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राजस्थान में SIR: बाहर के नाम कटने की उम्मीद, घर-गृहस्थी की चिंता बढ़ी
VSVishnu Sharma
Nov 04, 2025 14:51:44
Jaipur, Rajasthan
SIR का हल्ला, यह बोला मुस्लिम मोहल्ला - अच्छा है बाहर के लोगों के नाम कट जाए, लेकिन पत्नी-बहुओं के नामों की चिंता ! निर्वाचन आयोग की ओर से राजस्थान में भी विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) 2026 शुरू हो गया है। SIR के पहले चरण के तहत आज से गणना प्रपत्र भरवाने का काम शुरू हो गया। बीएलओ घर-घर जाकर गणना प्रपत्र देकर लोगों को प्रक्रिया को लेकर समझाइश कर रहे हैं। SIR को लेकर मुस्लिम मोहल्लों में कहीं भी हो हल्ला नहीं सुनाई दिया, बल्कि लोगों में उत्सुकता दिखाई दी। लोगों ने कहा कि अच्छा इस बहाने बाहरी लोगों के नाम कट जाएंगे, लेकिन वर्ष 2002 के बाद शादी करके आई पत्नियों और बहुओं के नामों की चिंता जरूर नजर आई। प्रदेश में आज से शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) में गणना प्रपत्र भरवाने का काम 4 दिसंबर तक चलेगा। इससे पहले इस काम में लगे बीएलओ व अन्य अधिकारियों को ट्र्रेनिंग दी गई। इसके बाद बीएलओ अपने अपने क्षेत्रों में गणना प्रपत्र भरवाने के लिए पहुंच गए हैं। एक एक बीएलओ के पहले दो-दो सौ गणना प्रपत्र दिए गए। गणना प्रपत्र में पहले से नाम, ईपिक नंबर, पता और फोटो भरा हुआ है। इधर मुस्लिम मोहल्लों में पहले दिन SIR को लेकर हो हल्ला या विरोध की बात कोरी साबित हुई। शास्त्री नगर के मुस्लिम मोहल्लों नाहरी का नाका, सुदामा पुरी, पेंटर कॉलोनी में हमारी टीम बीएलओ के साथ पहुंची तो लोगों में गणना प्रपत्र को लेकर रुचि दिखाई। शास्त्री नगर की नाहरी का नाका, आजाद कॉलोनी, पेंटर कॉलोनी, हरिजन बस्ती में पहुंचे बीएलओ अब्दुल रऊफ ने मतदाताओं को SIR के तहत गणना प्रपत्र भरने की जानकारी दी। उन्हें बताया कि 2002 की मतदाता सूची में उनका नाम है तो उन्हें कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। बीएलओ अब्दुल रऊफ ने कहना था कि सबसे बड़ी प्रॉब्लम पत्नियों और बहुओं की आ रही है जो शादी होकर आई है, लेकिन 2002 की लिस्ट में उनका नाम नहीं है। नाम नहीं होने की वजह से दूसरे जिले या दूसरे राज्यों से उनके माता पिता की आईडी, विधानसभा क्षेत्र, भाग संख्या और क्रम संख्या मंगवाई जा रही है। इमें हमें भी और मतदाताओं को परेशानी हो रही है। यदि 2002 की सूची में नाम है उसकी मैपिंग कर दी है, इस क्षेत्र में करीब 70 प्रतिशत की मैपिंग कर दी गई है, 30 प्रतिशत मतदाताओं को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। 2002 की सूची में बेटा बहू का नाम, बूढ़ी मां का गायब ..... सुदामा पुरी में रहने वाली 70 वर्षीय मुन्नी बेगम का नाम 2022 की वोटर लिस्ट में है, लेकिन 2002 की सूची में नहीं है। हालांकि उनके बेटे और बहू का नाम है। मुन्नी बेगम ने बताया कि भीलवाड़ा गुलाबपुरा की रहने वाली थी उसकी शादी पांच बत्ती के पास हमीद नगर में हुई। वहां उनका वोटर लिस्ट में नाम था। इसके बाद शास्त्री नगर की सुदामा पुरी में मकान ले लिया। मेरे बच्चे का नाम है लेकिन मेरा नहीं है। अब बेटा ही कोई जानकारी लेकर आएगा। SIR बढ़िया, सब सहयोग करें .... इधर बीएसएनएल से रिटायर्ड कर्मचारी फूल मोहम्मद कुरैशी का कहना है कि SIR बढ़िया चीज है। जो फर्जी वोटर है वह अपने आप नाम निकल जाएंगे। सबसे यहीं कह रहे हैं कि सहयोग करोगे, अच्छा रहेगा। हालांकि नूरानी मस्जिद के पास रहने वाले े कहा कि हमारा नाम पहले ही कट कर दिया गया। बहुत लोगाें के नाम काट गए गए। बीएलओ ने समझाया कि पहले जहां रहते थे वहां से भाग संख्या लेकर आओ तो उसने सहमति भरी। इसके बाद कहा कि अच्छा है बाहर के लोगों के नाम कट जाए, काटने भी चाहिए। जो हिंदुस्तान में रहते हैं उनके नाम रहने चाहिए । पिता अलीगढ़ यूपी निवासी, बेटे का नाम यहां ...... सुदामा पुरी में रहने वाले मतीन खान ने कहा कि पापा यूपी अलीगढ़ के रहने वाले हैं, हम 2002 में जयपुर में आए और 2008 में मकान लिया। तब से वोटर आईडी बनी हुई है, मेरा नाम वोटर लिस्ट में है, दो बड़े चुनावों में भी वोट दिया, लेकिन 2002 की लिस्ट में किसी का नाम नहीं है। उसने आशंका जताई कि क्या हमारे नाम कट जाएंगे, जबकि हमारा मकान, काम धंधा सभी यहीं पर है, आईडी प्रूफ भी यही की है। इस पर बीएलओ ने कहा कि यूपी की मतदाता सूची से भाग क्रमांक लाना होगा। नये फॉर्म में केवल एक पेज में ही जानकारी मांगी जा रही है। वोटर से जन्मतिथि, आधार (वैकल्पिक), माता-पिता का नाम, मोबाइल नंबर । ताजा खींची हुई रंगीन फोटो माता का ईपिक नम्बर, पति या पत्नी का नाम ईपिक नम्बर मांगे जा रहे हैं बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म भरवा रहे हैं और ECINET ऐप पर अपलोड करने का काम भी कर रहे हैं। प्रदेश में अब तक 65.3% मतदाताओं की मैपिंग का कार्य पूरा हो चुका । 40 वर्ष से अधिक आयु वालों की 83% मैपिंग हो चुकी है 40 वर्ष से कम की 50% मैपिंग हो चुकी है। इसके अलावा दो कॉलम और है एक में वर्ष 2002 की मतदाता सूची के अनुसार नाम इपिक नम्बर, रिश्तेदार का नाम, रिश्ते का नाम जिला, राज्य का नाम विधानसभा क्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र संख्या, भाग संख्या मांग जा रही है दूसरे कॉलम में रिश्तेदार का नाम, रिश्ते का नाम जिला राज्य का नाम विधानसभा क्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र संख्या, भाग संख्या मांग जा रही है ग्राफिक्स आउट इधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ का कहना है कि एसआईआर को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। जो इस देश को धर्मशाला समझता है, उसका काटा जाएगा। वरना वर्ष 2002 में कोई भी मतदाता किसी भी राज्य या जिले की वोटर लिस्ट में उसका नाम नहीं काटा जाएगा। कुल मिलाकर राजनीतिक बयानबाजी के कारण SIR को लेकर ज्यादा हल्ला हो रहा है, जबकि वास्तविकता में लोग अपने आप ही नाम जुड़वा रहे हैं।
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