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Nagaur341001

गोचर भूमि पर डंपिंग यार्ड विरोध: राजास ग्रामीणों का प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन

DIDamodar Inaniya
Oct 15, 2025 14:55:43
Nagaur, Rajasthan
जिला- डीडवाना नावां लोकेशन- नावां शहर मो 9928382887 राजास के ग्रामीणों का विरोध, गोचर भूमि में डम्पिंग यार्ड बनाने पर फूटा गुस्सा SDM को ज्ञापन सोप कर की डंपिग यार्ड अन्य स्थान पर बनाने की मांग डंपिग यार्ड से ग्रामीणो सहित मवेशियों के लिए भी खड़ा हो जाएगा संकट .gobट डिडवाना जिले में नावा क्षेत्र के राजास गांव में गोचर भूमि पर बनाए जा रहे डम्पिंग यार्ड को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीणों ने बुधवार को नावा एसडीएम दिव्या सोनी को ज्ञापन सौंपकर इस कार्य को तुरंत रुकवाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस भूमि पर डम्पिंग यार्ड बनाया जा रहा है, वह गौशाला के सामने और जालेश्वर महादेव मंदिर के ठीक सामने स्थित है। यह जगह वर्षों से गांव की गोचर भूमि के रूप में उपयोग में ली जा रही है, जहां पशु चारा खाने के लिए यहां विचरण करते हैं और लोग धार्मिक आयोजनों के लिए भी जुटते हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रिफाइनरी एसोसिएशन ने गोपनीय तरीके से इस भूमि को डम्पिंग यार्ड घोषित करवा लिया, जबकि उसी स्थान पर नरेगा के तहत बनी करीब 200 साल पुरानी नाड़ी (तालाब) भी है, जो गांव का प्रमुख जल स्रोत रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पवित्र और पर्यावरणीय रूप से महत्वपूर्ण स्थल पर डम्पिंग कार्य करना धार्मिक आस्था और पर्यावरण दोनों का खुला अपमान है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि गोचर भूमि से डम्पिंग यार्ड निर्माण कार्य को तुरंत रोका जाए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।
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RKRishikesh Kumar
Dec 07, 2025 09:45:36
CHANDI, Harnaut, Bihar:मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना के तहत जिले भर में रविवार को बुनियादी साक्षरता महापरीक्षा शांतिपूर्ण माहौल में आयोजित की गई। जिले के कुल 106 परीक्षा केंद्रों पर हुई इस परीक्षा में 15 से 45 वर्ष आयु वर्ग की नवसाक्षर महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुईं। परीक्षा सुबह 10 बजे से शाम 3 बजे चला। मध्य विद्यालय राणा बीघा में इस महापरीक्षा को लेकर विशेष उत्साह देखा गया। यहां कुल 115 महिलाओं ने परीक्षा में भाग लिया। अधिकांश महिलाएं पहली बार परीक्षा कक्ष में बैठीं और पहली बार कलम पकड़ने का अनुभव उनके चेहरे पर स्पष्ट खुशी के रूप में दिखाई दिया। परीक्षा केंद्र पर आत्मविश्वास और उमंग का माहौल बना रहा। इस केंद्र पर देवरानी और जेठानी दोनों के एक साथ परीक्षा में शामिल होने की चर्चा पूरे दिन बनी रही। दोनों ने बताया कि बचपन में परिस्थितिवश पढ़ाई छूट गई थी, लेकिन अब अक्षर आंचल योजना के माध्यम से उन्होंने दोबारा सीखना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि अब वे न केवल अपना नाम लिखने में सक्षम हैं, बल्कि अपने बच्चों की पढ़ाई में भी मदद कर पा रही हैं। परीक्षा में शामिल अन्य महिलाओं ने भी बताया कि साक्षर होने के बाद उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है और वे दैनिक जीवन के कई कार्य स्वयं करने में सक्षम हुई हैं। अक्षर आंचल योजना ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम दिया है।
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CRCHANDAN RAI
Dec 07, 2025 09:45:17
Barh, Bihar:इंट्रो- 33 साल अपने घर परिवार से बिछड़ने का गम क्या होता है,यह कोई सुजीत कुमार से पूछे। इनकी कहानी फिल्मी जरूर है, लेकिन है बिल्कुल सच। जी हां, ये सुजीत कुमार हैं, जिन्होंने 9 साल की उम्र में ही अपना घर बार छोड़ दिया था। एक बार जो घर छोड़ा, तो फिर अपने परिवार और तीन बच्चों के साथ ही वापस लौटे। 33 साल बाद घर वापस लौटने पर परिवार में एक बार फिर खुशी की लहर दौड़ गई है। सुजीत कुमार ने अपने मां-बाप की डांट खाकर 9 साल की उम्र में ही हाथीदह गांव में अपने पैतृक घर को छोड़ने का फैसला कर लिया। 15 अगस्त 1992 को स्कूल में झंडा फहराने के बाद वे एक ट्रक पर सवार होकर देवघर चले गए। फिर वहां से कोलकाता, दिल्ली और कई जगह घूमते रहे। थक हारकर देहरादून में एक परिवार का साथ मिला, तो वहीं घर बसा लिया। उस परिवार ने भी उन्हें बेटे की तरह पाला पोसा। उन्हें कभी माता-पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। एक बार जो सुजीत ने घर से बाहर कदम रखा, तो फिर 33 साल बाद नाटकीय अंदाज में वापस लौटे। वे बेगूसराय अपने मित्र की शादी में आए थे। तभी रास्ते में अपना पैतृक आवास देख एक बार अपने माता-पिता से मिलने की इच्छा हुई। वे अपने को एक अधिकारी बताकर घर पर अपने पिता अवधेश सिंह से मिलते हैं। इस दौरान पिता ने भी उन्हें नहीं पहचाना। सुजीत कुमार थोड़े निराश होकर फिर शादी में वापस लौट गए। लेकिन उनकी पत्नी ने जिद कर अपने सास ससुर से मिलने की इच्छा जताई। फिर जब उन्होंने पिता को अपना असली परिचय दिया, तब सभी भौंचक रह गए। पिता ने भी उनके घर छोड़ने के बाद कुछ महीने तक खोजने का प्रयास किया, लेकिन जब वे नहीं मिले, तब उन्होंने थक हारकर खोजबीन बंद कर दी। आज अचानक अपने बेटे को सामने देखकर वे फूले नहीं समा रहे हैं। आज केवल उनका बेटा ही नहीं, बल्कि एक भरा पूरा परिवार वापस लौट आया है। सुजीत कुमार की पत्नी और उनके तीन बच्चे भी अपने दादा से मिलकर काफी खुश हैं। अब पिता चाहते हैं कि बेटा अपने घर वापस लौट आए। लेकिन बच्चों की पढ़ाई और कारोबार के लिए उन्हें एक बार फिर देहरादून वापस लौटना है। हालांकि उन्होंने अपने पिता से हर साल हाथीदह आकर मिलने का वादा किया है।
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VAVINEET AGARWAL
Dec 07, 2025 09:32:32
Amroha, Uttar Pradesh:एंकर अमरोहा में अभिनेता धर्मेंद्र को भावपूर्ण विदाई — श्रद्धांजलि सभा में उमड़ी शोक की लहर अमरोहा में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र सिंह देओल के स्मरण में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जहाँ शहर के गणमान्य लोगों ने भारी संख्या में पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। लोगों ने धर्मेंद्र के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उनके व्यक्तित्व, सरल व्यवहार व यादगार अभिनय करियर को याद किया। सभा के दौरान वक्ताओं ने धर्मेंद्र के फिल्मी सफर, देशभर में उनकी लोकप्रियता और सादगी से भरे जीवन पर विस्तार से चर्चा की। अंत में सभी उपस्थित लोगों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए मौन धारण कर प्रार्थना की।
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SKSATISH KUMAR
Dec 07, 2025 09:31:58
Jaspur, Uttarakhand:रामनगर में ग्राम पूछडी क्षेत्र में वन विभाग की जमीन पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ पुलिस और वन विभाग ने कार्रवाई कर अतिक्रमण को ध्वस्त किया। विरोध में गूलरघटटी के समीप मंगल बाजार चौक पर सामाजिक संगठनों के लोगों ने सरकार और पुलिस–वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस ने नागरिकों के साथ मारपीट की और महिलाओं के साथ अभद्रता भी की। उनका कहना है कि पुनर्वास योजना पहले बननी चाहिए थी ताकि बसे परिवार पुनः बस सकें, बिना भोजन, पानी और बिजली के वे कहाँ जाएँगे? उन्होंने आगे कहा कि वे न्यायालय की शरण लेंगे। मौके पर सीओ सुमित पांडे, कोतवाल सुशील कुमार ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। हिरासत के बाद प्रदर्शनकारियों ने बस में जाकर नारे लगाए और मीडिया व सामाजिक कार्यकर्ताओं को रोकने का आरोप लगाया।
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DKDeepesh Kumar
Dec 07, 2025 09:31:13
Noida, Uttar Pradesh:चमोलीरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा देश के लिए 125 महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का वर्चुलीय शुभारंभ किया गया । जिसमें से 7 योजनाएँ उत्तराखंड में शामिल हैं, और एकेले चमोली जिले के नीतिपास बॉर्डर एरिया में पांच महत्व पूर्ण सेतु का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया गया । इन पुलों के निर्माण से अब बॉर्डर एरिया में सुरक्षा में तैनात जवानों, अर्द्ध सैनिक बलों को आवाजाई में काफी मदद मिलेगी । साथ ही जो जनपद के बॉर्डर एरिया के दर्जनों गांव हैं इन सेתुओं के शुभारम्भ से काफी खुश हैं । और जिन सेतु का शुभारंभ किया गया है उनमें से - सुराईथोटा सेतु, पंगती सेतु, गुरकुटी सेतु, घमशाली सेतु और नीति सेतु परियोजना शामिल हैं ।
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JSJitendra Soni
Dec 07, 2025 09:30:16
Jalaun, Uttar Pradesh:ब्रेकिंग जालौन जालौन में देखने को मिला दबंगों का कहर, 4 दबंगों ने खेत से लौट रहे दो सगे भाइयों पर लाठी डंडों और कुल्हाड़ी से किया जानलेवा हमला, दबंगों के हमले और मारपीट में दोनों भाई गंभीर रूप से हुए घायल, हमलावरों ने ट्रैक्टर रोककर ट्रैक्टर में भी की तोड़फोड़, दोनों भाइयों को ट्रैक्टर से जबरन खींचकर पीटा, मौके पर पहुंचे ग्रामीणों को देख हमलावर जान से मारने की धमकी देकर हुए फरार, दबंगों द्वारा की गई मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, पीड़ित भाइयों कौशल और राजा बाबू को आई गंभीर चोटें, कौशल की हालत नाजुक, पीड़ित परिजनों ने मामले में एसपी जालौन से शिकायत कर की कार्यवाही की मांग, घायल युवक की मां ने बताया कि घटना के मुख्य आरोपी प्रहलाद पर पहले से दर्ज है 27 मुकदमे, पीड़िता के मुताबिक प्रहलाद 3 साल की सजा काटकर लौटने के बाद गांव में फैलाए हैं दहशत, जालौन के कदौरा थाना क्षेत्र के हाँसा गांव के पास का मामला। बाइट:- राजा बाबू--पीड़ित बाइट:- देवकी--पीड़िता
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DGDeepak Goyal
Dec 07, 2025 09:22:44
Jaipur, Rajasthan:Anchor: शहर में पहली बार ऐसा धार्मिक आयोजन होने जा रहा है, जहां बिना तिलक लगाए किसी भी व्यक्ति को कथा स्थल में प्रवेश नहीं मिलेगा. प्रसिद्ध आध्यात्मिक प्रवचनकार आचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने साफ कहा है जो तिलक नहीं लगाएगा, उसे कथा में प्रवेश नहीं मिलेगा. 15 से 21 दिसंबर तक मानसरोवर मेला ग्राउंड, वीटी रोड पर होने वाली 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के लिए यह विशेष नियम लागू किया गया है. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा तिलक हमारे सम्मान और संस्कृति का चिह्न है. जो धर्म से जुड़े, वह तिलक अवश्य लगाए. कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने जयपुरवासियों से आग्रह किया कि कथा में केवल मनोरंजन के भाव से न आएं, बल्कि संस्कृति का सम्मान करते हुए विधि–विधान से शामिल हों. उन्होंने युवाओं से कहा प्रतिष्ठा अपने लिए नहीं, समाज और धर्म के लिए बनाई जाए. यदि धर्म और राष्ट्र सर्वोपरि हैं, तो कथा में शामिल होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सनातन को दबाने की कोशिश करने वालों को यह जान लेना चाहिए कि हिंदू सहनशील जरूर है, लेकिन डरता नहीं. दिल्ली में हाल ही हुए ब्लास्ट और उसमें डॉक्टर–वकीलों के कथित शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह विचारधारा घर और समाज को नष्ट कर रही है. उन्होंने कहा जब बुरे विचारों का दमन किया जाता है, तो हमें कट्टर कह दिया जाता है. लेकिन हमारी बेटी, रोटी, जमीन और देश को बचाने के लिए जो करना पड़ेगा, हमें करना होगा. गौ–हत्या, वृद्ध आश्रमों की बढ़ती संख्या, गंगा की स्थिति और सांस्कृतिक विकृति पर उन्होंने कहा कि जिसने गंगा, गाय और भारत माता को छोड़ा है, वह अपनी मूल परंपरा से कट गया है. बॉलीवुड ने तिलक, कलावा और शिखा को मनोरंजन व ढोंग बताकर संस्कृति को अपमानित किया. उन्होंने कहा अच्छी बात यह है कि मगर अब धर्माचार्यों के सही ज्ञान ने लोगों को जागरूक किया है. वृंदावन में देखिए अधिकांश लोग तिलक में रहते हैं, शिखा रखने की परंपरा भी लौट रही है.
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Dec 07, 2025 09:21:32
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NJNeetu Jha
Dec 07, 2025 09:20:00
Delhi, Delhi:On Baba Ramdev तृणमूल कांग्रेस के नेता जो ममता बनर्जी के संरक्षण में बाबरी मस्जिद के नाम से शिलान्यास कर रहे हैं यह देशद्रोह है बाबा रामदेव बिल्कुल सही बोल रहे हैं यह देश को तोड़ने का काम कर रहे है बाबर ने देश की आत्मा को कुचला, हुमायूं कबीर बांग्लादेश के नजदीक के इलाके में ऐसे काम कर रहे है इसके पीछे की मूल वजह ये है कि तृणमूल कांग्रेस विष से भरा हुआ वृक्ष है On Humayun Kabir and Owaisi about Bengal election कोई किसी के साथ चुनाव लड़े क्या होगा अभी बिहार की जनता ने जो फैसला दिया वो शायद ये भूल गए है बंगाल में बीजेपी की सरकार बनेगी On SIR in Bengal SIR जब हुआ तब इन्होंने हंगामा किया क्योंकि इन्होंने गलत काम किया था, अब चोरी पकड़ी गई तो सब सच सामने आ रहा है. बिहार में चुनाव हुआ और बंगाल में हल्ला हुआ बिहार से बीजेपी सांसद भीम सिंह ने संसद में प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया जिसमें संविधान से धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद शब्द हटाया जाए क्योंकि इंदिरा गांधी ने 1976 में इससे जबरदस्ती जोड़ा इसको लेकर संसद में बहस नहीं हुई थी
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