अनुचित है। अधिवक्ताओं पर पहले से न्यायालयीन कार्य, ड्राफ्टिंग, क्लाइंट प्रबंधन और सामाजिक दायित्वों का दबाव है। शनिवार को कार्यदिवस से उनके पारिवारिक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ेगा। बार का मत है कि इससे न्याय की गुणवत्ता प्रभावित होगी। बार ने निर्णय तत्काल वापस लेने की मांग की है।
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NTNagendra Tripathi
Dec 15, 2025 17:47:08
Gorakhpur, Uttar Pradesh:गोरखपुर से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। छावनी–पिपराइच रेलमार्ग पर एक 40 वर्षीय व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। नंदानगर स्थित नेताजी डिफेंस एकेडमी सैनिक विहार के पास की सोमवार की सुबह एम्स थाना क्षेत्र के झरना टोला चौकी प्रभारी अतुल तिवारी को रेलवे ट्रैक पर शव पड़े होने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। पुलिस ने मृतक की शिनाख्त का प्रयास किया लेकिन अब तक पहचान नहीं हो सकी है। फिलहाल मृतक के शरीर पर चोट के निशान दिखाई दे रहे हैं। पुलिस के अनुसार मृतक संभवतः ट्रेन यात्री था और चलती ट्रेन से गिरने के कारण यह हादसा होने की सम्भावना जता रही है। मृतक ने चेकदार शर्ट और नीली पैंट पहन रखी थी। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस शिनाख्त के प्रयास में जुटी हुई है। ट्रेन में यात्री के साथ कोई अप्रिय घटना हुई या हादसा पुलिस इन सभी कारणों की जांच में जुटी हुई है। मामला एम्स थाना क्षेत्र के छावनी–पिपराइच रेलमार्ग का है।
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MKMANTUN KUMAR ROY
Dec 15, 2025 17:46:48
Bihar:बैंक ऑफ महाराष्ट्र लूटकांड मामले में एक लाख का इनामी बदमाश 7 लाख के आभूषण के साथ गिरफ्तार ।घटना को अंजाम देने के बाद हो गया था मुंबई फरार । समस्तीपुर नगर थाना क्षेत्र के काशीपुर में बीते 7 मई को हुए बहुचर्चित बैंक ऑफ महाराष्ट्र लूटकांड मामले में पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ के सहयोग से नगर पुलिस ने इस कांड के एक इनामी आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिस पर पहले से ही एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। गिरफ्तार आरोपी की पहचान पटोरी थाना क्षेत्र के उत्तरी धमौन निवासी यदुवंश राय के पुत्र बैजनाथ राय के रूप में की गई है। पुलिस ने आरोपी के पास से करीब 65 ग्राम सोने के आभूषण बरामद किए हैं, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 7 लाख रुपये बतायी जा रही है। इसको लेकर प्रभारी एसपी संजय कुमार पांडेय ने सोमवार को अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र लूटकांड की घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी बैजनाथ राय मुंबई फरार हो गया था। रविवार को वह लूट में मिले अपने हिस्से के आभूषणों को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से मुंबई से अपने घर आया था। इसी दौरान नगर थाना पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे उसके घर से ही गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान पुलिस ने आरोपी के पास से एक पीस सोने का हार, एक पीस सोने का चेन, एक पीस सोने का मंगलसूत्र, चार पीस सोने की चूड़ियां और दो पीस सोने के झुमके बरामद किए। सभी आभूषणों का कुल वजन 65 ग्राम बताया गया है। प्रभारी एसपी ने बताया कि इस लूटकांड में अब तक कुल 15 बदमाशों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं, अब तक 3 किलो 485 ग्राम 186 मिलीग्राम सोने के आभूषण बरामद किए जा चुके हैं, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 3 करोड़ 85 लाख रुपये है। इसके अलावा पुलिस ने इस मामले में 2 लाख 19 हजार 200 रुपये नकद भी जब्त किए हैं। उन्होंने बताया कि इस बड़े लूटकांड के शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जारी है और जल्द ही अन्य बदमाशों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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KKKamal Kumar
Dec 15, 2025 17:46:24
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NTNagendra Tripathi
Dec 15, 2025 17:46:10
Gorakhpur, Uttar Pradesh:गोरखपुर के करमैनीघाट पुल के पास दोपहर में भूख से परेशान एक बुजुर्ग ने राप्ती नदी में कूदकर आत्महत्या की कोशिश की, पर नाविक संदीप ने तेजी से नाव दौड़ाकर बुजुर्ग को बचा लिया। सूचना मिलने पर करमैनी चौकी पुलिस मौके पर पहुंची. बुजुर्ग ने बताया कि वह 15 वर्षों से बहन के घर पर रहते हैं, उनके पास घर नहीं है और उनकी शादी भी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि उनकी सारी संपत्ति अपनी बहन के नाम लिख दी है और समय पर भोजन नहीं मिलने से भूख और उपेक्षा के कारण उन्होंने यह कदम उठाया। नाविक संदीप ने बुजुर्ग को सुरक्षित बाहर निकाला। घटना के बाद लोग उनकी बहादुरी की सराहना कर रहे हैं और सामाजिक-प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
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AMALI MUKTA
Dec 15, 2025 17:45:56
Gohara Marufpur, Uttar Pradesh: Kaushambi जिले में अवैध खनन एवं परिवहन की रोकथाम के दौरान ट्रक चालक ने खान निरीक्षक शत्रुघ्न सिंह की गाड़ी में टक्कर मारकर फरार होने की कोशिश की, जिसे पुलिस की तत्परता से गिरफ्तार कर लिया गया। कोखराज थाने में खान निरीक्षक के अनुसार वह अपने साथियों के साथ परसरा और रोही पुल के बीच अवैध खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिए वाहन चेकिंग कर रहे थे। परसरा की ओर से आ रहे ट्रक को रोकने का इशारा किया गया, लेकिन चालक ने जान से मारने की नीयत से गाड़ी टक्कर दी और कोखराज टोल की ओर भाग गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने ट्रक को गोल्डन ढाबा टोल के पास रोक लिया और चालक को हिरासत में लेकर थाने लाया। आरोपी की पहचान सूरज कुमार पुत्र रमेश कुमार निवासी बरिबोझ प्रयागराज के रूप में की गई है। ट्रक को मोटर वाहन अधिनियम के तहत सीज किया गया, और विधिक कार्यवाही के बाद आरोपी को न्यायालय भेजा गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के दौरान ऐसी घटनाओं से प्रशासन की चुनौती स्पष्ट होती है, पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा हादसा टल गया।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Dec 15, 2025 17:45:44
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर—राजस्थान हाईकोर्ट ने नागौर जिले के एक करीब चार दशक पुराने आपराधिक मामले में दोषियों की सजा बढ़ाने की राज्य सरकार और परिवादी की मांग को खारिज कर दिया है। जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने स्पष्ट किया कि ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा कानूनसम्मत है और उसमें हस्तक्षेप का कोई ठोस आधार नहीं बनता। यह मामला वर्ष 1985 में दर्ज हुआ था। परिवादी अजीज अली ने आरोप लगाया था कि अभियुक्त चंद्र अवतार और अब्दुल सलीम ने उसे विदेश भेजने, पासपोर्ट और वीजा बनवाने का झांसा देकर 13 हजार रुपये की ठगी की। एफआईआर में यह भी कहा गया था कि इसी तरह 13 अन्य लोगों से भी रकम वसूली गई, लेकिन न तो विदेश भेजा गया और न ही पैसा लौटाया गया। कुछ आरोपों में जबरन धन व सामान लेने की बात भी सामने आई थी। पुलिस जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 392, 120-बी, 467, 468 और 471 के तहत चालान पेश किया गया। ट्रायल के दौरान अभियोजन ने 26 गवाहों के बयान और दस्तावेज पेश کیے। सुनवाई के बाद अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नागौर ने 8 नवंबर 1988 को फैसला सुनाते हुए कुछ गंभीर धाराओं से आरोपियों को बरी किया, जबकि कुछ धाराओं में दोषसिद्ध ठहराया। अदालत ने अब्दुल सलीम को धोखाधड़ी और दस्तावेजी अपराधों में विभिन्न अवधियों के कारावास व जुर्माने की सजा दी, जबकि चंद्र अवतार को आपराधिक साजिश सहित धोखाधड़ी के मामले में तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही हिरासत में बिताई अवधि का लाभ भी दिया गया। सजा को अपर्याप्त बताते हुए राज्य सरकार ने 1993 में अपील और परिवादी ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने दोनों याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि सजा निर्धारण ट्रायल कोर्ट का विवेकाधीन अधिकार है और जब तक सजा अत्यंत कम या कानून के विरुद्ध न हो, उसमें दखल नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला बरकरार रखते हुए रिकॉर्ड वापस भेजने के आदेश दिए।
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Dec 15, 2025 17:39:25
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SSSHAILENDAR SINGH THAKUR
Dec 15, 2025 17:31:40
Bilaspur, Chhattisgarh:बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायिक व्यवस्था को आज एक नई मजबूती मिली है। बिलासपुर स्थित सेशन कोर्ट परिसर में आज एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पहल देखने को मिली, जहां छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सेशन कोर्ट के तीसरे तल पर नवनिर्मित दो आधुनिक कोर्ट रूम, एक कॉन्फ्रेंस हॉल और एक मीटिंग हॉल का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर बिलासपुर सेशन कोर्ट के सभी न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता और बड़ी संख्या में वकील मौजूद रहे। उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने न्यायिक प्रणाली में हो रहे तकनीकी बदलावों पर प्रकाश डालते हुए पेपरलेस कोर्ट की अवधारणा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नव निर्मित कॉन्फ्रेंस हॉल और मीटिंग हॉल अत्यंत उच्च गुणवत्ता के बनाए गए हैं, जिससे न्यायिक कार्यों में गति आएगी और सभी को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही, तखतपुर में नवनिर्मित कोर्ट भवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। चीफ जस्टिस ने यह भी स्पष्ट किया कि जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय के जज इन व्यवस्थाओं पर लगातार नजर बनाए रखेंगे, ताकि न्याय व्यवस्था और अधिक सशक्त, पारदर्शी और सुविधाजनक बन सके।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Dec 15, 2025 17:31:24
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर-- राजस्थान हाईकोर्ट ने न्याय, विवेक और मानवीय दृष्टिकोण का संतुलन रखते हुए लगभग 20 वर्ष पुराने आपराधिक मामले में आदिवासी महिला को पुनः जेल भेजने से इंकार कर दिया। जस्टिस फरजंद अली एवं जस्टिस आनंद शर्मा की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि न्याय केवल कानून का यांत्रिक अनुप्रयोग नहीं है, बल्कि उसमें करुणा, सामाजिक यथार्थ और सुधारात्मक दृष्टि का समावेश अनिवार्य है। मामला बांसवाड़ा जिले की निवासी आदिवासी महिला काली से संबंधित है, जिसे वर्ष 2004 में सत्र न्यायालय द्वारा अपने पति की हत्या के आरोप में धारा 302 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी। वर्ष 2011 में हाईकोट की समन्वय पीठ ने दोषसिद्धि को धारा 302 से घटाकर धारा 304 भाग-I आईपीसी में परिवर्तित करते हुए यह मानकर सज़ा को भोगी गई अवधि तक सीमित कर दिया कि अभियुक्ता लगभग आठ वर्ष जेल में रह चुकी है। बाद में प्रशासनिक पत्राचार से यह तथ्य सामने आया कि अभियुक्ता वास्तव में केवल लगभग दो वर्ष ही न्यायिक हिरासत में रही थी और 23 दिसंबर 2005 को ज़मानत पर रिहा हो गई थी। इस तथ्यात्मक त्रुटि के सुधार हेतु याचिका पर विचार करते हुए डिवीजन बेंच ने कहा कि यह समीक्षा नहीं, बल्कि पूर्व में उपलब्ध न कराए गए महत्वपूर्ण तथ्य के आधार पर आवश्यक न्यायिक सुधार है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उक्त त्रुटि के लिए अभियुक्ता को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि यह चूक अभियोजन व प्रशासनिक तंत्र की रही। अभियुक्ता की ओर से अधिवक्ता के उपस्थित न होने पर वरिष्ठ अधिवक्ता शोभा प्रभाकर को न्यायमित्र नियुक्त किया गया, जिन्होंने मामले के मानवीय एवं कानूनी पहलुओं पर प्रभावी सहायता प्रदान की। न्यायालय ने घटना की घरेलू प्रकृति, क्षणिक आवेग में हुआ एकमात्र प्रहार, अभियुक्ता की आदिवासी व निर्धन पृष्ठभूमि, आपराधिक पूर्ववृत्त का अभाव तथा पिछले 20 वर्षों से शांतिपूर्ण जीवन को निर्णायक कारक माना। कोर्ट ने कहा कि इतने लंबे अंतराल के बाद महिला को शेष सज़ा के लिए पुनः जेल भेजना न तो न्यायसंगत है और न ही मानवीय। हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि अभियुक्ता द्वारा भोगी गई लगभग दो वर्ष की सज़ा न्याय के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पर्याप्त है। उसे आत्मसमर्पण की आवश्यकता नहीं होगी तथा पूर्व में जारी सभी वारंट व नोटिस निरस्त माने जाएंगे।
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