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Gonda271002

गोंडा-विद्युत केबल बना विद्युत विभाग के लापरवाही का नमूना, करंट लगने का खतरा

Nov 30, 2024 11:15:33
Gonda, Uttar Pradesh

पिछले 6 माह से केबल खंभे से लटककर छज्जे के नीचे लटका हुआ है…लोग जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर है। कई बार इसे लेकर बिजली विभाग में शिकायत की गई, लेकिन शिकायत के बाद भी विभाग कर रहा है अनसुना। उपकेंद्र बड़गांव के खैरा कुंभनगर का मामला

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AAafssar alaam
Dec 18, 2025 09:24:28
Noida, Uttar Pradesh:
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ABAnnu Babu Chaurasia
Dec 18, 2025 09:24:21
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ASAJEET SINGH
Dec 18, 2025 09:24:04
Jaunpur, Uttar Pradesh:केराकत में दरोगा के वायरल वीडियो से एसएसआई पर सवाल जौनपुर केराकत सर्किल के अंतर्गत केराकत कोतवाली की सरकी पुलिस चौकी से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पुलिस विभाग में हलचल बढ़ा दी है। वीडियो में चौकी पर तैनात दरोगा ने कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक (एसएसआई) पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी पीड़ा सार्वजनिक की है। सरकी चौकी पर तैनात दरोगा दीनानाथ यादव ने एसएसआई द्वारिका प्रसाद यादव पर मानसिक प्रताड़ना, दबाव बनाने और धमकी देने के आरोप लगाए हैं। वायरल वीडियो में दरोगा उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें लगातार मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है, जिससे वे गहरे तनाव में हैं। दरोगा का आरोप है कि उन्होंने इस मामले को लेकर पहले भी कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अंततः मजबूर होकर उन्होंने अपनी बात सार्वजनिक मंच पर रखने का फैसला किया। मामले को लेकर क्षेत्राधिकारी केराकत अजीत कुमार रजक ने बताया कि वायरल वीडियो उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में चर्चाओं का बाजार गर्म है और सभी की निगाहें जांच के निष्कर्ष पर टिकी हुई हैं।
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MGMOHIT Gomat
Dec 18, 2025 09:23:48
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PCPUSHPENDRA CHATURVEDI
Dec 18, 2025 09:22:28
Shahdol, Madhya Pradesh:प्रदेश सरकार भले ही खनिज नियमों को सख्ती से लागू करने के दावे कर रही हो, लेकिन शहडोल जिले की जमीनी हकीकत इन दावों की पोल खोलती नजर आ रही है। जिले में आज भी कई स्टोन क्रेशर संचालक खुलेआम खनिज नियमों को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं। अधिकारी जांच और कार्रवाई की बात तो करते हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर सबकुछ नियमों के अनुसार है, तो फिर ग्रामीण डर के साए में जीने को क्यों मजबूर हैं? हम बात कर रहे हैं शहडोल जिले के जैतपुर क्षेत्र की, जहां बांधवाटोला गांव के लोग लगातार हो रही ब्लास्टिंग से सहमे हुए हैं। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि क्रेशर का संचालन ग्राम कोटरी, जैतपुर में है, जबकि पत्थर की खदान ग्राम पंचायत राघोपुर के बांधवाटोला क्षेत्र में संचालित की जा रही है। नियमों के मुताबिक ब्लास्टिंग से पहले सुरक्षा मानकों का पालन, पर्यावरणीय स्वीकृति और आसपास के गांवों की सुरक्षा अनिवार्य होती है, लेकिन यहां न तो सुरक्षा इंतजाम दिखाई देते हैं और न ही कोई निगरानी। सबसे चिंताजनक बात यह है कि पत्थर की खदान में मजदूरों से बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम लिया जा रहा है। ब्लास्टिंग के दौरान न तो क्षेत्र को खाली कराया जाता है, और न ही चेतावनी संकेत लगाए جاتے हैं। ग्रामीणों का कहना है कि धमाकों से उनके मकानों में दरारें पड़ने का खतरा बना हुआ है, और बच्चे, महिलाएं व बुजुर्ग हर वक्त भय में जी रहे हैं। वहीं पूरे मामले पर जिम्मेदार अधिकारी एक बार फिर जांच और कार्रवाई का भरोसा दिला रहे हैं। जिला खनिज विभाग का कहना है कि मामले की जांच कर नियमों के उल्लंघन की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या यह कार्रवाई वास्तव में जमीन पर दिखाई देगी, या फिर बांधवाटोला के ग्रामीण यूं ही धमाकों के बीच जीने को मजबूर रहेंगे?
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MDMahendra Dubey
Dec 18, 2025 09:21:40
Damoh, Madhya Pradesh:महिला स्वसहायता समूहों पर आने वाला है संकट, सड़कों पर उतरी महिलाएं पीएम और सीएम से गुहार.. एंकर/ एमपी में सेल्फ हेल्प ग्रुप यानि स्व सहायता समूहों पर संकट आने वाला है और इस संकट को भांपते हुए सरकार के निर्णय के खिलाफ अब महिलाएं सड़कों पर आकर प्रधानमंत्री मुख्य मंत्री से गुहार लगा रही है कि उनके साथ अन्याय न होने दिया जाए। दमोह में बड़ी संख्या में महिलाओं ने होकर स्व सहायता समूहों को बचाने के साथ महिलाओं की रोजी रोटी को बचाने की मांग की है। दरअसल सरकार ने स्कूलों में बांटे जाने वाले मिड डे मील को लेकर बड़ा निर्णय लिया है जिसके तहत अब बड़े स्तर पर ठेका देकर मिड डे मील बनवाया जाएगा और फिर ये खाना स्कूलों में सप्लाई होगा। इसके लिए कांट्रेक्टर को आधुनिक संसाधनों से लैस होना पड़ेगा और गुणवत्ता पूर्ण खाना बच्चों को दिया जाएगा। अब तक शहरी और खास तौर पर ग्रामीण इलाको में मिड डे मील तैयार करने का काम स्व सहायता समूह किया करते थे और सरकार की दलील थी कि इन ग्रुप्स के जरिए तैयार होने वाले मिड डे मील से महिलाओं को रोजगार मिलेगा और वो सम्पन्न होगी। दमोह जिले में ऐसी सैकड़ों महिलाएं हे जो बीते 15 से 16 सालों से इस काम में लगी है लेकिन सरकार के नए आदेश के बाद उनके सामने बड़ा संकट पैदा होगा और इसे लेकर स्व सहायता समूहों की महिलाएं और उनके साथ जुड़े लोग विरोध करने सड़कों पर दिख रहे है। बाइट/ पूना बाई (संरक्षक स्व सहायता समूह संगठन दमोह) बाइट/ नारायण सिंह ( समाजसेवी दमोह)
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