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गोरखपुर के फर्जी IAS गौरव का काला सच: 450–500 करोड़ तक की ठगी
NTNagendra Tripathi
Dec 14, 2025 12:46:31
Gorakhpur, Uttar Pradesh
फर्जी IAS का सबसे बड़ा जाल! करोड़ों की ठगी,अफसरों को थप्पड़,1 पत्नी,4 गर्लफ्रेंड,3 को कर दिया प्रेग्नेंट, AI से फर्जी टेंडर… गोरखपुर से लखनऊ तक फैला फर्जी आईएएस अधिकारी ‘गौरव’ का काला साम्राज्य।
गोरखुर से खबर…
जिस शख्स को लोग देश का ताकतवर IAS अफसर समझते रहे वो निकला शातिर जालसाज। सफेद इनोवा, लाल-नीली बत्ती, 10–15 गनर, लग्जरी होटल, सरकारी फाइलें और अफसरों वाला रौब…लेकिन ये सब था एक बड़ा झूठ। फर्जी IAS गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर की गिरफ्तारी के बाद हर दिन उसके काले कारनामों की परतें धीरे धीरे अब खुलती जा रही हैं। करोड़ों की ठगी, अफसरों से मारपीट, AI से फर्जी टेंडर,1 पत्नी और 4 गर्लफ्रेंड…
गोरखपुर में फर्जी IAS गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर के पकड़े जाने के बाद उसकी ठगी की कहानी धीरे धीरे देश के सबसे बड़े फर्जीवाड़ों में शुमार हो रही है। यूपी, बिहार, झारखंड और मध्यप्रदेश तक फैला इसका नेटवर्क अब पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका है। आरोपी ने करोड़ों की ठगी की और फिर इसके झूठ ने उस ठेकेदार के रुपयों को बर्बाद कर दिया। बिहार के मोकामा निवासी बड़े ठेकेदार माधव मुकुंद आज खुद को कोस रहे हैं।
सितंबर 2024 में अररिया के एक होटल में माधव की पहली मुलाकात गौरव से हुई। 24 हथियारबंद गार्ड, कई गाड़ियां, ‘जय हिंद सर’ की आवाजें फोन पर बात मुजफ्फरपुर से छापा मारकर आ रहा हूं, कल हेडलाइन बनेगी। माधव को यकीन हो गया सामने कोई बड़ा IAS अफसर ही है।
गौरव ने 450 से 500 करोड़ का केंद्रीय ठेका दिलाने का झांसा दिया। AI से बनाए गए फर्जी टेंडर पेपर, अखबार की कतरन और सरकारी फाइलें व्हाट्सएप पर भेजीं। तीन–चार महीनों में ठेकेदार से 5 करोड़ रुपए से ज्यादा दो लग्जरी इनोवा,ज्वेलरी, ड्राइवर और गार्ड तक ले लिए।
ठेकेदार ने बताया कि बिहार सीतामढ़ी निवासी ललित किशोर को वह गौरव कुमार सिंह नाम से ही जानते हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार सितंबर 2024 में बिहार के अररिया जिले में स्थित एक होटल में गौरव से मुलाकात हुई। वहां पर कई गाड़ियां से वह आया था। होटल के कमरे से जैसे ही वह बाहर निकलता, सभी एक साथ खड़े होकर जय हिंद सर बोलने लगते। होटल के एक हॉल में मेरे एक परिचित ने गौरव से मुलाकात कराई।
ठेकेदार ने बताया कि मैंने गौरव को नमस्कार किया। तब उसने अपने बगल की कुर्सी पर बैठने के लिए कहा। इस दौरान वह कान फोन पर लगाए बोल रहा था कि मुजफ्फरपुर से छापा मारकर आ रहा हूं। वहां के सभी अधिकारियों को राइट टाइम कर दिया है। कल न्यूज की हेडलाइन में दिखेगा।
रात करीब 9 बजे करीब 20 साल की सजधजकर एक युवती आई। होटल में सभी लोग उसे देखने लगे। तब गौरव ने बताया कि मेरी बहन की बेटी है। यह कहते हुए उसे अपने कमरे में लेकर चला गया। इसके बाद पूरी रात वह अपने कमरे से बाहर नहीं आया। सुबह उसके साथ के ही एक गार्ड ने भाभी बोलकर आपस में मजाक किया। गार्ड ने बोला कि भाभी अभी गई कि नहीं, यह कहते ही सब हंसने लगे। तब मुझे भी शक हुआ, लेकिन मैंने सोचा कि बड़े अधिकारी हैं, यह सब तो होता रहता होगा।
इसके बाद संपर्क बढ़ाने के लिए दो तीन बार फोन पर बात हुई। तब गौरव ने कहा कि आकर मिलना, बड़ा काम बताता हूं, अभी बिजी हूं। 15 अप्रैल 2025 को मेरी पटना में गौरव से फिर मुलाकात हुई। गौरव ने उस दिन मुझसे बहुत अच्छे से बात की। काफी देर तक मुझे अपने साथ बिठाकर काम काज के बारे में पूछा। मैंने बताया कि सरकारी विभागों का ट्रेंडर लेता हूं। निर्माण का कार्य कराता हूं। तब उसने कहा, कहां छोटे मोटे काम कर रहे हो। चलो तुम्हें केंद्र का बड़ा ठेका 500 करोड़ का दिलाता हूं। इसके बाद मैं उसके पीछे लग गया। वह जो कहता था, वो सब करता था।
गौरव ने गोरखपुर गुलरिहा स्थित अपने घर का पता दिया था। वहां कई बार जाकर उससे मिला भी हूं। गौरव ने 450 करोड़ रुपये का एक ठेका दिलाने के लिए कहा था। उसका एक पेपर भी व्हाट्सएप से मुझे भेजा था। एक अखबार की कटिंग भेजी थी। उसमे भी 450 करोड़ के टेंडर के बारे में विज्ञप्ति दी हुई थी। मैं अब उस काम लेने के लिए पीछे लग गया। तीन से चार महीने में गौरव ने मुझसे 5 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करा दिए। उसे लक्जरी गाड़ियां भी मैंने दी। लेकिन धीरे-धीरे उसके कारनामे मेरे सामने आने लगे। मुझे भी पता चल गया कि वह केवल जालसाज है। लोगों से धोखाधड़ी कर पैसे हड़पता है। कुछ दिन तक वह मेरे पैसे वापस करने के लिए कहता रहा। इसी लालच में मैं शिकायत नहीं कर रहा था। बता दें कि बिहार में चल रहे चुनाव के समय रेलवे स्टेशन पर आने वाले लोगों की सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था इसी क्रम में बीते सात नवंबर को रेलवे स्टेशन पर ठेकेदार माधव मुकुंद को 99.9 लाख रुपये के साथ पकड़ लिया था। जीआरपी ने पकड़ी गई रकम का हिसाब न दे पाने के कारण 99.9 लाख रुपये जब्त कर लिए थे। ठेकेदार ने बताया कि गौरव को देने के लिए यह पैसे लाया था। जब उसकी जालसाजी के बारे में पता चला तो पैसे वापस लेकर जा रहा था। ठेकेदार ने बताया कि मेरे ठेके की कमाई है। उसका सारा कागजात मैंने गोरखपुर प्रशासन के पास जमा कर दिया है। पुष्टि के बाद मेरे पैसे मुझे मिल जाएंगे। ठेकेदार ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में मैंने गौरव के फर्जीवाड़े के बारे में सारी कहानी बताई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी।
गौरव ने गोरखपुर के गुलरिहा इलाके में किराए का मकान लिया। घर के बाहर बड़ा सा बोर्ड लगा दिया जिस पर “IAS गौरव कुमार सिंह” लिखा गया था इसे देखकर इलाके में रहने वाले लोग भी डर के साए में रहते थे। बीते 7 नवंबर को गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर GRP ने ठेकेदार माधव मुकुंद को 99.90 लाख रुपए के साथ पकड़ा था। तो जीआरपी की जांच में खुलासा हुआ कि यह रकम तो गौरव को देने के लिए लाई गई थी। पूछताछ में पूरे फर्जी IAS नेटवर्क का खुलासा हुआ जिसके बाद ही पुलिस सक्रिय हुई। आरोपी अपने IAS प्रोटोकॉल को मेनटेन करने के लिए हर महीने 5 लाख रुपये खर्च करता था। पुलिस की जांच में यह बात सामने आया तो पुलिस भी चौंक गई कि आरोपी गौरव सिर्फ आईएएस अफसर दिखने के लिए हर महीने 5 लाख रुपये खर्च करता था। 10–15 लोगों की टीम,हूटर बजाती गाड़ियां,फर्जी निरीक्षण और गांव–गांव दौरे।
बिहार के भागलपुर में तो हद ही हो गई असल SDM से सामना हुआ तो उस SDM ने फर्जी आईएएस अधिकारी से इसका बैच और रैंक पूछ दिए तो फर्जी आईएएस अधिकारी बने गौरव ने असली SDM को 2 थप्पड़ मार दिए। हैरानी की बात यह हुई कि उस मामले की कहीं शिकायत तक नहीं हुई।
गौरव बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला है। 2019 में MSc (Maths) करने के बाद IAS बनने का सपना देखा लेकिन असफल रहा। 2022 में आदित्य सुपर-50 नाम से कोचिंग खोली। यहीं पहली ठगी की शुरुआत की नौकरी दिलाने के नाम पर 2 लाख फिर जब मामले में एक FIR हुई तो 1 साल अंडरग्राउंड हो गया। इसके बाद उसने अपनी कहानी बदली और कहने लगा कि अब मैं IAS अधिकारी हूं।अपने साले अभिषेक कुमार की मदद से फर्जी IAS ID, नेम प्लेट और डॉक्यूमेंट बनवाई। AI आने के बाद अखबार की कतरन DM की कुर्सी पर बैठी फोटो सरकारी मीटिंग सब कुछ डिजिटल तरीके से तैयार होने लगा।
इस फर्जी आईएएस अधिकारी की 1 पत्नी और 4 गर्लफ्रेंड हैं। फर्जी IAS बनते ही सोशल मीडिया पर रुतबा। यहीं से शुरू हुआ निजी जिंदगी का बड़ा फर्जीवाड़ा।
आरोपी ने एक महिला से शादी की है और इसकी 4 गर्लफ्रेंड हैं जिनमें 3 गर्लफ्रेंड तो इस वक्त प्रेग्नेंट बताई जा रही हैं।
ये सभी नादान लड़कियां आरोपी को IAS अधिकारी समझकर प्यार करती रहीं उन्हें न शादी का सच पता था न फर्जीवाड़े का।
गौरव की एक प्रेमिका ही इसकी गिरफ्तारी की कड़ी बन गई जी हां गौरव की एक प्रेमिका ने पुलिस से संपर्क किया। लोकेशन मिली लखनऊ का लग्जरी होटल। कॉल डिटेल और सोशल मीडिया चैट के आधार पर पुलिस ने घेराबंदी की और गोरखपुर पहुंचते ही फर्जी IAS को दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक सरकारी ठेके,नौकरी,ट्रांसफर,शादी और प्रभाव दिलाने के नाम पर 40 से ज्यादा लोगों से ठगी। लखनऊ में 50 लाख का फ्लैट बिहार में दो संपत्तियां कई बैंक खाते जांच के दायरे में।
–बाईट: अभिनव त्यागी,एसपी सिटी गोरखपुर।
गौरव उर्फ ललित एक बड़े संगठित नेटवर्क के साथ काम कर रहा था। जांच जारी है, और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
सफेद इनोवा, लाल-नीली बत्ती और अफसरों का रौब… लेकिन सच्चाई निकली—AI से बना IAS, करोड़ों की ठगी और रिश्तों का छल। गोरखपुर पुलिस की जांच जारी है, और यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई है。
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