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Gonda- विद्युत कैंप में अराजकतत्वों ने किया हंगामा,तकनीकी सहायक पर जातिसूचक शब्दों का किया प्रयोग

Jan 25, 2025 03:22:12
Gonda, Uttar Pradesh

नगर कोतवाली के पूरे शिवा बख्तावर विद्युत खण्ड प्रथम द्वारा सरकार की महत्वाकांक्षी एक मुश्त समाधान योजना के तहत पूर्व से निर्धारित स्थल पर बेलहरा कोठी पर कैंप लगाने के दौरान असामाजिक  तत्वों द्वारा पहुंच कर जाती सूचक शब्दो का इस्तेमाल करके गाली गलौच के साथ मारने पीटने की धमकी को लेकर विद्युत कर्मी मुकुटराम ने नगर कोतवाली में अतुल मिश्रा सहित पांच लोगों के विरुद्ध तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।

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Nov 19, 2025 20:28:52
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RJRakesh Jaiswal
Nov 19, 2025 18:03:18
Khargone, Madhya Pradesh:खरगोन जिले के बड़वाह में सीआईएसएफ रिजर्व बटालियन के आरक्षक चालक ने लगाई फांसी। बड़वाह से चार किलोमीटर दूर नर्मदा नदी किनारे पेड़ पर लटका मिला शव। गत 10 नवम्बर से लापता था 32 वर्षीय मृतक जितेन्द्र यादव। शव पुराना होने के बाद लोगों ने बदबू आने पर दी पुलिस को सूचना। तीन साल पहले बड़वाह में हुआ था स्थानान्तरण। फांसी लगाने का कारण फिलहाल अज्ञात, पुलिस जांच में जुटी। राजस्थान के अलवर का रहने वाला था मृतक आरक्षक। बड़वाह थाना क्षेत्र की घटना। पुलिस जांच में जुटी। बड़वाह टीआई बलराम सिंह राठौर ने बताया घटना दिनांक से पुलिस एवं cisf के लोग ढूंढ रहे है। बॉडी को देखते हुए गुमशुदी दिनांक से ही उनके द्वारा यह कदम उठाया गया है। सभी तथ्यों पर जांच की जाएंगी। घटना के कारणों का पता लगाया जाएगा। पीएम रिपोर्ट के बाद आगे कार्यवाही होगी।
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NCNITIN CHAWRE
Nov 19, 2025 18:03:00
Katni, Madhya Pradesh:तीन बड़े वेयरहाउस पर संयुक्त टीम ने छापामार कार्रवाई की है, धान की अवैध खरीद–फरोख्त की आशंका के बीच प्रशासन ने एक साथ तीन ठिकानों पर दबिश दी और मौके से भारी मात्रा में धान का स्टॉक जब्त किया है। कृष्णा वेयर हाउस, महादेव मधुर वेयर हाउस और श्री निवास वेयर हाउस में छापा मारा गया। जांच के दौरान 80 से अधिक धान के कट्टे मिले, वहीं उत्तर प्रदेश के ट्रक भी वेयरहाउस में खड़े मिले, जिससे मामला और संदिग्ध हो गया है। इस पूरे मामले की अधिकारी जांच में जुट गए है। इस छापेमार कार्रवाई में तहसीलदार, कृषि विभाग, खाद्य विभाग, मंडी सचिव और राज्य विभाग की संयुक्त टीम शामिल रही। मौके पर मिले धान के दस्तावेजों, बिलों और स्टॉक बुक की जांच की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि यह धान वैध है या अवैध तरीके से इकट्ठा किया गया था। तीनों वेयरहाउस कुठला थाना क्षेत्र में स्थित हैं और प्रशासन आगे की कार्रवाई के लिए दस्तावेजों की गहन जांच कर रहा है। मामला बड़ा है, इसलिए आगे क्या निकलकर आता है, उस पर सबकी नजरें टिकी हैं।
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ASAshok Singh Shekhawat
Nov 19, 2025 18:02:28
Sikar, Rajasthan:लोकेशन श्रीमाधोपुर सीकर डेरावाली में प्रशासन ने कड़े विरोध के बीच हटाया अतिक्रमण, उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण, ग्रामीणों का कड़ा विरोध, महिलाओं ने प्रशासन का रोका रास्ता, सड़क पर ग्रामीणों ने आग लगाकर कार्यवाही का जताया विरोध,कार्यवाही के दौरान एसडीएम अनिल कुमार , सहायक कलेक्टर सीकर ज्वाला सहाय मीणा, ASP गिरधारी लाल शर्मा, डिप्टी उमेश गुप्ता, तहसीलदार जगदीश प्रसाद बैरवा सहित पाँच थानों का पुलिस जाप्ता रहा मौजूद सीकर जिले के श्रीमाधोपुर इलाके के डेरावाली में आज प्रशासन द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश पर वर्षों पुराने अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई। ग्राम पंचायत कल्याणपुरा की ढाणी डेरावाली स्थित इस सरकारी रास्ते पर करीब 30 वर्ष पहले अतिक्रमण किया गया था। एक वर्ष पूर्व तहसीलदार श्रीमाधोपुर द्वारा अतिक्रमणकारियों की बेदखली के आदेश जारी किए गए थे, जिसकी अपील अपीलीय न्यायालय में लंबित थी। मामले में परिवादी मुकेश सामोता द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर में गुहार लगाए जाने पर न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि अपीलीय न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त नहीं होता है, तो तीन दिवस में अतिक्रमण हटाकर पालना रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए भारी पुलिस जाप्ते की मौजूदगी में जेसीबी मशीन की सहायता से कच्चे-पक्के सभी प्रकार के अतिक्रमण को हटाया गया। कार्रवाई के पूर्व प्रशासन को ग्रामीणों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। महिलाओं ने प्रशासनिक दल का रास्ता रोकने का प्रयास किया, वहीं कई ग्रामीणों ने सड़क पर आग लगाकर विरोध जताया। मौके पर तनावपूर्ण परिस्थिति देखते हुए पुलिस ने समझाइश के साथ हालात संभाले और कानून-व्यवस्था बनाए रखी। कार्रवाई के दौरान उपखंड अधिकारी अनिल कुमार, सहायक कलेक्टर सीकर ज्वाला सहाय मीणा, एएसपी गिरधारी लाल शर्मा, डिप्टी उमेश गुप्ता, तहसीलदार श्रीमाधोपुर जगदीश प्रसाद बैरवा सहित श्रीमाधोपुर, अजीतगढ़, थोई, जाजोद और नीमकाथाना थानों का पुलिस जाप्ता मौके पर मौजूद रहा। लगभग दो घंटे चली इस कार्रवाई के बाद रास्ते से पूर्ण रूप से अतिक्रमण हटाकर उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना सुनिश्चित की गई।
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SKSandeep Kumar
Nov 19, 2025 18:01:52
Hamirpur, Himachal Pradesh:हमीरपुर:- महिला की हत्या के खुलासे को लेकर परिजनों सहित ग्रामीणों ने निकाला कैंडल मार्च,\nहत्याकांड का खुलासा न होने पर निकाला विरोध मार्च,\nघटना का खुलासा न होने पर ग्रामीणों में आक्रोश,\nनारेबाजी करते हुए हत्याकांड के खुलासे की मांग,\nकैंडल मार्च निकालने बौखर गाँव से सरीला कस्बे पहुंचे ग्रामीण,\nकैंडल मार्च में करीब आधा सैकड़ा लोग हुए शामिल,\nबीते 21 सितंबर को घर मे अकेली महिला की घर मे घुसकर की गई हत्या का खुलासा नहीं कर सकी पुलिस,\nघटना के बाद टीमें गठित होने के बाद भी खुलासा न होने से लोगों में नाराजगी,\nक़रीब 2 माह बीत जाने के बाद भी घटना का खुलासा न होने से परिजनों में भय का माहौल,\nजरिया थाना क्षेत्र के सरीला कस्बे का मामला。
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RTRAJENDRA TIWARI
Nov 19, 2025 18:01:35
Mahoba, Uttar Pradesh:एंकर-महोबा जिले में पुलिस और प्रशासन ने अबैध शराब के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कबूतरा डेरा पर अबैध शराब बनाने वाली भट्टी सहित हजारों लीटर लहन नष्ट कर भारी मात्रा में अबैध शराब को नष्ट किया है । अवैध कच्ची शराब के खिलाफ पुलिस और प्रशासन की इस कार्यवाही से अबैध शराब का कारोबार करने वाले माफियाओं में हड़कम्प मच गया है । दरअसल जिले में अबैध कच्ची शराब व तस्करी करने वालों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है । कुलपहाड़ कोतवाली क्षेत्र के मुढारी गाँव के बाहर स्थित कबूतरा डेरा पर पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने कार्यवाही करते हुए अवैध शराब तैयार करने वाली भट्टी,बॉयलर ड्रम, और टंकियों को बुलडोजर से नष्ट कर दिया है। इस दौरान 5 हजार लीटर से अधिक लहन एवं 120 लीटर कच्ची शराब पर प्रशासन का बुलडोजर जमकर गरजा है। जिले में शराब माफियाओं के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से हड़कम्प मच गया है । पुलिस क्षेत्राधिकारी कुलपहाड़ रविकान्त गौंड ने बताया कि मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी कि सुनसान एरिया में अवैध शराब बनाने का कार्य किया जा रहा था । जिस पर कार्रवाई करते हुए जेसीबी से 5 हजार लीटर लहन और 120 लीटर कच्ची शराब को नष्ट किया गया है ।
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DGDeepak Goyal
Nov 19, 2025 18:01:15
Jaipur, Rajasthan:Rajasthan Medical Services Corporation Limited (RMSCL) की खरीद प्रणाली पर महालेखा नियंत्रक (CAG) ने बड़ा सवाल खड़ा किया है। CAG ने सीधे मुख्य सचिव वी.श्रीनिवास सहित राज्य के 4 शीर्ष अधिकारियों को एक विस्तृत अलर्ट लेटर भेजकर 2021 से 2023 के बीच हुए मेडिकल टेंडरों में गंभीर “पैटर्न-आधारहेरफेर” का खुलासा किया है। CAG की ऑडिट रिपोर्ट बताती है कि RMSCL में कई टेंडर ऐसे जारी हुए, जिनकी शर्तें बार-बार बदलकर चहेती कंपनियों के हिसाब से ढाली गईं और यह बदलाव महज “प्रक्रियागत त्रुटि” नहीं बल्कि नियमों को दरकिनार कर फायदे पहुंचाने जैसा है। CAG की रिपोर्ट: तीन साल की खरीद में टेंडर में खेल । ऑडिट के मुताबिक RMSCL सालाना लगभग 1900 करोड़ रुपये की दवाइयों और उपकरणों की खरीद करता है। CAG ने 10 प्रमुख टेंडरों की जांच की, जिनमें प्री-बिड के बाद RMSCL ने कंपनियों के सुझावों पर 2 से 7 बार तक शर्तें बदलीं वो भी बिना अख़बारों में अनिवार्य प्रकाशन के सिर्फ पोर्टल पर चुपचाप अपलोड कर दिया गया। RTPP एक्ट के नियमों की यह खुली अवहेलना है। नतीजा यह हुआ कि प्रतिस्पर्धा कम होती गई और कई टेंडर लगभग सिंगल-सप्लायर मोड में बदल गए। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्री-बिड मीटिंग में कंपनियों के “सुझाव” लेना ही कानूनन गलत है। क्योंकि RTPP एक्ट की धारा 22(1) सिर्फ संदेह दूर करने की इजाजत देती है, न कि कंपनियों की सुविधानुसार शर्तें बदलने की। RTPP एक्ट का उल्लंघन—CAG की आपत्तियाँ। धारा 23(1) के अनुसार किसी भी संशोधन को अखबारों में प्रकाशित करना अनिवार्य है—लेकिन एक भी संशोधन सार्वजनिक नहीं हुआ। नियम 46 के मुताबिक प्री-बिड मीटिंग के मिनट तैयार होने चाहिए। ऑडिट में कई मामलों में यह रिकॉर्ड अधूरा या संदिग्ध पाया गया। RMSCL ने नई शर्तों के बावजूद नए सिरे से टेंडर जारी नहीं किया, जिससे अन्य कंपनियों की प्रतिस्पर्धा स्वतः खत्म होती गई। ऑडिट में उठी सबसे बड़ी चिन्ता: क्या टेंडर डॉक्यूमेंट “कस्टम” किए गए? CAG के पत्र में इस बात की गंभीर आशंका जताई गई है कि RMSCL की खरीद प्रक्रिया में शर्तों में बार-बार बदलाव होने का पैटर्न यह दिखाता है कि कुछ टेंडर विशिष्ट कंपनियों के लिए “कस्टम-फिट” किए गए। कई टेंडरों में सिर्फ 1 या 2 फर्मों ने हिस्सा लिया और उनके हिसाब से शर्तें बदली गईं। ये बदलाव इतने बार किए गए कि RTPP नियमों की मूल भावना—प्रतिस्पर्धा पूरी तरह ध्वस्त हो गई। इन टेंडरों में मिली सबसे बड़ी गड़बड़ियाँ。 -15 करोड़ के HFNC टेंडर में 3 बार बदलाव -18 करोड़ के बेबी रिसिविंग किट के टेंडर में 7 बार बदलाव—अंत में सिर्फ 1 फर्म रह गई -44 करोड़ के Hb मीटर-स्ट्रिप टेंडर में 3 बार बदलाव—2 कंपनियां बची -8.96 करोड़ के ग्लूको स्ट्रिप-मीटर टेंडर में 4 बदलाव—3 कंपनियां बचीं अब सवाल सरकार के पाले में। CAG की ओर से सीधे मुख्य सचिव को भेजा गया पत्र यह संकेत देता है कि मामला अब सिर्फ विभागीय नहीं रहा, बल्कि शासन स्तरीय जवाबदेही तक पहुंच गया है। RMSCL के टेंडरों में हुए संशोधन अब सिस्टम की गहरी सर्जरी की मांग करते हैं। अब निगाहें इस पर हैं? कि क्या इस मामले में विभागीय या उच्च स्तरीय कार्रवाई होगी? किन अधिकारियों की भूमिका जांच के दायरे में आएगी? और क्या RMSCL की टेंडर प्रणाली का पूर्ण ओवरहॉल किया जाएगा? राजस्थान की दवा खरीदी प्रणाली पर उठा यह सबसे बड़ा सवाल है। क्या सरकारी टेंडर कुछ चुनिंदा कंपनियों की सुविधा के मुताबिक मोड़े और तोड़े जा सकते हैं?
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