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Farrukhabad209739

फर्रुखाबाद में संदिग्ध परिस्थितियों में ट्यूबवेल के कुएं में पड़े मिले दो सगे भाइयों के शव

Jun 21, 2024 10:49:05
Jahan Ganj, Uttar Pradesh

फर्रुखाबाद जिले के ग्राम बंथलशाहपुर में एक भयावह घटना सामने आई है जहां दो सगे भाइयों की जान लेकर उनके शव खेत में बने कुंए में फेंके गए। घटना की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतकों के परिजनों ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है और पुलिस अब इस घटना के पीछे कारणों की जांच कर रही है। घटना के संदर्भ में थाना जहानगंज की पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है।

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SDShankar Dan
Dec 20, 2025 10:35:15
Jaisalmer, Rajasthan:कोर्ट के आदेशों के बावजूद तारों को नहीं कर रहे हैं अंडरग्राउंड हाइटेंशन लाइन के करंट से टूट रही दुर्लभपक्षियों की सांसें, दो माह में 16 की मौत लाठी, जैसलमेर रेगिस्तान का स्वच्छंद आसमान अब पक्षियों के लिए सुरक्षित नहीं रहा। राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण सहित कई दुर्लभप्रजातियां अब धरती पर कम और बिजली के तारों पर ज्यादा दम तोड़ रही हैं। हाइटेंशन बिजली के तार पक्षियों की मौत के सबब बन रहे हैं। पिछले दो माह में बिजली के तारों से टकराने से 16 दुर्लभ पक्षियों की मौतें हो चुकी हैं। लेकिन बिजली तारों से हो रहे हादसों की रोकथाम को लेकर सरकार व प्रशासन गंभीर नहीं है। इस वजह से हादसे थम नहीं रहे हैं。 पर्यावरण प्रेमी पार्थ जगाणी के अनुसार देगराय ओरण में पिछले दो माह 15 से अधिक प्रवासी पक्षी कुरजां, टोनी ईगल, स्टेपी ईगल, बाज व गिद्ध हाइटेंशन लाइनों की चपेट में आने से काल का ग्राम बन चुके हैं। वन्यजीव प्रेमी धर्मेंद्र पु़निया ने बताया कि वन्यजीव बाहुल्य लाठी, देगराय ओरण प्रवासी व पक्षियों के विचरण के लिए पसंदीदा जगह है। यहां हजारों पक्षी विचरण करते हैं। लेकिन ओरण के अंदर से निकल रही हाईटेंशनलाइनें पक्षियों की जान ले रही हैं। मरने वाले पक्षियों में कई विलुप्त व दुर्लभ प्रजाति के पक्षी शामिल है। गुरुवार को भी लोहारकी गाँव के पास में बिजली की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से दुर्लभ प्रजाति का पक्षी तिलोर की दर्दनाक मौत हो गई है। -राज्य पक्षी गोडावण के अस्तित्व पर संकट फिर भी गंभीर नहीं ग्रेट इंडियन बस्टर्ड लंबे पैर और लंबी गर्दन वाले लंबे पक्षी हैं। ये 4 फीट तक लंबे होते है। इनका अधिकतम वजन 15 किलोग्राम तक होता है। गोडावण वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 के शेड्यूल 1 के तहत संरक्षित पक्षी है।इसके अलावा 2020 में जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर हुए कन्वेंशन में भी गोडावण को अति दुर्लभतम पक्षी माना गया था। दुनिया में सिर्फ राजस्थान में ही ये पक्षी पाए जाते हैं और जंगलों में इनकी संख्या 100 से भी कम है। भारतीय वन्यजीव संस्थान सहित कई वैज्ञानिक गोडावण को लुप्त होने से बचाने में लगे हैं। लेकिन उनके घर के स्वछंद आसमान की तारबंदी हाइटेंशन पावर लाइनों से की जा रही है。 रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े, साल में 83 हजार पक्षियों की मौत हाइटेंशन पावर लाइनो से अन्य पक्षी और जानवरों को भी खतरा बना रहता है। भारतीय वन्य जीव संस्थान ने 2020 में अपनी रिपोर्ट में पावर लाइनों के कारण पक्षियों के मरने पर चौंकाने वाले आंकड़े दिए थे। जिसके अनुसार जैसलमेर जिले में डेजर्ट नेशनल पार्क और उसके आसपास के क्षेत्र में हाइटेंशन पावर लाइनों से टकराकर साल में 83 हजार 868 पक्षी मर जाते हैं। प्रत्येक एक हजार वर्ग किलोमीटर में 20 हजार पक्षी बिजली के तारों में उलझ कर दम तोड़ते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 33 केवी से कम की लाइन में प्रति किलोमीटर 3.22 और इससे ज्यादा की पावर लाइन के कारण प्रति किलोमीटर 6.25 पक्षी मरते हैं।
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HUHITESH UPADHYAY
Dec 20, 2025 10:34:52
Pratapgarh, Rajasthan:प्रतापgढ़ जिले के छोटीसादड़ी उपखंड क्षेत्र के ग्राम रामदेवजी में विगत 40–45 वर्षों से निवास कर रहे 26 परिवारों ने अपने स्थायी आवास के अधिकार को लेकर जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए ग्राम बरकटी की खसरा संख्या 289 स्थित चरनोट भूमि को आबादी भूमि में रूपान्तरित कर आवासीय पट्टे जारी करने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि वे दशकों से इसी भूमि पर अपने कच्चे-पक्के मकान बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन आज तक किसी भी परिवार को आवासीय पट्टा नहीं मिल पाया। कई बार ग्राम पंचायत में आवेदन दिए जाने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि पट्टे जारी नहीं होने के बावजूद ग्राम पंचायत और प्रशासन द्वारा उन्हें सभी आवश्यक मौलिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं इनमें राशन कार्ड, पहचान पत्र, जनआधार व आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, पेयजल हेतु ट्यूबवेल और नल कनेक्शन, सीसी सड़क, शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान तथा शमशान घाट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन भी इस बस्ती को लंबे समय से अस्तित्व में मान्यता देता आ रहा है। उक्त भूमि और बने मकानों के अलावा उनके पास कहीं और कोई आवासीय भूमि नहीं है। पट्टा नहीं होने के कारण उन्हें भविष्य को लेकर लगातार असुरक्षा की भावना बनी रहती है और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ लेने में भी परेशानी आती है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि इसी चरनोट भूमि के अन्य हिस्सों पर कुछ भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जा कर खेत बना लिये गए हैं और खुलेआम कृषि कार्य किया जा रहा है, लेकिन उनके खिलाफ अब तक कोई प्रभावी प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उनकी दशकों पुरानी बस्ती और मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए चरनोट भूमि को आबादी भूमि में रूपान्तरित किया जाए तथा सभी पात्र परिवारों को शीघ्र आवासीय पट्टे जारी किए जाएं, जिससे उन्हें स्थायी आवास का अधिकार और सम्मानजनक जीवन मिल सके.
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YNYogesh Nagarkoti
Dec 20, 2025 10:34:24
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AKAtul Kumar
Dec 20, 2025 10:33:53
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RKRakesh Kumar
Dec 20, 2025 10:33:12
New Delhi, Delhi:गोकलपुर ड्रेन की सफाई को लेकर मेयर का निरीक्षण दिल्ली नगर निगम के मेयर राजा इक़बाल सिंह ने विधायक अजय महावर के आग्रह पर शनिवार को यमुनापार उत्तर पूर्वी दिल्ली गोकलपुर ड्रेन का निरीक्षण किया। इस अवसर पर नगर निगम DEMS कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर, पार्षद प्रीति गुप्ता, निगम उपायुक्त अभिषेक मिश्रा सहित नगर निगम और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे。 निरीक्षण का उद्देश्य गोकलपुर ड्रेन की सफाई की प्रगति की समीक्षा करना और क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए आवश्यक निर्देश देना था। यह दौरा खजूरी चौक नाला से पाँचवें पुस्ते नाला तक किया गया, जहाँ नालों की सफाई, कचरा निष्कासन और जल प्रवाह की स्थिति का जायज़ा लिया गया。 मेयर राजा इक़बाल सिंह ने अधिकारियों को उनके दायित्वों के निर्वहन में जवाबदेही सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा, जलभराव और अस्वच्छता की समस्या का समाधान नियमित और समयबद्ध सफाई से ही संभव है। सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें और किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो。 विधायक अजय महावर ने कहा कि क्षेत्र में सफाई और जल निकासी लंबे समय से स्थानीय निवासियों की प्रमुख चिंता रही है। उन्होंने कहा, प्रशासन और स्थानीय नागरिकों के संयुक्त प्रयास से ही इन समस्याओं का स्थायी समाधान संभव है। नगर निगम DEMS कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने सफाई व्यवस्था की निरंतर निगरानी पर जोर देते हुए कहा, ड्रेनों की नियमित सफाई और कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण से ही बरसात के मौसम में जलभराव की स्थिति से बचा जा सकता है। संबंधित विभागों को तय मानकों के अनुसार कार्य सुनिश्चित करना होगा。 पार्षद रेखा रानी ने स्थानीय स्तर पर उठ रही शिकायतों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि नालों की नियमित सफाई और सतत निगरानी आवश्यक है। वहीं पार्षद प्रीति गुप्ता ने कहा कि सफाई व्यवस्था में निरंतरता बनाए रखना प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि क्षेत्रवासियों को राहत मिल सके। निरीक्षण के दौरान निगम उपायुक्त अभिषेक मिश्रा ने अधिकारियों को आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने और निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। नगर निगम के अनुसार, क्षेत्र में स्वच्छता और जल निकासी व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए इस प्रकार के निरीक्षण आगे भी जारी रहेंगे.
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MMMohd Mubashshir
Dec 20, 2025 10:32:38
New Delhi, Delhi:दिल्ली के कंस्ट्रक्शन क्लब में 12 राज्यों में चल रही फिर प्रक्रिया को लेकर किया गया प्रोग्राम इस प्रोग्राम में पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी योगेंद्र यादव रिटायर्ड जस्टिस मदन लोकुर समेत कई लोग शामिल हुए देशभर में फिर की प्रक्रिया को लेकर जिस तरीके से सड़क से लेकर संसद तक हंगामा मचा है उसको लेकर अलग-अलग राज्यों में लगातार इस तरह के प्रोग्राम किया जा रहे हैं। Justice rtd Madan Lokur मैंने प्रशांत जी के और लोगों के भाषण को सुना है तो मुझे समझ आया है कि SIR में काफी गड़बड़ हो रहा है, ये लोग इतनी जल्दबाजी क्यों कर रहे हैं ये समझ के बाहर है. सेंट्रल इलेक्शन कमीशन ऐसा क्यों कर रही है ये मुझे पता नहीं है? 10-15 प्रांतों में सबको अलग अलग समस्या है, तो ये सब समस्या अलग अलग टाइप की है. वन साइज फिट ऑल जैसे काम नहीं हो सकता, अलग प्रॉब्लम्स को जैसे SIR को अलग अलग तरीके से सॉल्व करना चाहिए. अंधाधुंध गलतियां हो रही है, BLO गलतियां कर रहे हैं, वो सही सॉल्यूशन नहीं दे रहे हैं। आप लोग गलती करके इधर उधर भेज रहे हैं. आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो ये इसके बहुत गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जैसे आधार कार्ड कैंसिल हो सकता है. एक महिला का आधार कार्ड है लेकिन वोटर लिस्ट में नाम न होने के बावजूद पेंशन में समस्या हो रही है. उस महिला को फैमिली प्रसन्न नहीं मिल रही है. तो जो ये लोग कागजात मांग रहे हैं, उससे सिर्फ परेशानी बढ़ाई जा रही है. देश के पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि यह कोई रिवीजन की प्रक्रिया नहीं है आप नए सिरे से वोटर लिस्ट बना रहे हैं रिवीजन में पहले से जो मौजूद वोटर है उसमें अगर कोई कमी है तो उसको ठीक करने को लेकर रिवीजन किया जाता है किसी का नाम हटाना है किसी का जोड़ना है लेकिन यहां तो आपने जो पुराने दस्तावेज थे उनको कूड़े में डाल दिया नए तरीके से आप वोटर लिस्ट बनाने की कोशिश कर रहे हैं सवाल यह खड़ा होता है कि जिन राज्यों में 2 साल 3 साल बाद चुनाव होने हैं आप पहले उसमें एस ए आर की प्रक्रिया क्यों नहीं शुरू की जिन्होंने राज्यों में चुनाव होने हैं या हो रहे हैं उनमें एक महीने दो महीने पहले आप इस प्रक्रिया को करके अपने ऊपर सवाल खड़े कर रहे हैं चुनाव आयोग के ऊपर उठ रहा है सवाल लाजमी है। योगेंद्र यादव हम शुरू से ही इस बात को लेकर बोलते चले आ रहे हैं कि जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है वह सही नहीं है चुनाव आयोग बीजेपी का एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं हमने कहीं राज्यों में एस ए आर की प्रक्रिया को देखा है रिसर्च की है कोर्ट में भी इस बात को रखा है उसके बावजूद भी अभी तक आपने देखा होगा कितने blo की मौत हो चुकी है सरकार दलित पिछड़े अल्पसंख्यक के वोट काटने को लेकर काम कर रही है।
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