कुलपहाड़-महोबा मार्ग पर बालू धुलाई सेंटर्स की वजह से क्षेत्र का जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है। इन सेंटर्स पर 4-इंच बोरिंग के जरिए पानी का अत्यधिक दोहन हो रहा है जहां प्रति ट्रक बालू धुलाई में 3-4 घंटे लगते हैं। प्रतिदिन 15-20 ट्रक बालू की धुलाई से जलस्तर के और गिरने की संभावना है।
सिर्फ जलस्तर ही नहीं, बालू से लदे ओवरलोड ट्रकों के चलते कुलपहाड़-महोबा मार्ग के क्षतिग्रस्त होने का खतरा भी बढ़ गया है।