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सलूम्बर में डेंगू-मलेरिया से 15 मौतें, झोलाछाप क्लीनिक पर सवाल

AJAvinash Jagnawat
Oct 26, 2025 08:49:21
Udaipur, Rajasthan
उदयपुर के सलूम्बर जिले में मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। जिले के बेडावल ग्राम पंचायत में तो हालत बेकाबू होते जा रहे है। क्षेत्र में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है। बीते 20 दिनों में यहां 15 लोगों की डेंगू मलेरिया से मौत हो चुकी है। वीओ 1- सलुम्बर जिले के लसाड़िया उपखंड क्षेत्र के बेडावल ग्राम पंचायत क्षेत्र की जहां डेंगू व मलेरिया से करीब 15 लोगों ने अपनी जान गंवा ली। चिकित्सा विभाग सिर्फ खानापूर्ति करता नजर आ रहा है। बेडावल ग्राम पंचायत का चिकित्सा विभाग सलुम्बर ब्लॉक में आता है। चिकित्सा विभाग द्वारा बेडावल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है। पिछले एक साल से चिकित्सक नहीं होने से लोगों को इलाज के लिए झोलाछाप क्लीनिक पर इलाज करवा रहे हैं। ऐसे में बेड़ावल में झोलाछाप क्लीनिक भरपुर है। जो बिना जांच कर इलाज शुरू कर देते हैं। जिससे मरीज को जान जोखिम में उठाना पड़ रहा है। डेंगू व मलेरिया जैसी मौसमी बिमारी में बिना जांच कर ड्रीप चढ़ा कर मरीजों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। वही विभाग को पता होने के बावजूद झोलाछाप पर लसाड़िया उपखंड क्षेत्र में एक भी कार्रवाई नहीं हुई।‌ जिससे झोलाछाप के होंसले बुलंद हैं। इनकी हुई मौत - बेडावल और ढाईखेडा ग्राम पंचायत में करीब 15 लोगों ने पिछले 20 दिन में मौसमी बिमारी से जान गंवा दी। जिसमें माना, कमला, नाथु, पुंजा, रुक्मणी, लोगरा, रुक्मणी, हिरा, आला, कंकुडी, गोगा, रामु, रामा, मोती और लालू शामिल है। जो मौसमी बिमारी से काल का ग्रास बने है। बेडावल पीएचसी पर चिकित्सक का पद पिछले एक साल से रिक्त पड़ा हुआ है। जिससे मरीज पीएचसी में नहीं आकर झोलाछाप के पास इलाज करवा रहे हैं। प्रशासक प्रतिनिधि धनराज मीणा ने बताया कि पीएचसी पर चिकित्सक नहीं होने से इतनी मौतें हुई। समय पर सही इलाज मुहैया होता तो इनकी जान बच सकती थी। बाइट- वीओ 2- चिकित्सा विभाग मौसमी बिमारी के पहले नहीं जागता है। मौते होने के बाद चिकित्सा विभाग की टीम गांव गांव जाकर सर्वे करती हैं। समय से पहले गांवों में फोगिंग करवा दिया जाए तो कुछ हद तक बिमारी का प्रकोप कम हो जाता है। झोलाछाप की बात करें तो लसाड़िया उपखंड क्षेत्र में भरमार है। बिना किसी डिग्री के धड़ल्ले से इलाज कर रहे हैं। झोलाछाप क्लीनिक पर पिछले 6-7 साल से कोई कार्रवाई नहीं होने से बेखौफ होकर क्लीनिक चला रहे हैं। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने से गलत इलाज से मरीज़ की मौत भी हो जाती है।‌‌ लेकिन बीमार होने से मौत मान कर परिजन ध्यान नहीं देते। चिकित्सा विभाग की लापरवाही से झोलाछाप पनप रहे हैं। वीओ- बेडावल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी 40-50 है‌। लेकिन झोलाछाप के पास करीब रोजाना 50 से अधिक मरीज इलाज करवाने पहुंचते हैं। झोलाछाप आदिवासी लोगों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। चिकित्सा विभाग जानकर भी अनजान बना हुआ है।
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DGDeepak Goyal
Oct 26, 2025 11:34:48
Jaipur, Rajasthan:लोक आस्था का महापर्व डाला छठ अब सीमाओं से निकलकर पूरे देश की आस्था का प्रतीक बनता जा रहा है। इसका उदाहरण छोटी काशी जयपुर में देखने को मिला, जब आराध्य श्री राधा गोविंद देवजी मंदिर परिसर छठ मैया की उपासना और सूर्य अर्घ्य से गूंज उठा। श्रद्धा, भक्ति और सामूहिक एकता का अद्भुत संगम इस अवसर पर देखने को मिला। भक्ति और वैदिक मंत्रों से गूंजा गोविंद देवजी परिसर आराध्य गोविंददेवजी मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। गायत्री शक्तिपीठ, ब्रह्मपुरी की टोली ने सूर्य गायत्री पंचकुंडीय महायज्ञ सम्पन्न कराया। वैदिक आचार्य गायत्री कचोलिया एवं दिनेश कुमार ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ संपन्न करवाया। इसके पश्चात श्रद्धालुओं ने गंगा जल सहित पवित्र नदियों के जल से सूर्य देवता को सामूहिक अर्घ्यदान किया। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने ठाकुर श्री राधा गोविंद देवजी, वेदमाता गायत्री और गुरुसत्ता के समक्ष दीप प्रज्वलित कर महायज्ञ का शुभारंभ किया। पूरे परिसर में “ॐ सूर्याय नमः और “जय छठी मैया” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय बन गया। बिहार समाज संगठन के पदाधिकारी हुए सम्मानित छठ महोत्सव के आयोजन में सहयोग देने वाली समितियों के पदाधिकारियों और अतिथियों का सम्मान किया गया। सभी अतिथियों का गोविंददेवजी मंदिर प्रबंधन की ओर से सेवाधिकारी मानस गोस्वामी एवं गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के सह-व्यवस्थापक मणि शंकर पाटीदार ने दुपट्टा ओढ़ाकर, प्रसाद एवं साहित्य भेंट कर सम्मान किया। साथ ही मंदिर प्रबंधन ने छठ व्रतियों को सूर्य अर्घ्य अर्पण की सामग्री भी प्रदान की। गायत्री परिवार राजस्थान के मुख्य ट्रस्टी ओमप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि छठ महोत्सव अब केवल किसी एक क्षेत्र या समाज का पर्व नहीं, बल्कि यह जन-जन के हृदय की आस्था का पर्व बन चुका है। जयपुर में उमड़ी श्रद्धा समाज की एकता और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है। हमें एक-दूसरे के पर्वों में शामिल होकर समरसता और भाईचारे को मजबूत करना चाहिए।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Oct 26, 2025 11:34:36
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Oct 26, 2025 11:33:22
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SSSHAILENDAR SINGH THAKUR
Oct 26, 2025 11:33:15
Bilaspur, Chhattisgarh:बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी, बिलासपुर से एक चौंकाने वाली और दर्दनाक खबर सामने आई है। विश्वविद्यालय परिसर के अंदर बने तालाब से मिले अज्ञात युवक के शव की आखिरकार पहचान हो गई है। यह शव यूनिवर्सिटी से लापता हुए छात्र अर्सलान अंसारी का है। अर्सलान पिछले कुछ दिनों से गायब था, और अब उसकी मौत की खबर ने पूरे कैंपस को झकझोर दिया है। बताया जा रहा है कि बीते दिनों यूनिवर्सिटी परिसर के तालाब में एक युवक का शव तैरता हुआ मिला था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मॉर्च्युरी में सुरक्षित रखा था। पहचान होने के बाद आज पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई और शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया है। मृतक के भाई अयूब अंसारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जब वह बिलासपुर पहुंचे, तो उन्हें केवल फोटो दिखाया गया, लेकिन भाई का शव नहीं दिखाया गया, जिससे वे पहचान की पुष्टि नहीं कर सके। अयूब का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन्हें जबरदस्ती एक कमरे में बंद रखाऔर बाहरी लोगों या मीडिया से मिलने नहीं दिया गया। परिजनों का आरोप है कि कोनी पुलिस थाने ने भी एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया। उनका कहना है कि उन्होंने कई बार कार्रवाई की मांग की, लेकिन अब तक मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। वहीं, यूनिवर्सिटी के छात्रों में गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है। छात्रोंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। तीन दिन तक छात्र गायब रहा, लेकिन प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं लगी। शव मिलने के बाद ही विश्वविद्यालय ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जब मीडिया ने इस मामले में यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों और अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, तो अधिकांश ने कोई जवाब नहीं दिया और मीडिया से बचते नज़र आए। अब सवाल यह उठता है कि प्रदेश के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था कितनी कमजोर है कि एक छात्र लापता हो गया और प्रशासन को खबर तक नहीं हुई। इस घटना ने विश्वविद्यालय की व्यवस्था और जिम्मेदारी दोनों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि प्रशासन की लापरवाही की कहानी है।
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KBKuldeep Babele
Oct 26, 2025 11:32:57
Jabalpur, Vehicle Fac. Jabalpur, Madhya Pradesh:तेंदुए का शव मिलने से मचा हड़कंप! सिहोरा वन परिक्षेत्र की सरदा बीट के मामले में शुक्रवार रात निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की जमीन पर तेंदुए का शव मिला, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने शव मिलने की सूचना वन विभाग को दी। डीएफओ जबलपुर ऋषि मिश्रा व पनागर, सिहोरा और स्लीमनाबाद वन परिक्षेत्र की टीम मौके पर पहुंची और क्षेत्र को घेरकर सील कर दिया गया। मृत तेंदुए की उम्र लगभग चार साल बताई जा रही है; प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि शिकार हुआ या मारकर फेंका गया। वन विभाग ने जांच शुरू कर दी है और कान्हा टाइगर रिजर्व से डॉग स्क्वॉड टीम बुलायी गयी है। ग्रामीणों के अनुसार रात में झाड़ियों से अजीब आवाजें सुनाई दीं। सुबह लोग पहुंचे तो तेंदुए की लाश देखकर हड़कंप मच गया। फिलहाल क्षेत्र में खोज-कार्य शुरू है। SD0 मानिक लाल वरकडे ने बताया कि शव लगभग 24 घंटे पुराना है क्योंकि दुर्गंध आ रही है। पूर्व में क्षेत्र के अंतर्गत 7-8 मौतें वन प्राणियों की हो चुकी हैं; आज फार्म हाउस के अंदर जंगली सूअर को मारकर दफना दिया गया था और जिसे जेसीबी से खोदा गया। जंगली सूअर के शव को भी जांच के लिए भेजा गया है। तेंदुए के शव से दांत और नाखून अपराधियों ने निकाल लिए हैं; वन विभाग ने शव को पॉलिथीन में लपेटकर पोस्टमार्टम के लिए जबलपुर भेजा है। आगे की कार्रवाई जांच के बाद तय होगी। बाइट मानिक लाल बर्कडे, SD0, वन विभाग, सिहोरा
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UJUmesh Jadhav
Oct 26, 2025 11:32:30
Thane, Maharashtra:शहापूर व कल्याणात वादळी वाऱ्यासह पावसाची जोरदार हजेरी.. शेतात कापून ठेवलेल्या भात पिकाच नुकसान... दुपारी दोन वाजल्यापासून परतीच्या पावसाने शहापूर व कल्याण ग्रामीण भागाला अक्षरशः झोडपून काढले आहे. अनेक भागात जोरदार वादळी वारा व विजांच्या कडकडाटात पावसाने बसण्यास सुरुवात केली आहे. गेली दोन तासा पाऊस धो-धो बरसत आहे. पावसाचा जोर इतका जोरात की वाहनचालकांना वाहने चालविणे जिकिरीचे झाले आहे. या परतीच्या पावसाचा शेती पिकांना मोठ्या प्रमाणात फटका बसण्याची दाट शक्यता व्यक्त केली जात आहे. शेतीत कापूस ठेवलेले भात पिक वाया जाण्याची भीती शेतकरी वर्गातून व्यक्त केली जात आहे. सकाळ पासूनच मोठ्या प्रमाणात उकाडा जाणवत होता. दुपारी आलेल्या पावसाने काही प्रमाणात वातावरणात गारवा निर्माण झाला असला तरी शेती पिकं मात्र पाण्याखाली गेली आहेत. अजून ही पावसाचा जोर व विजांचा कडकडाट सुरूच आहे. ढगाळ वातावरणामुळे अंधार निर्माण झाला असल्याने दुपारी संध्याकाळ झाली असल्याचे चित्र दिसून येते.
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MKMohammad Khan
Oct 26, 2025 11:31:39
Bhilwara, Rajasthan:आसींद क्षेत्र के गांव बगतु का खेड़ा में पेयजल संकट गहराया, ग्रामीण परेशान आसींद क्षेत्र की कावलाश पंचायत के गांव बगतु का खेड़ा में पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है, जिससे ग्रामीण, खासकर महिलाएं, बेहद परेशान हैं। पिछले छह महीने से गांव में चंबल पेयजल परियोजना का पानी नहीं आ रहा है, जिससे दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि उन्होंने कई बार स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों को इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। पानी की कमी के चलते ग्रामीणों को लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित कुएं से पानी लाने को मजबूर होना पड़ रहा है। इसके अलावा, कई परिवारों ने अपने घरों में पानी के टैंक बना रखे हैं, जिनमें उन्हें ₹1000 खर्च करके टैंकर से पानी डलवाना पड़ता है। ग्रामीण पप्पू गुर्जर ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि न तो पशुओं के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है और न ही घरों के उपयोग के लिए समय पर पानी मिल पाता है। विरोध प्रदर्शन और पुरानी लाइन की समस्या पेयजल संकट से त्रस्त महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से शीघ्र समाधान की मांग की है। प्रदर्शन के दौरान कई ग्रामीण मौजूद रहे। महिलाओं ने यह भी बताया कि करीब तीन साल पहले गांव में चंबल पेयजल लाइन डाली गई थी, लेकिन लाइन डालने के बाद एक दिन भी नियमित रूप से पानी नहीं आया। उन्होंने कहा कि बीच-बीच में एक या दो बार पानी आया होगा, लेकिन उसके बाद से एक भी बार पानी नहीं आया है। उन्होंने जोर देकर बताया कि पिछले छह महीने से तो गांव में एक बूंद भी पानी नहीं आया है। इतना ही नहीं, ग्रामीणों के अनुसार गांव में एक मात्र हैंडपंप है, वह भी खराब पड़ा है, जिससे पानी का कोई वैकल्पिक स्रोत भी उपलब्ध नहीं है। महिलाओं सहित ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द चंबल परियोजना की लाइन को दुरुस्त कर गांव में नियमित रूप से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है。
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