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कुशीनगर में खाद-बीज की कमी, विभाग के दावे जमीनी हकीकत से पीछे
PKPramod Kumar Gour
Nov 19, 2025 04:00:39
Kushinagar, Uttar Pradesh
कुशीनगर में धान की कटाई के बाद अन्नदाता किसान रबी और जायद की फसलों की बुआई में जुट गए है। किसानों की मांग को देखते हुए कृषि विभाग उर्वरक से राज्यों सभी फसलों के बीज समितियों और कृषि रक्षा केंद्रों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है। कृषि विभाग के अनुसार जनपद को 11 हजार कुंतल गेहूं का बीज और 350 कुंतल सरसों का बीज मिला है जिन्हें किसानों में 50% सब्सिडी के साथ वितरित किया जा रहा है। इसी के साथ इन फसलों की बुआई के लिए जनपद को 17 हजार मीट्रिक टन फास्फेटिक खाद के सापेक्ष 14 हजार मीट्रिक टन फास्फेटिक खाद प्राप्त भी हो गया है जबकि बाकी बचे 3 हजार मीट्रिक टन खाद के भी कुछ दिनों में आ जाने की उम्मीद जताई जा रही है। गेहूं की बुआई के 25 दिन बाद होने वाली टाप ड्रेसिंग के लिए भी 16 हजार मीट्रिक टन यूरिया की भी उपलब्धता सुनिश्चित कर लेने का दावा विभाग कर रहा है। हालांकि विभाग के दावे और उसके जमीनी हकीकत में फर्क साफ नजर आ रहा है। सरकारी बीज गोदामों से जहां बीज गायब है वहीं उर्वरक केंदों पर फास्फेटिक खाद नहीं होने स्लिप चिपका दिया गया है। खाद और बीज ना मिलने से किसान हैरान परेशान नजर आ रहे है। \nदरअसल कुशीनगर में बड़े पैमाने पर धान और गेहूं की बुआई होती है और यही दोनों फसल जनपद की मुख्य फसल मानी जाती है। रबी सीजन में किसान गेहूं के अलावा सरसों, चना और मसूर की भी खेती करते है। इन फसलों की बुआई के लिए किसान निजी और सरकारी दुकानों से बीज खरीदते है। सरकार ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सरकारी समितियों और कृषि रक्षा केंद्रों के माध्यम से किसानों को बीज वितरित करने کا दावा कर रहा है। जबकि जमीनी हकीकत इसके उलट नजर आ रहा है। सरकारी बीज गोदाम पर बीज खत्म होने के बाद किसानों को बैरंग लौटाया जा रहा है तो प्रमुख उर्वरक केंद्र इफको के सेंटर पर मिट्टी की खाद ना होने का स्लिप किसानों को मुंह चिढ़ा रहा है। खाद और बीज ना मिलने की स्थिति में किसान मायूस नजर आ रहा है और उसको अपनी खेती पिछड़ती हुई दिख रही है।\nबाइट - गौतम - बीज ना मिलने से निराश किसान\nबाइट - हरिशंकर - बीज के इंतजार में बैठे किसान\nबाइट - दुर्गेश - इफको केंद्र से खाद लेने आया किसान\nबाइट - राकेश पाण्डेय - संचालक इफको केंद्र\nइस बीच कृषि विभाग ने किसानों के बीच वितरित होने वाले बीज और उर्वरक के लिए एक शर्त जोड़ दिया है। किसानों को अब उनकी जोत के अनुसार खाद और बीज दिया जायेगा इसके लिए किसानों को अपना आधार कार्ड एवं खतौनी दिखाना अनिवार्य कर दिया है। जिससे कि इन बीजों की होने वाली कालाबाजारी और उर्वरकों की तस्करी को रोका जा सके । आपको बता दे कि कुशीनगर जनपद की सीमा बिहार state से जुड़ी हुई है जिससे खेती के सीजन में बड़े पैमाने पर खाद और बीजों की तस्करी होती है।हालांकि विभाग ने तस्करी रोकने के लिए भी विभागीय टीम का गठन कर सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी निगराणी को बढ़ाने की बात कर रहा है...।\nbाइट - 1&2 - अतेंद्र सिंह - उप निदेशक कृषि\nbाइट - परीक्षित सिंह - प्रभारी सरकारी बीज गोदाम
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AKAshok Kumar1
FollowNov 19, 2025 05:02:48Noida, Uttar Pradesh:अनमोल को लेकर NIA की टीम सीधे हेडक्वार्टर जाएगी। फिलहाल जिस फ्लाइट से अनमोल बिश्नोई को लेकर आया जा रहा है वो थोड़ा लेट है।
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